08/02/2025: मोदी चले ट्रम्प से मिलने, भारतीयों के अपमान पर चर्चा पर स्पष्टता नहीं, महाराष्ट्र में वोटरों के हिसाब पर सवाल, एंटी करप्शन ब्यूरो पंहुचा केजरीवाल के घर, मुर्गा महंगा, गणित किसका बेहतर?
हरकारा हिंदी भाषियों के लिए क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज़्यादा!
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
उम्मीद है ‘हरकारा ’आपके मेन फोल्डर में ही जा रहा है, स्पैम में नहीं. एक बार देख लें और तसल्ली कर लें.
आज की सुर्खियां | 8 फरवरी 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 और 13 फरवरी को दो दिवसीय आधिकारिक कार्य यात्रा पर वाशिंगटन डी.सी. जाएंगे, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप के पदभार संभालने के बाद उनके साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक करेंगे. आव्रजन, व्यापार, रक्षा और निवेश एजेंडे में शामिल प्रमुख मुद्दे होंगे. यात्रा की घोषणा करते हुए, विदेश सचिव ने कहा कि यह पिछले हफ्ते दोनों नेताओं के बीच हुई टेलीफोन पर बातचीत के बाद हो रही है. मोदी की यात्रा अमेरिका-भारत संबंधों पर बढ़े हुए ध्यान के बीच हो रही है, विशेष रूप से इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका से 104 भारतीयों के निर्वासन के मद्देनजर, यह मामला संसद में बहस का विषय बन गया है.
ट्रम्प से ज्यादा शिकायत अमेरिका भेजने वाले गिरोहों से : ट्रम्प प्रशासन द्वारा अमेरिकी सैन्य विमान से अवैध प्रवासियों को भारत वापस भेजे जाने के 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी, नरेंद्र मोदी सरकार भारतीयों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर नरम बयान जारी कर रही है. आज एक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दोहराया कि भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने डिपोर्ट किए जाने वाले भारतीयों के साथ उचित व्यवहार की मांग लगातार उठाई है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अतीत में भी डिपोर्ट किए गए भारतीयों के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार के मामलों को अमेरिका के समक्ष उठाया है और भविष्य में भी ऐसा करती रहेगी. मिसरी ने आगे कहा कि इस संदर्भ में "असली कैंसर" वे "गिरोह" हैं, जो मासूम लोगों से बड़ी रकम वसूलकर उन्हें विदेश जाने के लिए प्रलोभित करते हैं और ऐसी स्थिति में धकेल देते हैं जहाँ उन्हें डिपोर्ट होकर भारत लौटना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है. चाहे ये "गिरोह" बिना दस्तावेजों के अमेरिका में प्रवेश करने के लिए भारतीयों को गुमराह कर रहे हैं या फिर लोगों की अपनी मजबूरियाँ हैं, यह बहस का अलग विषय है.
33 गुजराती, सरकारी वाहनों से भेजे गए घर : 'हिन्दुस्तान टाइम्स' की खबर है कि अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियो के देश लौटने के एक दिन बाद ही गुजरात के अवैध प्रवासियों को सरकारी निगरानी में घरों तक पहुंचाया गया. इस में 33 गुजराती नागरिक हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. ये सब बृहस्पतिवार को अमृतसर से अहमदाबाद पहुंचे. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के निर्देश पर राज्य सरकार के वाहनों और पुलिस की निगरानी में इस सभी लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की गई थी.
मांसाहारी थाली 17 % महंगी : एक साल पहले की तुलना में, जनवरी में एक शाकाहारी थाली की औसत कीमत 2% बढ़कर 28 रुपये प्रति थाली से 28.7 रुपये हो गई, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत 17% बढ़कर 52 रुपये से 60.2 रुपये हो गई. फलकनाज़ सैयद, क्रिसिल रेटिंग एजेंसी के हवाले से बताती हैं कि मांसाहारी थाली की कीमत में वृद्धि का कारण ब्रॉयलर चिकन का साल-दर-साल 33% महंगा होना है, जिसकी कीमत 2024 में इसी समय अत्यधिक आपूर्ति के कारण कम थी. क्रिसिल के अनुसंधान निदेशक ने कहा कि मक्का की कीमतों में वृद्धि के कारण चारे की लागत अधिक होने से मांसाहारी थाली महंगी रहने की संभावना है. जहां तक शाकाहारी थाली की बात है, तो ईंधन की कीमतों में गिरावट ने आलू, दाल और वनस्पति तेल की कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को कम करने में मदद की है.
बलात्कारी आसाराम के अनुयायियों से चैनल को सुरक्षा : डिस्कवरी चैनल के भारतीय विभाग के अधिकारियों ने आसाराम बापू के अनुयायियों से धमकियां मिलने की शिकायत करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें और चैनल के कार्यालयों को पुलिस सुरक्षा प्रदान की है. यह कार्रवाई तब हुई जब चैनल ने डॉक्यूमेंट्री ‘कल्ट ऑफ फियर आसाराम बापू’ रिलीज़ की थी. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मामले में याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पिछले महीने भीड़ ने डिस्कवरी के मुंबई कार्यालय में घुसने की कोशिश भी की थी.
येदियुरप्पा को यौन उत्पीड़न मामले में अंतरिम जमानत : कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अग्रिम जमानत दे दी, जबकि उनके खिलाफ दर्ज पॉक्सो मामले को वापस निचली अदालत में भेज दिया. 81 वर्षीय येदियुरप्पा ने अपने खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उन पर भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. येदियुरप्पा पर नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न का मामला है. पीड़िता की 54 वर्षीय मां, जिन्होंने येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप लगाया था, उनकी पिछले साल मई में फेफड़ों के कैंसर के कारण मौत हो गई थी.
अनुसूचित जाति शोध छात्रों को भी फेलोशिप अनुदान में देरी : ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों के सैकड़ों छात्रों ने राष्ट्रीय फेलोशिप (एनएफएससी) के तहत अनुदान प्राप्त करने में देरी की शिकायत की है, जिसमें दो से पांच महीने तक के भुगतान लंबित हैं. यह उस खुलासे के बाद आया है, जब केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के छात्रों के लिए पिछले साल जून से धन का वितरण नहीं किया गया है. पंजाबी विश्वविद्यालय की एक एनएफएससी छात्रा, जिसने गुमनाम रहने की इच्छा व्यक्त की, ने कहा कि दिसंबर और जनवरी के लिए उसकी फेलोशिप की राशि अभी भी लंबित है. उसने आगे बताया कि 130 छात्रों का एक समूह इसी तरह की देरी का सामना कर रहा है, जिसमें एक से तीन महीने तक के भुगतान बकाया हैं. केंद्र सरकार के अनुसार, आवंटित 55 करोड़ रुपये में से 54.5 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं.
यूपीएससी वेबसाइट में गड़बड़ी : सिविल सेवा परीक्षा के आवेदकों के लिए यूपीएससी की वेबसाइट में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई हैं. आवेदकों का कहना है कि फोटो और हस्ताक्षर अपलोड करने वाले पेज में तकनीकी समस्याएं हैं, ओटीपी (OTP) कभी-कभी देरी से आते हैं, और कुछ जगहों पर स्पेलिंग की गलतियां भी मिली हैं. यह जानकारी पत्रकार विजैता सिंह और मैत्री पोरेचा ने आवेदकों के हवाले से दी है. यूपीएससी ने आवेदन प्रक्रिया में बदलाव किए हैं, जबकि पहले आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेड़कर के मामले में सामने आया था कि उन्होंने परीक्षा देते समय अपनी पहचान और दिव्यांगता के बारे में झूठ बोला था.
ऐसा कैसे कि महाराष्ट्र की वयस्क आबादी 9.54 करोड़ और वोट डाले 9.7 करोड़ ने : राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अपनी चिंताओं को एक बार फिर प्रकट किया है. शुक्रवार को महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नेताओं सुप्रिया सुले और संजय राउत के साथ एक प्रेस कांफ्रेस में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि यह कैसे संभव है कि 9.7 करोड़ लोगों ने अपने वोट डाले, जबकि राज्य की कुल वयस्क आबादी 9.54 करोड़ है. “हम चुनाव आयोग के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं. हम सिर्फ अंतिम मतदाता सूची चाहते हैं. पारदर्शिता को सुनिश्चित करना आपकी (आयोग) जिम्मेदारी है,” कांग्रेस नेता ने कहा.
बकौल राहुल गांधी, 2019 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की 5 वर्ष की अवधि में महाराष्ट्र में 32 लाख मतदाताओं के नाम वोटर्स लिस्ट में जोड़े गए. जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव और 2024 के अंत में विधानसभा चुनाव के बीच 5 माह की अवधि में 39 लाख मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए. एक तरफ 5 साल में 32 लाख और दूसरी तरफ 5 माह में 39 लाख. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाते मैं संसद में भी यही बोला था, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि चुनाव आयोग ने बाद में “X” पर अपनी पोस्ट में जवाब दिया कि राहुल गांधी ने जो कुछ जानना चाहा है, वह सब लिखित में सारे तथ्यों से उन्हें अवगत करवाएगा. दिलचस्प यह है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस चुनाव आयोग के बचाव में उतरे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पता है कि दिल्ली चुनावों में उनकी पार्टी की करारी हार हो रही है, इसलिए कवर फायर के लिए उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाया है. जबकि चुनाव आयोग उनकी सभी शिकायतों का समाधान कर चुका है.
कुनो में पाँच और चीते : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पांच और चीते - दो वयस्क और तीन शावक - छोड़े. एक दिन पहले पार्क में दो शावकों का जन्म हुआ था. इन घटनाओं से पार्क में चीतों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है.
किआ पर आयात कर चोरी का आरोप: अप्रैल में, कर अधिकारियों ने किआ पर अपनी लग्जरी एसयूवी मॉडल कार्निवल के लिए कंपोनेंट आयात को गलत तरीके से वर्गीकृत करके 155 मिलियन डॉलर की आयात शुल्क चोरी करने का आरोप लगाया. निकुंज ओहरी, आदित्य कालरा और अदिति शाह की रिपोर्ट के अनुसार, किआ - जो मामला हारने पर 310 मिलियन डॉलर तक का नुकसान उठा सकती है - ने गलत काम करने से इनकार किया है.
लव जिहाद के आरोप में कोर्ट परिसर में पिटाई : “द इंडियन एक्सप्रेस” के अनुसार लव जिहाद का आरोप लगाकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को भोपाल में कोर्ट मैरिज करने आए एक युवक की कोर्ट परिसर में ही पिटाई कर दी. पीड़ित युवक नरसिंहपुर का रहने वाला है और शादी रजिस्टर करने महिला के साथ भोपाल आया था. लेकिन पुलिस ने बताया कि वह कोर्ट की औपचारिकताएं पूरी नहीं कर सका. दोनों को पुलिस ने अपनी सुरक्षा में रखा है. भोपाल के एसीपी अक्षय चौधरी ने बताया कि महिला के परिजनों को बुलाया गया है और उनके आने के बाद उसके बयान दर्ज किए जाएंगे और बयान के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. हिंदू संगठनों ने युवक के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने की मांग की है. इस मामले में अभी किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. चौधरी ने कहा कि पीड़ित युवक के बयान के आधार पर हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस बीच पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दैनिक भास्कर ने एक और वीडियो की जानकारी भी दी है, जिसमें युवक कान पकड़कर उठक-बैठक लगा रहा है. कई तस्वीरें भी दी हैं.
राजस्थान के मंत्री ने कहा मेरा फोन टेप हो रहा है : राजस्थान की भाजपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का दर्द सबके सामने आ गया है. एक समारोह में मीणा ने कहा, “अशोक गहलोत की पिछली सरकार में मैंने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई थी. जिसका परिणाम था कि 50 एसएचओ को गिरफ्तार किया गया. मुझे उम्मीद थी कि जब भाजपा की सरकार बनेगी तो भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. लेकिन मैं गलत था. मीणा ने कहा, मैंने पिछली सरकार में भ्रष्टाचार के मामले उठाए थे तो अशोक गहलोत ने मेरे टेलीफोन टेप करवाए और सीआईडी लगाई. अब भाजपा सरकार में भी वही सब किया जा रहा है. मैंने एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी. उलटे सीआईडी हर जगह मेरा पीछा कर रही है और फोन पर मेरी बातचीत रिकॉर्ड की जा रही है. लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. यह भी गौरतलब है कि मीणा ने कुछ दिन पहले राजस्थान विधानसभा में भी कहा था कि यह छल कपट का ज़माना है. यदि हम किसी से हमेशा सहमत हैं तो हमारा रिश्ता सुरक्षित रहता है. लेकिन “यस मेन” की दुनिया में अगर कोई “नो” कहने की हिमाकत करता है तो बर्बाद हो जाता है. पर मैं अंध सहमति में भरोसा नहीं करता; सच बोलता हूं, चाहे इससे मुझे कितनी तकलीफ ही क्यों न हो.
400 ड्रोन की खरीदारी के 3 अनुबंध रद्द किए : 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर है कि भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान ने अब उन घरेलू निजी क्षेत्र की कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है, जो सेना को सप्लाई किए जाने वाले ड्रोन में चीनी कंपोनेंट का इस्तेमाल कर रही हैं . रक्षा प्रतिष्ठान ने भारतीय सेना के लिए 400 लॉजिस्टिक ड्रोन की खरीदारी के ऐसे ही तीन अनुबंध रद्द कर दिए हैं. रक्षा प्रतिष्ठान एक "कठोर तंत्र" भी स्थापित कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो सैन्य ड्रोन खरीदे जा रहे हैं, उनमें कोई भी चीनी कंपोनेंट या इलेक्ट्रॉनिक्स या फिर दुर्भावनापूर्ण कोड न हों. यह अनुबंध 2023 में एक चेन्नई स्थित कंपनी के साथ आपातकालीन खरीद प्रक्रिया के तहत किए गए थे, जिनमें 200 मीडियम-आल्टीट्यूड, 100 हैवी-वेट और 100 लाइट-वेट लॉजिस्टिक ड्रोन शामिल थे. इन ड्रोन का मुख्य उद्देश्य चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तैनाती के लिए था, जहां 2020 के अप्रैल में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ के बाद सैन्य संघर्ष शुरू हुआ था.
एसीबी दल पहुंचा केजरीवाल के घर
दिल्ली में मतगणना से एक दिन पहले शुक्रवार 7 जनवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंचा. सक्सेना ने केजरीवाल के दावों की जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें आप प्रमुख ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आप विधायकों को पाला बदलने के लिए 15-16 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश कर रही है. एलजी ने यह आदेश तब दिया, जब भाजपा ने पत्र लिखकर जांच और एफआईआर की मांग की.
इस बीच, आप के कानून मामले के प्रमुख संजीव नसियार ने बताया, “एसीबी के अधिकारी अरविंद केजरीवाल के आवास से चले गए हैं. जब टीम यहां आई थी, तो उनके पास कोई नोटिस नहीं था, लेकिन किसी से निर्देश लेने के बाद हमें नोटिस दिया है.”
उन्होंने यह भी बताया कि आप नेता संजय सिंह की ओर से एसीबी कार्यालय में बाकायदा शिकायत दर्ज कराई गई है. इसके बावजूद उपराज्यपाल कार्यालय का दुरुपयोग किया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि भाजपा (दिल्ली विधानसभा) चुनाव हार रही है.”
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग खारिज की : कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ MUDA भूमि मामले में एक कार्यकर्ता की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका यह कहकर खारिज कर दी कि लोकायुक्त पुलिस की ओर से की जा रही जांच स्वतंत्र है. जस्टिस एम नागप्रसन्ना की पीठ ने लोकायुक्त पुलिस की रिपोर्ट देखते हुए कहा, “सीबीआई जांच प्रकल्पित बीमारी के लिए रामबाण नहीं है. और देखकर जांच एकतरफा या घटिया नहीं लगती.”
सांसद राशिद की तबीयत ज्यादा बिगड़ी : पिछले आठ दिन से जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे सांसद इंजीनियर राशिद की तबीयत शुक्रवार को ज्यादा बिगड़ गई. अवामी इत्तिहाद पार्टी (एआईपी) ने एक प्रेस बयान में कहा कि राशिद को चिकित्सा के लिए नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है. राशिद की स्वास्थ्य स्थिति बेहद चिंताजनक है. संसद के बजट सत्र में भाग लेने के लिए जमानत अनुरोध अस्वीकार किए जाने के बाद से बारामुल्ला के सांसद तिहाड़ जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जेल में बंद सांसद राशिद इंजीनियर की संसद में भाग लेने के लिए हिरासत में पैरोल की मांग वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. राशिद आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप में 2019 से जेल में बंद हैं. एनआईए के वकील ने पैरोल का विरोध करते हुए कहा कि राशिद को संसद में भाग लेने का कोई निहित अधिकार नहीं है. वहीं राशिद के वकील का कहना है वे जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. जब समावेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो प्रतिनिधित्व को न रोकें... उनका क्षेत्र संसद में प्रतिनिधित्व विहीन है.
सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटेगा ‘अडानी एंटरप्राइजेज’
‘नेशनल हेराल्ड’ की खबर है कि अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज को, जो पहले डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में शामिल थी, अब 7 फरवरी से सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा दी जाएगी. एसएंडपी डॉव जोन्स ने यह निर्णय मीडिया और हितधारकों द्वारा किए गए विश्लेषण के बाद लिया है. एसएंडपी डॉव जोन्स इंडेक्स के एक बयान में कहा गया, “अडानी एंटरप्राइजेज को लेखांकन धोखाधड़ी के आरोपों के कारण मीडिया और हितधारकों द्वारा किए गए विश्लेषण के बाद डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा दिया जाएगा.’’ एसएंडपी डॉव जोन्स इंडेक्स एलएलसी एक संयुक्त उपक्रम है, जो एसएंडपी ग्लोबल, सीएमई ग्रुप और न्यूज कॉर्प द्वारा 2011 में घोषित किया गया था और 2012 में लॉन्च किया गया था. डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज, जिसे डॉव जोन्स या सिर्फ डॉव के नाम से जाना जाता है, अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध 30 प्रमुख कंपनियों का एक स्टॉक-मार्केट इंडेक्स है और यह सबसे पुराने और सबसे सामान्य रूप से अनुसरण किए जाने वाले इक्विटी इंडेक्स में से एक है.
यह कदम बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) द्वारा अडानी समूह की तीन कंपनियों- अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकनॉमिक जोन और अम्बुजा सीमेंट्स को शॉर्ट-टर्म अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM) के तहत रखने के बीच उठाया गया है. “अडानी एंटरप्राइजेज को लेखांकन धोखाधड़ी के आरोपों के कारण मीडिया और हितधारकों द्वारा किए गए विश्लेषण के बाद डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से हटा दिया जाएगा,” एसएंडपी डॉव जोन्स इंडेक्स ने एक बयान में कहा. अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों ने हाल की ट्रेडिंग सत्रों में बीएसई और एनएसई पर मिलकर 8.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाया है.
बनासकांठा (गुजरात) में 33 वर्षीय दलित वकील मुकेश पारेचा ने अपने विवाह समारोह में घोड़े पर सवार होकर आने के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी, क्योंकि दलित दूल्हों की घुड़चढ़ी का पहले सवर्ण लोग विरोध कर चुके हैं. जिला पुलिस ने 145 कर्मियों की टीम तैनात की. ड्रोन भी इस्तेमाल किये गये. पर उसके तुरंत बाद दूल्हे के गाड़ी में बैठते ही कार पर पत्थरबाजी हो गई.
ट्रम्प के आईसीसी पर प्रतिबंधों के खिलाफ दर्जनों देशों का विरोध : ब्राजील, कनाडा, डेनमार्क, यूरोपीय संघ और जर्मनी सहित कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय पर ट्रम्प द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ अपनी चिंता जताई है. 'द गार्डियन' की खबर है कि इन देशों का कहना है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को कमजोर कर सकता है और वैश्विक न्याय प्रणाली को खतरे में डाल सकता है. विरोध करने वाले देशों ने कहा कि इस प्रकार के प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ हैं और वैश्विक मानवाधिकारों की सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं.
विश्लेषण
गाज़ा के लोगों के लिए न कोई राहत, न उम्मीद
गौरव नौड़ियाल
(5 फरवरी को गाजा स्ट्रिप के जबालिया में इज़राइली हवाई और जमीनी हमले से नष्ट हुई अपनी बेकरी के नीचे एक फिलीस्तीनी ब्रेड बेचते हुए. फ़ोटोग्राफ : अब्दुल करीम हाना/एपी)
दुनिया ने उस प्रतिष्ठित ईस्ट रूम, जहां कभी अब्राहम लिंकन का अंतिम संस्कार हुआ था और जहाँ पाब्लो कासल्स ने वायलिन बजाया था, वहां से बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रम्प के एक पूरे देश को निगल जाने के मंसूबों को लाइव टीवी पर देखा. नेतन्याहू ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में व्हाइट हाउस का दौरा करने वाले पहले विदेशी नेता बने. इस मुलाकात का इंतजार पूरी दुनिया का मीडिया कर रहा था. मामला फिलीस्तीन में सालभर से भी ज्यादा वक्त से चल रहे नरसंहार का है, जिसमें अब तक 47,583 लोगों की मौत हुई है और 111,633 फिलीस्तीनी घायल हुए हैं. सरकारी मीडिया कार्यालय ने मृत्यु दर को कम से कम 61,709 तक अपडेट किया है, यह कहते हुए कि मलबे में लापता हजारों लोग अब मृत मान लिए गए हैं. 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमलों में इज़राइल में कम से कम 1,139 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोग क़ैद किए गए. इसके बाद से ही इजरायल ने गाजा में नरसंहार मचाया हुआ है. व्यवस्थित ढंग से पहले पेयजल से गाजा वंचित हुआ, फिर स्कूलों को निशाना बनाया गया और अंत में अस्पताल नष्ट कर दिए गए.
फिलीस्तीन मुल्क के शहर गाजा से लेकर जेनिन तक, अब तबाही का मंजर ही पसरा है. कई लोगों के पास न छत है, न खाना और न ही पेयजल की व्यवस्था. इजरायल ने व्यवस्थित ढंग से गाजा को खंडहर में बदलने में पूरी भूमिका निभाई और अब ‘डोनाल्ड ट्रम्प का ख्वाब’ इस जमीन का भविष्य तय करेगा. डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजा पर कब्जे की बात 6 फरवरी को फिर दोहराई और "लड़ाई के समाप्त होने पर" गाजा की जमीन को संयुक्त राज्य अमेरिका को "हस्तांतरित" करने की बात कही है. अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में ट्रम्प ने लिखा, "गाजा पट्टी लड़ाई के खत्म होने पर इज़राइल द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंप दी जाएगी."
ट्रम्प ने ठीक वही बातें गाजा के संबध में भी कही हैं, जैसा अमरीका कभी अफगानिस्तान के लोगों से किया करता था! खुशहाली की बातें...शांति और अमन की बातें. गाजा को स्वर्ग बना देने की बातें, जहां दुनिया के लोग आकर बसें और गोल्फ खेलकर जीवन का लुत्फ लें! यहां तक सब सुंदर सा सुनाई देता है, लेकिन ट्रम्प के ख्वाबों के इस गोल्फ कोर्स में आम फिलीस्तीनी नहीं हैं. फिलीस्तीनी राष्ट्रपति ने कहा है कि वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस प्रस्ताव को नकारते हैं, जिसमें यूएस को गाज़ा पर कब्ज़ा करने और वहां रह रहे 2.1 मिलियन फिलीस्तीनी नागरिकों को पुनर्वासित करने की बात की गई थी. महमूद अब्बास ने जोर देकर कहा, "हम अपने लोगों के अधिकारों पर किसी भी तरह की आक्रमण की अनुमति नहीं देंगे..." और चेतावनी दी कि गाज़ा "फिलीस्तीनी राज्य का अभिन्न हिस्सा" है और जबरन विस्थापन अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन होगा.
ट्रम्प ने गाजा के लोगों को आस-पड़ोस के अरब देशों मसलन मिस्त्र और जॉर्डन में बसाने की बात कहते हुए, अरब देशों से फिलीस्तीनियों की 'अच्छी' देखभाल करने की बात कही है. ट्रम्प गाजा को "दुनिया के लोगों" के लिए फिर से विकसित करने की बात कहते हैं. एक रियल इस्टेट कारोबारी की ही तरह उनके सपनों का गाजा है, जो कि उनका मूल पेशा भी रहा है. प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा. ट्रम्प ने कहा कि गाजा "एक बदकिस्मत जगह" है. मानों वो किसी शापित जगह का जिक्र कर रहे हों.
गाजा का फैसला उन दो नेताओं की मीटिंग में हो रहा है, जिन पर गंभीर अपराधों के आरोप हैं. नेतन्याहू पर 2019 में रिश्वत, धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप लगे हैं, वहीं डोनाल्ड ट्रम्प पिछले साल 34 आपराधिक मामलों में दोषी पाए गए थे. इतना ही नहीं, नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने गाजा में युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट तक जारी किया है. हालांकि, कुछ ही घंटों पहले ट्रम्प ने इसका भी तोड़ निकाल लिया और एक आदेश जारी किया है जो आईसीसी के अधिकारियों को इजरायल के खिलाफ हर किस्म की जांच रोकने की धमकी देता है. ये एक नई चुनौती है, गाजा के अभी लंबे चलने वाले न्याय के रास्ते में!
ट्रम्प इससे पहले कनाडा को भी अमेरिका का 51वां राज्य बनाने का बेसिर पैर का सुझाव दे चुके हैं और उन्होंने डेनमार्क से ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा भी जताई है. पनामा नहर पर फिर से कब्जा करने की बात कही और मैक्सिको की खाड़ी को "ग़ल्फ ऑफ अमेरिका" कह दिया. इतना ही नहीं ट्रम्प ने तो अपनी उद्घाटन स्पीच में "मैनिफेस्ट डेस्टिनी" का हवाला देते हुए अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह पर अमेरिकी झंडा गाड़ने भेजने की बात तक कह दी थी. कुल मिलाकर जहां नजर पड़ रही है, वो सब अमेरिका को सौंप दे जैसा माहौल बनाया जा रहा है.
दुनियाभर में ट्रम्प की इस 'सनकपूर्ण घोषणा' को गाजा के लोगों के जातीय सफाए (एथनिक क्लींजिंग) के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, व्हाइट हाउस ने ट्रम्प के इस बयान से खुद को पीछे कर लिया है. इधर इजराइल ने तो अपनी आर्मी से गाजा के लोगों को निकलने में मदद करने तक की बात कह दी है और ऐसा ट्रम्प की गाजा पर नियत्रंण की ख्वाहिश के बाद हो रहा है.
फिलीस्तीन संकट और ट्रम्प-नेतन्याहू की योजना
डोनाल्ड ट्रम्प और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच गाजा पर चर्चा हुई. ट्रम्प ने गाजा को अमेरिका के नियंत्रण में लेने की योजना बनाई, जिसमें सभी फिलीस्तीनियों को गाजा से निकालने की बात कही.
यह विचार अमेरिका की सैन्य शक्ति और मिडिल ईस्ट की राजनीति को प्रभावित कर सकता है. ट्रम्प ने कहा कि गाजा का पुनर्विकास किया जाएगा और स्वर्ग जैसा बना दिया जाएगा, लेकिन यह बातें फिलीस्तीनियों के लिए विरोधाभासी हैं. ट्रम्प ने गाजा को एक "समृद्ध पर्यटन स्थल" बनाने की बात की, जो उनके दामाद जैरेड कुश्नर की विचारधारा से मेल खाती है.
ट्रम्प ने कहा कि गाजा को "मृत्यु और विनाश का प्रतीक" मानते हुए वहाँ के लोगों को विस्थापित किया जाएगा. इसके बाद यह योजना "जातीय सफाया" के रूप में देखी गई.
सऊदी अरब और अन्य देशों ने ट्रम्प की इस योजना का विरोध किया और हमास ने इसे "अराजकता और तनाव फैलाने वाला" बताया.
सऊदी अरब ने फिलीस्तीनियों के दो-राज्य समाधान पर बल दिया, जबकि ट्रम्प ने इसे "एक-राज्य या दो-राज्य" के तौर पर न देखने की बात कही.
ईरान भी अपनी सरहद के करीब आते इजराइल-अमरीका पर नजरें गड़ाए बैठा है.
मिस्र ने कहा है कि ट्रंप की योजना, जिसके तहत गाजा से लाखों फिलीस्तीनियों को विस्थापित करने की बात की जा रही है, "लड़ाई की वापसी को उकसाएगी".
जॉर्डन ने चेतावनी दी है कि यह मध्य पूर्व में अराजकता फैला सकता है और इज़राइल के साथ उसके शांति समझौते को खतरे में डाल सकता है.
ट्रम्प के फैसले से मिडिल ईस्ट की राजनीति और अमेरिकी सैन्य रणनीतियाँ प्रभावित हो सकती हैं.
इज़राइल ने ट्रम्प के समर्थन से गाजा और वेस्ट बैंक में अपनी सैन्य कार्रवाइयों को तेज़ किया.
इधर, हमास ने रूस से मदद की उम्मीद जताई, जिससे मिडिल ईस्ट के समीकरण और जटिल हो गए हैं. कुल मिलाकर गाजा के बादल पर सकंट के बादल उमड़-घुमड़कर लौट ही आ रहे हैं! नेतन्याहू तो ट्रम्प के 'पूरा फिलीस्तीन साफ' कर देने के ख्याल से ही लगता है, गदगद हो गए और उन्होंने ट्रम्प को "व्हाइट हाउस में इज़राइल का अब तक का सबसे अच्छा दोस्त" तक बताते हुए इस योजना को "ऐतिहासिक बदलाव" बताया है. हालांकि, अमरीका में ही हर कोई इस बात से गदगद नहीं है. डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस मर्फी ने ट्रम्प के इस प्रस्ताव पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा- "वह पूरी तरह पागल हो गए हैं." खैर, गाजा को लेकर उठे इस शोर के बीच फिलीस्तीनियों ने जरूर कभी भी अपना मुल्क न छोड़ने की सामूहिक कसमें खाई हैं.
चलते-चलते
बाज़ार का हिसाब जानने वाले बच्चे स्कूल के गणित में पिछड़े
बाजारों में सब्जियां या अन्य वस्तुएं बेचने जैसे हिसाब में होशियार बच्चे अक्सर स्कूली गणित में पिछड़ जाते हैं और स्कूली गणित में अच्छे नंबर लाने वाले बच्चे बाज़ार के गणित में गड़बड़ करते हैं. यह शोध नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्रियों अभिजीत बनर्जी और एस्तेर डुफ्लो ने किया है. 'द टेलीग्राफ' के लिए जीएस मुदुर की रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में यह बताया गया कि भारतीय स्कूलों में गणित की शिक्षा बच्चों को न तो उनके रोजमर्रा के लिए जरूरी समझदारी विकसित करती है और न ही उच्च कक्षाओं में सफलता के लिए जरूरी उच्च गणित की नींव रखती है. उदाहरण के तौर पर, 2023 में किए गए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में पाया गया कि कक्षा 11 और 12 में पढ़ रहे बच्चों में से केवल आधे बच्चे ही तीन अंकों वाली संख्या को एकल अंकों वाली संख्या से विभाजित कर सकते थे. इस सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि कक्षा 11 और 12 के केवल आधे बच्चे यह सही तरीके से गणना कर सकते थे कि एक बड़े बर्तन में कितने जल शुद्धीकरण टेबलेट चाहिए, यदि उन्हें छोटे बर्तन के लिए आवश्यक संख्या दी गई हो. यह अध्ययन पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता की ओर इशारा करता है, ताकि स्कूल गणित और वास्तविक जीवन की गणित के बीच बेहतर कनेक्शन बनाया जा सके. गणित शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव की आवश्यकता भारत में पिछले दो दशकों से महसूस की जा रही है, हालांकि इसे लागू करने की प्रक्रिया धीमी रही है.
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं ‘हरकारा’...शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, फेसबुक पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर.