08/05/2025 : 31 मौतें उधर, 10 इधर | फेक़ न्यूज की बाढ़ दोनों तरफ | सेक्युलर मास्टरस्ट्रोक | मसूद अज़हर के 14 | पैगासस पर हर्जाना | 22 नक्सली मारे गये | वर्मा को 9 तक समय | सर्व दलीय बैठक आज
‘हरकारा’ यानी हिंदी भाषियों के लिए क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज़्यादा!
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
आज की सुर्खियां :
भारत के पांच विमान मार गिराने का दावा किया
भारत का राफेल गिराने की बात फ्रांस में भी
तुर्की ने सीधे पाकिस्तान को चुना, चीन को भी भारत का हमला 'खेदजनक' लगा
टीवी पर झूठ बोल रहा था पाकिस्तान का मंत्री, पत्रकार ने आईना दिखा दिया
जंग की तरफ लेकर जाएगा ये तनाव?
तनाव का चीनी रक्षा कंपनियों को फायदा, शेयरों में उछाल
मकान तोड़ने का विरोध करने वाला कश्मीरी पत्रकार गिरफ्तार
राठौर ने किया एफआईआर के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया
रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास
मसूद अज़हर के परिवार के 14 करीबियों की मौत
पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अज़हर ने स्वीकार किया है कि बहावलपुर में उसके आतंकवादी संगठन के मुख्यालय पर भारत के हमले में परिवार के 10 सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए. पीटीआई ने अजहर के हवाले से कहा है कि बहावलपुर में जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह शिविर पर हमले में मारे गए लोगों में जैश प्रमुख की बड़ी बहन और उसका पति, एक भतीजा और उसकी पत्नी, एक और भतीजी और उसके विस्तारित परिवार के पांच बच्चे शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि इस हमले में अजहर के एक करीबी सहयोगी और उसकी मां के अलावा उसके दो अन्य करीबी साथियों की भी मौत हो गई है.
1999 में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के यात्रियों के बदले में भारत ने अजहर को रिहा किया था. वह देश में विदेशी पर्यटकों के अपहरण के लिए भारत में जेल की सजा काट रहा था. अप्रैल 2019 से अजहर को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है. माना जाता है कि अजहर बहावलपुर में एक ‘सुरक्षित स्थान’ पर छिपा हुआ है. यह समूह भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है, जिसमें 2001 में संसद पर हमला, 2000 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला, 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हमला और 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमला शामिल है.
पाकिस्तानी मीडिया
भारत के पांच विमान मार गिराने का दावा किया
पाकिस्तानी उर्दू मीडिया ‘एआरवाई न्यूज’, ‘जंग’, ‘उर्दू प्वांइंट’ समेत ‘बीबीसी उर्दू’ आदि ने रिपोर्ट की है कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के पांच विमान मार गिराये हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ तथा उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने भारतीय हमले के जवाबी कार्रवाई में पांच भारतीय विमानों को मार गिराया है, जबकि 3 ड्रोन और कई क्वाडकॉप्टर भी नष्ट कर दिए हैं. मार गिराये गये विमानों में 3 राफेल और एक मिग है. डीजी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इस बात की पुष्टि की कि भारतीय हमलों में 26 पाकिस्तानी मारे गए और 46 घायल हुए हैं. यह भी कहा कि भारतीय हमले से पाकिस्तान वायु सेना के सभी विमान और संपत्ति सुरक्षित हैं.
एआरवाई न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान ने जवाबी हमले में भारत की कई चौकिंयों को नष्ट कर दिया. मंडल सेक्टर में श्री टॉप पर भारतीय चौकी को नष्ट कर दिया. चिरिकोट के सामने स्थित जाबरी चौकी को भी नष्ट कर दिया. इससे पहले 12वीं ब्रिगेड उरी सेक्टर में भी नुकसान उठाना पड़ा, जबकि एलओसी के बट्टल सेक्टर में धर्मसाल की चौकी 1 और 2 चौकी तबाह हो गईं. सूत्रों के अनुसार, नियंत्रण रेखा के पार नेजा पीर सेक्टर में भारतीय सेना की शाहपुर 3 चौकी भी नष्ट कर दी गई. पाकिस्तानी सेना ने भारत की चौकियों को मोर्टार के गोले से निशाना बनाया.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारत की योजनाओं के बारे में पहले से जानकारी थी. भारत ने कल रात पूरी तैयारी के साथ हमला किया, जिसमें उसके 80 विमानों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को अपने राफेल विमानों पर बहुत गर्व है. पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने तुरंत हमला कर दिया और तीन राफेल विमानों सहित पांच भारतीय विमानों को मार गिराया. पाकिस्तान ने सावधानी से काम लिया, अन्यथा 5 की जगह 10 भारतीय विमान मार गिराए जाते. जो लोग कहते थे कि पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध में पिछड़ रहा है, उन्हें कल रात होश आ गया.
शाहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान 24 करोड़ की आबादी वाला देश है, जो परमाणु शक्ति संपन्न है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रतिक्रिया दी गई है, अब अन्य देश भी पाकिस्तान की ओर देखेंगे और मदद का अनुरोध करेंगे. उनहोंने कहा कि इससे पहले 29 और 30 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय राफेल विमानों का संचार बाधित कर दिया था, जिसके बाद वे कुछ समझ नहीं पाए और उन्हें वापस श्रीनगर में उतरना पड़ा.
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और सीनेटर इशाक डार ने बताया, “हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करा दिया है. कल रात घटना के तुरंत बाद विदेशी राजदूतों से बात की. हमने पहल नहीं की, बल्कि आक्रमण का जवाब दिया.”
पाकिस्तानी वेबसाइट जंग की खबर के अनुसार, नियंत्रण रेखा पर भारी क्षति उठाने के बाद भारत ने जुरा सेक्टर में सफेद झंडा फहराया और हार स्वीकार कर ली. डीजी आईएसपीआर ने स्वीकार किया कि भारत ने 6 जगहों पर हमला किया. उन्होंने कहा कि अहमदपुर शर्किया में सुभान अल्लाह मस्जिद को निशाना बनाया गया- हमले में 13 नागरिक मारे गए. मुरीद मस्जिद को निशाना बनाया गया- 3 लोग मारे गए और एक घायल हो गया. मुजफ्फराबाद पर हमले में 3 नागरिक मारे गए. सियालकोट और शकरगढ़ में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. मस्जिदों और इबादतगाहों को निशाना बनाना भारतीय संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है. डीजी आईएसपीआर का कहना है कि पाकिस्तानी वायुसेना के विमान हवा में हैं, यह हमला भारतीय हवाई क्षेत्र से किया गया, दुश्मन हमारे हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सका.
इस बीच आज दोपहर बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों को उचित कार्रवाई करने का पूरा अधिकार दे दिया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की दो घंटे चली इस बैठक में संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष और सभी सेना प्रमुखों ने भाग लिया.
पाक उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि भारत का जलाशयों पर हमला सबसे गंभीर उल्लंघन है, संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद को सभी तथ्यों से अवगत करा दिया गया है. भारतीय महावाणिज्य दूत को तलब कर आपत्ति जताई गई है. हम संयुक्त राज्य अमेरिका समेत सभी देशों के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पहलगाम घटना की स्वतंत्र जांच की पेशकश की है, लेकिन अभी तक उसे सकारात्मक जवाब नहीं मिला है. यदि हमारे हाथ साफ नहीं होते तो हम यह स्वतंत्र जांच पेश नहीं करते. हमने पहल नहीं की, न ही हमला किया.
पाकिस्तानी वेबसाइट उर्दू न्यूज के अनुसार, यह ध्यान देने योग्य बात है कि भारत ने अभी तक विमान को मार गिराए जाने के संबंध में आधिकारिक रूप से कोई रुख नहीं अपनाया है. हालाँकि, कश्मीर में चार स्थानीय सरकारी सूत्रों ने रॉयटर्स को पुष्टि की कि तीन युद्धक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं.
बीबीसी उर्दू की खबर है कि पाकिस्तान पर भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान अपने समय, स्थान और अपने तरीके से जवाब देने का अधिकार रखता है और पाकिस्तानी सेना को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है." दूसरी ओर, भारत का कहना है, “आगे के हमलों के खतरे को रोकने के लिए पाकिस्तान में सोची-समझी कार्रवाई की गई, जिसका उद्देश्य तनाव बढ़ाना नहीं है.”
भारत का राफेल गिराने की बात फ्रांस में भी
गार्डियन लाइव ब्लॉग के अनुसार, एक उच्च पदस्थ फ्रांसीसी खुफिया अधिकारी ने कहा है कि भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा संचालित एक राफेल लड़ाकू विमान को पाकिस्तान ने मार गिराया है. पाकिस्तान ने भारतीय हमले की जवाबी कार्रवाई में पांच भारतीय वायुसेना के जेट विमानों को मार गिराने का दावा किया है, जिसमें फ्रांस में निर्मित तीन अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान राफेल भी शामिल हैं. फ्रांसीसी खुफिया अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि फ्रांसीसी अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या रात में पाकिस्तान द्वारा एक से अधिक राफेल जेट मार गिराए गए. इस समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार होगा, जब कोई राफेल युद्ध में नष्ट हुआ है.
तुर्की ने सीधे पाकिस्तान को चुना, चीन को भी भारत का हमला 'खेदजनक' लगा
हिंदुन्स्तान टाइम्स की रिपोर्ट है कि तुर्की और अज़रबैजान के विदेश मंत्रालयों ने बुधवार को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में स्थित "आतंकी ढांचों" को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान के समर्थन में अलग-अलग बयान जारी किए. तुर्की उन कुछ देशों में से एक था, जिसने भारत के उस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान का समर्थन किया. तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक्स (X) पर एक बयान जारी कर कहा, “हम पाकिस्तान और भारत के बीच हो रहे घटनाक्रमों को लेकर चिंतित हैं. भारत द्वारा बीती रात (6 मई) किया गया हमला पूर्ण युद्ध के खतरे को बढ़ाता है. हम ऐसे उकसावे भरे कदमों की निंदा करते हैं, साथ ही नागरिकों और नागरिक ढांचों को निशाना बनाए जाने वाले हमलों की भी निंदा करते हैं.” हमले के तुरंत बाद अज़रबैजान ने भी पाकिस्तान के खिलाफ हुई हिंसा की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया. अपने बयान में अज़रबैजान ने कहा, “अज़रबैजान गणराज्य, भारत गणराज्य और इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंता व्यक्त करता है. हम इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के खिलाफ किए गए सैन्य हमलों की निंदा करते हैं, जिनमें कई नागरिक मारे गए और घायल हुए. पाकिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, हम निर्दोष पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.”
पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- "चीन को आज सुबह भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई खेदजनक लगी. हम मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के पड़ोसी हैं और हमेशा रहेंगे. वे दोनों चीन के भी पड़ोसी हैं. चीन आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है. हम दोनों पक्षों से अपील करते हैं कि वे शांति और स्थिरता के व्यापक हित में शांत रहें, संयम बरतें और ऐसे कदम उठाने से बचें, जो स्थिति को और जटिल बना सकते हैं."
जब व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने इन हमलों को लेकर सवाल किया, तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत की कार्रवाई को “शर्मनाक” बताया. उन्होंने कहा, “यह शर्म की बात है कि हमें इसके बारे में अभी पता चला... मेरा मानना है कि कुछ लोगों को पहले से अंदेशा था कि कुछ होने वाला है, बीते समय को देखते हुए. वे काफी समय से लड़ते आ रहे हैं. वे कई दशकों से लड़ रहे हैं... मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्द खत्म हो.”
ब्रिटेन ने कहा कि वह दोनों देशों को तनाव कम करने में मदद के लिए तैयार है. कश्मीर, जो 1947 में ब्रिटिश विभाजन के बाद से विवादित क्षेत्र बना हुआ है, फिर से केंद्र में है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा, “ब्रिटेन के दोनों देशों के साथ गहरे और विशिष्ट संबंध हैं. मैंने भारत और पाकिस्तान के अपने समकक्षों से स्पष्ट कर दिया है कि अगर यह तनाव और बढ़ा, तो किसी की भी जीत नहीं होगी.”
दिन भर दोनों तरफ से फेक न्यूज़ की जंग
7 मई की सुबह भारत की ओर से पाकिस्तानी हमले के बाद स्थितियां दोनों मुल्कों के भीतर केवल जमीन पर ही नहीं बदली हैं, बल्कि मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज का हमला भी दोनों ओर से बढ़ गया है. भारत के मुख्यधारा की स्थापित टीवी एंकर रुबिका लियाकत ने जहां गाजा का एक पुराना वीडियो जारी कर इसे पाकिस्तान का बताकर प्रसारित किया, वहीं पाकिस्तान की ओर से भी ऐसे ढेरों वीडियोज और तस्वीरों की बाढ़ आ गई. भारत और पाकिस्तान की ओर से एक-दूसरे पर किए गए हमले के बाद दोनों ओर की मीडिया अपने-अपने मुल्क की ओर से प्रोपेगेंडा वॉर में उलझी नजर आई है.
पाकिस्तान ने तो भारत के 5 जेट गिराने तक की बात कही और बाकायदा इस बात को 'राइटर्स' जैसे नामी इंटरनेशनल मीडिया आउटलेट ने अपने यहां जगह दी है. हालांकि, भारत की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. भारत की ओर से पाकिस्तान के दो जेट गिराने का दावा जी न्यूज की ओर से आया और एक जेट की बात तो ‘इंडिया न्यूज’ ने भी दिखाई. हालांकि, पाकिस्तान ने भी ऐसी किसी हानि से इनकार किया है.
मोहम्मद जुबैर ने अपने एक्स पर आज कई प्रोपेग्रेंडा वीडियोज, हैंडल और खबरों को फिर बेनकाब किया है. इनमें कई ऐसे प्रोपेगेंडा हैंडल भी थे, जो भारतीय विमानों के गिरने की फेक न्यूज फैला रहे थे और जिसे पाकिस्तानी मीडिया का बड़ा चेहरा हामिद मीर बाकायदा सत्यापित करते दिखे.
'ऑल्ट न्यूज़' ने ही पाकिस्तानी हमले में भारतीय लड़ाकू विमान गिराए जाने के दावे की भी हवा निकाल दी. ये वीडियो रिपब्लिक भारत का पुराना वीडियो निकला. वायरल वीडियो के हिंदी ऑडियो में कहा गया- “एक भारतीय जगुआर विमान को पाकिस्तान ने मार गिराया… हमला करते समय भारत ने यह विमान खो दिया… पाकिस्तानी जेट ने इसे हवा में ऑपरेशन के दौरान गिराया…” यह क्लिप X (पूर्व में ट्विटर) पर कई प्रो-पाकिस्तानी अकाउंट्स जैसे @ShamaJunejo, @DI313_, और @Defence_PK99 द्वारा साझा की गई और दावा किया गया कि भारतीय मीडिया ने इस विमान गिरने की पुष्टि की है. हालांकि इस वीडियो की जांच में सामने आया कि इसमें दिखाए गए विमान हादसे के दृश्य अप्रैल 2025 के जामनगर IAF जगुआर क्रैश के हैं, न कि मई 2025 के किसी ताजा ऑपरेशन से जुड़े.
ऐसे ही एक अन्य पोस्ट में जुबैर ने लिखा - 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान द्वारा भारत पर जवाबी कार्रवाई बताकर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है.
दावा है कि पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल से हमला कर दिया. जबकि ये वीडियो 2020 का है और बेरूत बंदरगाह पर हुए विस्फोट से जुड़ा है.' कुल मिलाकर आप यहां, यहां, यहां, यहां और यहां या फिर यहां भी जुबैर की एक्स पोस्ट देखेंगे तो पाएंगे मानों सेना के साथ ही एक जंग दोनों मुल्क के युद्धोन्मादी और प्रोपेगेंडिस्ट भी लड़ रहे हैं. बहरहाल, जुबैर ने केवल फेक न्यूज को ही बेनकाब नहीं किया, बल्कि राजनीतिक हस्तियों को आईना दिखाकर भी बेनकाब किया है. बीबीसी ने भी कई फेक न्यूज का पर्दाफाश किया है.
टीवी पर झूठ बोल रहा था पाकिस्तान का मंत्री, पत्रकार ने आईना दिखा दिया : पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार को लाइव टेलीविजन पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब स्काई न्यूज की एंकर यल्दा हकीम ने उन्हें उनकी सरकार के रिकॉर्ड के साथ आतंकवादी समूहों का समर्थन करने पर तथ्य-जांच किया.
स्क्रोल के मुताबिक आज दिल्ली में भारत सरकार की प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत एक वीडियो से हुई, जिसमें 2001 से अब तक भारत में हुए प्रमुख आतंकी हमलों के फुटेज दिखाए गए - जैसे संसद हमला (2001), अक्षरधाम हमला (2002), मुंबई हमला (2008), उरी (2016), पुलवामा (2019) और पहलगाम हमला (2025). लेकिन इस वीडियो में एक बड़ी गलती सामने आई. पुलवामा हमले के रूप में दिखाया गया क्लिप असल में इराक में 2007 में हुए एक विस्फोट का था, जिसे 2008 में यूट्यूब पर अपलोड किया गया था. इस क्लिप को पहले भी कई मीडिया संगठनों ने फैक्ट-चेक किया था. भारत के पाकिस्तान पर हमले के बाद सोशल मीडिया पर सबसे विवादित मुद्दा यह बना हुआ है कि क्या पाकिस्तान ने भारतीय विमान मार गिराया. इस पर बड़ी मात्रा में भ्रामक जानकारी, खासकर पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा, फैलाई जा रही है. प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) और द हिंदू ने भी एक वीडियो शेयर किया, जिसे भारतीय हमलों का बताया गया, लेकिन वह असल में 2023 में गाज़ा पर इज़रायली हमलों का वीडियो था. पत्रकार आदित्य राज कौल ने इस वीडियो को सबसे पहले एक्स पर पोस्ट किया था, जो अब “संदर्भ से बाहर” के तौर पर फ्लैग किया गया है. अभी तक न कौल, न PTI और न ही हिंदू ने यह वीडियो हटाया है.
पाकिस्तानी गोलाबारी में 10 भारतीयों की मौत
पहलगाम हमले के जवाब में 7 मई की सुबह भारत की ओर से पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत के कई इलाकों पर हमले किए हैं, जिनमें आम नागरिक मारे गए हैं. 'द हिन्दू' की रिपोर्ट है कि 7 मई की सुबह पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारी गोलीबारी और गोला-बारी की, जिसमें कम से कम 10 नागरिकों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. यह घटना 'ऑपरेशन सिंदूर' के कुछ ही घंटों बाद हुई, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे. भारतीय अधिकारियों के अनुसार, सेना ने पाकिस्तान की इस गोलाबारी का उचित और करारा जवाब दिया, जिसमें दुश्मन की कई चौकियां तबाह कर दी गईं और उन्हें भारी नुकसान हुआ. सबसे ज़्यादा नुकसान जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुआ, जहां सभी नागरिक मौतें दर्ज की गईं. अधिकारी बताते हैं कि घायलों में कुछ की हालत गंभीर है. गोलाबारी इतनी भीषण थी कि सीमा के गांवों में दहशत फैल गई और लोग बंकरों में छिपने या सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हो गए. प्रभावित क्षेत्रों में बालाकोट, मेंधर, मनकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केर्नी और पुंछ जिला मुख्यालय शामिल हैं. गुलविंदर नाम के एक्स हैंडल ने हमले के बाद पुंछ के वीडियो जारी कर अपना दु:ख प्रदर्शित करते हुए लिखा- 'ये उनके लिए जो कह रहे थे - 'कब शुरू होगी.. लो हो गई शुरू...'
पाकिस्तान ने यह भी बताया कि नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारतीय गोलाबारी में पांच और लोगों की मौत हो गई.
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपनी सुबह की प्रेस विज्ञप्ति में यह उल्लेख किया कि उसने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया, बल्कि उसकी कार्रवाई "केंद्रित, मापी गई और गैर-उत्तेजक प्रकृति की थी" और सशस्त्र बलों ने "लक्ष्य चयन और कार्यान्वयन की विधि में पर्याप्त संयम का प्रदर्शन किया."
आज सुबह सशस्त्र बलों की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान – जिसमें सेना और वायु सेना से एक-एक महिला अधिकारी ने नेतृत्व किया – विदेश सचिव विक्रम मिसरी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि भारत की पहलगाम में जांच में आतंकवादियों और पाकिस्तान में उनके संपर्कों के बीच संचार रिकॉर्ड मिले हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हमले पूर्व-ख़तरनाक थे और खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए थे, जिसमें पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा भारत में और हमलों की योजना बनाई जा रही थी.
भारतीय पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तानी जवाबी कार्रवाई में कम से कम 31 नागरिकों की जान गई कई अन्य घायल हुए हैं.
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री शरीफ ने की, ने कहा कि भारतीय हमले “काल्पनिक आतंकी शिविरों की झूठी सूचना के बहाने” किए गए और इनमें जानबूझकर नागरिक ढांचे को निशाना बनाया गया, जिनमें मस्जिदें भी शामिल थीं. बयान में कहा गया, “इन अनुचित और बिना उकसावे वाले हमलों में निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की शहादत हुई.”
इस्लामिक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दावा किया कि भारतीय हमले में उसके प्रमुख मसूद अज़हर के दस रिश्तेदार और चार सहयोगी मारे गए.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोप की अपनी नियोजित यात्रा रद्द कर दी है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि "अगर भारत पीछे हटता है, तो हम निश्चित रूप से इस तनाव को समाप्त कर देंगे." उन्होंने ब्लूमबर्ग टेलीविजन को दिए एक साक्षात्कार में आगे कहा, "लेकिन जब तक हम पर हमला किया जा रहा है, गोलाबारी हो रही है, हमें जवाब देना होगा, हमें अपनी रक्षा करनी ही होगी."
भारत और पाकिस्तान दोनों ही जगह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के चलते उड़ानें प्रभावित हुई हैं. भारत में कई एयरपोर्ट को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है, जबकि कई वाणिज्यिक एयरलाइनों ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से बचने के लिए उड़ानों का मार्ग बदल दिया है या उन्हें रद्द कर दिया है.
अस्पताल पहुंचाना भी मुश्किल : पाकिस्तान की ओर से जारी गोलाबारी के कारण घायलों को अस्पताल ले जाना भी एक बड़ी चुनौती बन गया. यहां तक कि पुंछ बस स्टैंड भी गोलीबारी की चपेट में आया और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए.
उत्तर भारत के 13 हवाई अड्डों पर उड़ानें 10 मई तक रद्द कर दी गई हैं. साथ ही जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी और पुंछ जिलों के सभी स्कूल और कॉलेज 7 मई को बंद रखने का आदेश दिया गया है.
पाकिस्तान में मौत का आंकड़ा बढ़कर 31
'द गार्डियन' की रिपोर्ट है कि पहलगाम हमले की जवाबी कार्रवाई में भारत द्वारा पाकिस्तान के अंदर कथित "आतंकी ढांचे" के नौ ठिकानों पर हमला करने के बाद कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं. 46 लोग घायल हुए हैं. भारत ने इस हमले को "ऑपरेशन सिंदूर" नाम दिया है, जो अप्रैल में पहलगाम की बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों की विधवाओं की निशानी सिंदूर की ओर इशारा करता है. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने “जवाबी कार्रवाई का अधिकार” प्रयोग किया है, यह कहते हुए कि “हमने सिर्फ उन्हें मारा जिन्होंने हमारे निर्दोषों को मारा था.”
पाकिस्तान ने इन हमलों को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया है और दावा किया है कि उसने भारतीय वायुसेना के 5 विमान मार गिराए हैं. हालांकि, भारत की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है. बिलावल भुट्टो आज अपनी संसद में छाए रहे और लगातार अपनी सरकार पर भारत पर कार्रवाई करने का दबाव बनाते रहे. भुट्टो ने कहा कि भारत की इकॉनमी जितनी बड़ी है, झटका भी उतना बड़ा लगेगा. पाकिस्तान संसद में भारत के हमले पर चर्चा भी चली है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के कार्यालय ने कहा कि देश की सशस्त्र सेनाओं को "जवाबी कार्रवाई" के लिए अधिकृत किया गया है.

एक्सप्लेनर
जंग की तरफ लेकर जाएगा ये तनाव?
सौतिक बिस्वास ने बीबीसी में मंगलवार रात के हमलों के बाद कुछ सवालों पर बात की है.
क्या यह हमला तनाव का एक नया स्तर है?
हाँ, यह निश्चित रूप से एक नया स्तर प्रतीत होता है. 2016 में उरी हमले के बाद भारत ने एलओसी पार "सर्जिकल स्ट्राइक" की थी, और 2019 में पुलवामा बमबारी के बाद बालाकोट में हवाई हमले किए गए थे, जो 1971 के बाद पाकिस्तान के अंदर पहली ऐसी कार्रवाई थी. विशेषज्ञों का कहना है कि पहलगाम हमले का बदला अपनी व्यापकता के लिए अलग है, जिसमें एक साथ तीन प्रमुख पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी समूहों के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया. भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर जैसे गहरे ठिकानों पर भी हमला किया, जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार है, न कि केवल एलओसी के पार. यह दर्शाता है कि भारत अब कई समूहों को अपने निशाने पर ले रहा है और एक व्यापक संदेश भेज रहा है. लक्ष्य स्पष्ट रूप से "प्रतिरोधक क्षमता को पुनः स्थापित करना" है.क्या यह एक व्यापक संघर्ष में बदल सकता है?
अधिकतर विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई लगभग तय है. असली चुनौती अगले स्तर के तनाव को प्रबंधित करने में होगी, जहाँ संकटकालीन कूटनीति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. कुछ विश्लेषकों को चिंता है कि दोनों ओर से सर्जिकल स्ट्राइक "एक सीमित पारंपरिक युद्ध" में बदल सकती है. भारत के हमलों के पैमाने और रिपोर्ट की गई क्षति को देखते हुए, पाकिस्तान के लिए चुप रहना मुश्किल होगा, क्योंकि ऐसा करना भारत को भविष्य में जब भी दिल्ली नाराज़ महसूस करे, हमला करने की अनुमति देने जैसा होगा. यह संकट 2002 के बाद से सबसे खतरनाक भारत-पाकिस्तान संकट बताया जा रहा है.क्या पाकिस्तानी जवाबी कार्रवाई अब अनिवार्य है?
पाकिस्तान के विशेषज्ञ ध्यान दिलाते हैं कि भारत के हमले से पहले युद्ध उन्माद की कमी के बावजूद, स्थिति तेजी से बदल सकती है. पाकिस्तान का राजनीतिक समाज गहराई से विभाजित है, और देश के सबसे लोकप्रिय नेता जेल में हैं, जिससे सेना विरोधी जन भावनाएँ उभरी हैं. यह मौजूदा संकट पाकिस्तानी सेना के लिए जनता का समर्थन पुनः प्राप्त करने का एक अवसर हो सकता है, खासकर शहरी मध्य वर्ग से. पाकिस्तानी मीडिया पहले से ही सेना की सक्रिय रक्षा मुद्रा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है, जो बाहरी खतरे के समय राष्ट्रीय रक्षा आख्यानों के इर्द-गिर्द जुटने वाली जनता के बीच सेना की छवि को मजबूत करेगा.क्या भारत और पाकिस्तान इस कगार से पीछे हट सकते हैं?
भारत एक बार फिर तनाव बढ़ाने और संयम बरतने के बीच एक महीन रेखा पर चल रहा है. पहलगाम हमले के बाद, भारत ने तेजी से मुख्य सीमा चौकी को बंद कर दिया, जल-साझाकरण संधि को निलंबित कर दिया, राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अधिकतर वीजा रोक दिए. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 1972 की शांति संधि को निलंबित कर दिया और अपने जवाबी कदम उठाए. 2019 में बालाकोट संकट के बाद कूटनीतिक माध्यमों से तनाव कम हुआ था, जब पाकिस्तान ने भारतीय पायलट को सद्भावना संकेत के रूप में रिहा किया था. हालांकि, मौजूदा स्थिति में तनाव कम होने की उम्मीदें पहले की तुलना में कमज़ोर दिखती हैं, पर पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं.
विश्लेषण
रातों रात सेक्युलर हो जाने का मास्टर स्ट्रोक!
निधीश त्यागी
(करीब छह माह पहले ‘हरकारा’ जब शुरू किया था, तो पता नहीं था कि आज की ही तरह के दिन वह इतने काम का साबित होगा. जब शोर और ताप इतना ज्यादा हो कि पते की बात करना सबसे मुश्किल हो जाए)
एक जंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लड़ी जा रही है. जैसे जंग नहीं हो. कोई वीडियो गेम हो. फेक न्यूज से पटा पड़ा है सोशल मीडिया और झूठ कितनी तेज़ी से वायरल हुआ जाता है. जिसके जो मन में आ रहा है बोल रहा है. कहीं का फुटेज, कहीं का ग्राफिक, कोई भी एआई. प्यार और जंग में सब जायज है, पता नहीं कब किसने कहा था. सिवा सच के. और सच यह है कि हम जंग के मुहाने पर खड़े हैं.
हम एक मुस्लिम महिला कर्नल सोफिया कुरैशी को पाकिस्तान पर भारतीय हमले की ब्रीफ देता देख रहे हैं. भारत की सरकार यकायक रातोरात सेक्युलर हो गई है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पहलगाम में आतंकवादियों का उद्देश्य भारतीय समाज में कलह फैलाना था. मिसरी ने कहा, "हमले का तरीका भी जम्मू और कश्मीर तथा देश के बाकी हिस्सों, दोनों में, सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काने के उद्देश्य से किया गया था." उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख करते हुए कहा कि कई पुरुष पर्यटकों से उनका धर्म पूछने के बाद उन्हें गोली मार दी गई थी, जिसमें गैर-मुसलमानों को निशाना बनाया गया था. "इसका श्रेय भारत सरकार और भारत की जनता को जाता है कि इन मंसूबों को नाकाम कर दिया गया."
आज हमारे विदेश सचिव का यह कहना कि पहलगाम का आतंकवादी हमला भारत में सांप्रदायिकता फैलाने के मकसद से था. भई वाह. तो अब तक क्या चल रहा था. हम हाल तक हिंदू औरतों से मंगलसूत्र छीन रहे थे और अब सिंदूर का बदला ले रहे थे. हाल तक हम उन्हें पंचर वाला बता रहे थे. उन्हें सड़क पर नमाज पढ़ने से रोक रहे थे, उनके घरों पर बुलडोजर चला रहे थे, और हिंदू कांवड़ियों पर पुलिस से फूल बरसवा रहे थे और उनके रास्ते बनाने के लिए पेड़ काट रहे थे. हम योगी आदित्यनाथ, यति नरसिंहानंद, निशिकांत दुबे, कपिल मिश्रा, नुपुर शर्मा को यकायक भूल रहे हैं. मस्जिदों पर नाचते लोगों को देख रहे हैं, विशाखापटनम की कराची बेकरी (क्या बेहतरीन फ्रूट बिस्कुट होते हैं उनके साहब!) पर चढ़ रहे हैं, हम काल्पनिक गोमांस के नाम पर असली हा़ड़़ मांस के लोगों को मार सकते हैं. हम उनका जीना, रहना, पढ़ना, रोजगार करना मुश्किल किये दे रहे हैं. हम उन्हें कश्मीरी कह कर दुरदुरा रहे हैं. हमारी पुलिस लाठियां मार कर दम तोड़ते हुए नौजवान से जन गण मन… गाने को कह रही है. हम होली के दिन जुमे की नमाज पढ़ने के लिए बाहर निकलने से रोकते हैं.
मिसरी का ये बयान काम का है. अगर सचमुच उन आतंकवादियों का यही एजेंडा है, तो किन लोगों से मिलता–जुलता है. कौन चाहता है कि भारत के हिंदू और मुस्लिम में फूट, नफरत, बैर और हिंसा का जहर बोना. क्या इसके लिए आतंकवादियों की जरूरत है? या फिर पाकिस्तान की. अगर मिसरी की बात सही है (जो कि है) तो फिर ये सारे सरकारी जमूरे ऐसा तमाशा क्यों और किसकी शह पर किये जा रहे हैं.
कल तक जो जय श्री राम कह कर मार रहे थे, और मार कर कहलवा रहे थे, आज जय हिंद कह रहे हैं. वे कह रहे हैं, कि कर्नल सोफिया कुरैशी से आर्मी की प्रेस कांफ्रेस करवाना भारत की तरफ से मैसेजिंग का मास्टर स्ट्रोक है. वह एक बेहतरीन अफसर हैं और कई पीढ़ियों से उनका परिवार फौज में काम करता रहा है. गुजरात से हैं. यह कुशल रणनीति बताई जा रही है, पर देखा जाए तो टुच्ची चतुराई ही है. जिसे कम्युनिकेशन में ऑप्टिक्स कहा जाता है. सवाल यह नहीं है कि कर्नल कुरैशी भारत की तरफ से खड़ी हैं. यह भी नहीं कि मुसलमान और कश्मीर भारत के साथ मजबूती से खड़ा है. सवाल ये है कि क्या इस देश का हर हिंदू हर भारतीय के साथ खड़ा है? वह हिमांशी नरवाल जैसे उन हिंदुओं के साथ खड़ा है, जो इतने मुश्किल और नाजुक पल में भी लोगों से हिंदू-मुस्लिम नहीं करने की अपील कर रही थी.
जिन्हें ये लगता है कि इस ऑप्टिक्स के जरिये हम अपनी, अपने देश की, सरकार की, सत्तारूढ़ दल की, उसकी पैतृक संस्था की हकीकत को भूल जाएंगे, अविश्वसनीय तौर पर चरम कल्पनाशील आशावाद हैं, कि हम एक नये शोर से पुराने शोर को भूल जाएंगे. कि हम खुफिया विभाग की चूक और सुरक्षा भूलों पर सवाल करना छोड़ देंगे और उनके जवाबदेह लोगों से हिसाब मांगना भी. इसलिए कि ये लड़ाई किसी और देश की नहीं है. हमारी अपनी है, जिसे और कोई ठीक नहीं कर सकता.
हम शोर के बदले शोर हुए जा रहे हैं. अभी यह पता नहीं कि ये लड़ाई यहीं रुकेगी या जंग में बदलेगी? कितने देश हैं, जो भारत के पक्ष में हैं. कितने जो पाकिस्तानी हाथ होने का सुबूत मांग रहे हैं. कितने जो भारत के दावों को जस का तस मान लेने से हिचक रहे हैं. हम ये नहीं देख पा रहे कि इस जंग को हम किस तरह से खत्म करना चाहेंगे. कितने देश हैं, जो पाकिस्तान की तरफ हाथ आगे बढ़ा चुके हैं. जिन्हें भारत की तरफ होना चाहिए था, जिन्हें दखल देकर इस तनाव और ताप को कम रखना था, वे इस वक्त अपनी लुटिया डुबाने में मगन दिखलाई देते हैं.
ये क्रिकेट मैच नहीं है. वीडियो गेम भी नहीं. इसके गहरे और गंभीर हश्र हैं.
तनाव का चीनी रक्षा कंपनियों को फायदा, शेयरों में उछाल
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के चलते बुधवार को चीनी रक्षा-विनिर्माण कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई. इस तनाव ने चीनी मुख्यभूमि के निर्यातकों के लिए बेहतर संभावनाओं का संकेत दिया है. पाकिस्तान, जिसने J-10C लड़ाकू जेट सहित अपने अधिकांश रक्षा उपकरण चीन से आयात किए हैं, ने पांच भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया, जिसमें एक फ्रांसीसी राफेल जेट भी शामिल है. इस दावे के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गईं कि इस संघर्ष में चीनी रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया होगा, क्योंकि पाकिस्तान हाल के दिनों में चीनी हथियारों के आयात पर काफी हद तक निर्भर रहा है.
मुख्यभूमि चीन में चीनी रक्षा कंपनियों के सूचकांक में 1.6% की उछाल आई और यह दो सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. J-10C लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट कंपनी के शेयरों में सबसे अधिक बढ़त देखने को मिली, और 14 अक्टूबर के बाद यह इसकी सबसे बड़ी तेजी थी. ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के रक्षा विश्लेषक एरिक झू के अनुसार, "अधिकांश आधुनिक घरेलू रूप से विकसित चीनी प्लेटफॉर्म अभी तक युद्ध में परखे नहीं गए हैं. इसलिए, युद्ध का रिकॉर्ड होना उनकी निर्यात क्षमता के लिए एक प्लस प्वाइंट है." गौरतलब है कि पाकिस्तान अपने हथियारों का एक बड़ा हिस्सा चीन से खरीद रहा है. 2019-2023 के बीच पाकिस्तान के कुल हथियार आयात में चीन की हिस्सेदारी 82% थी, जबकि 2009-2012 में यह 51% थी.
8 मई को सर्वदलीय बैठक : ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर केंद्र ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. ‘एक्स’ पर साझा की गई एक पोस्ट में, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “सरकार ने 8 मई, 2025 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली में संसद परिसर के संसद पुस्तकालय भवन में समिति कक्ष : जी-074 में सर्वदलीय नेताओं की बैठक बुलाई है." इससे पहले दिन में, कई विपक्षी नेताओं ने ऑपरेशन की सराहना की और आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले करने के लिए भारतीय सेना की सराहना की. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "हमारे सशस्त्र बलों पर गर्व है. जय हिंद."
मकान तोड़ने का विरोध करने वाला कश्मीरी पत्रकार गिरफ्तार : जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग ने सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं के बीच ‘भावनाओं को भड़काने’ और ‘कश्मीरियों को व्यवस्थागत विनाश के शिकार के रूप में चित्रित करके अलगाववादी भावना को भड़काने’ के आरोप में श्रीनगर के वरिष्ठ पत्रकार हिलाल मीर को हिरासत में लिया है. उन पर ‘भारत को खराब स्थिति में पेश करने’ का भी आरोप लगाया गया है. अनादोलु समाचार एजेंसी और हिंदुस्तान टाइम्स के साथ काम कर चुके मीर के खिलाफ आरोप एक फेसबुक पोस्ट पर केंद्रित हैं, जिसमें उन्होंने पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन के विध्वंस अभियान की आलोचना की थी. काउंटर-इंटेलिजेंस विंग ने यह भी दावा किया कि पत्रकार शांति भंग करने के लिए ‘संभवतः विरोधी से निर्देश ले रहा था’.
फोन हैकिंग
पेगासस के लिए एनएसओ ग्रुप पर 1388 करोड़ रुपये से ज़्यादा का हर्जाना व्हाट्सएप को
स्पाइवेयर बनाने वाली इज़राइली कंपनी एनएसओ ग्रुप को 2019 में 1400 से ज़्यादा व्हाट्सएप यूज़र्स की जासूसी करने के मामले में भारी कीमत चुकानी होगी. पांच साल चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, एक अमेरिकी जूरी ने एनएसओ ग्रुप को व्हाट्सएप को 167 मिलियन डॉलर (लगभग 1388 करोड़ रुपये) से अधिक का हर्जाना देने का आदेश दिया है. इसमें 16.7 करोड़ डॉलर दंडात्मक हर्जाने और लगभग 4.44 लाख डॉलर क्षतिपूर्ति हर्जाने के तौर पर शामिल हैं. टेक क्रंच ने इस पर विस्तार से खबर की है.
यह मामला भारत के लिए भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाया गया पेगासस स्पाइवेयर भारत में भी पत्रकारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए इस्तेमाल किया गया था, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था. इस मुकदमे के दौरान 2019 के स्पाइवेयर हमले के पीड़ितों के स्थानों और एनएसओ ग्रुप के कुछ ग्राहकों के नामों का भी खुलासा हुआ था.
यह फैसला व्हाट्सएप के लिए एक बड़ी कानूनी और नैतिक जीत है. कंपनी ने एनएसओ ग्रुप पर उसके सर्वर तक अनधिकृत पहुंच बनाने और ऐप में एक ऑडियो-कॉलिंग भेद्यता का फायदा उठाकर पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और असंतुष्टों सहित लगभग 1400 लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. इस हमले की जांच, सुधार और सुरक्षा पैच जारी करने में व्हाट्सएप के कर्मचारियों का काफी समय और संसाधन खर्च हुआ था.
व्हाट्सएप के प्रवक्ता ज़ेड अलसवाह ने फैसले को ‘अवैध स्पाइवेयर के खिलाफ पहली ऐतिहासिक जीत’ बताया, जो ‘सभी की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए खतरा है.’ उन्होंने कहा कि यह फैसला एनएसओ जैसे कुख्यात विदेशी स्पाइवेयर विक्रेताओं को अमेरिकी कंपनियों और उनके उपयोगकर्ताओं की निजता के खिलाफ अवैध गतिविधियों से रोकने में एक महत्वपूर्ण कदम है.
हालांकि, एनएसओ ग्रुप के प्रवक्ता गिल लाइनर ने अपील की संभावना से इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि कंपनी फैसले के विवरणों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करेगी और अपील सहित उचित कानूनी उपायों पर विचार करेगी.
व्हाट्सएप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने पहले इस मुकदमे को ‘प्रौद्योगिकी कंपनियों, सरकारों और सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक चेतावनी’ बताया था. दिसंबर में, न्यायाधीश फिलिस हैमिल्टन ने एनएसओ ग्रुप को संघीय और कैलिफ़ोर्निया हैकिंग कानूनों के उल्लंघन का दोषी ठहराया था.
सिटिज़न लैब के वरिष्ठ शोधकर्ता जॉन स्कॉट-रेल्टन ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा, “एनएसओ तानाशाहों को लोगों की जासूसी करने में मदद करके लाखों डॉलर कमाता है. जूरी ने स्पष्ट कर दिया कि एनएसओ का व्यवसाय अमेरिकी कंपनियों की हैकिंग पर आधारित है, ताकि तानाशाह असंतुष्टों को हैक कर सकें." उन्होंने यह भी कहा कि इस मुकदमे से एनएसओ की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान हुआ है और उनकी व्यावसायिक गतिविधियों को छिपाने के प्रयासों को भी झटका लगा है. यह फैसला दुनिया भर में डिजिटल गोपनीयता और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है.
इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने पेगासस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था, “देश द्वारा स्पाइवेयर का उपयोग करने में क्या गलत है? हमें स्पष्ट होना चाहिए : स्पाइवेयर रखने में कोई समस्या नहीं है... इसका उपयोग कुछ के खिलाफ किया जा सकता है... हमें राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहिए. हां, यह किसके खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है, यह सवाल है? निश्चित रूप से, अगर यह नागरिक समाज के किसी व्यक्ति के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है... तो इसकी जांच की जाएगी."
राठौर ने किया एफआईआर के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया
भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर ‘कथित भड़काऊ’ पोस्ट को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने का अनुरोध किया है. पुलिस शिकायत के अनुसार, उनके सोशल मीडिया पोस्ट ने ‘भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डाला है’. बुधवार दोपहर को ऑपरेशन सिंदूर के बाद राठौर ने अपने फेसबुक पेज पर भारतीय रक्षा बलों की सराहना की. उन्होंने कहा, "हमारे मतभेद बने रहेंगे, लेकिन बाहरी दुश्मनों के लिए हम एक हैं. भारत के दुश्मनों को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि जब जरूरत पड़ी तो हर भारतीय जान देने या लेने के लिए तैयार था." उन्होंने ‘जय हिंद, जय भारत’ के साथ अपनी बात समाप्त की. अयोध्या की एक निचली अदालत ने मंगलवार को उनके खिलाफ एक शिकायत खारिज कर दी थी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के माध्यम से मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा नेताओं की छवि को बदनाम किया है.
छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए
'इकोनमिक टाइम्स' की रिपोर्ट है कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तेलंगाना सीमा से लगे घने जंगलों में बुधवार को ऑपरेशन संकल्प के तहत सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. ऑपरेशन संकल्प की शुरुआत 21 अप्रैल से हुई थी. इस दौरान करीब 35 मुठभेड़ें हो चुकी हैं. अब तक 26 नक्सलियों के शव, लगभग 40 हथियार, 400 से अधिक IED (बम), लगभग 2 टन विस्फोटक, 6 टन से अधिक राशन, दवाइयां और अन्य नक्सली सामान बरामद किए गए हैं.
ऑपरेशन में तकरीबन 28,000 सुरक्षा बल तैनात हैं, जिनमें जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), CRPF और उसकी विशेष इकाई कोबरा (CoBRA) व राज्य पुलिस के अन्य बल शामिल हैं. मुठभेड़ कर्रेगुट्टा और आसपास की पहाड़ियों में हुई, जो बीजापुर (छत्तीसगढ़), मुलुगु और भद्राद्री-कोठागुडेम (तेलंगाना) के बीच लगभग 800 वर्ग किमी में फैला इलाका है. यह इलाका नक्सलियों की सैन्य इकाई 'बटालियन नंबर 1', दंडकारण्य विशेष जोनल समिति (DKSZC) और तेलंगाना राज्य समिति का गढ़ माना जाता है.
न्यायमूर्ति वर्मा को 9 मई तक जवाब देने का समय
'द वायर' की रिपोर्ट है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को उनके सरकारी आवास पर नकदी मिलने के आरोपों के संबंध में मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना को 9 मई (शुक्रवार) तक उत्तर देने का समय दिया गया है. इससे पहले, इस मामले की जांच के लिए गठित इन-हाउस समिति ने न्यायमूर्ति वर्मा को दोषी ठहराते हुए रिपोर्ट सीजेआई को 4 मई को सौंपी थी. “रिपोर्ट में उन्हें दोषी ठहराया गया है. प्रक्रिया के अनुसार, सीजेआई ने उन्हें बुलाया है. पहला विकल्प उन्हें इस्तीफा देने का दिया गया है. यदि वे इस्तीफा देते हैं तो ठीक, अन्यथा रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी जाएगी और महाभियोग की सिफारिश की जाएगी.” 14 मार्च को नई दिल्ली के तुगलक क्रेसेंट स्थित न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास के आउटहाउस में आग लग गई थी. जब दमकलकर्मी आग बुझा रहे थे, तभी एक वीडियो में यह दिखा कि उन्हें बड़ी मात्रा में नकदी मिली. अब न्यायमूर्ति वर्मा के पास इस्तीफा देने या जवाब देने का विकल्प है. यदि वे इस्तीफा नहीं देते, तो संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत महाभियोग प्रक्रिया की सिफारिश की जा सकती है.
बरकरार रहेगा ईरानी का 'स्टेटस सिंबल' : 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर है कि पिछले चुनावों में अमेठी से अपनी सीट हारने के बावजूद, स्मृति ईरानी की कुछ पकड़ सरकार में अब भी बनी हुई है. हाल ही में एक ऑडिट के बाद, गृह मंत्रालय ने 19 पूर्व राज्य मंत्रियों की सुरक्षा हटाने का निर्णय लिया है, लेकिन स्मृति ईरानी की सुरक्षा अब भी बरकरार रखी गई है. फिलहाल यह सुरक्षा केवल अगले छह महीनों के लिए ही दी गई है, लेकिन आगे क्या होगा, यह कहा नहीं जा सकता. ऑडिट में सामने आया कि इन 19 पूर्व मंत्रियों के पास, किसी पद पर न होते हुए भी, सशस्त्र सुरक्षा गार्ड्स का घेरा बना हुआ था, जो नेताओं के लिए एक प्रकार का 'स्टेटस सिंबल' (प्रभावशाली हैसियत) माना जाता है.
रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास : रोहित शर्मा ने तत्काल प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. रोहित ने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा, "सभी को नमस्कार, मैं बस यह साझा करना चाहता हूं कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं. सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए एक बड़ा सम्मान रहा है. इतने सालों में मिले प्यार और समर्थन के लिए आपका शुक्रिया. मैं वनडे प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा." इससे पहले रोहित ने पिछले साल भारत के टी20 विश्व कप जीतने के बाद टी20आई से संन्यास ले लिया था. रोहित ने 67 टेस्ट मैचों में 4301 रन बनाकर संन्यास लिया. इसमें हाल के खराब प्रदर्शन के बावजूद उनका औसत 40.57 रहा. उन्होंने पिछले कुछ सालों में 12 शतक और 18 अर्धशतक बनाए हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 212 रन रहा, जो उन्होंने अक्टूबर 2019 में रांची में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था.
पाठकों से अपील-
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