10/03/2025 : राजा भैया पर घरेलू हिंसा का केस, मणिपुर में तनाव जारी, राज ठाकरे का गंगा का पानी छूने से इनकार, आठ माह में 26 छात्रों की मौत, विदेशी निवेशकों ने निकाले 24,753 करोड़ रुपये, होली का इतिहास
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निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
आज की सुर्खियां
आठ माह में 26 छात्रों की मौत, ओडिशा के आदिवासी विद्यालयों का बुरा हाल
अगस्तावेस्टलैंड : आरोपी का जमानत लेने से इनकार, कहा- ‘मेरे लिए दिल्ली भी जेल’
मुथैया मुरलीधरन को मुफ़्त जमीन, घिरी जम्मू-कश्मीर सरकार
कठुआ के तीन लोगों की हत्या, मंत्री का दावा- आतंकियों ने की
रमज़ान में 'अश्लील' फैशन शो को लेकर कश्मीर में आक्रोश
कुलभूषण जाधव के किडनैपर की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या
सीरिया में अब असद समर्थकों की हत्याएं
रूस-यूक्रेन युद्ध : ड्रोन हमलों के बीच जेलेंस्की यूक्रेन के लिए तलाश रहे वास्तविक डील
अहमदाबाद की योजना से कैसे कम होगा मुंबई में हीटवेव का असर!
भारत तीसरी बार जीता चैम्पियंस ट्रॉफी
(चैंपियंस ट्रॉफी के साथ भारतीय टीम. | फोटो साभार : आईसीसी)
रविवार को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हरा कर 12 साल बाद एक बार फिर इस टूर्नामेंट पर कब्जा कर लिया. इससे पहले टीम इंडिया दो बार यह खिताब अपने नाम कर चुकी है. न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 251/7 रन का स्कोर खड़ा किया. उसकी तरफ से डेरिल मिशेल (63) और मिशेल ब्रेसवेल (53) ने अर्धशतक लगाया, जबकि टीम इंडिया की ओर से कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती ने दो-दो विकेट लिए.
टीम इंडिया ने इस स्कोर को 6 विकेट के नुकसान पर 49 ओवर में पार कर लिया. ब्लैक कैप्स की ओर से कप्तान मिशेल सेंटनर और मिशेल ब्रेसवेल ने दो-दो विकेट लिए. भारत की तरफ से कप्तान रोहित शर्मा ने दमदार 76 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली. वहीं श्रेयस अय्यर दो रनों से अर्धशतक से चूक गए. देखें स्कोर कार्ड.
कुंडा विधायक राजा भैया पर घरेलू हिंसा का मामला दर्ज : रविवार 9 मार्च को एक अधिकारी ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर उनकी पत्नी भानवी सिंह की शिकायत के बाद कथित घरेलू हिंसा का मामला दिल्ली में दर्ज किया गया है. अधिकारी ने बताया कि 7 मार्च को दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव थाने में की गई एफआईआर के मुताबिक भानवी ने रघुराज पर कई सालों तक शारीरिक और मानसिक शोषण करने का आरोप लगाया है.
अरुणाचल | ईसाई एपीएफआरए के खिलाफ : अरुणाचल प्रदेश में हजारों ईसाइयों ने अरुणाचल प्रदेश स्वतंत्रता ऑफ रिलिजन एक्ट (एपीएफआरए) 1978 के शीघ्र कार्यान्वयन के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. अरुणाचल क्रिश्चियन फोरम (एसीएफ) का कहना है कि यह कानून धार्मिक स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करेगा.
कुकी-ज़ो समूहों का बंद, मणिपुर में तनाव : मणिपुर में बेरोकटोक आवाजाही शुरू करने के केंद्र के निर्णय के विरोध करते हुए कुकी-ज़ो समूहों ने अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है. जिससे हिंसा से प्रभावित कांगपोकपी जिले में रविवार को स्थिति तनावपूर्ण रही. राष्ट्रीय राजमार्गों पर केंद्र के निर्देशों को लागू करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा की गई कार्रवाई के बाद कुकी बाहुल्य इलाकों में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ. संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
अमेरिका में एक और हिंदू मंदिर पर हमला : अमेरिका के कैलिफोर्निया में हिंदुओं के एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई और हिंदू-मोदी विरोधी नारे लिखे गए. सोशल मीडिया पर इनको वायरल भी किया गया. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा करते हुए कानून-व्यवस्था के लिए जिम्मेदार स्थानीय एजेंसी से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है. पिछले वर्ष सितंबर में भी कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर में ऐसी ही घटना हुई थी.
पाठकों से अपील
राज ठाकरे बोले, “मैंने तो गंगा का पानी छूने से भी इनकार कर दिया, पियेगा कौन?”
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने वाले लोगों का मजाक उड़ाया और कहा कि उन्होंने अपने एक करीबी सहयोगी द्वारा गंगा नदी से लाए गए पानी को छूने से भी इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर देख रहा हूं कि लोग अपना शरीर रगड़-रगड़ कर नहा रहे हैं. कई कपड़े धो रहे थे. कोविड महामारी अभी कुछ साल पहले ही गुजरी है, जब लोग दो साल तक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर घूमते थे. अब वे वहां जाकर नहा रहे हैं. ऐसा पानी कौन पियेगा?” ठाकरे ने कहा कि गंगा को साफ करने वाली बात वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय से सुन रहे हैं. सच्चाई यह है कि गंगा अभी तक साफ नहीं हुई है. हम इसे गंगा माँ कहते हैं, जबकि देश में कोई भी नदी साफ नहीं है. विदेशों में नदियां साफ हैं, लेकिन वे उनको माँ नहीं कहते. उन्होंने कहा कि लोगों को इस आस्था और अंधविश्वास से बाहर आना चाहिए और अपने दिमाग का सही इस्तेमाल करना चाहिए. बहरहाल, रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकरे के इस भाषण ने खासा बवाल पैदा कर दिया है.
आठ माह में 26 छात्रों की मौत, ओडिशा के आदिवासी विद्यालयों का बुरा हाल
ओडिशा के आदिवासी आवासीय विद्यालय खौफ के घर बने हुए हैं. विगत आठ माह के भीतर 26 छात्रों की मौत हो चुकी है. छात्रावासों का मैनेजमेंट ठीक से नहीं हो पा रहा है. संसाधन अपर्याप्त हैं. हालात भयावह हैं. कायदे से किसी भी परिस्थिति में किसी भी छात्र को बीमार हालत में घर नहीं भेजा जाना चाहिए. क्योंकि, इन छात्रावासों में आने वाले बच्चे समाज के सबसे कमजोर वर्गों से आते हैं. उनके माता-पिता उन्हें आवासीय स्कूलों में भेजते ही इसीलिए हैं, क्योंकि वे उनका भोजन, शिक्षा और चिकित्सा खर्च वहन नहीं कर सकते. इसलिए, जब कोई बच्चा बीमार होता है, तो उसे अस्पताल या छात्रावास में चिकित्सा देखभाल प्रदान करनी होती है. लेकिन जिम्मेदारी से बचने के लिए छात्रावास प्रशासन माता-पिता को अपने बीमार बच्चों को घर ले जाने की अनुमति दे देता है. “द न्यू इंडियन एक्सप्रेस” में डायना साहू ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में आदिवासी आवासीय विद्यालयों की मौजूदा तस्वीर पेश की है.
अगस्तावेस्टलैंड : आरोपी का जमानत लेने से इनकार, कहा- ‘मेरे लिए दिल्ली भी जेल’
"सुरक्षा कारणों" का हवाला देते हुए 2018 में यूएई से प्रत्यर्पित किए गए अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर मामले के बिचौलियों में से एक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ने शुक्रवार को दिल्ली कोर्ट से कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में दी गई जमानत उसे मंजूर नहीं. जेम्स ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट से कहा, “मेरे लिए, दिल्ली भी सिर्फ एक बड़ी जेल है. मेरा परिवार मेरे पास नहीं आ सकता. मेरी सुरक्षा जोखिम में है. मैं अपनी सजा (7 वर्ष) पूरी कर भारत छोड़ना चाहता हूं. मैं जमानत नहीं चाहता.” मिशेल छह साल से अधिक समय से हिरासत में है. उसने कोर्ट से कहा, “बिना दोषी करार दिए गए सात साल की अधिकतम सजा के वह करीब” है. जब जज ने पूछा कि जमानत मिलने के बाद हम आपको अंदर कैसे रख सकते हैं? क्या आपको दिल्ली में एक सेफहाउस नहीं मिल सकता है? जेम्स ने कहा “मेरी जो समस्या है, वह पुलिस से है. इस पर मैं आपसे (विशेष न्यायाधीश) निजी तौर पर बात करना चाहता हूं.”
विदेशी निवेशकों ने मार्च के पहले सप्ताह में ही 24,753 करोड़ रुपये निकाले; निकासी 1.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंची
विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाज़ार से भरोसा टूटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वे अपना पैसा वापस निकालना जारी रखे हुए हैं. कंपनियों की कमजोर आय और वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव बढ़ने के बीच उन्होंने मार्च के पहले सप्ताह में ही (7 मार्च तक) 24,753 करोड़ रुपये (लगभग 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर) निकाले है. इससे पहले फरवरी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजार से 34,574 करोड़ रुपये और जनवरी में 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 में अबतक एफपीआई कुल 1.37 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. यह उनकी शुद्ध निकासी का लगातार 13वां सप्ताह है. 13 दिसंबर, 2024 से एफपीआई 17.1 अरब अमेरिकी डॉलर के शेयर बेच चुके हैं. विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिक्री मुख्य रूप से वैश्विक और घरेलू कारकों के संयोजन के कारण है.
ऐसा क्यों हो रहा है, इस बारे में डेजर्व के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल ने कहा कि रुपए में गिरावट ने विदेशी निवेशकों के लिए रिटर्न को कम कर दिया है. वहीं भारत की कर संरचना भी एक कारण है, जिसमें दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5 प्रतिशत कर और अल्पकालिक लाभ पर 20 प्रतिशत कर है, जो वैकल्पिक बाजारों के विपरीत है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने चीन के शेयरों के प्रति बढ़ते आकर्षण का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आकर्षक मूल्यांकन और चीन सरकार की बड़ी कंपनियों के लिए हालिया सकारात्मक पहल से एफपीआई वहां का रुख कर रहे हैं. अन्य वजहों के बारे में यहां विस्तार से दिया गया है.
मुथैया मुरलीधरन को मुफ़्त जमीन, घिरी जम्मू-कश्मीर सरकार
श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन को मुफ़्त में कई एकड़ जमीन आवंटित कर जम्मू-कश्मीर की सरकार सवालों के घेरे में है. कठुआ जिले में जमीन आवंटन का यह मामला शनिवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उठा, जहां कुछ विधायकों ने सरकार के इस निर्णय पर सवाल उठाए.
मुरलीधरन की सेवलॉन बेवरेजेस उन कई बड़े औद्योगिक घरानों में से एक है, जिन्हें पिछले साल कठुआ के भगथली औद्योगिक एस्टेट में जमीन आवंटित की गई थी.
सूत्रों के अनुसार, सेवलॉन बेवरेजेस को कठुआ में 206 कनाल (25.75 एकड़) जमीन एल्युमिनियम कैन निर्माण और पेय पदार्थ भरने बॉटलिंग इकाई स्थापित करने के लिए आवंटित की गई है, जिसकी लागत 1,600 करोड़ रुपये है. इस जमीन की लीज़ डीड पिछले साल जून में विभाग के साथ की गई थी.
कठुआ के तीन लोगों की हत्या, मंत्री का दावा- आतंकियों ने की : जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में तीन लोगों की हत्या के बाद से इलाके में तनाव है. इस बीच उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं, हालांकि केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जांच रिपोर्ट आने के पहले ही दावा किया है कि तीनों हत्याएं आतंकवादियों ने की हैं. यह कठुआ जिले का शांतिपूर्ण वातावरण खराब करने की “गहरी साजिश” है. बता दें, तीनों मृतकों योगेश (32), दर्शन (40) और वरुण (14) के शव मल्हार क्षेत्र में इंचू के जंगलों से होकर बहने वाली नदी में शनिवार शाम को मिले थे. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोएबा ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली है. इस बीच सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन भी रविवार को जम्मू पहुंच गए.
रमजान में 'अश्लील' फैशन शो को लेकर कश्मीर में आक्रोश
रमजान महीने में उत्तरी कश्मीर के प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में एक ‘अश्लील’ फैशन शो के आयोजन को लेकर रविवार को विवाद खड़ा हो गया. इस कार्यक्रम में कथित भड़काऊ आउटफिट में प्रस्तुतियां हुई. इससे स्थानीय धार्मिक नेताओं और निवासियों में व्यापक आक्रोश फैल गया, जिसमें हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख और कश्मीर के मुख्य धर्मगुरु मीरवाइज उमर फारूक भी शामिल थे. उन्होंने इस शो को ‘अपमानजनक’ करार दिया.
मीरवाइज ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘घृणास्पद! रमजान के पवित्र महीने में गुलमर्ग में एक अश्लील फैशन शो आयोजित किया गया. इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिससे लोगों में सदमा और गुस्सा फैल रहा है. घाटी में यह कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है, जो अपनी सूफी, संत संस्कृति और अपने लोगों के गहरे धार्मिक दृष्टिकोण के लिए जानी जाती है? इसमें शामिल लोगों को तुरंत जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर इस तरह की अश्लीलता कश्मीर में बर्दाश्त नहीं की जाएगी!”
इस प्रतिक्रिया के जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर मीरवाइज की पोस्ट पर जवाब दिया, “आश्चर्य और गुस्सा पूरी तरह से समझ में आता है. मैंने जो तस्वीरें देखी हैं, वे स्थानीय संवेदनशीलताओं के प्रति पूरी तरह से उपेक्षा दिखाती हैं और वह भी इस पवित्र महीने के दौरान. मेरा कार्यालय स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है और मैंने अगले 24 घंटों के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. रिपोर्ट के आधार पर जैसा उचित होगा, आगे की कार्रवाई की जाएगी.”
कुलभूषण जाधव के किडनैपर की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या
'द डॉन' की खबर है कि पाकिस्तानी स्कॉलर मुफ़्ती शाह मीर की बलूचिस्तान प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. मुफ़्ती पाकिस्तान की आईएसआई (इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस) स्पाई एजेंसी का मददगार बताया जाता है और उन्होंने पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की ईरान से अपहरण करने में मदद की थी. यह घटना शुक्रवार को तुर्बत शहर में हुई. मुफ़्ती उस वक्त मस्जिद से रात की नमाज के बाद बाहर आ रहे थे, जिस वक्त उन्हें गोली मारी गई. मुफ़्ती शाह मीर जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (JUI-F) से जुड़े हुए थे और एक विद्वान के छुपे हुए रूप में मानव और हथियार तस्करी का कार्य करते थे, जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, वह अक्सर पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों का दौरा करते थे और आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने में मदद करते थे. मुफ्ती की हत्या के पहले भी दो बार प्रयास हो चुके थे.
सीरिया में अब असद समर्थकों की हत्याएं
'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की खबर है कि सीरिया में असद समर्थकों और सरकारी सुरक्षा बलों के बीच दो दिनों तक चले संघर्ष और उसके बाद चली हत्याओं के दौर में मृतकों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है. यह घटना सीरिया के संघर्ष की शुरुआत के बाद से अब तक की सबसे घातक हिंसा में से एक मानी जा रही है. ब्रिटेन स्थित सीरियाई ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि इसके अलावा 745 नागरिकों की हत्या की गई, जिनमें से अधिकांश को पास से गोली मारकर मारा गया है. साथ ही 125 सरकारी सुरक्षा बलों के सदस्य और 148 असद समर्थक सशस्त्र समूहों के सदस्य भी मारे गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि लताकिया शहर के आसपास बड़े क्षेत्र में बिजली और पीने के पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई थी. गुरुवार को शुरू हुआ यह संघर्ष दमस्कस में नई सरकार के लिए एक बड़ा चुनौती बनकर उभरा है. तीन महीने पहले ही विद्रोहियों ने सीरिया में असद को सत्ता से हटाकर सरकार बनाई थी. सरकार ने कहा कि वे असद के समर्थकों के हमलों का जवाब दे रहे थे और हिंसा को "व्यक्तिगत कार्रवाइयों" का परिणाम बताया.
शुक्रवार को सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारियों ने अलवाइट अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोगों की हत्या की है. यह समुदाय असद के समर्थन आधार का एक बड़ा हिस्सा था. सीरिया के तटीय क्षेत्र के अलवाइट गांवों और कस्बों के निवासियों ने एपी को बताया कि हत्याओं के दौरान बंदूकधारियों ने अलवाइट्स को, जिनमें अधिकांश पुरुष थे, सड़कों पर या उनके घरों के दरवाजों पर गोली मारी. कई अलवाइट घरों को लूटा और फिर आग लगा दी गई. असद के शासनकाल के दौरान अलवाइट्स, सेना और सुरक्षा एजेंसियों में शीर्ष पदों पर थे. नई सरकार ने कहा है कि असद के समर्थकों ने पिछले कुछ हफ्तों में नए सुरक्षा बलों के खिलाफ हमले किए हैं. इधर फ्रांस ने सीरिया में हालिया हिंसा पर "गहरी चिंता" व्यक्त की है. पेरिस ने एक बयान में कहा- 'फ्रांस धार्मिक आधार पर नागरिकों के खिलाफ और बंदियों के खिलाफ की गई बर्बरता की सबसे कठोर शब्दों में निंदा करता है.' फ्रांस ने सीरियाई अंतरिम अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि स्वतंत्र जांचों में इन अपराधों को पूरी तरह से उजागर किया जाए.
रूस-यूक्रेन युद्ध : ड्रोन हमलों के बीच जेलेंस्की यूक्रेन के लिए तलाश रहे वास्तविक डील
'द गार्डियन' की खबर है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेन्स्की अगले हफ्ते सऊदी अरब में अमेरिकी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे. हालांकि, इससे पहले कि डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि उन्हें रूस के साथ संवाद करना 'आसान' लगता है, बजाय कि यूक्रेन के युद्ध समाप्त करने के प्रयासों के. यूक्रेनी उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द प्रभावी तरीके से यूक्रेन-रूस संघर्ष समाप्त करने के लिए वास्तविक प्रस्ताव सामने आएंगे. ज़ेलेन्स्की ने हाल ही में रूस के द्वारा किए गए हमले के बाद रूस पर अधिक प्रतिबंध लगाने की बात कही है. शनिवार को रूस के हमलों में 14 लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हो गए थे.
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड तुस्क ने भी कहा है कि रूस के साथ नरमी बरतने से यूक्रेन में और अधिक त्रासदी हो रही है. ज़ेलेन्स्की ने कहा कि सोमवार को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ अपनी बैठक के बाद, यूक्रेनी कूटनीतिक और सैन्य प्रतिनिधि मंगलवार को अमेरिकी टीम के साथ एक बैठक में बने रहेंगे. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा कि उनका देश यूक्रेन में शांति सेना मिशन में भाग लेने पर विचार करेगा. ऑस्ट्रेलियाई नेता ने शनिवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टार्मर से बात की, जिन्होंने फ्रांस के साथ मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी भी संघर्षविराम की सुरक्षा के लिए "इच्छुक देशों" का एक "गठबंधन" बनाने की कोशिश की है.
इधर मॉस्को के रक्षा मंत्रालय ने भी शनिवार को दावा किया है कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने 31 यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट कर दिया है. लेनिनग्राद क्षेत्र के गवर्नर ने बताया कि एक यूक्रेनी ड्रोन हमले से रूस की किरीशी तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया गया था.
व्हाइट हाउस में ट्रम्प और ज़ेलेन्स्की के बीच हुई बैठक के बाद यूक्रेन और अमेरिका के बीच संबंधों में तीव्र गिरावट आई है. व्हाइट हाउस के विशेष दूत कीथ केलॉग का कहना हे कि यूक्रेन ने खुद अपनी स्थिति बिगाड़ ली है. उन्होंने कहा कि यह सचमुच उनका ही किया धरा है. इस गिरावट के बाद ट्रम्प के समर्थक जो पहले यूक्रेन के प्रति नरम थे, अब खुले तौर पर यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन को समाप्त करने की बात कर रहे हैं. केलॉग ने यह भी कहा कि अब यूएस को रूस के साथ रिश्ते सुधारने की आवश्यकता है और अब अमेरिका को एक "न्यूट्रल मध्यस्थ" के रूप में कार्य करना चाहिए. इधर यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों के बीच रिश्तों में सुधार की कोशिश जारी है. इस हफ्ते यूक्रेनी अधिकारियों और अमेरिकी प्रतिनिधियों के बीच सऊदी अरब में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी. इस बैठक में ट्रम्प प्रशासन के कई अधिकारी मसलन मारको रुबियो और माइक वॉल्ट्ज़ के अलावा ट्रम्प के मध्य पूर्व में दूत स्टीव विटकोफ भी शामिल होंगे. यह बैठक इस बात को लेकर है कि कैसे अमेरिका और यूक्रेन के बीच सहयोग को फिर से बहाल किया जा सकता है. हालांकि, अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों का मानना है कि यूक्रेन के संघर्ष में अमेरिकी समर्थन की कोई वैकल्पिक योजना नहीं है, फिर भी दोनों पक्षों के बीच तनाव बरकरार है.
अफ्रीका में रिकॉर्डतोड़ डिजिटल ब्लैकआउट्स
'द गार्डियन' की खबर है कि साल 2024 में अफ्रीका में डिजिटल ब्लैकआउट्स ने रिकॉर्ड तोड़ दिया, क्योंकि अब तक के पिछले दशक में कहीं अधिक सरकारों ने अपने नागरिकों को इंटरनेट से दूर रखने का प्रयास किया. इंटरनेट अधिकार समूह एक्सेस नॉउ और कीप इट ऑन (जो दुनिया भर में सैकड़ों नागरिक समाज संगठनों का एक गठबंधन है) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया कि अफ्रीका के 15 देशों में 21 इंटरनेट शटडाउन हुए, जो 2020 और 2021 में 19 शटडाउन के मौजूदा रिकॉर्ड को पार कर गया. कोमोरोस, गिनी-बिसाऊ और मॉरीशस जैसे देशों ने बुरुंडी, इथियोपिया, इक्वेटोरियल गिनी और केन्या जैसे देशों के साथ मिलकर यह कदम उठाया. गिनी, नाइजीरिया, सेनेगल और तंजानिया भी इस सूची में शामिल थे.
अहमदाबाद की योजना से कैसे कम होगा मुंबई में हीटवेव का असर!
'स्क्रोल' की रिपोर्ट है कि शनिवार को भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई के लिए असाधारण रूप से गर्म दिन की भविष्यवाणी की थी. तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो मार्च की शुरुआत के लिए औसत तापमान से लगभग 3.4 डिग्री अधिक था. इस साल चरम गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले ही मुंबई में उच्च तापमान अनुभव हो रहा है. 9 और 10 मार्च को मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की थी कि साल की दूसरी हीटवेव शहर और पास के समुद्र तटीय महाराष्ट्र के हिस्सों में प्रभावी होगी. तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है, जो औसत से 5 डिग्री अधिक है. मुंबई में हीटवेव के दौरान गर्मी से राहत पाने के लिए एक सरल उपाय, मसलन कि पार्कों को दोपहर में खोलना, नजरअंदाज किया जा रहा है. अहमदाबाद की हीट एक्शन योजना से यह साबित हुआ है कि पार्कों को खोलना और अन्य उपायों को लागू करना गर्मी से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम कर सकता है. हालांकि, मुंबई में नगर निगम ने पार्कों को केवल कुछ घंटों के लिए खोला है, जबकि इनका दोपहर में खुला रहना जरूरी है, खासकर सड़क पर काम करने वाले लोगों के लिए. अहमदाबाद में इस प्रकार के उपायों के सफल परिणाम आए हैं, जबकि मुंबई में समन्वय और संसाधनों की कमी की वजह से ये उपाय लागू नहीं हो पा रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर मुंबई में भी अहमदाबाद जैसे कदम उठाए जाएं तो गर्मी से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है.
भारत भर में, 2024 में 48,001 संदिग्ध हीटस्ट्रोक मामले सामने आए थे. इनमें से 268 संदिग्ध मौतें हुईं, जिनमें से 159 की अब तक पुष्टि हो चुकी है. यह आंकड़ा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र से प्राप्त एक सूचना के अधिकार आवेदन के अनुसार है. अहमदाबाद में 2013 में पहली बार हीट एक्शन योजना बनाई गई थी, और यह उपाय बहुत सफल साबित हुआ है. एक अध्ययन में यह सुझाव दिया गया कि इस योजना को लागू करने के बाद अनुमानित 2,380 मौतें बचाई गईं. अहमदाबाद ने अपने पार्कों को सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक खोला है, जिससे लोग दोपहर में छांव में बैठ सकें. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों, मॉल्स और पार्कों को शीतलन केंद्र के रूप में चिन्हित किया गया है. अहमदाबाद में लगभग 7 लाख यात्री हर कार्यदिवस में बसों का उपयोग करते हैं. सभी बस स्टेशनों पर मुफ्त ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) उपलब्ध कराया जाता है और यहां तक कि शहर के स्कूलों के बच्चों और रिक्शा चालकों को भी मुफ्त ओआरएस दिया जाता है. मुंबई में यह व्यवस्था लागू नहीं हो रही है, क्योंकि स्थानीय अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी है.
चलते-चलते
होली : भारत के सबसे रंगीन त्योहार का इतिहास
(सम्राट जहांगीर अपने हरम में होली खेलते हुए. 17वीं सदी के चित्र में दर्शाया गया है.)
सैम डलरिम्पल और हरलीन सिंह ने भारत के सबसे रंगीन त्योहार होली के इतिहास की झलक पेश की है. वो लिखते हैं कि इस सप्ताह होली का आगमन हो रहा है, जो भारत का सबसे रंगीन त्योहार है. यह वसंत के आगमन का प्रतीक है, अच्छाई की बुराई पर विजय का जश्न है और शायद विदेशों में भारत का सबसे प्रसिद्ध त्योहार भी है. यह भारत के सबसे प्राचीन त्योहारों में से एक है और वसंत में 'रंगीन त्योहारों' के प्रमाण हजारों साल पुराने हैं.
आग की भक्ति की एक कहानी
होली मनाने के पीछे कई क्षेत्रीय कथाएं हैं, लेकिन सबसे लोकप्रिय कथा राजकुमार प्रह्लाद और उनके तानाशाह पिता राजा हिरण्यकश्यप की है. आज भी होली की पूर्व संध्या पर पूरे भारत में होलिका दहन के रूप में अलाव जलाए जाते हैं, जो अच्छाई की बुराई पर विजय, भक्ति की तानाशाही पर विजय और शायद इस बात का प्रतीक है कि कोई भी शक्ति-चाहे वह दिव्य हो या मानव सदियों तक नहीं चल सकती.
लेकिन रंग कहां से आए?
कई पीढ़ियों बाद भगवान विष्णु ने कृष्ण के रूप में पृथ्वी पर पुनः अवतार लिया. कृष्ण, जो नीले रंग के थे और राधा के उज्ज्वल रूप से जलन महसूस करते थे, एक दिन उनके चेहरे पर रंग लगा दिया. यह चंचल कृत्य समय के साथ आधुनिक होली की परंपरा में बदल गई, जिसमें लोग रंगीन पाउडर फेंकते हैं और पिचकारी से पानी छिड़कते हैं.
उत्पत्ति
होली के खेल का साक्ष्य कितना पुराना है? कोई निश्चित रूप से नहीं जानता, लेकिन तीसरी सदी ईसा पूर्व जब दक्षिण एशिया में लेखन की शुरुआत हुई, तब छत्तीसगढ़ के सीताबेन्गा गुफाओं में एक वसंत महोत्सव का उल्लेख पाया गया है, जब संगीत और मस्ती का माहौल था. दूसरी सदी ईसा पूर्व में जैमिनी के 'मिमांसा सूत्र' में भी 'रंगों का त्योहार' का उल्लेख मिलता है. हालांकि, आधुनिक होली की पहली स्पष्ट उपस्थिति 7वीं सदी के संस्कृत नाटक 'रत्नावली' में देखी जाती है.
इसके बाद, 12वीं सदी में होली खेलने के चित्रण भी सामने आए. सबसे पहले, होयसल मंदिर बेलूर में एक मूर्ति में एक देवता के सेवक पिचकारी से पानी भरते हुए दिखाए गए हैं.
इस्लामी दरबारों में होली
होली सिर्फ हिंदुओं तक सीमित नहीं थी. मध्यकाल में यह सुल्तान और मुगलों के दरबारों में भी मनाई जाती थी. 13वीं सदी में कवि और कव्वाली के आविष्कारक अमीर ख़ुसरो ने लिखा है- “खेलूंगी होली, ख्वाजा घर आए, धन धन भाग हमारे सजनी, ख्वाजा आए आंगन मेरे."
वास्तव में, होली के पहले चित्र अहमदनगर सल्तनत से आए, जिसमें महिलाएं पिचकारियों से पानी छिड़कती हुई दिखाई देती हैं. बाद में मुग़ल सम्राट अकबर ने भी इस परंपरा को अपनाया और होली मुग़ल दरबार का एक प्रमुख हिस्सा बन गई, जिसे ‘ईद-ए-गुलाबी’ या ‘आब-ए-पाशी’ कहा जाता था.
बृज में होली
कृष्ण के निवास स्थान बृज में होली का उत्सव सबसे भव्य था. मथुरा और वृंदावन के आसपास जहां कृष्ण ने अपना बचपन बिताया, होली की परंपरा को खासा महत्व मिला. यहां की होली में एक विशेष परंपरा है 'लठमार होली', जो बरसाना में मनाई जाती है, जहां महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारती हैं, जो कृष्ण और राधा की कहानी को पुनः प्रस्तुत करते हैं.
सिख साम्राज्य में होली
गुरु गोबिंद सिंह ने 1701 में 'होलामोहल्ला' नामक त्योहार की शुरुआत की, जो सिखों की सैन्य परंपरा को मनाने के लिए था. अब होली की यह परंपरा दुनियाभर में फैल चुकी है. विशेष रूप से भारतीय प्रवासियों के बीच. न्यूयॉर्क, लंदन और लॉस एंजिल्स जैसे शहरों में होली के त्योहार में अब विभिन्न समुदायों के लोग भाग लेते हैं.
यह एक ऐसा उत्सव है, जो अराजकता का जश्न मनाता है और यह याद दिलाता है कि चाहे दुनिया कितनी भी अंधेरी क्यों न हो, रोशनी, मोहब्बत और थोड़े-से रंग हमेशा जीत सकते हैं.
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