04 जनवरी 2025: जिल बाइडेन को सबसे महंगा तोहफा मोदी का, गरीबी डाटा पर सवाल, औरंगजेब की हवेली पर बुलडोज़र, पवार फैमिली ड्रामा, बस्तर में यूट्यूबर की हत्या, मेडिकल बीमा भुगतान में देर-अंधेर
हिंदी भाषियों का क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज्यादा
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
अमेरिका में अडानी के खिलाफ सारे मामले एक साथ: न्यूयॉर्क की एक अदालत ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ चल रहे तीन मामलों को एक साथ जोड़कर संयुक्त आपराधिक और सिविल मुकदमे के रूप में सुनवाई का आदेश दिया है. इन मामलों में अडानी समूह पर अमेरिकी बिजली कंपनियों के साथ सौर ऊर्जा अनुबंध प्राप्त करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप है. कोर्ट ने पाया कि ये सभी मामले समान आरोपों और लेन-देन से जुड़े हैं, इसलिए न्यायिक दक्षता को बढ़ावा देने और परस्पर विरोधी अनुसूचियों से बचने के लिए इन्हें एक साथ सुना जाएगा. अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया. अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर मामूली गिरकर 2,590 रुपये पर आ गए, जबकि अडानी पोर्ट और विल्मर में 0.75 से 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. वहीं, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी पावर के शेयरों में हल्की बढ़त देखी गई.
अमेरिका बनाम अडानी और अन्य: यह अडानी के खिलाफ आपराधिक मामला है.
प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) बनाम अडानी और अन्य: यह दीवानी मामला है.
SEC बनाम कैबनेस: यह अन्य आरोपियों के खिलाफ दीवानी मामला है.
शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट हरकत में : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि वह देश के शैक्षणिक संस्थानों में जाति आधारित भेदभाव से निपटने के लिए वह एक प्रभावी तंत्र तैयार करेगा. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को इस मामले में देरी होने पर फटकार लगाई और कहा- ‘वह इतने समय तक सोता रहा और नए नियम लेकर नहीं आया. नए नियमों को अधिसूचित करने के लिए कितना समय चाहिए? आप इसे एक महीने में करें और इसे रिकॉर्ड पर रखें’. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘अब से हम इस याचिका को समय-समय पर लिस्टेड करेंगे, ताकि मामले में कुछ प्रभावी समाधान निकाला जा सके, क्योंकि 2019 के बाद से कुछ भी नहीं हुआ है’. शीर्ष अदालत ने यूजीसी को कहा, ‘केंद्रीय, राज्य, निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटीज में छात्रों के साथ जाति आधारित कोई भेदभाव न हो ऐसी नियमावली का मसौदा तैयार करें’.
शीर्ष अदालत ने यूजीसी को यह भी निर्देश दिया कि वह उन संस्थानों की पेश करे, जिन्होंने यूजीसी (उच्च शैक्षणिक संस्थानों में निष्पक्षता को बढ़ावा देने के नियम) 2012 का अनुपालन करते हुए ‘समान अवसर प्रकोष्ठ’ स्थापित किए हैं. पीठ ने कहा, ‘हम इस संवेदनशील मुद्दे के प्रति समान रूप से सचेत हैं. कुछ करेंगे’. पीठ ने इस मुद्दे पर केंद्र से भी प्रतिक्रिया मांगी और यूजीसी को सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के बीच इस तरह के भेदभाव की शिकायतों के बारे में 6 हफ्ते में डेटा पेश करने का कहा. जाति-आधारित भेदभाव के कारण आत्महत्या करने वाले छात्र रोहित वेमुला और पायल तड़वी की माताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि 2004 से अब तक आईआईटी और अन्य संस्थानों में 50 से अधिक छात्रों (ज्यादातर एससी/एसटी वर्ग के) ने इस तरह के भेदभाव का सामना करने के बाद आत्महत्या कर ली.
भारत कितना गरीब है, सरकारी डाटा पर सवाल
नीति आयोग के एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में गरीबी लगभग समाप्त हो गई है, यह दावा भ्रामक है और देश में गरीबी की सीमा पर डेटा की कमी से ध्यान हटाता है. सी. ए. सेतु, एल. टी. अभिनव सूर्या और सी. ए. रूथु ने अपने हाल ही में प्रकाशित अध्ययन में अनुमान लगाया है कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सभी भारतीयों में से एक चौथाई से अधिक (26.4%) गरीबी रेखा से नीचे हैं. तीनों लेखकों ने घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) 2022-23 के यूनिट डेटा का उपयोग किया है और प्रत्येक राज्य और ग्रामीण-शहरी क्षेत्र के लिए रंगराजन गरीबी रेखा की पुनर्गणना की है. उनका दावा नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम द्वारा 2024 में किए गए दावे के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि भारत में गरीबी अनुपात 5% से नीचे गिर गया है.
एक गरीब देश का प्रधानमंत्री क्या देता है तोहफे में
जून 2023 में अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी को जो तोहफ़े दिए, जिनमें से 7.5 कैरेट का सिंथेटिक हीरा वाला एक बॉक्स सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करने वाला था. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, 20,000 डॉलर का यह हीरा 2023 में अमेरिका की फर्स्ट फेमिली को मिला सबसे महंगा उपहार बन गया है. जिल बाइडेन के प्रवक्ता ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि सूरत में उत्पादित और पॉलिश किया गया लैब-निर्मित हीरा डोनाल्ड ट्रम्प के 20 जनवरी के उद्घाटन से पहले उनके कार्यालय छोड़ने के बाद राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दिया जाएगा. इस तोहफे के संदर्भ में इस बात पर ध्यान दिया जा सकता है कि विश्व बैंक के एक आकलन के अनुसार भारत की प्रति व्यक्ति आय को अमेरिका की प्रति व्यक्ति आय का एक चौथाई पंहुचने में 75 साल लगेंगे.
गाय औऱ बछड़ा पीएम के वीडियो में हैं, पीएमओ के रिकार्ड में नहीं
क्या आपको कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बछड़े के बारे में नरेंद्र मोदी का ट्वीट याद है? और पिछले साल जनवरी में उनके आधिकारिक आवास पर गायों को खाना खिलाने की मंचित फोटो ऑप? खैर, पीएमओ से मवेशियों के बारे में विवरण मांगने वाले दो आरटीआई प्रश्नों का जवाब "मांगी गई जानकारी व्यक्तिगत प्रकृति की है और इस कार्यालय द्वारा रखे गए रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है" के साथ वापस कर दिया गया है. सिद्धार्थ शर्मा, जिनके प्रश्न को अस्वीकार कर दिया गया था इस जवाब से संतुष्ट नहीं... "अब, जब यह व्यक्तिगत प्रकृति का था, तो #पीएमओ द्वारा इन तस्वीरों और वीडियो को प्रकाशित करके एक सार्वजनिक तमाशा क्यों किया गया?."
उग्रवादियों को भाजपा विधायकों ने वसूली दी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुलासा किया है कि मणिपुर में हिंसा भड़काने के लिए उग्रवादी समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट द्वारा जिन लोगों से वसूली की गई उनमें बीजेपी विधायक भी शामिल थे. आरोप पत्र के अनुसार, बीजेपी विधायक मयांगलंबम रामेश्वर सिंह, युमनम खेमचंद सिंह और राज्य महासचिव जी.एस. प्रेमानंद मैतेई ने 50,000 रुपये से लेकर 8 लाख रुपये तक के लाखों रुपये "दान" किए थे. कथित तौर पर इन फंडों का उपयोग हथियार, ड्रोन और वर्दी खरीदने और म्यांमार में कैडरों को प्रशिक्षित करने के लिए किया गया था. ईडी अधिकारियों का दावा है कि दान के रूप में उगाही जातीय अशांति को बढ़ाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी.
ईडी को फटकार: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले को बरकरार रखते हुए जिसमें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हरियाणा के एक पूर्व कांग्रेस विधायक को आधी रात के बाद और लगभग 15 घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार करने को रद्द कर दिया गया था, सुप्रीम कोर्ट ने कल मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी एजेंसी पर "अमानवीय आचरण" और "किसी व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर करने" का आरोप लगाया.
कैदी को इंटरव्यू दिलवाने पर सज़ा: पंजाब सरकार ने पुलिस अधिकारी गुरशेर सिंह संधू को 2022 में राज्य पुलिस की हिरासत में रहने के दौरान गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ एक साक्षात्कार रिकॉर्ड करने की कथित सुविधा देने के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया है.
केंद्र सरकार ने सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण नियमों का मसौदा जारी किया है. जिसमें कहा है; 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अब सोशल मीडिया खाते बनाने के लिए माता-पिता की सहमति की आवश्यकता होगी.
शाहजहां जहाँ रहते थे, बिल्डर के बुलडोज़र वहीं
राज्य पुरातत्व विभाग की ओर से स्मारक की सुरक्षा के लिए अधिसूचना जारी करने के तीन महीने बाद ही 17वीं सदी की आगरा के मुबारक मंज़िल को ध्वस्त कर दिया गया. इस मुगल विरासत को ‘औरंगज़ेब की हवेली’ के नाम से भी जाना जाता है. ऑस्ट्रियाई इतिहासकार एब्बा कोच की किताब 'द कम्प्लीट ताज महल एंड द रिवरफ्रंट गार्डन्स ऑफ़ आगरा' में मुबारक मंज़िल का एक अहम ऐतिहासिक स्मारक के रूप में जिक्र है.
औरंगजेब के शासनकाल के दौरान निर्मित यह स्मारक शाहजहां, शुजा और औरंगजेब सहित प्रमुख मुगल हस्तियों का निवास स्थल था. ब्रिटिश शासन के दौरान इस संरचना को संशोधित कर कस्टम हाउस और नमक कार्यालय बना दिया गया था. 1902 तक, इसे तारा निवास के रूप में जाना जाता था.
सितंबर में राज्य पुरातत्व विभाग ने अधिसूचना जारी कर एक महीने के भीतर इस स्थल को संरक्षित स्मारक घोषित करने पर आपत्तियां मांगी थीं, लेकिन कोई आपत्ति नहीं उठाई गई. इतना ही नहीं, दो सप्ताह पहले लखनऊ के अधिकारियों ने संरक्षण उपाय शुरू करने के लिए स्थल का दौरा किया और इसके तुरत बाद ही इसे ध्वस्त कर दिया गया. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से एक बिल्डर ने यह तोड़फोड़ पुलिस की मौजूदगी में की है. आगरा के डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने पुष्टि की कि अधिकारियों को इस मुद्दे की ‘जानकारी’ है. उन्होंने कहा, ‘हमने मामले का संज्ञान लिया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राजस्व विभाग को जांच का निर्देश दे दिया है.
किसी वेब सीरीज की तरह बढ़ता ही जा रहा पवार खानदान का फैमिली ड्रामा
राजेश चतुर्वेदी
महाराष्ट्र में पवार परिवार की “घड़ी” की टिक-टिक फिर सुनाई देने लगी है. कहा जा रहा है कि चाचा-भतीजा फिर एक हो सकते हैं. पिछले माह 12 दिसंबर को अजित पवार ने जिस अंदाज़ में अपने पूरे परिवार के साथ शरद पावर को उनके दिल्ली वाले घर पर जन्मदिन की बधाई दी, उसके बाद से दोनों में “एका” होने की उम्मीद की जा रही है. इसमें इजाफा अजित की माँ आशा ताई ने किया, जिन्होंने नए साल के मौके पर पंढरपुर स्थित विट्ठल रुक्मणी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद मीडिया से कहा, “मैंने कामना की है कि पवार परिवार के मतभेद जल्द से जल्द खत्म हों और उनके बेटे व उसके चाचा फिर एक हो जाएं. मुझे पूरी उम्मीद है कि पांडुरंग मेरी प्रार्थना जरूर सुनेंगे.” उपमुख्यमंत्री अजित पवार की माँ आशा ताई की इस टिप्पणी से लग रहा है कि खुद पवार परिवार अपनी तीसरी पीढ़ी की खातिर राजनीतिक सुलह के रास्ते पर है. पवार परिवार के एक और सदस्य विधायक रोहित पवार की माँ सुनंदा पवार ने भी दोनों के एक होने की इच्छा जताई थी. हालांकि शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने आशा ताई की इच्छा पर नपे तुले शब्दों में जवाब दिया. कहा, “मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहती, क्योंकि मैं पेशेवर जिंदगी को व्यक्तिगत जीवन से अलग रखती हूं. पवार परिवार हमेशा से एक रहा है. मेरा अपनी ताई से रिश्ता नहीं बदला है.” एनसीपी (एपी) के दूसरे नेता भी कम से कम महाराष्ट्र की सियासत में दोनों को एक होता देखना चाहते हैं, क्योंकि चाचा भतीजा का राज्य के 20 फीसदी वोटों पर प्रभाव है.
जहां तक राजनीतिक समीकरणों का सवाल है तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से शरद पवार जहां बैकफुट पर हैं, वहीं लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अजित पवार ने विधानसभा की लड़ाई में खुद को साबित किया है. 84 वर्ष की आयु पूरी कर चुके शरद पवार लगभग छह दशक से सार्वजनिक जीवन में हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर उनका इतना बुरा हाल कभी नहीं हुआ. 80 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद उनके महज 10 उम्मीदवार चुने गए. आज की हालत तो ऐसी है कि वह यदि अगली बार राज्यसभा में जाना चाहें तो उनके पास पर्याप्त संख्या बल ही नहीं है. जाहिर है, इसके लिए उन्हें अपने भतीजे का मुंह देखना पड़ेगा. वैसे, बुजुर्ग पवार अपने आप में राजनीतिक प्रबंधन के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. उनके बारे में अकसर दो बातें की जाती हैं. (एक) वह क्या करेंगे, इस बारे में कभी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. (दो) उनके कहे पर एकदम भरोसा नहीं किया जा सकता. उनकी शैली ऐसी है कि जैसे, बोर्डिंग पास मुंबई का दिखाकर कोई दिल्ली की फ्लाइट में बैठ जाए. वह राजनीति के रहस्यमयी किरदार माने जाते हैं. जरूरी नहीं कि जहां दिखाई पड़ रहे हैं, वहां वास्तव में हों ही! यही वजह है, कभी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं तो कभी उनके कसीदे पढ़ने लगते हैं. कब मोदी के साथ किस मंच पर दिख जाएं, कहा नहीं जा सकता.
विपक्ष में रहकर भी “पावर” की राजनीति करने के अभ्यस्त पवार अपने जन्मदिन के पांच दिन बाद मोदी को अनार की पेटी गिफ्ट करने पहुंच जाते हैं. बीस दिन पहले 18 दिसंबर को जब मोदी, अनार और पवार की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई तो “इंडिया ब्लॉक” की जमीन का नक्शा सामने आ गया! चाचा भतीजे के एक होने की खबरों के बीच ही शुक्रवार को वह छगन भुजबल के साथ मंच शेयर करते दिखाई दिए. बल्कि उन भुजबल का डेढ़ घंटे इंतजार किया, जिनकी इन दिनों अजित पवार से खुली अनबन चल रही है. दोनों काफी देर बतियाते रहे. तो क्या मान लिया जाए कि “साहेब” भतीजे के लिए नई चुनौतियों को पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं या उन्होंने भतीजे की खातिर भुजबल को शांत रहने के लिए कोई “पुड़िया” पकड़ाई है?
शरद पवार के मित्र 86 साल के विट्ठल मनियार कहते हैं, अपनी व्यक्तिगत राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को परिवार के ऊपर रखने के कारण साहेब को वाकई धक्का लगा.” मनियार ने यह अजित पवार के लिए कहा, जो छठवीं बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री हैं और मध्य 2023 में उन्होंने मध्यमार्गी एनसीपी को बांट दिया था. बहरहाल, पवार परिवार की घड़ी के “दो कांटों” में सुलह की कोशिशें जारी हैं, दिलचस्प होगा कांटों की चाल देखना. वैसे, कहानी वेब सीरीज लायक है!
भोजशाला साइट पर खुदाई, सुप्रीम कोर्ट के सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को गुरुवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट ने इसके पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भोजशाला मंदिर और कमाल मौला मस्जिद परिसर में सर्वे करने का निर्देश दिया गया था. जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ उन मामलों पर विचार कर रही है, जिनमें पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती दी गई है.
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन सहित उत्तरदाताओं ने यह दावा किया कि पूजा स्थल अधिनियम बैच में आदेश वर्तमान मामले के रास्ते में नहीं आता है, क्योंकि भोजशाला परिसर एएसआई-संरक्षित है. पीठ आश्वस्त नहीं थी और उसने मामले को संबंधित मामलों के साथ टैग करने के लिए सीजेआई की ओर से उचित आदेश की मांग की . भोजशाला परिसर स्थल पर खुदाई के खिलाफ अदालत के पहले अंतरिम आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली एक अवमानना याचिका जिसे न्यायमूर्ति रॉय ने विचार व्यक्त करते हुए कहा- ‘यदि आप (प्रतिवादी) इस लाइन पर जोर देना चाहते हैं... आइए अवमानना मामले को उठाएं. हमने कुछ तस्वीरें देखी हैं. अदालत ने अंतरिम आदेश में कोई उत्खनन नहीं करने की बात कही थी. तस्वीरों से पता चलता है कि कुछ खुदाई चल रही है... क्या आप प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं की ओर से नोटिस स्वीकार कर रहे हैं? एएसआई की ओर से संरक्षित 11वीं सदी का स्मारक भोजशाला को हिंदू और मुस्लिम अलग-अलग नजरिए से देखते हैं. हिंदू इसे वाग्देवी (देवी सरस्वती) को समर्पित मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम इसे कमाल मौला मस्जिद मानते हैं. 2003 के समझौते में हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं, जबकि मुस्लिम शुक्रवार को वहां नमाज अदा करते हैं.
केरल की नर्स की मदद के लिए ईरान आगे आया ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि एक यमन नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा पाने वाली केरल की नर्स निमिशा प्रिया का मामला उठाने के लिए वह तैयार है. नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘हम जो भी कर सकते हैं, करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि यह एक मानवीय मुद्दा है’. पिछले महीने यमन के राष्ट्रपति ने 2017 से जेल में बंद निमिशा की मौत की सजा को बरकरार रखा था. केंद्र सरकार ने ने कहा था कि वह नर्स के परिवार के सदस्यों के संपर्क में है और कानूनी विकल्पों की तलाश में है और उन्हें हर संभव मदद दे रहा है. इसके बाद हालांकि निमिषा के पति टॉमी थापस ने कहा था कि उनसे न तो केंद्र सरकार ने और न ही राज्य सरकार ने संपर्क किया है. ईरान की मदद की पेशकश भारत के साथ विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों की बातचीत के दूसरे दौर से पहले आई है. इसमें ईरान भारत को तेल आपूर्ति फिर से शुरू करने सहित व्यापार संबंधों को पुनर्जीवित करने का प्रस्ताव दे सकता है.
राम रहीम को हत्या के आरोप से बरी किए जाने पर जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार सह-आरोपियों को नोटिस जारी कर 2002 के एक हत्या मामले में उन्हें बरी किए जाने के खिलाफ सीबीआई की अपील पर जवाब मांगा. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने बरी किए गए व्यक्तियों को अदालत में अपना जवाब पेश करने को कहा है.
सीबीआई ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उसने 28 मई, 2024 को राम रहीम और चार अन्य को रंजीत सिंह की हत्या के आरोप से बरी कर दिया है.
जेल में बंद खालिस्तान समर्थक सांसद द्वारा पार्टी बनाने का एलान
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह 14 जनवरी को नई क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह 23 अप्रैल, 2023 से एनएसए के तहत जेल में हैं.
गोविंद पानसरे हत्याकांड : हाईकोर्ट ने त्वरित सुनवाई का दिया आदेश
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता और तर्कवादी लेखक गोविंद पानसरे की 2015 में हुई हत्या की जांच की वह निगरानी नहीं करेगा. हालांकि अदालत ने कोल्हापुर सत्र न्यायालय को न्याय में तेजी लाने के लिए त्वरित सुनवाई का निर्देश दिया. जस्टिस अजय एस. गडकरी और जस्टिस कमल खता ने कहा, ‘रिकॉर्ड के अवलोकन और जांच अधिकारी की ओर से पेश गोपनीय रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि एटीएस (आतंकवाद निरोधी दस्ते) ने याचिकाकर्ताओं की ओर से उनके प्रतिनिधित्व/बयानों में लगाए गए आरोपों की सभी कोणों से जांच की है और उक्त दो फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के अलावा, आगे की जांच के लिए कुछ भी नहीं बचा है’.
बस्तर में यूट्यूबर पत्रकार की जघन्य हत्या
मुकेश चन्द्राकर नें अपने यूट्यूब चैनल बस्तर जंक्शन पर आखिरी कहानी 23 दिसंबर को पोस्ट की गई थी. इसमें एक नागरिक के अपहरण और हत्या को कवर किया गया था, जिसे कथित तौर पर माओवादियों ने एक मुखबिर करार दिया था. इससे पहले, उन्होंने बताया था कि कैसे बीजापुर के गांवों के निवासियों ने एक नदी को पार करने के लिए अपने दम पर एक पुल बनाने की पहल की थी.
'बस्तर जंक्शन' के 1.59 लाख सब्सक्राइबर हैं. मुकेश ने पहले एनडीटीवी सहित कई मीडिया संस्थानों के लिए फ्रीलांस रिपोर्टर के रूप में काम किया था. उनके भाई ने गुरुवार को गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि वह बुधवार शाम से लापता हैं.
बीजापुर पुलिस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "हमने छतनापारा बस्ती में एक ठेकेदार के आवास के आसपास तलाशी ली, और चन्द्राकर का शव सेप्टिक टैंक में पाया." हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने बाद में कहा कि ठेकेदार अभी तक संदिग्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले में संदेह चन्द्राकर के दो चचेरे भाइयों पर हैं. अधिकारी ने कहा, "उनके आखिरी मोबाइल लोकेशन को ढूंढते हुए हम मौके पर पहुंचे और टैंक का पूरा कंक्रीटीकरण संदिग्ध लग रहा था, इसलिए हमने इसे तोड़ने का फैसला किया और उनकी लाश बरामद की."
मुकेश की हत्या पर वरिष्ठ पत्रकार सुदीप ठाकुर ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है,
“मुकेश राजधानियों से दूर बस्तर के घने जंगलों में पत्रकारिता कर रहे थे. मैंने उन्हें पहली बार उनके यूट्यूब चैनल में देखा था, जिसकी शुरुआत में ही वह कहते थे कि आप बस्तर जंक्शन देखना शुरू कर चुके हैं..... मुकेश रायपुर और दिल्ली से आने वाले पर्यटक पत्रकार नहीं थे. वह उन खबरिया चैनलों के पत्रकार नहीं थे जो "ग्राउंड जीरो" की रूमानियत की कहानियों के सहारे अपने करिअर का ग्राफ ऊंचा करते हैं. वह उन लेखकों-पत्रकारों जैसे भी नहीं थे, जिन्हें लगता है कि दो तीन बार की बस्तर की यात्रा के बाद किताबें लिख कर बस्तर के विशेषज्ञ हो गए. मुकेश सही मायने में ग्राउंड जीरो के पत्रकार थे. यह ग्राउंड जीरो तो उनका घर ही था.
उनकी हत्या की वजहें अभी पता नहीं है, लेकिन उनके साथ जो हुआ है वह रोंगटे खड़े कर देना वाला है.”
चीन में ब्रह्मपुत्र पर बांध पर भारत का एतराज
भारत ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे विशाल बांध परियोजना और अक्साई चिन क्षेत्र में नए जिलों के निर्माण को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज की है. भारत ने आरोप लगाया है कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाली इस मेगा परियोजना की जानकारी साझा नहीं की, जबकि दोनों देशों के बीच ऐसे मामलों में सूचित करने की परंपरा है. भारत को इस परियोजना की जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए मिली है. परियोजना की अनुमानित लागत $137 बिलियन (करीब 11 लाख करोड़ रुपये) है. बांध परियोजना से ब्रह्मपुत्र नदी के निचले प्रवाह पर निर्भरता रखने वाले भारतीय क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसके अलावा जल संसाधन पर नियंत्रण भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है. चीन का दावा है कि यह परियोजना उसके क्षेत्र में है और उसका उद्देश्य ऊर्जा उत्पादन और जल संरक्षण है.
चीन ने हाल ही में अक्साई चिन क्षेत्र में नए जिलों की स्थापना की घोषणा की है, जो भारत के दावे वाले क्षेत्र में आता है. भारत ने इसे अपने क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बताया है. अक्साई चिन पहले से ही भारत और चीन के बीच विवादित क्षेत्र है. भारत ने चीन की इस घोषणा को खारिज करते हुए इसे "एकतरफा और अवैध" कदम करार दिया है. भारत ने इन दोनों ही मुद्दों को द्विपक्षीय संवाद के दौरान प्रमुखता से उठाया है. इसके साथ ही, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इन घटनाओं को रेखांकित किया है, ताकि चीन के इन कदमों का व्यापक प्रभाव उजागर किया जा सके.
मेडिकल बीमा: देर, अंधेर और कम भुगतान
'द टेलिग्राफ' के लिए जीएस मुदूर की एक रिपोर्ट है कि एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण ने खुलासा किया है कि दस में से छह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को अस्पताल से छुट्टी मिलने में 6 से 48 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. इससे प्रतीत होता है कि बीमा कंपनियां दावों के निपटारे में जानबूझकर देरी करती हैं ताकि पॉलिसीधारक कम दावे को स्वीकार करने के लिए मजबूर हो जाएं. 80% उत्तरदाताओं का मानना है कि बीमा कंपनियां जानबूझकर दावों को विलंबित करती हैं. 47% पॉलिसीधारकों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कम दावा राशि स्वीकार की और शेष खर्च अपनी जेब से चुकाया. पॉलिसीधारकों लगातार बीमा प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि अस्पताल और बीमा कंपनियों के बीच होने वाले संचार की रियल-टाइम ट्रैकिंग प्रणाली हो. 21% पॉलिसीधारकों ने बताया कि छुट्टी प्रक्रिया में 24-48 घंटे लगे. केवल 8% ने कहा कि उन्हें तत्काल छुट्टी मिल गई. मई 2024 में, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने यह स्पष्ट किया था कि बीमा कंपनियों को अस्पताल से छुट्टी के लिए अंतिम मंजूरी तीन घंटे के भीतर देनी चाहिए. बावजूद इसके, देरी का यह चलन जारी है.
2023-24 में ₹15,100 करोड़ मूल्य के दावे पूरी तरह अस्वीकार कर दिए गए, जो कुल दावों का 12.9% है.
बीमा कंपनियों ने ₹1,17,000 करोड़ के कुल दावों में से केवल ₹83,493 करोड़ (71.29%) का भुगतान किया.
28,700 उत्तरदाताओं में से 20% ने कहा कि उनके दावे "अवैध कारणों" से खारिज कर दिए गए, और 33% ने आंशिक भुगतान की शिकायत की.
शराब से 7 तरह के कैंसर: वैधानिक चेतावनी का समय
'रायटर्स' की एक खबर है कि अमेरिका के सर्जन जनरल विवेक मूर्ति ने शुक्रवार को शराब की बोतलों पर कैंसर के खतरे की चेतावनी देने की सिफारिश की. यह कदम इस क्षेत्र में तंबाकू की तरह कड़े नियम लागू करने की दिशा में इशारा कर सकता है. विवेक मूर्ति के अनुसार, शराब का सेवन कम से कम सात प्रकार के कैंसर जैसे स्तन, कोलन और लिवर कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है. अधिकांश अमेरिकी उपभोक्ता इस खतरे से अनजान हैं. वर्तमान चेतावनी लेबल, जो 1988 से लागू है, केवल गर्भवती महिलाओं और मशीनरी संचालन पर प्रभाव की बात करता है.
हर साल अमेरिका में 20,000 शराब-संबंधी कैंसर मौतें होती हैं. यह आंकड़ा शराब से जुड़े ट्रैफिक दुर्घटनाओं में होने वाली 13,500 मौतों से अधिक है. शराब सेवन से जुड़ी 100,000 कैंसर के मामले हर साल सामने आते हैं. भारत के संदर्भ में इन आंकडों को देखें तो 'द हेल्थ साइट' की एक रिपोर्ट के अनुसार, लैंसेट अध्ययन में पाया गया कि पिछले वर्ष भारत में शराब सेवन के कारण 62,000 से अधिक लोग कैंसर से पीड़ित हुए. 'द वीक' की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2022 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण 4,000 से अधिक मौतें हुईं.
गिल समेत गुजरात टाइटंस के 4 क्रिकेटरों का नाम 450 करोड़ रुपये के घोटाले में
शुभमन गिल समेत गुजरात टाइटन्स के चार प्रमुख क्रिकेटरों का नाम पोंजी स्कीम में आया है. गुजरात सीआईडी क्राइम ब्रांच 450 करोड़ रुपये की पोंजी स्कीम की जांच के लिए इन्हें बुला सकती है. गिल के अलावा मोहित शर्मा, बी साईं सुदर्शन और राहुल तेवतिया का नाम है. इनमें से सभी खिलाड़ी टीम इंडिया का भी हिस्सा रहे हैं. तेवतिया का टीम इंडिया के लिए 2016 में वेस्टइंडीज दौरे के लिए चयन हुआ था, मगर वह डेब्यू नहीं कर पाए थे. वहीं अन्य खिलाड़ी इंडिया की ओर से खेल चुके हैं. पोंजी स्कीम के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सिंह जाला से पूछताछ के दौरान इनका नाम सामने आया है. रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल 2024 के दौरान गुजरात टाइटन्स की कप्तानी करने वाले गिल ने इस स्कीम में 1.95 करोड़ रुपये का निवेश किया है. अन्य क्रिकेटरों मोहित शर्मा, राहुल तेवतिया और बी साई सुदर्शन ने भी छोटी-छोटी रकम का निवेश किया है.
गिल वर्तमान में भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में हैं. इसलिए खिलाड़ियों को उनके लौटने के बाद सीआईडी समन जारी करेगी. भूपेंद्र सिंह जाला गुजरात के साबरकांठा के हिम्मतनगर शहर से ताल्लुक रखते हैं. 2020-24 के बीच उसने अपनी बीजेड फाइनेंशियल सर्विसेज के माध्यम से 11,000 से अधिक निवेशकों से 450 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं.
जम्मू थोड़ा परेशान है कश्मीर की रेल लाइन से
'द स्क्रॉल' के लिए सफ़वत ज़रगर ने लिखा है कि जम्मू-कश्मीर में नई रेल लाइन जो कश्मीर घाटी को दिल्ली और अन्य बड़े शहरों से जोड़ेगी, तकनीकी और भौगोलिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है, लेकिन जम्मू शहर के व्यापारियों और स्थानीय समुदायों में इसे लेकर उत्साह की कमी दिख रही है. कश्मीर घाटी के लोग अब तक आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं और व्यापार के लिए जम्मू शहर पर काफी हद तक निर्भर रहे हैं. ऐसे में नई रेल लाइन घाटी को सीधे दिल्ली और अन्य शहरों से जोड़ेगी, जिससे जम्मू पर उनकी निर्भरता कम हो जाएगी और इसका असर बाजार पर पड़ेगा.
जम्मू के होटल और ट्रांसपोर्ट व्यवसायों को घाटी जाने वाले यात्रियों से काफी लाभ होता है लेकिन अब नई रेल लाइन के कारण पर्यटक सीधे घाटी तक जा सकते हैं, जिससे जम्मू में रुकने और स्थानीय व्यवसायों का उपयोग करने की आवश्यकता कम हो जाएगी. जम्मू अब तक घाटी और अन्य क्षेत्रों के बीच एक मुख्य ट्रांजिट हब था. रेल लाइन के चालू होने के बाद, माल और यात्री परिवहन के लिए भी रेल प्राथमिक माध्यम बन जाएगा, जिससे स्थानीय ट्रांसपोर्टरों और लॉजिस्टिक्स कंपनियों को भी नुकसान उठाना होगा.
हाथियों का हमला रोक रही नींबू की बाड़
आपने अक्सर झारखंड, उत्तराखंड, असम और केरल से अक्सर हाथियों के उत्पात की खबर सुनी होगी. 2009 से 2023 के बीच 1381 हाथी मारे गए, जबकि 2014 से 2022 तक हाथी के हमले में 3938 लोगों के मारे जाने का रिकॉर्ड है. अब असम में एक एनजीओ ने इस मसले का हल अलग ढंग से निकाला है. असम में भी हाथियों और इंसानों के बीच बार-बार टकराव की स्थिति बन रही है. जंगली हाथी खड़ी फसल पर हमला बोल देते हैं. कभी हाथी की जान जाती है, कभी इंसान की. फसल तबाह होना छोटे किसानों पर भीषण असर डालता है, लेकिन अब नींबू के पेड़ों से बनी बाड़ से मदद मिल रही है. देखिए ये दिलचस्प रिपोर्ट...
चलते चलते : हर सुबह उठते राजनांदगाँव में हीं है विनोद कुमार शुक्ल
हिंदी के हस्ताक्षर कवि और लेखक विनोद कुमार शुक्ल की इस एक जनवरी को 88वीं सालगिरह थी. इस मौके उनपर केंद्रित एक छोटी सी फिल्म आलोक पुतुल और देवेन्द्र शुक्ला ने सीजीख़बर पर जारी की.
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