01/05/2025 : जाति जनगणना को हरी झंडी | फौज पर छोड़ा कार्रवाई का जिम्मा | कश्मीरियों पर हमले बाकी भारत में जारी | डिजिटल अधिकार पर फैसला | अफ्रीकी गैंडे को अपना बताया | मणिपुर को लेकर चेतावनी
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निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
आज की सुर्खियां :
सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन
सरहद पर अलविदा कहतीं आंखें, बिछड़ते रिश्ते
बाल्टिस्तान में बाग़ी तेवर
भारत 9 गुना ज्यादा खर्च करता है सामरिक शक्ति पर
चीन ने अमेरिकी उत्पादों की बनाई "व्हाइटलिस्ट", 125% टैरिफ से मिलेगी छूट
एआई की मदद से वनों की कटाई से लड़ने का तरीका
जाति जनगणना कराने पर मोदी सरकार पलटी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति (सीसीपीए) ने यह निर्णय लिया कि आगामी जनगणना में जाति-आधारित गणना शामिल होगी.
“द इंडियन एक्सप्रेस” में अंजिष्णु दास ने बताया है कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष लंबे समय से राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग कर रहा है. पिछले सितंबर में आरएसएस ने भी जाति जनगणना को समर्थन दिया था, लेकिन साथ ही यह शर्त रखी थी कि इसका उपयोग राजनीतिक या चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. बुधवार की घोषणा से पहले तक, सत्तारूढ़ भाजपा ने न तो जातिगत जनगणना की मांग का खुलकर विरोध किया और न ही इसके लिए कोई प्रतिबद्धता जताई. हालांकि, तत्कालीन कांग्रेस-नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) शुरू की थी, लेकिन जाति से संबंधित उसका विशिष्ट डेटा कभी जारी नहीं किया गया.
“द इंडियन एक्सप्रेस” में मनोज सीजी ने लिखा है कि जनगणना में जाति-आधारित गणना को शामिल करने का ‘आश्चर्यजनक ऐलान’ कांग्रेस और विशेष रूप से राहुल गांधी के लिए अच्छा और बुरा दोनों है. कांग्रेस के भीतर आशंका है कि मोदी ने एक झटके में उसके एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे को निष्प्रभावी कर दिया है. लेकिन इसके विपरीत कांग्रेस, सरकार की घोषणा को अपनी जीत के रूप में प्रस्तुत कर रही है. बुधवार शाम राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ‘जाति आधारित जनगणना के विरोध में थी’, पर अब उसने ‘हमारी दृष्टि को अपना लिया है’. उन्होंने कहा, "हम इसका स्वागत करते हैं... हमने साबित कर दिया है कि बीजेपी को जाति जनगणना करने के लिए मजबूर कर सकते हैं. अब हम बीजेपी पर आरक्षण की 50% सीमा हटाने का दबाव बनाएंगे."
विकास पाठक और लिज़ मैथ्यू के मुताबिक 20 जुलाई, 2021 को संसद में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय राज्य मंत्री (गृह मामले), नित्यानंद राय ने कहा था, "भारत सरकार ने नीति के तहत यह निर्णय लिया है कि जनगणना में अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के अलावा अन्य जातियों के आधार पर जनगणना नहीं की जाएगी." इतना ही नहीं, सार्वजनिक मंचों पर भी भाजपा और उसके नेता अक्सर जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर स्पष्ट रुख लेने से बचते रहे हैं और इस मुद्दे पर टालमटोल करते रहे हैं. बल्कि इसके उलट वे कांग्रेस पर समाज को बांटने के लिए जाति का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते रहे हैं.
कुलमिलाकर, जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा के भीतर द्वंद्व लंबे समय से जारी है. ठीक एक सप्ताह पहले 23 अप्रैल को छत्तीसगढ़ भाजपा के “एक्स” हैंडल ने पहलगाम में मारे गए भारतीय नौसेना के एक लेफ्टिनेंट और उनकी पत्नी की शव के पास बैठी तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें कैप्शन था – "धर्म पूछा, जाति नहीं.” साफ है कि इस पोस्ट के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि जाति विभाजनकारी हो सकती है. बहरहाल, बीजेपी का रुख बदल गया है. क्यों ऐसा हुआ, यह जानने के लिए पाठक और मैथ्यू को यहां पढ़ा जा सकता है.
पहलगाम हमला
मोदी ने सेना पर छोड़ा जवाबी कार्रवाई का जिम्मा
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट है कि आतंकी हमले पर सरकार अपनी प्रतिक्रिया पर विचार कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में सैन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की. सूत्रों के हवाले से एक्सप्रेस ने छापा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों को "हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता" दी गई है. मोदी ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में "पूर्ण विश्वास और भरोसा" जताते हुए कहा, "आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है." यह बैठक प्रधानमंत्री के आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी शामिल हुए. कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक और बैठक बुधवार को बुलाई गई है, जो इस आतंकी हमले के बाद दूसरी बैठक होगी. सीसीएस में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री शामिल होते हैं.
सरहद पर अलविदा कहतीं आंखें, बिछड़ते रिश्ते
अपने 18 महीने के बेटे को सीने से कसकर लगाए हुए, फरहीन बुरी तरह रो रही हैं. "उतर जा बेटा, उतर जा," अंदर से फरहीन की सास, सादिया, कहती हैं. वे उस ऑटो रिक्शा में हैं, जो परिवार को अटारी-वाघा बॉर्डर तक लेकर आया है, जहां से फरहीन अपने बच्चे और परिवार वालों को पीछे छोड़कर पाकिस्तान की ओर पैदल रवाना होंगी. ये अकेले फरहीन की कहानी नहीं है, बल्कि अटारी बॉर्डर पर दोनों ओर से ऐसे दृश्य जन्म ले रहे हैं. 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर है कि 25 अप्रैल से अटारी स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) पर दिल तोड़ने वाले दृश्य देखे जा रहे हैं. अलविदा कहतीं आंखें, बिछड़ते रिश्ते. पाकिस्तान के नागरिक, जो वर्षों से भारत में रह रहे थे, अब अपने परिवारों को पीछे छोड़कर सरहद पार कर रहे हैं. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इनमें सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित करना, राजनयिक संबंधों को घटाना और अटारी-वाघा सीमा को बंद करना भी शामिल है. साथ ही भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी अल्पकालिक और विशेष वीजा रद्द कर दिए हैं. जवाब में इस्लामाबाद ने भारतीय नागरिकों को जारी किए गए वीजा निलंबित कर दिए हैं. हालांकि, भारत द्वारा पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों को दिए गए दीर्घकालिक वीजा, जो आमतौर पर एक से पांच साल के लिए वैध होते हैं और उन लोगों को दिए जाते हैं, जिनके करीबी रिश्तेदार भारतीय नागरिक हैं, उन्हें अभी तक रद्द नहीं किया गया है.
हिंदुत्ववादियों का लगातार शिकार बनते कश्मीरी
'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर है कि कम से कम 16 कश्मीरी शॉल विक्रेता मसूरी छोड़ चुके हैं, क्योंकि 23 अप्रैल को दो विक्रेताओं पर कथित तौर पर स्थानीय लोगों ने हमला किया था. पुलिस ने बताया कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मसूरी में तैनात एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, मसूरी की मॉल रोड पर कश्मीरी शॉल और कपड़े बेचने वाले दो व्यक्तियों पर कुछ लोगों के समूह ने हमला किया और उन्हें वहां से चले जाने को कहा. एक वायरल वीडियो में देखा गया कि हमलावर समूह दोनों विक्रेताओं को गालियां दे रहा है और बार-बार पीट रहा है. एक पीड़ित डार ने बताया कि उसी दिन रात को पुलिस वाले उनके दरवाजे पर आ गए. “करीब रात 11 बजे पुलिस ने हमसे कहा कि वे हमारी मदद नहीं कर सकते और पहलगाम हमले के बाद कश्मीरियों को लेकर धमकियां दी जा रही हैं, इसलिए हमारे लिए बेहतर होगा कि हम यहां से चले जाएं. मैंने अपने कश्मीर वाले घर पर अपने भाई को फोन किया, और उसने हमारे ज़िले के एक वरिष्ठ अधिकारी को कॉल किया. उस अधिकारी ने यहां की पुलिस से बात की, लेकिन पुलिस ने कहा कि अगर कुछ गलत होता है तो वे ज़िम्मेदार नहीं होंगे. इससे हम और घबरा गए, और हमने जल्दी निकलने का फैसला किया,” उन्होंने कहा. डार और उनके साथ 15 अन्य विक्रेता उसी रात देहरादून के लिए रवाना हो गए, फिर बस से जम्मू पहुंचे और अगले दिन एक लोकल गाड़ी से अपने घर पहुंचे. “आतंकी हमले के दोषियों को पकड़ो, हमें नहीं. यही हमारा रोज़गार है,” डार ने कहा. 30 वर्षीय जावेद अहमद, जो डार के साथ एक ही कमरे में रहते हैं, उन्होंने बताया कि उन्हें 12 लाख रुपये का सामान पीछे छोड़ना पड़ा. “हमें नहीं पता कि हम कब वापस जा पाएंगे, लेकिन हमारा सारा स्टॉक वहीं है. हमारे पिता भी वहां विक्रेता थे और उन्होंने कभी ऐसी धमकियों या हमलों का सामना नहीं किया,” उन्होंने कहा. उत्तराखंड में कश्मीरी छात्र ही नहीं, बल्कि व्यापारी और लकड़ी को तराशने वाले मजदूर भी सालों से आते रहे हैं, लेकिन बिगड़े माहौल ने आम कश्मीरियों के लिए आफत खड़ी कर दी है.
सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, जोशी नए चेयरमैन
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) का पुनर्गठन कर रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को इसका चेयरमैन नियुक्त किया है. जोशी के अलावा छह अन्य सदस्य भी बोर्ड में नियुक्त किए गए हैं. सरकार ने यह कदम ऐसे वक्त उठाया है, जब पहलगाम आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों को देखते हुए भारत की संभावित प्रतिक्रिया को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड सात सदस्यीय शीर्ष संस्था है, जो सरकार को सुरक्षा से जुड़े मामलों पर विशेषज्ञ और रणनीतिक सुझाव देती है. आलोक जोशी को देश के सबसे प्रतिष्ठित आईपीएस अधिकारियों में गिना जाता है. उन्होंने रॉ और अन्य पदों पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सफलतापूर्वक निभाई हैं और उन्हें खुफिया आधारित अभियानों का विशेषज्ञ माना जाता है. बोर्ड के अन्य छह नए सदस्यों में शामिल हैं- पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, पूर्व एडमिरल मोंटी खन्ना, राजीव रंजन वर्मा (सेवानिवृत्त आईपीएस), मनमोहन सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस) और बी वेंकटेश वर्मा (भारतीय विदेश सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी).
“द न्यू इंडियन एक्सप्रेस” में राजेश कुमार ठाकुर की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री निवास पर हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में राष्ट्रीय तैयारियों के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया. सूत्रों ने संकेत दिया कि सीसीएस की बैठक के दौरान सरकार ने आतंकी हमले के बाद की गई तैयारियों के हर पहलू की समीक्षा की, ताकि आतंकवाद के अपराधियों और प्रायोजकों को कड़ा जवाब दिया जा सके.
मोदी ने मॉस्को का दौरा रद्द किया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने मॉस्को में आयोजित होने वाले द्वितीय विश्व युद्ध के “विजय दिवस” के 80वें वर्षगांठ समारोह में शामिल नहीं होंगे, क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बुधवार को यह जानकारी दी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान से तनाव के चलते मोदी ने अपना दौरा रद्द कर दिया है. 9 मई के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के बजाय भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोदी और चीन के शी जिनपिंग को रेड स्क्वायर पर विक्टरी डे परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. यद्यपि जिनपिंग ने अपना दौरा पक्का कर दिया है और कहा है कि वह इस समारोह के साक्षी बनेंगे. पुतिन ने कोई 20 मुल्कों के नेताओं को इसमें आमंत्रित किया है.
भारत ने भी पाकिस्तान के लिए अपना एयरस्पेस बंद किया : भारत ने बढ़ते तनाव के बीच बुधवार को पड़ोसी देश पाकिस्तान की एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया. एक “नोटिस टू एयरमेन” जारी किया गया है, जो पाकिस्तानी एयरलाइंस को भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से रोकता है. यह घटनाक्रम पाकिस्तान द्वारा भारतीय एयरलाइंस को अपने हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने से रोके जाने के एक सप्ताह बाद आया है. इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) ने सुरक्षा कारणों से बुधवार को गिलगित, स्कार्दू और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर के अन्य उत्तरी क्षेत्रों से आने-जाने वाली सभी उड़ानें रद्द कर दीं. भारत के साथ तनाव को लेकर सुरक्षा चिंताओं के बीच पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने सभी हवाई अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा है और सुरक्षा तथा निगरानी प्रोटोकॉल में भारी वृद्धि की है.
बाल्टिस्तान में बाग़ी तेवर
इस बीच, पाकिस्तान का आंतरिक संकट और भी बढ़ गया है क्योंकि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में भूमि और खनिज हड़पने के साथ-साथ लंबे समय तक बिजली कटौती के कारण व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए. पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान के शिगर जिले में सैकड़ों क्रोधित स्थानीय लोग पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों ने अपनी भूमि, पहाड़ों और खनिजों पर अवैध कब्जे को बताते हुए इसकी निंदा की और प्रस्तावित खान और खनिज विधेयक का जोरदार विरोध किया. "कब्जे पर कब्जा नामंजूर" (हम बार-बार के कब्जों को अस्वीकार करते हैं) जैसे नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी प्रतिष्ठान पर बिना सहमति के उनके प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाया.
समावेशी डिजिटल पहुंच को जीवन का मौलिक अधिकार
'द हिंदू' के लिए कृष्णदास राजगोपाल की रिपोर्ट है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि ई-गवर्नेंस और कल्याणकारी योजनाओं तक समावेशी और प्रभावी डिजिटल पहुंच, जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21) का हिस्सा है. न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि सरकार की संवैधानिक ज़िम्मेदारी है कि वह हाशिए पर खड़े, कमजोर, विकलांग और ऐतिहासिक रूप से वंचित वर्गों के लिए समावेशी डिजिटल व्यवस्था बनाए. कोर्ट ने सरकार को डिजिटल KYC प्रक्रिया को अधिक सुलभ बनाने के लिए 20 निर्देश जारी किए. यह फैसला एसिड अटैक पीड़ित प्रज्ञा प्रसून और अन्य लोगों की याचिका के आधार पर आया, जिसमें बताया गया कि विकलांग व्यक्तियों के लिए डिजिटल KYC प्रक्रियाएं जैसे फेस स्कैन और विज़ुअल टास्क लगभग असंभव हैं. न्यायमूर्ति महादेवन ने कहा कि चेहरा जलने, विकृति और दृष्टिहीनता जैसी स्थितियों में व्यक्ति अपना सिर घुमा नहीं सकता, आंख नहीं झपका सकता, या कैमरे के फ्रेम में अपने चेहरे को सही जगह नहीं रख सकता. नतीजतन, उन्हें पहचान स्थापित करने या बैंक खाता खोलने में भारी दिक्कत होती है.
मणिपुर के 21 विधायकों ने अमित शाह को लिखा, “राज्य में फिर हो सकती है हिंसा”
मणिपुर में शांति की बहाली के लिए राज्य के 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि राज्य में जनता द्वारा चुनी गई सरकार होनी चाहिए. इस पत्र में भाजपा के भी 13 विधायकों ने दस्तखत किए हैं. विधायकों का कहना है कि मणिपुर के लोगों ने बहुत उम्मीदों के साथ राष्ट्रपति शासन को स्वीकार किया था, लेकिन तीन महीने में अब तक शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं देखी गई है.
पत्र में विधायकों ने लिखा है कि लोगों में यह मजबूत आशंका व्याप्त है कि राज्य में फिर से हिंसा हो सकती है. कई नागरिक संगठनों ने राष्ट्रपति शासन का खुलकर विरोध किया है और एक लोकप्रिय सरकार की स्थापना की मांग की है. इन संगठनों ने सार्वजनिक रैलियां आयोजित करना, सड़क किनारे सभाएं करना, आम जनता को उकसाना, शासन कर रहे विधायकों पर लोकप्रिय सरकार बनाने का दावा न करने का आरोप लगाना और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की जिम्मेदारी तय करना शुरू कर दिया है.
विधायकों ने यह भी कहा, "हम मानते हैं कि लोकप्रिय सरकार की स्थापना ही मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति लाने का एकमात्र साधन है." उन्होंने गृह मंत्री से "मणिपुर के लोगों के हित में जल्द से जल्द एक लोकप्रिय सरकार स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने" का अनुरोध किया.
इस बीच कुकी-ज़ोमी छात्र संगठनों ने मणिपुर राज्य में जातीय हिंसा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर 3 मई को राज्य के कुछ हिस्सों में सभी शैक्षणिक संस्थानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आव्हान किया है.
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास को जमानत मिली : बांग्लादेश की एक हाईकोर्ट ने बुधवार को इस्कॉन के पुजारी चंदन कुमार धर, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास के नाम से जाना जाता है, को राजद्रोह के मामले में जमानत दे दी. दास को गत वर्ष अक्टूबर में एक रैली में केसरिया झंडे को बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर फहराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
कलकत्ता के होटल में आग से 14 लोगों की मौत : कलकत्ता के सबसे पुराने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक में स्थित छह मंजिला होटल में मंगलवार रात भीषण आग लगने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, अधिकतर पीड़ितों की मौत दम घुटने से हुई, जबकि एक व्यक्ति जान बचाने की कोशिश में इमारत से कूद गया और उसकी मौत हो गई. यह आग रात करीब 7:30 बजे बड़ाबाज़ार इलाके की मदनमोहन स्ट्रीट पर स्थित 'ऋतुराज होटल' में लगी. मौके पर दस दमकल गाड़ियों को भेजा गया और आग पर काबू पाने में बुधवार तड़के करीब 1 बजे तक का समय लगा. घटना की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी गठित की है.
गवई होंगे अगले चीफ जस्टिस : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया है. जस्टिस गवई 14 मई को पद की शपथ लेंगे, जब मौजूदा मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना सेवानिवृत्त होंगे. उनका कार्यकाल छह महीने से अधिक का होगा और वे 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है. वे अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे. इससे पहले न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन इस पद पर आसीन हो चुके हैं. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह अधिसूचना माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट एक्स पर साझा की. जस्टिस गवई 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे. वे कई संविधान पीठों का हिस्सा रह चुके हैं, जिनमें ऐतिहासिक निर्णय सुनाए गए हैं.
मप्र में कस्टोडियल मौत के इकलौते गवाह की सलामती की फिक्र सुप्रीम कोर्ट को
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस हिरासत में मौत के मामले में मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. राज्य के गुना में पुलिस पर 24 वर्षीय देवा पारधी को उसकी शादी के समय गिरफ्तार कर हिरासत में यातना देकर मार डालने का आरोप है. न्यायिक मजिस्ट्रेट की जांच में इन आरोपों की पुष्टि हो गई, लेकिन 10 माह बाद भी आरोपी अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा, "यह हास्यास्पद और अमानवीय है. अपने ही अधिकारियों को पकड़ने में आपको दस महीने लग गए?" सरकारी वकील द्वारा यह बताए जाने पर कि अधिकारियों को 'लाइन ड्यूटी' में स्थानांतरित कर दिया गया था, जज ने कहा, "हिरासत में मौत के मामले में यह बहुत बढ़िया जवाब है! भाई-भतीजावाद और अपने अधिकारियों को बचाने का इससे बेहतर उदाहरण क्या हो सकता है?"
“द वायर” में सुकन्या शांता की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने मामले के एकमात्र गवाह देवा के चाचा गंगाराम को जेल में पर्याप्त चिकित्सा देखभाल प्रदान करने का भी आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने कहा, "वह जेल में अधिक सुरक्षित है. बाहर किसी लॉरी के नीचे आकर दुर्घटना का शिकार हो सकता है. आप एकमात्र गवाह खो देंगे." और यह भी जोड़ा कि ऐसी घटनाएं देश में "असामान्य नहीं हैं.”
गलत गैंडा चिपका दिया एनसीईआरटी ने
‘द हिंदू’ के मुताबिक, एक विचित्र शैक्षिक गलती में, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा 4 की गणित की पाठ्यपुस्तक में अफ्रीकी गैंडे को भारतीय गैंडे के रूप में गलत पहचान दी है. यह तस्वीर, '1,000s हमारे आसपास' अध्याय में "क्या आप जानते हैं?" खंड का हिस्सा है. इसमें दो सींग वाले अफ्रीकी गैंडे की फोटो के साथ एक सींग वाले भारतीय गैंडे की आबादी और संरक्षण का विवरण दिया गया है. आईयूसीएन की प्रजाति उत्तरजीविता आयोग के एशियाई गैंडा विशेषज्ञ समूह के असम स्थित अध्यक्ष बिभाब कुमार तालुकदार ने कहा, "एक सींग वाले गैंडे के नाम से ही स्पष्ट होना चाहिए था कि इसे एक ही सींग होता है. ये गैंडे हिमालय की तलहटी के अलावा मुख्य रूप से असम के बाढ़ के मैदानों के पारिस्थितिकी तंत्र में पाए जाते हैं." तालुकदार ने यह भी कहा कि सींग के औषधीय मूल्य का उल्लेख छात्रों के मन में अवैध शिकार को सामान्य बना सकता है. स्पष्ट है कि गणित की किताब में सींगों की बुनियादी गिनती भी नहीं की गई.
एक्सप्लेनर
भारत 9 गुना ज्यादा खर्च करता है सामरिक शक्ति पर
कश्मीर में हिंदू सैलानियों की आतंकवादी हमले में हुई मौतों ने भारत और पाकिस्तान के बीच नए तनाव को जन्म दिया है. 'रायटर्स' के लिए साक्षी दयाल की रिपोर्ट है कि इस हमले के बाद पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके पास ऐसी खुफिया जानकारी है, जिससे संकेत मिलता है कि भारत सैन्य कार्रवाई करने की योजना बना रहा है. सैन्य बलों की संख्या की बात करें तो भारत के पास कुल 14 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जबकि पाकिस्तान के पास यह संख्या कुल 7 लाख से भी कम है. भारत के पास तोपखाना की संख्या 9,743 और मुख्य युद्धक टैंक 3,740 हैं, जबकि पाकिस्तान के पास तोपखाना 4,619 जबकि मुख्य युद्धक टैंक कुल 2,537 हैं. ऐसे ही वायु सेना को देखें तो भारत के पास 730 लड़ाकू विमान हैं, जबकि पाकिस्तान के पास कुल 452 लड़ाकू विमान ही हैं. परमाणु हथियारों की बात करें तो यहां मामला बराबरी पर या आसपास ही टिकता है. भारत के पास 172 वारहेड्स हैं, जबकि 170 पाकिस्तान के पास हैं. इधर 'द हिंदू' की रिपोर्ट है कि भारत जो दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है, ने पिछले वर्ष पाकिस्तान की तुलना में लगभग नौ गुना अधिक रक्षा पर खर्च किया. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत ने पिछले वर्ष रक्षा पर 86.1 अरब डॉलर खर्च किए, जबकि पाकिस्तान का सैन्य खर्च सिर्फ 10.2 अरब डॉलर रहा.नइन दोनों परमाणु संपन्न दक्षिण एशियाई पड़ोसियों की सैन्य ताकत आखिर है क्या, इस इंफोग्राफिक्स से समझें…
चीन ने अमेरिकी उत्पादों की बनाई "व्हाइटलिस्ट", 125% टैरिफ से मिलेगी छूट
'रायटर्स' की रिपोर्ट है कि चीन ने 125% टैरिफ से छूट वाले अमेरिकी उत्पादों की एक सूची तैयार की है और चुपचाप कंपनियों को इसके बारे में जानकारी दे रहा है, यह जानकारी इस मामले से परिचित दो लोगों ने दी है. यह कदम अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर (व्यापार युद्ध) के बीच आर्थिक असर को कम करने की दिशा में उठाया गया है. रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पहले ही कुछ दवाइयों, माइक्रोचिप्स और एयरक्राफ्ट इंजन जैसे उत्पादों पर टैरिफ छूट दे चुका है और कंपनियों से महत्वपूर्ण उत्पादों की सूची मांगी जा रही है, जिन्हें वे टैरिफ-मुक्त देखना चाहती हैं. हालांकि, 'व्हाइटलिस्ट' यानी ऐसी उत्पाद सूची जिसका आधिकारिक रूप से पहले कोई ज़िक्र नहीं हुआ था, अब सामने आई है.
चलते-चलते
एआई की मदद से वनों की कटाई से लड़ने का तरीका
'इंडियन एक्सप्रेस' के लिए आनंद मोहन जे की रिपोर्ट है कि मध्य प्रदेश के वन विभाग ने राज्य में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित प्रणाली का उपयोग करके वनों की कटाई और अतिक्रमण रोकने की पहल की गई है. इस तकनीक को गुना के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) अक्षय राठौर ने विकसित किया है. वे आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र हैं और इस सिस्टम को बनाने में उन्होंने चैट जीपीटी की मदद भी ली है. यह सिस्टम फिलहाल शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है. ये वे इलाके हैं जहां अवैध कटाई और अतिक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. राठौर ने बताया कि दिवाली 2024 के आसपास दो समुदायों के बीच ज़मीन को लेकर संघर्ष हुआ था, जिसमें एक नेता की मौत और हिंसा हुई थी. इस घटना ने उन्हें एक एआई आधारित समाधान की ओर प्रेरित किया. प्रणाली हर 2-3 दिन में एक बार अलर्ट भेजती है (जबकि कर्नाटक का मॉडल 21 दिनों का है). आने वाले समय में इस प्रणाली को 100% ऑटोमेटेड किया जाएगा, जिसमें ड्रोन का भी उपयोग होगा. इस AI सिस्टम का नाम है: रीयल-टाइम फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम. यह सैटेलाइट डेटा, मशीन लर्निंग और फील्ड से मिले इनपुट को मिलाकर काम करता है. यह सिर्फ 10×10 मीटर की जमीन पर बदलाव को पकड़ सकता है. जैसे ही फॉरेस्ट एरिया में खेती, निर्माण या ज़मीन के इस्तेमाल में बदलाव होता है, यह तुरंत अलर्ट भेजता है. ये अलर्ट मिलते ही बीट गार्ड्स को मौके पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया जाता है.
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