12 नवम्बर 2024: इजराइली जनसंहार के 70% शिकार बच्चे-औरतें, कनाडा ने अटकाये एडमिशन, अमेरिका में पनाह मांगते भारतीय, अजीत पवार को पसंद नहीं भाजपा का कैम्पेन, कांवड़ियों के रोड़ा बनते हजारों पेड़
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल
सुर्खियाँ: भारत से कनाडा जाकर पढ़ना चाहने वाले विद्यार्थियों के लिए ये बुरी ख़बर है. कनाडा सरकार अब अपना फास्ट ट्रैक स्टूडेंट वीजा प्रोग्राम (स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम या एसडीएस) इस शुक्रवार से बंद कर देगी. 2023 में कनाडा पढ़ाई करना चाहने वाले विद्यार्थियों की संख्या करीब चार लाख थी, जिसमें से 60% ने एसडीएस के जरिये आवेदन भरे थे. इस सुविधा के तहत न सिर्फ कम समय में आवेदनों का निपटारा होता था, बल्कि भर्ती मिलने की संभावना भी अधिक होती थी. भारत समेत 14 देशों को कनाडा सरकार ने यह सहूलियत 2018 से दे रखी थी.
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण और 33 विधानसभा सीटों के उपचुनावों के साथ केरल की हाई-प्रोफाइल वायनाड लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार समाप्त हो गया, जहां से कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा अपना चुनावी डेब्यू कर रही हैं. 33 विधानसभा सीटों में से केवल 31 सीटों पर ही मतदान होगा, क्योंकि सिक्किम में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने दो सीटों पर बिना किसी मुकाबले जीत हासिल कर ली है.
उधर अमेरिका में शरण मांगने वाले भारतीयों की संख्या में तीन साल के भीतर 855% इजाफा बताया गया है. शरण माँगने वाले इन 41,330 में से आधे गुजरात से बताये जाते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया में अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यूरिटी की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. तीन साल पहले यह आँकड़ा 4330 पर था. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में सुरक्षा कारणों से शरण मांगने समूहों में भारतीयों का नंबर पाँचवा है और अफर्मेटिव असाइलम क्लेम (यानी जो अमेरिका पंहुच चुके हैं और उनके कागज़ों में पेचीदगियां हैं) वाली श्रेणी में भारतीय सातवे पर हैं. 2023 में 5340 भारतीयों को अमेरिका में शरण दी गई. अब डोनल्ड ट्रम्प के राज में इन लोगों के साथ क्या होगा और भविष्य में शरण मांगने वालों के साथ, देखने वाली बात होगी. साथ ही यह समझ पाना भी मुश्किल है कि भारत से इतने सारे लोग क्यों अमेरिका मे पनाह मांग रहे हैं, और वह भी आधे गुजरात के.
जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला. सीजेआई संजीव खन्ना 6 महीने से थोड़ा अधिक का कार्यकाल पूरा करेंगे. दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एच आर खन्ना के भतीजे हैं. जज संजीव खन्ना को 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रोमोट किया गया था.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी: अपने सेवाकाल के अंतिम दिनों में जाते-जाते पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान की मान्यता तो दे गए, लेकिन अब फैसले के एक दिन बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इस पर सवाल खड़ा कर दिया है. योगी ने कहा कि यह संस्थान जातिगत आरक्षण क्यों नहीं देता है. स्क्रॉल की एक खबर के मुताबिक अलीगढ़ जिले के खैर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, "आपने देखा होगा कि कल सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही थी कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय बनाया जाना चाहिए या इसे सामान्य संस्थान बने रहने देना चाहिए."
शनिवार दोपहर को श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर के 'अलपसी अरट्टू' जुलूस के कारण राजधानी त्रिवेंद्रम के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान सेवाएं पांच घंटे के लिए निलंबित कर दी गईं. हवाई अड्डे के पास तड़के शंकोंमुखम बीच तक यह धार्मिक जुलूस गया. उड़ान सेवाएं रात 9 बजे फिर से शुरू हो सकी.
गरीब देशों में कमतर उत्पाद बेचते हैं पेप्सी, नेस्ले, यूनीलिवर
एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशियेटिव (एटीएनआई) संस्था ने एक ग्लोबल इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक नेस्ले, पेप्सिको और यूनीलिवर जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भारत जैसे कम आमदनी वाले देशों में वे उत्पाद बेच रहे हैं, जिनका हेल्थ रेटिंग सिस्टम पर स्कोर कमज़ोर है. पर ठीक आमदनी वाले देशों में वे ऐसे उत्पाद नहीं बेचते. ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में विकसित इस रेटिंग सिस्टम से पता चलता है कि कम आमदनी वाले देशों में यह रेटिंग कुल 5 में से 1.8 है, जबकि ज्यादा आमदनी वाले देशों में 2.3. इस सिस्टम के मुताबिक स्वस्थ उत्पाद वही होते हैं जिनका स्कोर 3.5 से ज्यादा हो.
महंगा पड़ सकता है आईआईटी का सपना. 2025-26 शैक्षिक सत्र में आईआईटी में बी.टेक पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों को ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है. केंद्र सरकार ने तकनीकी स्कूलों के अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए ट्यूशन फीस को फिर से निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी बॉम्बे, इंदौर और तिरुपति के निदेशकों की एक समिति बनाई थी. इस समिति को मौजूदा फीस संरचना, फीस से होने वाली कुल आय, आईआईटी के कैंपसों द्वारा शैक्षिक क्षेत्रों में खर्च की जाने वाली कुल राशि और रखरखाव के लिए होने वाली नियमित खर्चों का अध्ययन करने का काम सौंपा गया था.
कश्मीर में गिरफ्तारी को लेकर सवाल- एंटी नेशनल या समाजसेवी?
कश्मीर के डोडा में 25 साल के सामाजिक कार्यकर्ता रहमतुल्ला को रविवार को पुलिस ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाकर गिरफ्तार कर लिया. पुलिस का आरोप है कि रहमतुल्ला के पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों से तार जुड़े हैं, हालांकि डोडा से आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक ने कहा कि इस गिरफ्तारी के पीछे पिछले हफ्ते जारी वह वीडियो हो सकता है, जिसमे रहमतुल्ला सरकार पर खराब स्वास्थ्य सेवाओं और अवैज्ञानिक तरीके से कचरा निष्पादन के आरोप लगाते सुने जा रहे हैं. रहमतुल्ला को इसी एक्ट के तहत 2016 मे भी गिरफ्तार किया गया था और बाद में हाईकोर्ट ने बरी किया था. कुछ ही दिन पहले पड़ोसी जिले किश्तवाड़ में भी पाँच समाजसेवियों को ‘राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और व्यवस्था भंग करने’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जबकि वे भी वहाँ बन रहे बिजली संयंत्र के कारण स्थानीय पर्यावरण, स्वास्थ्य और अधिकारों को लेकर आवाजें उठा रहे थे.
श्रीनगर के पास जंगलों में आतंकवाद-रोधी अभियान के दौरान कुछ ट्रेकर्स गलती से गोलाबारी के बीच फंस गए. ट्रेकर्स ने तुरंत मदद के लिए ‘100’ डायल किया. इसके बाद पुलिस की सक्रियता से ट्रेकर्स की जान बच सकी. पुलिस के अनुरोध पर भारतीय सेना ने फायरिंग रोक दी, जिससे ट्रेकर्स को सुरक्षित निकाला जा सका.
उधर नॉर्थ ईस्ट में भी मणिपुर सुलग रहा है. मणिपुर के जिरिबाम जिले में सोमवार को एक मुठभेड़ में 10 संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादी मारे गए और दो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान घायल हो गए. यह घटना दोपहर करीब 3 बजे बोरबेकरा उप-मंडल में हुई, जब उग्रवादियों ने कथित तौर पर स्थानीय पुलिस स्टेशन पर हमला करने का प्रयास किया. अधिकारियों के अनुसार, अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन और पास के सीआरपीएफ कैंप पर गोलीबारी की.
भारत की अर्थव्यवस्था के लिए आगे के दिन संकट भरे हो सकते हैं. एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता में आने पर भारतीय रुपये की अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8-10 प्रतिशत तक गिरावट हो सकती है. इस रिपोर्ट का शीर्षक "अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: ट्रंप 2.0 का भारत और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव" है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआत में रुपये में गिरावट हो सकती है, लेकिन इसके बाद कुछ सुधार भी देखने को मिल सकता है.
महाराष्ट्र: बंटेंगे तो कटेंगे पर कटने लगे महायुति के लोग
अजित पवार को जमा नहीं भाजपा का कैम्पेन
राजेश चतुर्वेदी
“बंटेंगे तो कटेंगे” के नारे ने भाजपा के कुनबे में ही विवाद पैदा कर दिया है. उसके नेतृत्व वाले गठबंधन “एनडीए” में इस नारे के विरोध में पहली आवाज़ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने उठाई है. अजित की पार्टी महाराष्ट्र में महायुति (भाजपा, शिव सेना-शिंदे और एनसीपी-अजित) का हिस्सा है और महाराष्ट्र में चल रहे विधानसभा चुनावों में 53 सीटों पर उसके उम्मीदवार लड़ रहे हैं.
इनमें लगभग 38 सीटें ऐसी हैं, जहां अजित गुट का मुकाबला शरद पवार की एनसीपी से हो रहा है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि सेक्युलर वोटों के नुकसान से बचने के लिए अजित पवार ने “बंटेंगे तो कटेंगे” पर असंतोष व्यक्त किया है. उनका कहना है, "महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, डॉ. भीमराव अंबेडकर और छत्रपति शाहू जी महाराज के आदर्शों पर काम करता है. वह ऐसा कई बार कह चुके हैं. ऐसे नारे महाराष्ट्र में नहीं चलेंगे. यह उत्तर प्रदेश, झारखंड या कुछ अन्य स्थानों पर चल सकता है,” पवार ने कहा.
“शिवाजी महाराज का जीवन और शिक्षाएं समावेशी हैं और सभी समुदायों और वर्गों को एकजुट करती हैं. अन्य राज्यों के लोग अक्सर महाराष्ट्र आते हैं और अपनी बात रखते हैं, लेकिन यहां के लोगों को ऐसी टिप्पणियां पसंद नहीं आतीं और ये अस्वीकार्य हैं,” उन्होंने जोड़ा. यह नारा, जिसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा के बाद पेश किया था, महाराष्ट्र में भाजपा के चुनाव प्रचार का एक प्रमुख हिस्सा बन गया है. चुनावों में भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में, योगी ने अपने रैलियों के दौरान इस नारे को दोहराया है और उनके साथ इस टिप्पणी वाले पोस्टर भी महाराष्ट्र में दिखाई दिए हैं.
पवार खुद बारामती से चुनाव मैदान में हैं. उनका कहना है कि महाराष्ट्र में ध्यान विकास पर होना चाहिए. हमें ‘सबका साथ सबका विकास’ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि विभाजनकारी राजनीति पर. ऐसा कहकर अजित ने भाजपा के ध्रुवीकरण वाले नैरेटिव से खुद को दूर किया और यह आश्वासन दिया कि राज्य सामुदायिक सद्भाव के प्रति प्रतिबद्ध है.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार अजित पवार की उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री की टिप्पणियों को लेकर असहजता का कारण यह है कि उनके सहयोगियों, भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का कठोर हिंदुत्व दृष्टिकोण एनसीपी (अजित) के ‘धर्मनिरपेक्ष’ मतदाताओं, विशेषकर मुस्लिम समुदाय को उनसे दूर कर सकता है.
भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बावजूद अजित पवार ने बार-बार दोहराया है कि उनकी पार्टी अपने धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को नहीं छोड़ेगी और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काम करती रहेगी. “छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहू महाराज और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा हमारी पार्टी के मूल में है और हम इन विचारधाराओं से भटकेंगे नहीं, भले ही इसके लिए हमें भारी कीमत चुकानी पड़े,” उन्होंने कुछ महीने पहले मुंबई में अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक को संबोधित करते हुए कहा था.
दिलचस्प यह है कि अजित के बयान के उलट महाराष्ट्र के अखबारों में एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ है, जिसमें “एक हैं तो सेफ हैं” के अलावा महायुति के तीनों घटक दलों के सिर्फ चुनाव चिन्ह छापे गए हैं. बीच में भाजपा और उसके अगल-बगल एनसीपी (अजित) तथा शिवसेना (शिंदे) के चुनाव चिन्ह हैं. “एक” शब्द को ज़ूम करने पर महाराष्ट्र के विभिन्न जाति-वर्गों द्वारा पहनी जाने वाली पगड़ियां भी दिखाई पड़ती हैं.
हालांकि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को “बंटोगे तो कटोगे” में कुछ भी गलत नज़र नहीं आता. बल्कि खान ने इसका समर्थन किया है.
गाज़ा में हो रहे इजराइली नरसंहार में मारे गए फिलीस्तीनियों में 70% महिलाएं और बच्चे
7 अक्टूबर 2023 के बाद इजराइल की तरफ से गाज़ा पर किये गये भारी हवाई और ज़मीनी हमलों में 44,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 16,700 बच्चे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, मारे गए 34,500 में से 8,119 लोगों की पुष्टि की गई है. इनमें 44% बच्चे और 26% महिलाएं हैं, और 80% मौतें आवासीय इमारतों में हुईं. स्क्रॉल ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि इजराइल के गाज़ा पर युद्ध के पहले छह महीनों में मारे गए लोगों में लगभग 70% महिलाएं और बच्चे हैं. इजरायल की सेना ने 7 अक्टूबर 2023 को गाज़ा पर सैन्य हमला शुरू किया था. हमास पर दक्षिणी इजराइल में हमला करने और 1,200 लोगों की हत्या करने का आरोप लगाकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलिस्तीन के खिलाफ जंग तेज कर दी. नेतन्याहू पर अपनी सत्ता को बचाने के लिए युद्ध शुरू करने के आरोप लगे, क्योंकि उन्हीं दिनों इजराइली जनता नेतन्याहू की नीतियों से असंतुष्ट होकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी.
इजरायल के ताजा हमलों में लेबनान और गाज़ा में तबाही जारी है। लेबनान में 23 लोगों की जान चली गई, जिसमें सात बच्चे शामिल थे. वहीं, गाज़ा में 30 लोगों की मौत हुई, जिसमें एक हमले में 13 बच्चे भी मारे गए. अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है. लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, रविवार को राजधानी बेरुत के उत्तर में बिब्लोस के पास अलमत में कम से कम 23 लोगों की जान चली गई, जिसमें सात बच्चे शामिल हैं. गाज़ा में नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि घिरे हुए क्षेत्र में दो घरों पर हमले में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई. पहला हमला रविवार सुबह जबालिया में एक घर पर हुआ, जिसमें "कम से कम 25" लोग मारे गए, जिनमें 13 बच्चे भी शामिल हैं, और 30 से अधिक लोग घायल हो गए. गाज़ा सिटी के सबरा इलाके में हुए एक अन्य हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और कुछ लोग अब भी लापता हैं.
मोना चलाबी विजुअल डाटा की अरब मूल की ब्रिटिश जर्नलिस्ट हैं. गार्डियन और न्यू यॉर्क टाइम्स में उनके इंफोग्राफिक दुनिया में सबसे अलग और ख़ास गिने जाते हैं. फिलीस्तीन में हो रहे इजराइली हमलों औऱ नुक्सान को लेकर उन्होंने बहुत काम किया. उन्हें पत्रकारिता का पुलित्ज़र पुरस्कार मिला और इजराइली नरसंहार के कवरेज में डंडी मारने के कारण मोना चलाबी ने न्यू यॉर्क टाइम्स की नौकरी भी छोड़ दी. आप उनके ग्राफिक्स उनके इंस्टाग्राम पेज पर यहाँ देख सकते हैं.
नकली टोल, दफ्तर, अदालत.. गुजरात में एक बिजनेस यह भी
गुजरात में पिछले एक साल में कई अवैध ऑपरेशन्स का खुलासा हुआ है. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के लिए ब्रैंडन धाबी और अदिति राजा की रिपोर्ट के मुताबिक, वांकानेर में एक नकली टोल बूथ, छोटा उदयपुर में एक झूठा सिंचाई कार्यालय और गांधीनगर में एक नकली अदालत शामिल हैं. हालांकि, इन मामलों में अधिकांश आरोपी अब जमानत पर बाहर हैं. वांकनेर के एनएच 27 पर यह अवैध टोल बूथ कई महीने तक चालू रहा और अधिकारियों द्वारा पकड़े जाने से पहले किसी ने इस फर्जीवाड़े को नहीं पहचाना नहीं.
किसने खा लिए सीएम के समोसे, ये जाँच सीआईडी के हवाले
हिमाचल की राजनीति में इन दिनों "सुक्खू समोसा" की बड़ी गर्मागर्म चर्चा चल रही है. लोग चटखारे लेकर गुप्तचर विभाग की इस समोसा कथा को बांच रहे हैं. मामला ही कुछ ऐसा बन पड़ा है. असल में गुप्तचर विभाग के एक कार्यक्रम के दौरान सीएम के लिए शिमला के महंगे पांच सितारा होटल से समोसे मंगाए गए. फिर समोसे गायब हो गए. ढूँढबीन हुई...मामला गुप्तचर विभाग का था. पता चला कर्मचारियों ने सीएम के स्टाफ को खिला दिए. बस फिर क्या था भाजपा के युवा मोर्चा ने इस मुद्दे का राजनीतिक रंग देते हुए राजधानी में "समोसा मार्च" तक आयोजित कर दिया. अब गुप्तचर विभाग ने एक पत्र मीडिया को जारी कर कहा है कि समोसा कथा राज्य गुप्तचर विभाग का आंतरिक मामला है और इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है.
नास्तिक भगत सिंह के नाम पर पाकिस्तान में चौक पर ना
लाहौर प्रशासन ने शादमान चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की योजना फिलहाल रोक दी है. पाकिस्तानी नौसेना के सेवानिवृत्त कमोडोर द्वारा यह कहने के बाद कि भगत सिंह एक क्रांतिकारी नास्तिक थे और इस्लामिक विचारधारा का विरोध करते थे, लाहौर में शादमान चौक का नाम उनके नाम पर रखने की योजना को रोक दिया गया है. यह चौक वही जगह है जहां ब्रिटिशर्स ने भगत सिंह को फांसी दी थी. 'द वायर' ने इस पर रिपोर्ट की है. 2012 में इस चौक का नाम बदलने की पहल की गई थी, लेकिन विरोध और आपत्तियों के चलते इसे अब तक मंजूरी नहीं मिली. इस मुद्दे पर अदालत में भी कई बार सुनवाई हुई, और अगली सुनवाई अब 17 जनवरी 2025 को होनी है.
पब्लिक डोमेन की सामग्री को रिपोर्ट करना मानहानि का दावा नहीं
केरल उच्च न्यायालय ने मलयालम कम्युनिकेशंस लिमिटेड (कैराली टीवी) और एशियानेट न्यूज नेटवर्क के खिलाफ एक आपराधिक मामला खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल के बारे में आरोपित और गढ़े गए पत्र को लेकर प्रसारित कार्यक्रम में जिन बयानों का उल्लेख किया गया था, वे पहले ही सार्वजनिक डोमेन में थे, इसलिए उन्हें मानहानि का मामला नहीं कहा जा सकता. अदालत ने यह स्पष्ट किया कि जिन बयानों की बात की जा रही थी, वे पहले ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थे और इन्हें न तो गढ़ा गया था और न ही किसी व्यक्ति के बारे में व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक ढंग से प्रस्तुत किया गया था.
ऑनर किलिंग के बाद भी जारी है केरल में हॉरर शो
हरिता और अनीश की कहानी ने केरल के पलक्कड़ क्षेत्र के तनावों को सामने लकर रख दिया है. क्रिसमस 2020 पर हरिता के पति, अनीश की जो कि दलित समुदाय से जुड़े थे, उनके सवर्ण ससुराल वालों ने जातिगत मतभेदों के कारण हत्या कर दी थी. आज भी, हरिता आर्थिक आजादी का सपना देखते हुए अपने पति के परिवार पर निर्भर हैं, लेकिन अपने परिवार की धमकियों के कारण नौकरी नहीं ढूंढ पा रही है. पलक्कड़ और तमिलनाडु की सीमावर्ती बस्तियों में जातिगत असमानताएं अब भी जीवित हैं. भेदभाव के कारण अलग-अलग बर्तन और पानी के स्रोतों का उपयोग जारी है. इसी मसले पर ‘द साउथ फर्स्ट’ के लिए श्रीलक्ष्मी सोमन ने स्टोरी की है.
लापता मामलों में बंद कानून के गुमशुदा कैदी
आर्टिकल 14 में प्रकाशित यह रिपोर्ट पिछले 23 सालों से कोलकाता के प्रेसिडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में बंद पाकिस्तान के कैदी इशाक अहमद की है. ये मामला तब उजागर हुआ जब पश्चिम बंगाल की ट्रायल अदालतों में काम करने वाली एक विधिक सहायता वकील सेंजुति चक्रवर्ती की मुलाकात जेल में इशाक अहमद से हुई.
इशाक ने अपने मामले से जुड़े अपने सभी केस दस्तावेज़ वकील को दिखाए और अपनी पूरी कहानी साझा की. अहमद को पहले आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया और दिल्ली में दोषी ठहराया गया. बाद में, उसे 2001 में कोलकाता में एक व्यवसायी के अपहरण के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई. जेल में इशाक को अपने अच्छे व्यवहार के लिए सम्मानित भी किया गया, लेकिन अपनी मातृभूमि वापस लौटने की उसकी अपील अब भी लंबित है.
सिक्किम की 16 ग्लेशियर झीलों पर ख़तरा
पिछले साल अक्टूबर में साउथ ल्होनक झील के फटने से सिक्किम और दार्जिलिंग की पहाड़ियों में भीषण बाढ़ आई, जिससे 100 से अधिक लोग मारे गए और 1200 मैगावाट हाइड्रो प्रोजेक्ट समेत सैंकड़ों घर बह गए. कुछ-कुछ वैसा ही मामला था, जैसा 2013 में गाँधी सरोवर के फटने से केदारनाथ में हुआ था. इस तबाही से निपटते ही सिक्किम सरकार ने सूबे की झीलों का सर्वे शुरू किया. 320 ग्लेशियर झीलों का सर्वे किया गया, जिसमें 16 झीलें ख़तरे में पाई गईं. इन झीलों पर व्यापक परीक्षण किए जा रहे हैं, ताकि बाढ़ के खतरे को रोका जा सके. विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के कारण ये झीलें और अधिक अस्थिर हो सकती हैं, जिससे स्थानीय समुदायों को नुकसान हो सकता है.
कांवड़ियों के लिए रोड़ा बनते 33,776 पेड़ों का काटना जारी
उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित कांवड़ यात्रा मार्ग के लिए अब तक 17,600 पेड़ काटे जा चुके हैं और अब भी हजारों पेड़ों पर आरी चलने का संकट बरक़रार है. कुल जमा 33,776 पेड़ काटने की योजना योगी सरकार ने बनाई है. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या यह संख्या उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित की गई है. अनियंत्रित विकास परियोजनाएं भारत के जंगलों को बड़ा नुकसान पहुँचा रही हैं.
चलते-चलते : ‘शूजित दा आप एक्टिंग मत करो’- इरफ़ान-दीपिका ने कहा हम आपको कॉपी करने लगेंगे
शूजित सरकार ने एक इंटरव्यू में उनकी पहली फिल्म ‘यहां’ में मशहूर वेब शो ‘चर्नोबिल’ के सिनेमेटोग्राफर जैकब इहरे के साथ काम करने के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें जैकब ने फिल्ममेकिंग में सबसे महत्वपूर्ण शॉट टेकिंग की बारीकियां सिखाई. शूजित सरकार की निर्देशित की हुई अब तक की सारी ही फ़िल्में फिर चाहे वो उनकी डेब्यू फिल्म ‘यहाँ’ के पोएटिक सींस हों या ‘अक्टूबर’ की उदासी के साथ बहते दर्शक, ‘मद्रास कैफे’ हो या फिर ‘पीकू’ और ‘सरदार उधम’, अपने आप में एक अलग रंग, एक अलग कथागोई के प्रयोग का सिनेमाई दस्तावेज है. बॉलीवुडिया भीड़ में शूजित क्राफ्ट का एक खूबसूरत सिग्नेचर हैं और अब इसी फ़िल्मकार से समदीश भाटिया ने अपने यूट्यूब चैनल के लम्बी बातचीत की है.
आज के लिए इतना ही. आप बता सकते हैं अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी हमें. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ.