12/12/2025: काम के टाइम मोदी परदेस क्यों जाते हैं? | चंदा दो, ठेके लो | कोल्हापुरी चप्पल 84 हजार | वीनेश की वापसी | रामदेव की मिर्च खाने लायक नहीं | उम्मीद की तस्वीर | मेसी की मूरत पर बवाल
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निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
आज की सुर्खियां
राहुल पर तंज़, मोदी पर पलटवार: कांग्रेस ने दिखाया प्रधानमंत्री को आईना, खोल दिया 94 विदेश यात्राओं का कच्चा-चिट्ठा.
चंदा दो, ठेके लो: पूर्वोत्तर में ‘चंदा और धंधा’ का खुला खेल, सरकारी ठेकेदारों ने भरी भाजपा की झोली.
किडनी मंजूर, वोट नहीं: हिमंता बिस्वा सरमा का तीखा बोल, मुस्लिम मतदाताओं को लेकर दी ‘जनसांख्यिकी’ की चेतावनी.
मंजूरी की मुहर: 2027 में होगी देश की पहली ‘डिजिटल जनगणना’, 11 हजार करोड़ का बजट पास.
स्वाद में कड़वाहट: रामदेव की ‘मिर्ची’ खाने लायक नहीं, पतंजलि के मसाले में मिले कीटनाशक, सरकार का संसद में कबूलनामा.
नकली आवाज़, असली असर: बिहार चुनाव में एआई (AI) का जादू या धोखा? पुलिस के लिए सिरदर्द बना ‘डीपफेक’ प्रचार.
इंसाफ पर फिर तारीख: अखलाक लिंचिंग केस वापस लेने की अर्जी पर पेंच, यूपी सरकार को अब 18 तक करना होगा इंतजार.
परमाणु ऊर्जा के दरवाजे खुले: कैबिनेट ने दी ‘शांति’ बिल को मंजूरी, अब निजी कंपनियां भी बना सकेंगी बिजली.
सुप्रीम कोर्ट से ‘ना’: संजीव भट्ट की सजा पर कोई राहत नहीं, काटने होंगे 3 साल और, 20 साल की कैद बरकरार.
वजन और शुगर पर वार: भारत में आया ‘ओज़ेम्पिक’ इंजेक्शन, जानिए क्या होगी कीमत और कैसे करेगा काम.
महंगाई ने फिर सिर उठाया: सब्जियों के तेवर तल्ख, खुदरा मुद्रास्फीति ने बिगाड़ा रसोई का बजट.
दंगल में वापसी: अखाड़े में फिर गूंजेगी विनेश फोगाट की दहाड़, पेरिस के गम को भुलाकर अब लॉस एंजिल्स पर नज़र.
हादसा या हत्या? सिंगर जुबीन गर्ग की मौत मामले में आयोजक समेत 4 पर चार्जशीट, अपनों का नाम भी शामिल.
ट्रंप की नई चाल: चीन और रूस से दुश्मनी खत्म, ‘सहयोग’ के रास्ते पर चलेगा अमेरिका, भारत पर क्या होगा असर?
अमेरिका का ‘रेड सिग्नल’: वीज़ा चाहिए तो सच बोलें, सिर्फ़ बच्चे को जन्म देने जा रहे हैं तो बैरंग लौटेंगे.
भारत के बिना नई बिसात: अमेरिका ने शुरू की ‘पैक्स सिलिका’ पहल, चीन को घेरने की तैयारी में भारत को रखा बाहर.
देसी चप्पल, विदेशी कीमत: विवाद के बाद 84 हजार में ‘कोल्हापुरी’ बेचेगा प्रादा, कारीगरों को मिलेगी इटली में ट्रेनिंग.
मूर्ति बनी मज़ाक: कोलकाता में मेसी का ‘मेस’, किसी को दिखे ऋतिक रोशन तो किसी को मेहताब हुसैन.
वेनेजुएला में हुंकार: नोबेल विजेता मचाडो ने मादुरो को ललकारा, कहा- अब लोकतंत्र बहाली से कम कुछ मंजूर नहीं.
उम्मीद की किरण: द अटलांटिक का सालाना संग्रह, तस्वीरें जो बताती हैं- दर्द के बीच भी मुस्कुराती है ज़िंदगी.
राहुल पर तंज़ के जवाब में कांग्रेस ने मोदी को आईना दिखाया
कई बार आपकी बात उल्टे आप पर ही चिपक जाती है. मसलन, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की आगामी जर्मनी यात्रा को लेकर तंज़ किया तो जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं का पूरा चिट्ठा सार्वजनिक विमर्श में आ गया. राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी में रहेंगे, जहां वे इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल होंगे. लेकिन पूनावाला ने कहा, “राहुल ने साबित कर दिया कि एलओपी का मतलब लीडर ऑफ टूरिज़्म है. संसद सत्र चल रहा है और राहुल विदेश में वक्त बिताने जा रहे हैं.” इस पर कांग्रेस ने अपने पलटवार में पीएम मोदी पर निशाना साधा, जो खुद इस माह 15 दिसंबर से जॉर्डन, इथिओपिया और ओमान की यात्रा पर जाने वाले हैं. कांग्रेस नेता और पार्टी के सोशल मीडिया व डिजिटल प्लेटफॉर्म विभाग की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने “एक्स” पर एक पोस्ट साझा करते हुए दावा किया कि 2014 के बाद से पीएम मोदी की 94 विदेश यात्राएं हुई हैं और इनमें से 85% संसद सत्र के दौरान हुई हैं.
घरेलू संकट के बीच मोदी की यात्राएं
पुलवामा हमला (फरवरी, 2019) : 14 फरवरी, 2019 को 40 सीआरपीएफ कर्मियों के मारे जाने की खबर मिलने के बावजूद, मोदी कॉर्बेट में एक वृत्तचित्र की शूटिंग जारी रखे रहे. इसके तुरंत बाद, वह दक्षिण कोरिया गए (21-22 फरवरी, 2019).
कोविड-19 महामारी और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (मार्च 2020) : भारत में जनवरी 2020 में कोविड का पहला मामला सामने आने के बावजूद, उन्होंने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बिज़नेस फोरम में भाग लिया (22-24 फरवरी, 2020).
मणिपुर हिंसा में वृद्धि (मई 2023–जारी) : मई 2023 से अप्रैल 2024 तक, मोदी ने अमेरिका, फ्रांस, यूएई, यूके, ग्रीस सहित 14 अंतर्राष्ट्रीय यात्राएं कीं, लेकिन सितंबर 2025 तक मणिपुर की यात्रा शून्य रही, तब भी केवल 2 घंटे के लिए गए.
पहलवानों का विरोध और बालासोर ट्रेन त्रासदी (जून 2023) : इस दौरान वह संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर गए (21-23 जून, 2025), जिस पर ₹22 करोड़ से अधिक की लागत आई, जो उनकी सबसे महंगी एकल यात्रा थी.
पहलगाम आतंकी हमला (मई 2025) : मोदी सऊदी अरब में थे, भारत लौटे लेकिन जम्मू-कश्मीर जाने के बजाय अगले दिन बिहार में एक चुनावी कार्यक्रम के लिए गए.
दिल्ली आतंकी हमला (नवंबर 2025) : राजा का जन्मदिन मनाने के लिए भूटान की यात्रा पर गए (11-12 नवंबर, 2025).
चंदा दो, ठेके लो: पूर्वोत्तर में बीजेपी को आधे से अधिक चंदा सरकारी ठेके हासिल करने वालों से
“द रिपोर्टर्स कलेक्टिव” में अंगना चक्रबर्ती की एक विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पूर्वोत्तर के चार राज्यों से प्राप्त होने वाले आधे से अधिक फंड उन कंपनियों और व्यक्तियों से आए हैं, जिन्हें राज्य या केंद्र सरकार से ठेके और नियामक मंज़ूरी मिली हैं.
कुल फंड : वित्तीय वर्ष 2022-24 में, बीजेपी ने असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और त्रिपुरा के दाताओं से चेक और इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से कुल ₹77.63 करोड़ एकत्र किए.
ठेकेदारों का हिस्सा : इस राशि में से कम से कम 54.89% उन कंपनियों और व्यक्तियों से आया, जिन्हें या तो इन चार राज्य सरकारों में से किसी एक या केंद्र सरकार-नियंत्रित एजेंसियों द्वारा ठेके दिए गए थे.
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: रिपोर्ट बताती है कि बुनियादी ढांचे, उत्खनन और योजनाओं के लिए राज्य और केंद्र सरकार के ठेके इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों का एक प्रमुख हिस्सा हैं. बाहरी व्यवसाय बुनियादी ढांचे के ठेके हासिल करने के लिए क्षेत्रीय राजनीतिक अभिजात्य वर्ग के साथ मिलकर काम करते हैं, जिसे “पूर्वोत्तर की ठेकेदार-अर्थव्यवस्था” कहा जाता है.
असम: वित्तीय वर्ष 2023-24 में, बीजेपी के ऐसे फंड का 52.34% उन कंपनियों और व्यक्तियों से आया, जिन्होंने सरकारी ठेके या नियामक मंज़ूरी हासिल की थीं. वित्तीय वर्ष 2022-23 में, ऐसे राजनीतिक दान का 64.48% सरकारी ठेकेदारों द्वारा किया गया था. असम स्थित धानुका समूह से जुड़ी कंपनियों और व्यक्तियों ने 2023-24 में बीजेपी को ₹3.35 करोड़ और 2022-23 में ₹90 लाख का दान दिया था.
त्रिपुरा: वित्तीय वर्ष 2023-24 में, बीजेपी को त्रिपुरा से प्राप्त इस धन का 61.7% से अधिक सरकारी ठेकेदारों से मिला. वित्तीय वर्ष 2022-23 में, यह आंकड़ा 84.12% था.
अरुणाचल प्रदेश: वित्तीय वर्ष 2023-24 में, बीजेपी को अरुणाचल प्रदेश से प्राप्त आधे से अधिक दान भी राज्य और केंद्र सरकार के ठेके प्राप्त करने वालों से आए.
मणिपुर: वित्तीय वर्ष 2022-23 में, बीजेपी को लगभग 5% योगदान उन कंपनियों से मिला जिन्होंने सरकारी ठेके हासिल किए थे. मई 2023 तक, राज्य में सशस्त्र संघर्ष शुरू हो चुका था. यह विश्लेषण बीजेपी द्वारा चुनाव आयोग को वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए सौंपे गए अंशदान रिपोर्ट पर आधारित है.
मुस्लिम मतदाता किडनी दान कर देंगे, पर मुझे वोट नहीं देंगे: हिमंता
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक कार्यक्रम में ज़ोर देकर कहा कि असम में सरकारी योजनाएं या वित्तीय प्रोत्साहन नहीं, बल्कि एक मतदाता की विचारधारा मतदान के पैटर्न को संचालित करती है. उन्होंने समझाया कि कोई मुस्लिम मतदाता उन्हें अपने उम्मीदवार के रूप में कभी क्यों नहीं चुनेगा?
अरुण नायर के मुताबिक, एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि मुस्लिम मतदाता “मेरे काम की सराहना करते हैं और अगर मुझे ज़रूरत हो तो किडनी दान करने को भी तैयार हैं, लेकिन वह मुझे कभी वोट नहीं देगा.” सरमा ने कहा, “अगर मैं ₹1 लाख भी दूं, तो भी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा मुझे वोट नहीं देगा.”
असम के लोग लाभ के लिए नहीं, एक विचार के लिए वोट करते हैं. भाजपा नेता ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि क्या 2026 के असम विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए उनके पास बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला रोजगार योजना के समान कोई योजना है. बातचीत के दौरान हिमंता ने असम में “जनसांख्यिकीय आक्रमण” की चेतावनी दी, और दावा किया कि अगर मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो स्वदेशी असमिया आबादी “समाप्त” हो सकती है.
जनगणना के लिए ₹11,718 करोड़ का प्रस्ताव मंजूर, पहली बार डिजिटल गणना
एनडीए सरकार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भारत की जनगणना 2027 को ₹11,718 करोड़ की लागत से कराने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी.
राजेश कुमार ठाकुर की खबर है कि दुनिया की सबसे बड़ी सांख्यिकीय कवायद के रूप में प्रचारित, भारत की जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसले का विवरण साझा करते हुए कहा कि जनगणना 2027 के पहले चरण में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस शामिल होगा, जिसे अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच पूरा किया जाएगा. दूसरा चरण फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना को कवर करेगा.
मंत्री ने आगे बताया कि जनगणना में लगभग 30 लाख फील्ड फंक्शनरी लगाए जाएंगे, जिससे 1.5 करोड़ से अधिक मानव-दिन का रोज़गार उत्पन्न होगा. जनगणना 2027 भारत की पहली डिजिटल जनगणना भी होगी.
रामदेव की मिर्ची खाने लायक नहीं
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि पतंजलि फूड्स की उत्तराखंड स्थित निर्माण इकाई द्वारा बनाए गए लाल मिर्च पाउडर का एक नमूना असुरक्षित घोषित किया गया है.
“द न्यू इंडियन एक्सप्रेस” के अनुसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने एक लिखित उत्तर में कहा, “2024-25 में मसालों के नमूनाकरण अभियान के दौरान, पतंजलि फूड्स की उत्तराखंड स्थित निर्माण इकाई से एकत्र किए गए लाल मिर्च पाउडर का एक नमूना असुरक्षित घोषित किया गया, क्योंकि पाए गए कीटनाशक अवशेषों का स्तर निर्धारित अधिकतम अवशेष सीमा से अधिक था.” उन्होंने कहा कि परीक्षण के निष्कर्षों के आधार पर, संबंधित प्राधिकरण ने उत्पाद को वापस मंगाने का आदेश जारी किया, जिसके बाद खाद्य व्यापार संचालक ने प्रभावित उत्पाद को बाज़ार से हटाना शुरू कर दिया.
बिहार चुनाव: सस्ते और असरदार एआई (AI) प्रचार ने बदली राजनीति की तस्वीर
रेस्ट ऑफ वर्ल्ड के लिए सौरभ शर्मा और रायहाना मकबूल की विस्तृत रिपोर्ट बताती है कि भारत के बिहार राज्य में हुए हालिया चुनावों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का अभूतपूर्व इस्तेमाल देखा गया. चुनावों से महीनों पहले, डिजिटल मार्केटिंग फर्म ‘लेमन डॉट मीडिया’ चलाने वाले मनीष कुमार प्रसाद ने राजनीतिक दलों के दफ्तरों के चक्कर लगाकर एक नई चुनावी मशीनरी का प्रस्ताव दिया था. उनका वादा था कि यह पारंपरिक प्रचार की तुलना में तेज़, सस्ता और मतदाताओं को सटीक रूप से लक्षित करने वाला होगा.
मनीष की टीम ने ‘इलेवनलैब्स’ के वॉयस जेनरेटर, ‘चैटजीपीटी’ और ‘क्लॉड’ जैसे एआई टूल्स का इस्तेमाल करके स्थानीय बोलियों में भाषण और विशिष्ट मतदाता समूहों के लिए वीडियो क्लिप तैयार किए. इन्हें सोशल मीडिया और व्हाट्सएप-टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए राज्य के करीब 75 मिलियन (7.5 करोड़) मतदाताओं तक पहुँचाया गया. मनीष प्रसाद ने रेस्ट ऑफ वर्ल्ड को बताया, “स्थानीय बोलियों में वॉयस क्लोनिंग (आवाज़ की नकल) सबसे ज्यादा मांग वाला प्रोडक्ट था और यह गेम चेंजर साबित हुआ. इसने हमारे उम्मीदवारों को सुदूर इलाकों के मतदाताओं तक पहुंचने में मदद की.”
रिपोर्ट के मुताबिक, 33 वर्षीय प्रसाद ने एआई टूल्स के सब्सक्रिप्शन पर महीने में लगभग 1,500 डॉलर (करीब सवा लाख रुपये) खर्च किए, जो अतिरिक्त स्टाफ रखने की तुलना में बेहद कम था. हालांकि, इसका एक खतरनाक पहलू ‘डीपफेक’ और गलत सूचनाओं का प्रसार था. डिजिटल अधिकार संस्था ‘सोशल एंड मीडिया मैटर्स’ के सलाहकार अमिताभ कुमार का कहना है कि बिहार चुनाव में एआई की सर्वव्यापकता ने इसे पिछले चुनावों से अलग बना दिया. भाषणों का अंग्रेजी और हिंदी से स्थानीय बिहारी बोलियों में लाइव अनुवाद किया गया.
पुलिस अधिकारी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि अवैध एआई कंटेंट के खिलाफ करीब एक दर्जन आपराधिक मामले दर्ज किए गए, लेकिन कई मामले पकड़ में ही नहीं आए क्योंकि इसकी निगरानी करना बहुत चुनौतीपूर्ण है. मतदाता पंकज कुमार सिंह ने बताया कि लोग भ्रमित थे क्योंकि एआई वीडियो में उम्मीदवार उन जगहों पर प्रचार करते दिख रहे थे जहां वे असल में गए ही नहीं थे.
विशेषज्ञों ने इस बात पर भी चिंता जताई कि चुनाव से 48 घंटे पहले लागू होने वाले “साइलेंस पीरियड” (प्रचार थमने की अवधि) का भी उल्लंघन हुआ, क्योंकि चैटबॉट्स पर कोई प्रतिबंध नहीं है. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के पूर्व प्रोफेसर पुष्पेंद्र कुमार सिंह ने इसे खतरनाक बताया क्योंकि यह मतदाताओं को शांति से सोचने का मौका नहीं देता. वहीं, भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख अनमोल सोवित ने कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को एआई टूल्स की ट्रेनिंग दे रही है ताकि वे पीछे न रहें. इसके विपरीत, सीपीआई (एमएल) लिबरेशन की उम्मीदवार दिव्या गौतम, जो चुनाव हार गईं, का कहना है कि यह तकनीक अमीर पार्टियों के पक्ष में है और गरीब उम्मीदवारों के लिए मुकाबला मुश्किल बनाती है.
अखलाक लिंचिंग : यूपी सरकार की केस वापस लेने की अर्जी पर सुनवाई टली, अब 18 को पेशी
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 2015 के बहुचर्चित मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामले के सभी 19 आरोपियों के खिलाफ आरोप वापस लेने की राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. यह मामला शुक्रवार (12 दिसंबर) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन अब इसे 18 दिसंबर तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है.
अभियोजन पक्ष के वकील यूसुफ सैफी ने अदालत को बताया कि वे उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति दर्ज करना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें समय चाहिए. उनकी मांग को स्वीकार करते हुए अदालत ने सुनवाई की नई तारीख तय की. गौरतलब है कि 2015 में दादरी में बीफ (गोमांस) रखने की अफवाह पर भीड़ ने मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस घटना ने देश भर में मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) की घटनाओं पर एक बड़ी बहस छेड़ी थी.
गौतम बुद्ध नगर की सत्र अदालत में दायर अर्जी में भाजपा शासित राज्य सरकार ने सीआरपीसी की धारा 321 के तहत मुकदमा वापस लेने का अनुरोध किया है. आरोपियों में स्थानीय भाजपा नेता संजय राणा का बेटा विशाल राणा भी शामिल है. इन आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और अन्य गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज है. केस वापसी का यह अनुरोध 15 अक्टूबर को सहायक जिला सरकारी वकील भाग सिंह द्वारा दायर किया गया था, जो राज्य सरकार के 26 अगस्त के निर्देशों पर आधारित था.
नागरिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में अब निजी कंपनियों की एंट्री, कैबिनेट ने दी ‘शांति’ बिल को मंजूरी
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ‘शांति’ (सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) बिल को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस बिल को पास किया गया. इस ऐतिहासिक कदम का उद्देश्य भारत के अब तक कड़े सरकारी नियंत्रण वाले नागरिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए खोलना है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार का लक्ष्य 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता हासिल करना है. इससे पहले इसी साल फरवरी में अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा की थी.
सीतारमण ने ‘न्यूक्लियर एनर्जी मिशन’ की भी घोषणा की थी, जिसके तहत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (एसएमआर) के अनुसंधान और विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. सरकार की योजना 2033 तक पांच स्वदेशी रूप से विकसित एसएमआर को चालू करने की है. यह बिल निजी कंपनियों को इस रणनीतिक क्षेत्र में निवेश और तकनीक लाने का अवसर देगा, जो अब तक केवल सरकारी उपक्रमों तक सीमित था.
संजीव भट्ट को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, 20 साल की सजा निलंबित करने से इनकार
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की 20 साल की जेल की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया. यह मामला 1996 में नशीले पदार्थ (ड्रग्स) प्लांट करने के आरोपों से जुड़ा है.
संजीव भट्ट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि भट्ट पहले ही 7 साल और 3 महीने की सजा काट चुके हैं, जो उनकी कुल सजा के आधे के करीब है. उन्होंने अदालत से मामले की जल्द सुनवाई की मांग की. हालांकि, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की पीठ ने कहा कि मामले में शामिल ड्रग्स की मात्रा काफी अधिक (5 किलो) थी, इसलिए वे राहत देने के इच्छुक नहीं हैं.
इस पर सिब्बल ने तर्क दिया कि अभियोजन का 5 किलो ड्रग्स का आरोप साबित नहीं हुआ है और भट्ट को केवल 1.015 किलो अफीम रखने के लिए दोषी ठहराया गया है, जो कानूनन ‘वाणिज्यिक मात्रा’ की श्रेणी में नहीं आता है. इसलिए उन पर सख्त धाराएं लागू नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जब भट्ट डीएसपी थे, तब उन्होंने अफीम की खरीद के लिए साजिश रची थी. पीठ ने अंततः याचिका खारिज कर दी. आदेश के बाद कपिल सिब्बल ने टिप्पणी की, “इसका मतलब है कि अब मुझे 3 साल और अंदर रहना होगा.”
भारत में टाइप-2 मधुमेह के उपचार के लिए ‘ओज़ेम्पिक’ लॉन्च
डेनिश फार्मा प्रमुख नोवो नॉर्डिस्क ने शुक्रवार को अपनी ब्लॉकबस्टर टाइप-2 मधुमेह उपचार इंजेक्शन ओज़ेम्पिक को भारत में लॉन्च कर दिया है, जो विश्व स्तर पर अपने वज़न घटाने के लाभों के लिए लोकप्रिय है.
कंपनी ने घोषणा की कि ओज़ेम्पिक अब भारत में 0.25, 0.50 और 1 मिलीग्राम (एमजी) की क्षमता में ‘फ्लेक्सटच पेन’ के रूप में उपलब्ध है – यह एक उपयोग में आसान, सप्ताह में एक बार इस्तेमाल की जाने वाली पेन डिवाइस है, जिसकी शुरुआती लागत ₹2,200 प्रति सप्ताह होगी.
नोवो नॉर्डिस्क इंडिया के प्रबंध निदेशक, विक्रांत श्रोत्रिय, ने कहा कि ओज़ेम्पिक के माध्यम से, कंपनी टाइप-2 मधुमेह के उपचार के लिए एक अभिनव और सुलभ चिकित्सा प्रदान करना चाहती है, साथ ही यह सार्थक वज़न प्रबंधन और दीर्घकालिक हृदय तथा गुर्दे की सुरक्षा भी प्रदान करती है.
जब “पीटीआई” ने उनसे पूछा कि भारत में ओज़ेम्पिक का मूल्य निर्धारण अन्य वैश्विक बाजारों की तुलना में कैसा है, तो श्रोत्रिय ने कहा, “हम भारत में मूल्य निर्धारण के मामले में बहुत विवेकपूर्ण हैं. इस तरह की कीमत पर पेश करने के लिए यह वास्तव में आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से बहुत प्रतिस्पर्धी बना हुआ है.” उन्होंने आगे कहा कि नोवो नॉर्डिस्क भारत में ओज़ेम्पिक का विपणन पूरी तरह से टाइप-2 मधुमेह के उपचार के रूप में कर रहा है.
उन्होंने कहा कि कंपनी की एम्क्योर फार्मा के साथ साझेदारी केवल वज़न घटाने वाली दवा पोविज़्ट्रा (2.4mg के सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन) के लिए ही रहेगी.
भारत में ओज़ेम्पिक के लिए बाज़ार के अवसर के बारे में पूछे जाने पर, श्रोत्रिय ने कहा कि इसका अनुमान लगाना मुश्किल है, क्योंकि विश्व स्तर पर भी, इस दवा के लिए भविष्यवाणी करना कठिन साबित हुआ है, क्योंकि आपूर्ति से अधिक मांग है। उन्होंने कहा कि ओज़ेम्पिक को भारत में देर से लॉन्च करने का एक कारण बाधा रहित आपूर्ति सुनिश्चित करना भी था, और यह इंजेक्शन डेनमार्क से आयात किया जाएगा, जहां इसका उत्पादन होता है.
ओज़ेम्पिक (इंजेक्शन योग्य सेमाग्लूटाइड) अनियंत्रित टाइप-2 मधुमेह मेलिटस से पीड़ित वयस्कों के लिए आहार और व्यायाम के सहायक के रूप में सप्ताह में एक बार लेने के लिए निर्धारित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के 2023-24 के अनुमानों का हवाला देते हुए, कंपनी ने कहा कि भारत में 10.1 करोड़ (लगभग 11.4 प्रतिशत आबादी) लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, जिससे यह चीन के बाद दुनिया में मधुमेह से प्रभावित दूसरी सबसे बड़ी आबादी बन गया है. कंपनी ने आगे कहा कि देश में 13.6 करोड़ व्यक्ति प्री-डायबिटीज से और 25.4 करोड़ लोग सामान्य मोटापे से पीड़ित हैं, जो एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य चुनौती का संकेत देता है, जिसके लिए प्रभावी, साक्ष्य-आधारित उपचारों की आवश्यकता है.
भारत की खुदरा महंगाई नवंबर में बढ़कर 0.71 %
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई भारत की मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में रिकॉर्ड निचले स्तर $0.25$ प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर नवंबर में $0.71$ प्रतिशत हो गई. सरकार ने शुक्रवार को कहा कि नवंबर में मुद्रास्फीति में वृद्धि मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, मसालों, और ईंधन तथा प्रकाश की उच्च कीमतों के कारण हुई है.
मधुसूदन साहू के सनुसार, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं में अपस्फीति अक्टूबर में $5.02$ प्रतिशत के मुकाबले नवंबर में $3.91$ प्रतिशत रही. एनएसओ ने कहा कि ईंधन और प्रकाश की कीमतें इस साल अक्टूबर में $1.98$ प्रतिशत की तुलना में नवंबर में $2.32$ प्रतिशत बढ़ीं.
अखाड़े में वापसी
पेरिस ओलंपिक अयोग्य घोषित होने के एक साल बाद विनेश फोगाट की कुश्ती में वापसी
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, तीन बार की ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार (12 दिसंबर, 2025) को कुश्ती में अपनी आधिकारिक वापसी की घोषणा कर दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक भावनात्मक पोस्ट लिखकर लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक के लिए अपनी तैयारी शुरू करने की बात कही.
विनेश ने अपनी पोस्ट में लिखा, “काफी समय तक लोग पूछते रहे कि क्या पेरिस अंत था. मेरे पास जवाब नहीं था. मुझे मैट (अखाड़े) से दूर जाने की जरूरत थी. लेकिन उस खामोशी में मैंने पाया कि मेरे अंदर की आग कभी बुझी नहीं थी. मैं अब भी इस खेल से प्यार करती हूं और मुकाबला करना चाहती हूं.” विनेश ने यह भी साझा किया कि इस बार उनका बेटा भी उनकी टीम का हिस्सा होगा और उनका सबसे बड़ा ‘चीयरलीडर’ बनेगा.
गौरतलब है कि 8 अगस्त 2024 को पेरिस ओलंपिक के फाइनल मुकाबले से ठीक पहले वजन कराने के दौरान उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक पाया गया था, जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इस घटना के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया था. वर्तमान में विनेश फोगाट हरियाणा के जुलाना निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की विधायक भी हैं. उन्होंने लिखा, “मैं एक ऐसे दिल के साथ वापस आ रही हूं जो निडर है और एक ऐसी भावना के साथ जो झुकने से इनकार करती है.”
ज़ुबीन गर्ग: आयोजक श्यामकानु महंत समेत 4 पर हत्या का आरोप; चचेरे भाई का नाम भी
सिंगर जुबीन गर्ग की मौत की जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) ने शुक्रवार को गुवाहाटी की एक अदालत में दायर अपने आरोपपत्र में चार आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया है.
“पीटीआई” के अनुसार, आरोपियों के नाम श्यामकानु महंत, सिद्धार्थ शर्मा, शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रवा महंत हैं.
श्यामकानु महंत सिंगापुर में आयोजित नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के मुख्य आयोजक थे, जिसमें गर्ग ने भाग लिया था और जहां 19 सितंबर को समुद्र में तैरते समय रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई थी.
वकीलों ने कहा कि दिन की शुरुआत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सौंपे गए 3,500 से अधिक पन्नों के आरोपपत्र में, गर्ग के चचेरे भाई और निलंबित असम पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग पर हत्या की श्रेणी में न आने वाले गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है.
असम सरकार ने गायक की मौत की जांच के लिए विशेष डीजीपी एम. पी. गुप्ता के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में समाप्त हुए विधानसभा सत्र में दावा किया था कि गर्ग की मौत “सीधी और सरल हत्या” थी.
जबकि, गर्ग की मौत की स्वतंत्र जांच कर रहे सिंगापुर पुलिस बल (एसपीएफ) ने एक बयान में कहा था कि शुरुआती जांच में किसी भी तरह की साजिश का संकेत नहीं मिला है, और जांच में तीन महीने और लग सकते हैं.
ट्रंप की नई विदेश नीति: चीन और रूस के साथ सहयोग के युग की शुरुआत
एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में “ग्रेट पावर कॉम्पिटिशन” (महाशक्तियों की प्रतिस्पर्धा) के दौर को समाप्त कर चीन और रूस के साथ “ग्रेट पावर कोऑपरेशन” (महाशक्तियों के सहयोग) की दिशा में बढ़ रहे हैं. ट्रंप का मानना है कि अमेरिका को दुनिया पर हावी होने की मानसिकता छोड़ देनी चाहिए और अन्य महाशक्तियों के साथ सौदेबाजी करनी चाहिए.
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने चीन के साथ टकराव कम करते हुए हाल ही में ‘एनवीडिया’ के एच 200 (H200) चिप्स के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया है. हालांकि, सबसे आधुनिक ‘ब्लैकवेल’ चिप्स पर प्रतिबंध जारी रहेगा. ट्रंप ने अप्रैल में बीजिंग जाने की घोषणा भी की है और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 2026 में अमेरिका की यात्रा करेंगे. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि वे चीन के साथ ऐसे व्यापारिक संबंध चाहते हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किए बिना दोनों के लिए फायदेमंद हों.
वहीं, रूस के मामले में ट्रंप की रणनीति मास्को को अंतरराष्ट्रीय अलगाव से बाहर लाने की है. एक शांति योजना के तहत यूक्रेन पर डोनबास क्षेत्र को रूस को सौंपने का दबाव बनाया जा रहा है. ट्रंप का लक्ष्य रूस को वापस जी-7 (G7) समूह में शामिल करना और ऊर्जा, एआई व अन्य क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग बढ़ाना है. विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप “प्रभाव क्षेत्रों” के मॉडल पर काम कर रहे हैं, जहां स्थिरता के बदले में बड़ी शक्तियों (जैसे चीन और रूस) को अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभुत्व की छूट दी जा सकती है, बशर्ते वे अमेरिका के क्षेत्र (पश्चिमी गोलार्ध) से दूर रहें.
अमेरिका ने ‘बर्थ टूरिज्म’ पर सख्त रुख अपनाया, भारतीय वीज़ा आवेदकों के लिए चेतावनी जारी
भारत में अमेरिकी दूतावास ने ‘बर्थ टूरिज्म’ (बच्चों के जन्म के लिए यात्रा) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पर्यटक वीज़ा आवेदकों के लिए एक सार्वजनिक चेतावनी जारी की है. “एक्सप्रेस न्यूज़ सर्विस” के मुताबिक, दूतावास ने एक्स “एक्स” पर एक पोस्ट में कहा कि यदि कांसुलर अधिकारियों को यह संदेह होता है कि कोई आवेदक बच्चे को अमेरिकी नागरिकता दिलाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म देने के इरादे से यात्रा कर रहा है, तो वे तत्काल बी-1/बी-2 पर्यटक वीज़ा को अस्वीकार कर देंगे.
दूतावास ने कहा, “अमेरिकी कांसुलर अधिकारी पर्यटक वीज़ा आवेदनों को अस्वीकार कर देंगे यदि उन्हें लगता है कि यात्रा का प्राथमिक उद्देश्य बच्चे के लिए अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म देना है. इसकी अनुमति नहीं है. “
यह कदम अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा अप्रैल में दोहराए गए संदेश के समान है, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि इस उद्देश्य के लिए पर्यटक वीज़ा का उपयोग करना सिस्टम का दुरुपयोग है और इससे अमेरिकी करदाताओं पर लागत का बोझ पड़ सकता है.
भारत की अनुपस्थिति में अमेरिका ने ‘पैक्स सिलिका’ पहल शुरू की
अमेरिका के नेतृत्व में एक नई रणनीतिक पहल, जिसका नाम ‘पैक्स सिलिका’ है, को भारत को शामिल किए बिना लॉन्च किया गया है, जबकि दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण व्यापार वार्ताएं चल रही हैं. इस पहल का उद्देश्य एक सुरक्षित, समृद्ध और नवाचार-संचालित वैश्विक सिलिकॉन आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है.
जयंत जैकब की रिपोर्ट है कि अमेरिकी विदेश विभाग ने इस पहल को संपूर्ण सिलिकॉन आपूर्ति श्रृंखला पर केंद्रित बताया है. अर्थात्, “महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा इनपुट से लेकर उन्नत विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, एआई बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स तक.”
रिपोर्ट के अनुसार, पैक्स सिलिका के उद्घाटन शिखर सम्मेलन में जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, नीदरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया शामिल होंगे. अमेरिकी विदेश विभाग ने इस समूह की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया और कहा, “ये देश मिलकर वैश्विक एआई आपूर्ति श्रृंखला को शक्ति प्रदान करने वाली सबसे महत्वपूर्ण कंपनियों और निवेशकों का घर हैं.”
पैक्स सिलिका का उद्देश्य स्पष्ट रूप से रणनीतिक है, ऐसे समय में जब महत्वपूर्ण खनिजों और उभरती प्रौद्योगिकियों पर चीनी नेतृत्व वाली आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकल्प बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. यह गठबंधन चाहता है कि “जबरन निर्भरताओं को कम किया जा सके, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए मूलभूत सामग्रियों और क्षमताओं की रक्षा की जा सके, और यह सुनिश्चित किया जा सके कि संरेखित राष्ट्र परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों को बड़े पैमाने पर विकसित और तैनात कर सकें.”
विवाद के बाद ‘प्रादा’ बेचेगा ‘मेड इन इंडिया’ कोल्हापुरी , कीमत होगी करीब 84,000 रु.
बीबीसी/रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मशहूर इटैलियन लग्जरी फैशन ब्रांड ‘प्रादा’ ने भारतीय कोल्हापुरी चप्पलों से प्रेरित फुटवियर की एक लिमिटेड-एडिशन लाइन लॉन्च करने की घोषणा की है. यह फैसला ब्रांड द्वारा कोल्हापुरी डिजाइन की नकल करने के आरोपों और उस पर हुए विवाद के कुछ महीनों बाद लिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रादा महाराष्ट्र और कर्नाटक की राज्य-समर्थित संस्थाओं के साथ समझौते के तहत भारत में 2,000 जोड़ी सैंडल बनाएगा. इसकी बिक्री फरवरी 2026 से शुरू होगी. एक जोड़ी सैंडल की कीमत 939 डॉलर (लगभग 84,000 रुपये) रखी गई है. यह समझौता इटली-इंडिया बिजनेस फोरम 2025 के दौरान हुआ.
जून में प्रादा ने बिना भारतीय मूल का जिक्र किए कोल्हापुरी जैसे डिजाइन वाले जूते पेश किए थे, जिस पर भारत में ‘सांस्कृतिक चोरी’ के आरोप लगे थे और कारीगरों ने नाराजगी जताई थी. महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने बताया कि इस नई पहल का नाम ‘प्रादा मेड इन इंडिया – इंस्पायर्ड बाय कोल्हापुरी चप्पल्स’ होगा. इसके तहत कारीगरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और करीब 200 कारीगरों को 3 साल की ट्रेनिंग के लिए इटली भी भेजा जाएगा. यह समझौता फिलहाल 5 साल के लिए किया गया है.
कोलकाता में मेसी की मूर्ति पर मजाक
“मुझे लगा, ऋतिक रोशन ने ब्राजील के लिए विश्व कप जीत लिया.”
कोलकाता में लगी लियोनेल मेसी की 70 फुट की प्रतिमा, जिसका अनावरण शनिवार 13 दिसंबर को फुटबॉल स्टार द्वारा किया जाना है, इंटरनेट पर तीव्र चर्चा का विषय बन गई है.
“द टेलीग्राफ” की वेबडेस्क के मुताबिक, जैसे ही इसकी पहली तस्वीरें सामने आईं, मज़ाक शुरू हो गए, और ये थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक यूज़र ने “एक्स” पर लिखा, “कोलकाता में मेसी की 70 फीट की मूर्ति बनी है. मुझे नहीं पता कि यह किस एंगल से मेसी जैसी लग रही है.”
एक अन्य “एक्स” यूज़र ने सीधे स्थानीय तुलना की: “यह किसकी मूर्ति है? मेहताब हुसैन जैसी लग रही है.” हुसैन कोलकाता के एक सेवानिवृत्त भारतीय पेशेवर फुटबॉलर हैं, जो डिफेंसिव मिडफील्डर के रूप में खेलते थे.
मूर्ति का आकार भी टिप्पणियों का हिस्सा बन गया है. एक “एक्स” यूज़र ने लिखा, “दुनिया के सबसे छोटे व्यक्तियों में से एक की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा कैसे हो सकती है?”
मेटा पर एक यूज़र ने कहा, “आख़िरकार शहर को अर्जेंटीना के झंडे के रंगों में रंगने का कुछ औचित्य तो मिला.” यह टिप्पणी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 2011 में शुरू किए गए आदेश को संदर्भित करती है, जिसके तहत सरकारी इमारतों, सार्वजनिक बुनियादी ढांचों को उनके पसंदीदा नीले और सफेद रंगों में रंगना अनिवार्य किया गया था, और निजी संपत्तियों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था.
एक अन्य यूज़र ने लिखा, “जब मेसी को मीशू से ऑर्डर किया.” एक अलग टिप्पणी में कहा गया, “चेहरा थोड़ा ज्यादा ‘मेसी’ हो गया है.”
एक अन्य यूज़र ने मज़ाक किया, “प्रतिमा के अनावरण के बाद मेसी पत्रकारों से यही कहेंगे, “और साथ ही उन्होंने डच फ़ॉरवर्ड वाउट वेघॉर्स्ट पर भड़कते हुए मेसी की एक जीआईएफ साझा की, “क्या देख रहा है मूर्ख?” यह जीआईएफ अर्जेंटीना की नीदरलैंड पर 2022 विश्व कप क्वार्टर फाइनल की तनावपूर्ण जीत के बाद हुए तीखे आदान-प्रदान के दौरान की है. एक यूज़र ने फेसबुक पर पोस्ट किया: “मुझे लगा कि ऋतिक रोशन ने ब्राजील के लिए विश्व कप जीत लिया.”
इस प्रतिमा को एक शानदार श्रद्धांजलि के रूप में बनाने का इरादा था, लेकिन फीता कटने से पहले ही यह कोलकाता का नया कॉमेडी हॉटस्पॉट बन गया है. सुजीत बोस की प्रेस रिलीज़ के अनुसार, मेसी सुबह 10 बजे प्रतिमा का अनावरण करेंगे. उनका दौरा कोलकाता में सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक वीआईपी मीट-एंड-ग्रीट के साथ शुरू होगा, जिसमें उनके भाग्यशाली प्रशंसकों और गणमान्य व्यक्तियों को एक गुप्त स्थान पर विशेष तस्वीरें, ऑटोग्राफ और बातचीत का मौका मिलेगा. इसके बाद मुख्य सॉल्ट लेक स्टेडियम शो (सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक) होगा, जहां 85,000 प्रशंसक उन्हें देख पाएंगे. शाहरुख खान 11:30 बजे एक करिश्माई फुटबॉल-बॉलीवुड क्रॉसओवर के लिए शामिल होंगे.
मेसी, सौरव गांगुली और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेंगे, और दोपहर 2 बजे तक हैदराबाद के लिए उड़ान भरने से पहले अपना दौरा समाप्त करेंगे.
वेनेजुएला: नोबेल विजेता मचाडो लौटीं दुनिया के मंच पर, लोकतंत्र बहाली का लिया संकल्प
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला की विपक्षी नेता और हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मारिया कोरिना मचाडो ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के शासन को समाप्त करने और देश में लोकतंत्र बहाल करने का संकल्प लिया है. करीब एक साल से अधिक समय तक छिपे रहने के बाद मचाडो ने गुरुवार को ओस्लो (नॉर्वे) में सार्वजनिक रूप से वापसी की.
नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मचाडो ने यह बात कही. यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन मादुरो पर दबाव बढ़ा रहा है. ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को वेनेजुएला के एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था. मचाडो ने मादुरो सरकार की फंडिंग रोकने के प्रयासों का समर्थन किया और आरोप लगाया कि मादुरो ड्रग्स, मानव तस्करी, अवैध तेल बिक्री और सोने की तस्करी के जरिए अपनी सत्ता बचाए हुए हैं.
उन्होंने कहा, “वेनेजुएला पर पहले ही आक्रमण हो चुका है. हमारे यहां रूसी एजेंट, ईरानी एजेंट और हमास व हिजबुल्लाह जैसे समूह मादुरो सरकार की सहमति से काम कर रहे हैं.” हालांकि, जब उनसे अमेरिकी सैन्य कार्रवाई की संभावना पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से परहेज किया. वेनेजुएला का मुख्य कॉर्पोरेट पार्टनर अमेरिकी कंपनी ‘शेवरॉन’ है, जो प्रतिबंधों के बावजूद वहां से तेल निर्यात कर रही है.
उम्मीद की तस्वीरों का सालाना संग्रह
‘द अटलांटिक’ के वरिष्ठ संपादक एलन टेलर ने पिछले एक दशक से अधिक समय से एक खूबसूरत वार्षिक परंपरा को जीवित रखा है. हर साल के अंत में, वे पिछले 12 महीनों की सबसे उत्साहजनक और सकारात्मक तस्वीरों का एक विशेष फोटो-निबंध तैयार करते हैं. इस पहल का उद्देश्य हमारे आसपास की दुनिया में मौजूद अथाह खुशियों और दयालुता के पलों को खोजना और उन्हें दुनिया के सामने लाना है. साल 2025 के इस संग्रह में कई दिल को छू लेने वाली तस्वीरें शामिल हैं. उदाहरण के लिए, 6 मई 2025 को ली गई एक तस्वीर में फ्रांसीसी द्वीप कोर्सिका के अजाशियो स्थित एक अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रमुख ब्रूनो मेनेजर को देखा जा सकता है, जो म्यूजिक थेरेपी सत्र के दौरान एक नवजात शिशु के लिए ‘सिटोल’ (एक वाद्ययंत्र) बजा रहे हैं. यह तस्वीरें बताती हैं कि चुनौतियों के बीच भी दुनिया में उम्मीद और करुणा की कोई कमी नहीं है.
अपील :
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