17 नवम्बर 2024: गंगा वापस शुद्ध, न अलार्म बजा, न सिलेंडर खुले अस्पताल के , मणिपुर लगातार अशांत, मराठी अख़बारों में चुनाव, बस्तर में नक्सल मुठभेड़, टाइसन के कमज़ोर घूंसे, पायल कपाड़िया के नीले रंग
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निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
सुर्खियाँ: 10 दिन पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में उत्तरप्रदेश सरकार बता रही थी कि गंगा का पानी प्रयागराज में “आचमन” लायक नहीं है, लेकिन डेढ़ हफ्ते बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नमामि गंगे प्रोजेक्ट के प्रयासों से गंगा का पानी “आचमन” जैसी रस्म के लिए शुद्ध हो गया है. “जबकि कभी गंगा का पानी नहाने तक के लिए असुरक्षित माना जाता था,” योगी ने ‘नमो घाट’ के उद्घाटन अवसर पर कहा. महाकुंभ 13 जनवरी से है और एनजीटी में अगली सुनवाई 20 जनवरी को है.
दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ माह पहले गंगा के “शुद्ध पानी” से मिलता-जुलता दावा झांसी के उस अस्पताल को लेकर भी किया था, जहां शुक्रवार की देर रात नवजात शिशु केयर यूनिट में आग लगने से 10 बच्चे जल कर मर गए और 16 जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पत्रकार रणविजय ने इस इकाई को लेकर हुए दावों और सजाई गई झांकी को लेकर ये ट्वीट किया है. यहां इसका प्रमोशनल वीडियो देख सकते हैं. और यहाँ पर विचलित करने वाला वीडियो, जिसमें बच्चों को हादसे के बाद ले जाया जा रहा है. यह खबर भी है कि केयर यूनिट में 18 शिशुओं को ही रखा जा सकता था, लेकिन घटना के वक्त 49 शिशु भर्ती थे. क्षमता से 3 गुणा अधिक. 39 बच्चों को वार्ड की खिड़की तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला जा सका. जबकि 10 महीने पहले अखबारों और टीवी में चाक चौबंद व्यवस्था की खबरें चल रही थीं. अस्पताल में 'वर्ल्ड क्लास' सुविधाएं मिलने की आकर्षक हेडलाइन लगाई गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक वार्ड में जब आग लगी और वार्ड ब्वॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सट्विंगशर) चलाया, तो उसने काम ही नहीं किया. वह 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका है. न फायर अलार्म बजा, न वार्ड में रखे सिलेंडर किसी काम के थे. सिलेंडर पर 2019 की फिलिंग डेट है और एक्सपायरी 2020 की है. प्रशासन जहां रात में ही अस्पताल की ओर जाने वाली सड़कों पर चूना डालता हुआ नजर आया, वहीं झांसी हादसे के बरक्स सीएम योगी को आज कानपुर में हुए उनके रोड शो के चलते सोशल मीडिया में ट्रोल किया जाता रहा.
हादसे के बाद 39 बच्चों को वॉर्ड की खिड़की तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला जा सका. रिपोर्ट्स के मुताबिक वॉर्ड में जब आग लगी और वार्ड ब्वॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सट्विंगशर) चलाया, तो उसने काम ही नहीं किया. वह 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था. आग लगने के बाद ना फायर अलार्म बजा ना ही वार्ड में रखे सिलेंडर किसी काम के थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को कानपुर में हो रहे अपने एक रोड शो और कई अन्य जगहों पर हुई अपनी सभाओं में व्यस्त थे.
स्वास्थ्य से ही जुड़ी एक ख़बर गुजरात से है जहाँ जबरदस्ती एंजियोप्लास्टी करने के मामले सामने आये हैं. मेहसाणा में बोरिसाना गांव में दो निवासियों, हेश गिरधर बरोट (52) और नागर मोती सेनमा (75) की इलाज के दौरान मौत हो गई. इन दोनों की मौत कथित तौर पर उनकी सहमति के बिना की गई बेवजह की एंजियोप्लास्टी सर्जरी बनी. जो आयुष्मान भारत के तहत किया गया. डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है और एफआईआर में अस्पताल के डायरेक्टरों के भी नाम हैं.
मैतई लाशें मिलने के बाद फिर भड़का मणिपुुर: मणिपुर-असम सीमा पर जिरी नदी और बराक नदी के पास से छह मैतेई लाशें बरामद की गई हैं. ये वही तीन महिलाएं और तीन बच्चे थे, जिनकी कई दिनों से ढूंढ मची थी. एक तो आठ माह का था. इसके बाद उग्र भीड़ ने शनिवार को मुख्यमंत्री एन. वीरेन सिंह के घर पर हमला कर दिया. इससे पहले एक महिला विधायक का पीछा किया और कई विधायकों के घरों की संपत्तियां जला दी. इसके बाद से मणिपुर सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट पर बैन कर दिया. इंफाल में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया है.
नक्सल मुठभेड़ में पांच मरे, दो घायल: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में शनिवार को एक एन्टी-नक्सल ऑपरेशन के दौरान पांच नक्सलियों की मौत हो गई, जबकि दो सुरक्षा कर्मी घायल हो गए. 'डेक्कन हेराल्ड' ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि यह मुठभेड़ सुबह लगभग 8 बजे नारायणपुर और कांकेर जिलों की सीमा पर स्थित उत्तर अबूझमाड़ के जंगल में हुई.
दिल्ली की हवा अभी भी ख़राब है. सरकारी दफ्तरों के कामकाज का समय तो बदला ही है, स्कूली बच्चों के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है. दिल्ली में लगातार तीसरे दिन AQI की हालत गंभीर रही. हालात को देखते हुए दिल्ली एनसीआर में एक्शन प्लान “GRAP-3” लागू कर दिया गया है. कई चीजों पर रोक लगा दी गई है. ई-बस और सीएनजी से चलने वाली बस को छोड़कर इंटरस्टेट बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. बीएस-3 पेट्रोल, बीएस-4 डीजल फोर व्हीलर वाहनों पर भी रोक लगाई गई है. साथ ही कंस्ट्रक्शन के कुछ कामों पर भी रोक रहेगी.
विवेचना: कैसा चल रहा है चुनाव मराठी अख़बारों में
जयश्री पिंगले
(जयश्री पिंगले अनुभवी पेशेवर पत्रकार हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के अखबारों का जायजा लिया. यह पता किया कि विधानसभा चुनावों को लेकर मराठी के अखबारों में क्या छप रहा है. लोग क्या कह रहे हैं, उनकी क्या उम्मीदें हैं, मुद्दे कौन से हैं, सियासतदां क्या कर रहे हैं, किस तरफ जा रहा है चुनाव.)
वोट चाहिए तो नदियों, पहाड़ों और दरख्तों को बचाइए. यह एक अनूठा आंदोलन है. इसकी आवाज़ पूना में सुनाई दे रही है. सामान्य लोगों के समूह ने नेताओं से कहा है कि वे नदियों, पहाड़ों और आबोहवा के लिए वोट देंगे. जो, नाले में तब्दील हो चुकी शहरी नदियों की सफाई, पहाड़ों पर हो रही अवैध खुदाई और विकास के नाम पर काटे जा रहे बेतहाशा पेड़ों की हिफाज़त के लिए काम करेगा, वोट उसी को जाएगा.
दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव द्वारा यमुना में लगाई गई डुबकी की गूंज भी पूना तक है. किस तरह सचदेव को यमुना के जहरीले पानी के कारण चमड़ी पर उठी फुंसियों और सांस लेने में तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था.
मराठी अखबार बता रहे हैं कि – यूट्यूबर ध्रुव राठी के चैलेंज को आदित्य ठाकरे ने स्वीकार किया है. राठी ने महाराष्ट्र चुनाव पर कहा है कि छत्रपति के स्वराज को लाने के लिए बुनियादी तौर पर 11 काम करने पड़ेंगे. जो नेता इस चैलेंज को स्वीकार करेगा, राठी के ढाई करोड़ सब्सक्राइबर्स वाला चैनल उसका प्रचार करेगा.
11 काम हैं – किसानों को आधुनिक खेती के लिए ट्रेंड करना, मिट्टी का परीक्षण करना, प्रयोगशाला और बाजार से खेती को उन्नत करना, मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज, प्रदूषण और अपराध मुक्त राज्य के लिए अपनी प्रतिबध्दता दिखाना, उद्योग, रोजगारों को बढ़ाना.
अखबार बता रहे हैं कि – योगी आदित्यनाथ का महाराष्ट्र में दिया गया नारा- बटेंगे तो कटेंगे भारी पड़ रहा है. भाजपा के कई नेताओं ने इससे कन्नी काटनी शुरू कर दी है. अजित पवार को ही यह मुद्दा भारी पड़ रहा है. पंकजा मुंडे, नए नवेले भाजपा में गए अशोक चव्हाण, राधाकृष्ण विखे पाटिल सब इसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठा रहे हैं. देवेंद्र फडणवीस जैसे तैसे मामले को सुलझा रहे हैं- वे कह रहे हैं कि अजित पवार जहां से आए हैं, वहां पर सूडो सेक्यूलरिज्म का बोलबाला है, इसलिए उनकी समझ में यह बात नहीं आने वाली है.
दिलचस्प नजारा प्रधानमंत्री मोदी की रैली का रहा है. जहां पर किसानों के लिए भावांतरण की घोषणा की गई है. खास तौर पर सोयाबीन बोने वाले किसान जिन्हें पांच हजार रू. का वादा था. अब बाजार मूल्य के भावांतरण में छह हजार रू. देने की बात है.
महाविकास अघाड़ी के लिए प्रचार कर रहे मराठी अभिनेता किरण माने ने सतारा की रैली का हवाला देकर पोस्ट किया है कि किस तरह शरद पवार को लेकर एक जादू कायम है. बारिश और खराब मौसम की वजह से उनका हेलीकॉप्टर उतर नहीं पाया है. लेकिन चालीस हजार लोगों की भीड़ बारिश के बावजूद उन्हें सुनने के लिए बेताब है. जब पवार के रात दस बजे तक पहुंचने की हालत में नहीं हैं तो रास्ते में ही कार में मोबाइल से कनेक्ट होकर वे अपना भाषण देते हैं.
अजित पवार बारामती में लोगों को बता रहे हैं कि पवार साहेब चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उनके बड़े बड़े पोस्टर– कट आउट भर लगे हैं. इनको देखकर भावुक मत होइए. लोकसभा चुनाव में आपने उनका साथ दिया है लेकिन अब मैं भरोसा दिला रहा हूं. मैं काम का व्यक्ति हूं. आपका वैसा ही ख्याल रखूंगा.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे इस चुनाव में हिंदुत्व की धार को तेज कर रहे हैं. बालासाहेब ठाकरे की शैली में भाषण देने के लिए पहचाने जाने वाले राज ठाकरे ठाणे की एक रैली में उस वक्त सबका ध्यान खींचते हैं, जब वे भीड़ में बैठी अपनी बचपन की दोस्त असिलता को मंच पर बुलाते हैं. असिलता का पूरा परिचय देते हुए वे कहते हैं- यह स्वातंत्र्य वीर सावरकर की पोती है. वह नीचे बैठेंगी और मैं मंच पर भाषण कैसे दे सकता हूं. वे मंच से घोषणा करते हैं कि वे सत्ता में आते हैं तो 48 घंटे के भीतर मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवा कर रहेंगे. हिजाब पर भी निशाना साधते हैं. अपने सुविधानुसार धर्म की छूट नहीं चलेगी.
अखबार यह भी लिख रहे हैं कि मुंबई की प्रधानमंत्री मोदी की रैली में जीशान सिद्दीकी, नवाब मलिक, सना मलिक नहीं थे. उन्हें बुलाया नहीं गया. नवाब मलिक को अजीत पवार की एनसीपी से टिकट मिला है लेकिन रैली में दूसरे उम्मीदवारों के साथ नहीं बुलाया गया. इस पर देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी है कि और भी उम्मीदवार हैं जिन्हें बुलाया नहीं गया.
मोदी और अमित शाह ने अपनी रैलियों में उद्धव ठाकरे को चुनौती दी थी कि अगर दम है तो कांग्रेस के शहजादे से स्वातंत्र्य वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे के सम्मान में दो बोल कहलवाएं. इस पर शिर्डी पहुंचीं प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है. प्रियंका ने जवाब दिया है – मेरे भाई को निशाना बनाया जा रहा है- पर सुन लीजिए ठाकरे की और हमारी विचारधारा एक थी. लेकिन हमने छत्रपति शिवाजी का कभी अपमान नहीं होने दिया. गेंद को आरक्षण की ओर घुमाते हुए प्रियंका ने कहा मोदी जातिगत जनगणना की घोषणा करें और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा खत्म करें.
(जयश्री पिंगले हिंदी की वरिष्ठ पत्रकार हैं.)

वैकल्पिक मीडिया : दलितों के खिलाफ हिंसा मामले में 98 दोषियों को हुई थी उम्रकैद, 97 को मिली जमानत :'द मूकनायक' की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक हाईकोर्ट की धारवाड़ पीठ ने कोप्पल जिले के गंगावती तालुक के मरकुंबी गांव में दलितों के खिलाफ हिंसा के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए 97 आरोपियों को बुधवार को जमानत दे दी है. सिर्फ प्रथम आरोपी मंजूनाथ को जमानत नहीं मिल सकी.
अभिनेत्री दिशा पटानी के पिता जगदीश सिंह पटानी जो कि खुद रिटायर्ड डिप्टी एसपी रहे हैं, जालसाजों के चक्कर में फंस गए और 25 लाख रुपये गंवा बैठे. बरेली पुलिस ने मामले की जांच कर दी है. आरोप है कि पांच व्यक्तियों के एक समूह ने उन्हें किसी सरकारी आयोग में उच्च पद दिलाने का वादा कर यह रकम ऐंठी.
शोरबे को लेकर शोर: मिर्जापुर में भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद बिंद ने अपने कार्यालय में पार्टी दी करीब एक हजार लोगों को न्यौता भेजा गया था. इस दौरान समर्थकों को मटन के नाम पर सिर्फ शोरबा परोसा. लोगों को लगा उनके अरमानों से खिलवाड़ कर दिया सांसद ने. हंगामा हुआ और लात-घूंसे चले.
मंत्री के सामने पीएसओ की पिटाई: ग्वालियर के ग्रामीणों ने उत्तर प्रदेश के मंत्री मनोहर लाल 'मन्नू कोरी' के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और उनके ड्राइवर की पिटाई कर दी. झांसी हाईवे पर एक ट्रक पलटने से जाम लगा हुआ था. मंत्री का वाहन जाम से बचने के लिए गलत दिशा में चलने लगा, जिससे अन्य वाहनों को परेशानी हुई. इस दौरान मंत्री के ड्राइवर की एक मोटरसाइकिल सवार बंटी यादव से बहस हो गई. मंत्री के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) ने गाड़ी से उतरकर बहस के दौरान गुस्से में बंटी यादव को थप्पड़ जड़ दिया, जिसके बाद 15-20 लोगों की भीड़ आई और उन्होंने मंत्री के स्टाफ की धुनाई कर दी.
बलात्कार के बाद वीडियो वायरल करने की धमकी: शादी के बाद पति पत्नी घूमने निकले. मंदिर के पास एक नाले के किनारे जाकर बैठ गये. वहाँ गुंडे आ गये और पति के सामने पत्नी का सामुहिक बलात्कार किया. उसका वीडियो बनाया. 'विंध्य फर्स्ट' के लिए अंजली द्विवेदी ने पीड़िता से लम्बी बात की है..
अहमदाबाद में मशहूर रॉक ग्रुप कोल्डप्ले के आकर शो करने की ख़बर से वहाँ होटलों के रेट बढ़ गये हैं. 'कोल्डप्ले' के मंहगे शो टिकट की चर्चा पहले भी खूब हुई है. यह बैंड 25 जनवरी 2025 को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में शो करेगा, जिसके लिए क्रेज अभी से दिख रहा है. इसके अलावा कोल्डप्ले अहमदाबाद से पहले मुम्बई के डी.वाई. पाटिल स्पोर्ट्स स्टेडियम में 18, 19 और 20 जनवरी को तीन शो करने वाला है.
ट्रम्प से अमन की आशा: यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमिर जेलेंस्की को लग रहा है कि डोनल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद रूसी हमले से शुरू हुआ युद्ध जल्दी खत्म हो जाएगा.
लेबनान और गाजा पर हमले जारी: इजराइली सेना ने अपने वायु हमलों के जरिए लगातार पांचवें दिन बेरूत के दक्षिणी उपनगरों दहियेह, हरत हरीक और चीयाह क्षेत्रों को निशाना बनाया. गाजा पट्टी में इजरायली हमलों में कम से कम 16 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इसके अलावा, लेबनान के दक्षिणी नबातियेह गवर्नरेट में एक इसराइली ड्रोन हमले में दो और पैरामेडिक्स की मौत की खबर आई है.
58 साल के माइक टाइसन को बहुत दिनों बाद घूंसेबाजी करने की सूझी और वे अपने से 30 साल छोटे 27 साल के जेक पॉल से भिड़ तो लिये पर आठ राऊंड तक टिके रहे और फिर हार गये. अस्सी के दशक में टाइसन ने बॉक्सिंग की दुनिया को अपनी ताबडतोड़ तेजी और आक्रामकता से चकित कर दिया था. तब से अब के बीच टाइसन की मानसिक और शारीरिक सेहत खराब रही है, शराब और ड्रग्स की लत थी और दर्दनाक साइटिका और खूनी अल्सर के शिकार रहे. दो साल पहले वह व्हीलचेयर पर देखे गये थे और इस मई उन्हें खून की इतनी उल्टियां हुईं कि जेक पॉल के साथ होने वाला यह मुकाबला 6 माह के टालना पड़ा था. शुक्रवार रात हुए मुकाबले में माइक टाइसन अपनी जवानी के दिनों की छाया भी नहीं थे. इस सवाल पर कि क्या दुनिया को यह दिखाना चाहते थे कि इतनी उम्र में भी लड़ सकते हैं, टाइसन ने जवाब दिया-” किसी के सामने कुछ साबित नहीं करना था. अपने लिए लड़ा और उसी में खुश रहता हूं, जो कर सकता हूं. यू ट्यूबर से मुक्केबाज बने जेक पॉल ने मुकाबला जीतने के बाद कहा, “माइक टाइसन ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम हैं. मेरे प्रेरणा स्रोत हैं. उनके बिना हम आज यहां नहीं होते.”
चलते-चलते: पायल कपाड़िया की मुंबई और उसके नीले रंग
नए दौर की फिल्मकार पायल कपाड़िया की फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' चर्चा में है. यह इस साल 'कान फिल्म फेस्टिवल' में छाई रही. फेस्टिवल में इसे दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार, ग्रां प्री जूरी प्राइज से सम्मानित किया गया. पायल से उनकी फिल्म और उनकी यात्रा को लेकर अनुराधा सेन गुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल के लिए बातचीत की है. इस बातचीत की शुरुआत में ही अनुराधा, पायल की फिल्म के लाइट और कलर पैलेट यानि की 'ब्लू थीम' के रहस्य को जानना चाहती हैं, कि आखिर क्यों यही रंग फिल्मकार ने अपनी डेब्यू फिल्म के लिए चुना. लाइट के सवाल पर पायल कहती हैं कि ये ख्याल उन्हें ट्यूबलाइट से आया. फिल्म की नीले रंग की थीम पर उन्होंने 'मैजिक हॉवर', जैसा कि शाम के वक्त मिलने वाली लाइट्स को लेकर फिल्मकार, इस वक्त को बयां करते हैं. बरसात के मुंबई का मैजिक ऑवर. उन्होंने बताया कि विजुअल रिसर्च के दौरान उन्होंने बरसात के दिनों में इसी रंग को शहर पर छाए हुए पाया. ये फिल्म तीन नर्स की कहानी बयां करती हैं, जो मुंबई की भीड़ में अपनी एक कहानी रखती हैं. उनकी फिल्म पितृसत्ता के सवालों से जाकर टकराती है.
2015 में फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) की पूर्व छात्रा रही पायल कपाड़िया ने अपने संस्थान के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के खिलाफ हुए 139 दिनों के स्टूडेंट प्रोटेस्ट को भी लीड किया था और इसके चलते उन्हें कॉलेज की अनुशासन समिति के गुस्से का शिकार भी होना पड़ा. सुनिये इस युवा फिल्मकार और साथ में फिल्म के प्रोड्यूसर राणा दग्गुबती को.
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ.