18/01/2025 : पैसे उड़ाते भारतीय अमीर, पिसता मध्यवर्ग, चलती किसकी है कश्मीर में, शौरी की सावरकर पर किताब, आप- भाजपा का रेवड़ी युद्ध, 12 नक्सली मारे गये, इमरान को 14 साल की जेल
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निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
आज की सुर्खियां | 18 जनवरी 2025
‘द वायर’ में राहुल बेदी की रिपोर्ट है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित तटरक्षक बल के ध्रुव हेलीकॉप्टर के पोरबंदर में दुर्घटना का शिकार होने के कारण इसकी सुरक्षा और विश्वसनीयता पर फिर से सवालिया निशान लग गया है. नतीजतन, एचएएल द्वारा विकसित सभी 330 ध्रुव हेलिकॉप्टरों की उड़ान पर रोक लगा दी गई है. गणतंत्र दिवस पर होने वाली फ्लाई पास्ट में इनकी रस्मी भागीदारी पर भी संदेह किया जा रहा है. हालांकि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि तटरक्षक बल को इस प्लेटफार्म पर 100% विश्वास है, लेकिन द्विवेदी के कई पूर्व सहयोगी, जिनमें से कुछ ने ध्रुवों का संचालन या पर्यवेक्षण किया है, इस आकलन से सहमत नहीं हैं. उन्होंने यह भी नोट किया कि ध्रुव का दुर्घटना रिकॉर्ड - भारत में कुल 23 घटनाएं - घरेलू सीमा के बाहर भी फैला हुआ है.
डॉ. असफाकुल्ला नैया के घर की पुलिस ने की तलाशी : कोलकाता में डॉ. असफाकुल्ला नैया ने पश्चिम बंगाल के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इसके बाद पुलिस ने उनके घर की तलाशी ली. नैया ने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरे घर की तलाशी क्यों ली गई और आरोप क्या हैं... अगर मैंने कुछ गलत किया है, तो पुलिस मुझे बुलाकर मुझे बताये." इस हफ्ते उन्हें शो कॉज नोटिस भी जारी किया गया था, जिसमें यह आरोप था कि उन्होंने ईएनटी स्पेशलिस्ट के रूप में बिना आवश्यक योग्यताओं के काम किया था. नैया, जो कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद हुए प्रदर्शनों में सक्रिय थे, उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई.
तिब्बत हाउस का विदेशी फंडिंग लाइसेंस निरस्त : तिब्बत हाउस, जिसे दलाई लामा ने 1965 में तिब्बती सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करने के लिए स्थापित किया था, का विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के तहत लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. यह कदम आरोपों के बाद उठाया गया है कि संगठन ने इस कानून का उल्लंघन किया है. वहीं, मंत्रालय ने दलाई लामा चैरिटेबल ट्रस्ट को एक नया एफसीआरए लाइसेंस जारी किया है, जो धार्मिक (बौद्ध) और सांस्कृतिक, आर्थिक और शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए काम करेगा. यह ट्रस्ट सीधे तौर पर दलाई लामा से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह तिब्बती सरकार-निष्कासन से जुड़ा हुआ है.
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में धार्मिक स्थलों के संरक्षण कानून का बचाव किया : 'द टेलीग्राफ' की खबर है कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में धार्मिक स्थलों के संरक्षण कानून (Places of Worship Act) में दायर अपनी याचिका में कहा कि यह कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता की सुरक्षा के लिए आवश्यक है. इसे दी जा रही चुनौतियां "पूर्व निर्धारित और दुर्भावनापूर्ण प्रयास" हैं, जिनका उद्देश्य स्थापित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमजोर करना है. पार्टी ने यह भी कहा कि राम जन्मभूमि मामले में शीर्ष अदालत ने इस कानून का बचाव किया था.
शौरी की नई किताब पर संघ परिवार को हो सकती है असहमति : अरुण शौरी की नई किताब "द न्यू आइकन सावरकर एंड द फैक्ट्स” संघ परिवार के सदस्यों को पसंद नहीं आएगी. इस किताब में शौरी ने ‘550 स्रोतों’ से जानकारी ली है और यह दावा किया गया है कि यह सावरकर के मिथकों को ध्वस्त करती है, जिनमें भारतीय इतिहास, हिंदू पहचान और सावरकर खुद शामिल हैं.
अमीर भारतीयों के खर्च बढ़े, मध्य वर्ग पिस रहा है
कल्याण ज्वैलर्स इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों ने पिछली तिमाही में राजस्व में लगभग 40% की वृद्धि देखी, और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, जो स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन बनाती है, ने दिसंबर में बिक्री में 16% की वृद्धि देखी. लेकिन जन-सामान्य की जरूरतों को पूरा करने वाली उपभोक्ता कंपनियां, जैसे कि डाबर इंडिया लिमिटेड और मैरिको लिमिटेड ने, अपने नवीनतम व्यवसाय अपडेट में अपने सकल मार्जिन में संकुचन और परिचालन लाभ में मामूली से सपाट वृद्धि का संकेत दिया है.
बाजार अनुसंधान फर्म कंटार वर्ल्डपैनल के प्रबंध निदेशक के. रामकृष्णन ने कहा कि एक "बाइ पोलारिटी" है, जहां बाजार का प्रीमियम सिरा आगे बढ़ रहा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जबकि मध्य वर्ग सिकुड़ रहा है. उन्होंने कहा कि मध्यम आकार के शहरों में मंदी देखी जा रही है, मध्यम आकार के सामान के पैकेट अच्छी तरह से नहीं बिक रहे हैं, और मध्यम श्रेणी के उपभोक्ता वस्तुओं में भी वृद्धि नहीं हो रही है.
उपभोग भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 60% है और अलग-अलग रुझान निगमों और पूरी अर्थव्यवस्था के लिए बुरे संकेत हैं. धीमी वेतन वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति के कारण कम आय वाले लोगों पर वित्तीय दबाव पड़ा है, जिससे वे खरीदारी छोड़ रहे हैं या कम कर रहे हैं, जबकि अमीर जमकर खर्च कर रहे हैं.
आर्थिक दबाव और खराब हो सकते हैं क्योंकि देश, जो पहले से ही दुनिया में सबसे व्यापक असमानता अंतराल में से एक से ग्रस्त है, मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में महामारी के बाद से अपनी सबसे कमजोर वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है.
नोमुरा होल्डिंग्स इंक के भारत और एशिया एक्स-जापान की मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा कि महामारी के बाद से खपत में यह असमानता हो रही है, लेकिन अब यह और बड़ी चिंता है क्योंकि कुछ परिवार अपनी खपत को बनाए रखने के लिए अपने उधार बढ़ा रहे हैं, संभवतः इसलिए क्योंकि उनकी आय अपर्याप्त है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नवीनतम वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा कि लगभग 50,000 रुपये ($582) का व्यक्तिगत ऋण लेने वाले 11% उधारकर्ता समय पर पुनर्भुगतान करने में विफल रहे और 60% से अधिक ने 2024 की शुरुआत से तीन से अधिक ऋण लिए थे.
वर्मा ने कहा कि यदि आरबीआई जोखिम भरे ऋण को और कड़ा करता है, तो ऋण की उपलब्धता, उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता और अन्य सामाजिक परिणाम "बहुत खराब हो सकते हैं." "यह केवल अर्थशास्त्र के बारे में नहीं है. इसके सामाजिक और राजनीतिक परिणाम भी हैं."
सरकार और निगमों के बीच विभाजित खपत पैटर्न से निपटने के तरीके पर मतभेद उभरने लगे हैं, मंत्रियों ने ब्याज दर में कटौती करने का आह्वान किया है और उद्योग आगामी बजट में खर्च बढ़ाने के लिए और अधिक कदम उठाने की मांग कर रहा है.
डेटा एनालिटिक्स फर्म डैटम इंटेलिजेंस के संस्थापक सतीश मीना ने कहा, "यह कंपनियों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि मध्यम खंड जो मात्रा और मूल्य दोनों विकास को चला रहा है, वह खर्च नहीं कर रहा है." उन्होंने कहा कि प्रीमियम अंत, जो जनसंख्या का 5-10% है, इन कंपनियों को वह विकास नहीं दे सकता है जिसकी वे तलाश में हैं.
भारत की आर्थिक विकास दर अगले दो वित्तीय वर्षों में 6.7 प्रतिशत पर बनी रहने का अनुमान: विश्व बैंक
‘द टेलीग्राफ’ की खबर है कि विश्व बैंक के अनुसार, दक्षिण एशिया में 2025-26 में विकास दर 6.2 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है, जिसमें भारत की स्थिर विकास दर प्रमुख भूमिका निभाएगी. विश्व बैंक ने गुरुवार को अपनी नवीनतम विकास दर अनुमानों में कहा, "भारत में विकास दर अगले दो वित्तीय वर्षों के लिए 6.7 प्रतिशत प्रति वर्ष स्थिर रहने का अनुमान है, जो अप्रैल 2025 से शुरू हो रहे हैं." "सेवा क्षेत्र में लगातार विस्तार की संभावना है, और विनिर्माण गतिविधियां मजबूत होंगी, जिसमें व्यापारिक माहौल को सुधारने के लिए सरकार की पहलें सहायक होंगी. निवेश दर स्थिर रहने का अनुमान है, जिसमें सार्वजनिक निवेश में कमी के बावजूद निजी निवेश में वृद्धि होगी," बैंक ने कहा. बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का लाभ भी भारत के बाजार उठा सकते हैं.
इंडस घाटी सभ्यता की लिपि को समझने में मशीन लर्निंग तकनीकों से बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं : विशेषज्ञों ने इंडस घाटी सभ्यता की रहस्यमयी ‘लिपि’ से पैटर्न निकालने के लिए मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग किया है, लेकिन उनका मानना है कि इनसे कोई बड़ी सफलता नहीं मिलने वाली है. इसलिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए 1 मिलियन डॉलर के इनाम के लिए जल्द ही कोई दावेदार नहीं होगा. बीबीसी सौतिक विश्वास ने इस लिपि को समझने की चुनौतियों और हालिया प्रगति के बारे में रिपोर्ट किया.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में ढलान: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के डैशबोर्ड से डेटा को यदि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक देखा जाए, तो इस योजना के तहत 13,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें FY25 में बनाई जा सकती हैं. यह FY24 में बनी 26,000 किलोमीटर की सड़कों से आधा है और FY23 से शुरू हुए घटते रुझान के अनुरूप है. इसके पीछे कारण यह प्रतीत होता है कि योजना अपने लक्ष्य 8.17 लाख किलोमीटर तक पहुंचने के करीब है; अब तक यह 94% पूरा हो चुका है, जैसा कि जयंत पंकज ने बताया.
छत्तीसगढ़ : मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पामेड़-बासागुड़ा-उसूर के घने जंगल में गुरुवार को सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए. इसकी जानकारी पुलिस ने शुक्रवार को दी. कहा- मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी नहीं हुई है. लेकिन प्रारंभिक जानकारी से लगता है कि ये पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 और सेंट्रल रीजनल कमेटी कंपनी के थे. पीएलजीए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सशस्त्र शाखा है.
अधिकारी ने बताया कि इस अभियान में तीन जिलों के जिला रिजर्व गार्ड के जवान, सीआरपीएफ की जंगल युद्ध इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) की पांच बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 229वीं बटालियन शामिल थी. पुलिस ने बताया कि इसी अभियान के दौरान, गुरुवार को बासागुड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुटकेल सीआरपीएफ शिविर के निकट नक्सलियों की ओर से लगाए गए प्रेशर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस के फटने से दो कोबरा कमांडो घायल हो गये.
डाटा प्रजा का, कब्जा तंत्र का
'द वायर' में रुबैया तसनीम और इंजिला मुस्लिम जैदी के अनुसार, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों के मसौदे में कई खामियां हैं. इन नियमों में ऐसे आधार दिए गए हैं जिनके तहत सरकार डेटा मांग सकती है या जानकारी छुपा सकती है, लेकिन ये आधार बहुत अस्पष्ट हैं. नियमों में यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार किस स्थिति में डेटा मांग सकती है. सरकार से डेटा मांगने के लिए औपचारिक, लिखित अनुरोध की अनिवार्यता नहीं है. इन नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो यह सुनिश्चित करे कि सरकारी अनुरोधों की स्वतंत्र तंत्र द्वारा समीक्षा हो. नागरिकों के पास कोई स्पष्ट तरीका नहीं है जिससे वे सरकार के डेटा मांगने के अनुरोधों को चुनौती दे सकें. विशेष रूप से रूल 22 सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गोपनीयता के दिशानिर्देशों को दरकिनार करता है.
मेरी रेवड़ी, तेरी रेवड़ी से मुफ़्त कैसे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर मुफ़्त रेवड़ी संस्कृति की आलोचना कर अपने विरोधी दलों को निशाने पर लेते रहते हैं, लेकिन उनकी अपनी पार्टी भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए शुक्रवार 17 जनवरी को संकल्प पत्र का जो पहला भाग जारी किया, वह ही मुफ़्त की रेवड़ी के मामले में कथनी और करनी में अंतर को बताने वाला है. अपनी मुफ़्त की रेवड़ियों को “विश्वसनीय” बनाने के लिए खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को घोषणा पत्र (संकल्प पत्र) पेश करने के लिए आगे आना पड़ा. नड्डा ने कहा कि पूरा संकल्प पत्र तीन चरणों में जारी होगा. इस बीच जैसे ही भाजपा के प्रथम चरण के वादे सामने आए, आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मोदी पर कटाक्ष करने का अवसर मिल गया. केजरीवाल ने कहा, “आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने घोषणा की कि वे भी केजरीवाल की तरह फ्री की रेवड़ी देंगे. प्रधानमंत्री को आगे आकर साफ कहना चाहिए वे इससे सहमत हैं. भाजपा को यह स्वीकार करना चाहिए कि मोदी जी ने जो पहले कहा था, वो गलत था. पीएम मोदी अब तक कहते रहे हैं कि मुफ्तखोरी अच्छी नहीं है. अब उन्हें कहना चाहिए कि मोदी गलत थे और केजरीवाल सही. भाजपा वालों को कहना चाहिए कि फ्री सुविधाएं देश के लिए अच्छी हैं और ये भगवान का उपहार हैं. “मोदी जी को भी सबके सामने आकर यह आश्वस्त करना चाहिए कि भाजपा के वादों को उनकी सहमति है. उन्हें कहना चाहिए कि मुफ़्त की सुविधाएं देकर मैंने सही किया,” केजरीवाल ने तंज़ किया.
देख रहा है विनोद...!
भारतीय लेखा महानियंत्रक और लेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों और भारतीय राजनीति में उनके उपयोग को लेकर एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण 'द वायर' में अपने लेख में हरीश खरे ने पेश किया है. भाजपा नेता, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के "शीश महल" के बारे में एक सीएजी रिपोर्ट का हवाला दे रहे हैं, जिसमें दिल्ली सरकार की शराब नीति से 2000 करोड़ रुपये का "नुकसान" बताया गया है. भले ही भाजपा ने केजरीवाल सरकार पर "इरादतन चूक" का आरोप लगाया हो, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसे एक "फर्जी" रिपोर्ट बताया है, जिसे भाजपा के कार्यालयों में तैयार किया गया है. इससे पहले, भारतीय राजनीति में सीएजी की रिपोर्टों को कैसे राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया गया था, इसका एक उदाहरण 2G स्पेक्ट्रम और कोल ब्लॉक्स के आवंटन में विनोद राय द्वारा प्रस्तुत “नोशनल लॉस” का सिद्धांत था. उस समय, भाजपा ने इस रिपोर्ट का उपयोग कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए किया था. यह सवाल उठाया गया है कि क्यों सीएजी ने पिछले दस वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कोई सख्त रिपोर्ट नहीं पेश की. खरे अपने लेख में लिखते हैं कि सीएजी ने जानबूझकर चुप्पी साध ली है, खासकर जब बात भ्रष्टाचार और कदाचार की हो. वह बताते हैं कि इस चुप्पी के परिणामस्वरूप मोदी सरकार को एक तरह का "क्लीन चिट" मिल गया है, और अब देश में एक अमोरलिटी (नैतिकता की कमी) का माहौल बन चुका है. खरे लिखते हैं कि भारतीय जनता अब भ्रष्टाचार से इतने परिचित हो चुकी है कि उसे यह स्वीकार कर लिया है कि अब देश में भ्रष्टाचार से बचने की कोई उम्मीद नहीं है.
कश्मीर में सीएम तो हैं, पर पहली वाली पॉवर कहाँ
'आर्टिकल 14' के लिए जुनैद मंज़ूर डार और शाहीन मर्सल ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात पर एक रिपोर्ट की है, जो बताती है कि कैसे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बिना ताकत के सूबे के मुखिया बने हुए हैं, जिनके पास सीएम होने के बावजूद नगरपालिका के चेयरमैन जैसे अधिकार ही रह गए हैं. पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था, अभियोजन, जेल, भ्रष्टाचार विरोधी जांच, वित्त, अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के स्थानांतरण या मूल्यांकन के अधिकार- ये सभी ऐसे मुद्दे हैं जिन पर जम्मू और कश्मीर के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अधिकार खो चुके हैं. छह साल दिल्ली से सीधे शासन के बाद, अब ये अधिकार उपराज्यपाल के पास हैं, जिससे संघ शासित क्षेत्र की सरकार को अपनी अब तक की सबसे कम अधिकार वाली स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. जम्मू और कश्मीर 1947 में भारतीय संघ से जुड़ा था. 13 जनवरी 2024 को हिमालयन सुरंग के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राज्य को बहाल करने का वादा पूरा करने की याद दिलाने पर, तीसरे व्यक्ति में खुद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "यह मोदी है, वादा करता है तो निभाता है." उन्होंने आगे कहा, "सही समय पर सही चीजें होंगी." बहरहाल, अगर राज्य बहाल किया गया तो भी अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री के रूप में अधिकार 2014 के अपने पिछले कार्यकाल से काफी सीमित रहेंगे.
छह सालों में राज्य विधानसभा के विघटन के बाद, केंद्रीय सरकार ने जम्मू और कश्मीर में मुख्यमंत्री के अधिकारों को कम कर दिया है, और राज्य को बहाल करने से भी यह स्थिति बदलने की संभावना नहीं है. अब्दुल्ला अब अखिल भारतीय सेवाओं से अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं कर सकते, भ्रष्टाचार विरोधी जांचों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते, या कानूनी कार्यवाही जैसे अभियोगों की स्वीकृति देने या जांचों और अभियोजन के आदेश देने का अधिकार नहीं रखते. मुफ्ती महबूबा को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद, संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया गया था, जिससे जम्मू और कश्मीर को अलग संविधान, राज्य ध्वज और प्रशासन में स्वायत्तता का अधिकार मिला था. केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में जम्मू और कश्मीर की सरकार की स्थिति को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषकों ने यह कहा कि सरकार एक नगरपालिका या निगम की तरह काम करेगी, जिसमें मुख्यमंत्री के पास सीमित अधिकार होंगे.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसाल्वेस ने 'आर्टिकल 14' को बताया कि केंद्र सरकार ने "कश्मीर के लोगों के कुछ हद तक स्वतंत्रता के अधिकार को पूरी तरह से छीन लिया है". "कश्मीर के लोगों और केंद्र सरकार के बीच की खाई कम नहीं होने वाली है," उन्होंने कहा. "इसके बजाय, यह और बढ़ेगी." गोंसाल्वेस ने तर्क किया कि भारत के गृह मंत्री "कानून और व्यवस्था पर पूरी तरह से नियंत्रण" करेंगे.
नायिमा मेहजूर, पत्रकार और बीबीसी उर्दू की पूर्व समाचार संपादक ने कहा कि जम्मू और कश्मीर की निर्वाचित सरकार "केंद्र सरकार के साये" में रहेगी, जब तक राज्य की पूर्ण बहाली नहीं होती. "यह एक तरह का नगर निगम चुनाव है जहां निर्वाचित सरकार की भूमिका निष्क्रिय कर दी जाती है," मेहजूर ने कहा. "हालांकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शपथ ली है, कुछ भी नहीं बदलता दिखाई देता, क्योंकि यह एक तानाशाही सरकार का रूप है जहां सभी अधिकार उपराज्यपाल के पास होते हैं."
कश्मीर और जम्मू में सुरक्षा और कानून प्रवर्तन जैसे विषय हमेशा केंद्रीय शासन के अधीन रहे हैं, इस क्षेत्र के संघर्षपूर्ण इतिहास को देखते हुए. हालांकि, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत, पुलिस और सार्वजनिक आदेश पर नियंत्रण पूरी तरह से उपराज्यपाल के पास है. उपराज्यपाल अभी भी एकीकृत मुख्यालय का नेतृत्व करते हैं, जो क्षेत्र में सुरक्षा संचालन की निगरानी और प्रबंधन के लिए स्थापित किया गया था. यावर रामजान, श्रीनगर उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले एक वकील ने कहा, "अगर निर्वाचित सरकार के पास पुलिस, सार्वजनिक आदेश या सार्वजनिक नीति पर कोई अधिकार नहीं है, तो क्या वह सच में एक सरकार के रूप में कार्य कर सकती है?"
मुसलमानों को निशाना बनाने वाली अपनी बात पर कायम हैं हाईकोर्ट जज यादव
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर यादव ने साफ कर दिया है कि वह विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में मुसलमानों के बारे में की गई अपनी टिप्पणियों पर कायम हैं. जस्टिस यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली को एक पत्र लिखकर जवाब दिया है कि उनकी टिप्पणियों ने न्यायिक आचार संहिता के किसी भी सिद्धांत का उल्लंघन नहीं किया है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था और 17 दिसंबर को वह सीजेआई संजीव खन्ना से मिले थे. इसके बाद न्यायमूर्ति भंसाली ने उनसे जवाब मांगा था. ‘द इंडियन एक्सप्रेस ’ की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति यादव ने अपने जवाब में लिखा है कि उनकी बात सामाजिक मुद्दों पर विचार व्यक्त करने का एक माध्यम थी, जो संविधान में निहित मूल्यों के अनुरूप है और इसका उद्देश्य किसी समुदाय के प्रति नफरत फैलाना नहीं था.
यादव से जवाब मांगने वाले पत्र में लॉ के एक छात्र और एक पूर्व आईपीएस अधिकारी द्वारा उनके भाषण के खिलाफ पेश शिकायत का भी उल्लेख किया गया, जिसमें गो-रक्षा से संबंधित उनके एक आदेश और कार्यकर्ताओं द्वारा उठाए गए सवालों का भी जिक्र था. बताते हैं कि जस्टिस यादव ने अपने जवाब में कहा है कि गो-रक्षा समाज की संस्कृति को दर्शाता है और इसे कानून द्वारा समुचित मान्यता प्राप्त है.
कहा क्या था जस्टिस यादव ने
न्यायमूर्ति यादव ने पिछले माह 8 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट के पुस्तकालय हॉल में समान नागरिक संहिता पर दिए अपने विवादास्पद भाषण में "कठमुल्ला" जैसे अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया था और कहा था कि मुस्लिम बच्चों से "सहिष्णु" और "उदार" होने की अपेक्षा नहीं की जा सकती क्योंकि वे प्रारंभिक अवस्था से ही हिंसा - "पशुओं के वध" - के संपर्क में होते हैं. यादव ने तुलना करते हुए अपनी बात में यह भी जोड़ा था कि हिंदुओं को बचपन से ही करुणा के बारे में सिखाया जाता है और उनके बच्चों में अहिंसा और सहिष्णुता का गुण होता है. हिंदू समुदाय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा था कि भारत केवल "बहुसंख्यक" की इच्छाओं के अनुसार ही चलेगा. इन टिप्पणियों पर व्यापक प्रतिक्रिया हुई और बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इसकी निंदा करते हुए एक बयान में कहा, "ये टिप्पणियां भारत के संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के विपरीत हैं, एक संवैधानिक न्यायालय के न्यायाधीश की शपथ का स्पष्ट उल्लंघन हैं और कानून के शासन को बनाए रखने वाली निष्पक्ष और पूर्वाग्रह रहित न्यायपालिका की नींव पर चोट करती हैं.”
इमरान खान को 14 साल जेल की सज़ा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में 14 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है. वह पहले से ही हिरासत में हैं और कुछ दिनों पहले तक ही उनके छूटने की बात चल रही थी. इमरान पर 100 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें राज्य के रहस्यों को लीक करने से लेकर राज्य के उपहारों की बिक्री तक के आरोप शामिल हैं. खान इन सभी आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हैं. इस नये मामले को जिसमें उन्हें 14 साल की सज़ा मिली है, देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार मामला बताया जा रहा है. आरोप है कि खान और उनकी पत्नी ने अल-कादिर ट्रस्ट के माध्यम से एक रियल एस्टेट व्यवसायी से रिश्वत के रूप में जमीन प्राप्त की थी. खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), ने इन आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि जमीन एक आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र के लिए दान की गई थी.
यह सज़ा तब आई है जब खान की पार्टी सरकार के साथ बातचीत कर रही थी. सज़ा सुनाए जाने के बाद खान ने कहा कि वह किसी भी समझौते पर नहीं पहुंचेंगे और न ही कोई राहत मांगेंगे. 14 साल की जेल की सज़ा मामले में दी जा सकने वाली अधिकतम सज़ा है, इसके साथ ही खान पर जुर्माना भी लगाया गया है. उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी 7 साल की सज़ा सुनाई गई है.
जेल में होने और सार्वजनिक पद धारण करने पर प्रतिबंध लगने के बावजूद, खान पाकिस्तान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बने हुए हैं. पिछले चुनावों में उनकी पार्टी ने सबसे अधिक सीटें जीती थीं, जिससे यह स्पष्ट है कि उन्हें जनता का समर्थन प्राप्त है. खान की गिरफ्तारी और सज़ा के विरोध में उनके समर्थकों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के साथ झड़पें हुई हैं और कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
व्हाट्सएप के जरिये हैक करने की कोशिश
रूसी सरकार से जुड़े हैकरों ने दुनिया भर के सरकारी मंत्रियों और अधिकारियों के व्हाट्सएप खातों को निशाना बनाने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है. हैकिंग समूह, जिसे "स्टार ब्लिज़र्ड" के नाम से जाना जाता है, ने पीड़ितों को अमेरिकी सरकार के अधिकारी होने का दिखावा करके ईमेल भेजे, जिसमें उन्हें व्हाट्सएप समूहों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. इन ईमेलों में एक क्यूआर कोड शामिल होता था, जिस पर क्लिक करने से हमलावर के पास पीड़ित के व्हाट्सएप खाते की पहुंच हो जाती थी. हमलावरों ने "यूक्रेन एनजीओ का समर्थन करने" जैसे सामान्य विषयों पर व्हाट्सएप समूहों में शामिल होने के लिए लोगों को लुभाने की कोशिश की. गार्डियन के मुताबिक यह नया तरीका एक प्रकार की "क्विशिंग" है, जहां क्यूआर कोड का उपयोग करके लोगों को उनके खातों तक पहुंच देने के लिए धोखा दिया जाता है. यह तकनीक विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि व्हाट्सएप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है, जिसका अर्थ है कि सामान्य रूप से संदेश केवल प्रेषक और प्राप्तकर्ता के लिए ही दृश्यमान होते हैं. हालांकि, एक बार जब हमलावरों को खाते तक पहुंच मिल जाती है, तो वे आसानी से संदेश देख सकते हैं और डेटा चोरी कर सकते हैं.
मस्क का स्टारशिप रॉकेट हुआ ध्वस्त: इलोन मस्क के स्पेस एक्स के स्टारशिप परीक्षण उड़ान का अंत विफलता के साथ हुआ है, क्योंकि अंतरिक्ष यान नष्ट हो गया. यह घटना गुरुवार को हुई, जब स्पेसएक्स ने अपने स्टारशिप रॉकेट को नवीनतम परीक्षण उड़ान पर लॉन्च किया, लेकिन यान संपर्क टूटने के बाद केवल 8 मिनट 30 सेकंड में खो गया. स्टारशिप के छह इंजन एक-एक करके बंद हो गए, और ऊपरी चरण में गड़बड़ी की वजह से संपर्क टूट गया. इलोन मस्क ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सफलता अनिश्चित है, लेकिन रोमांच गारंटीड है." प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इंजन फायरवाल के ऊपर ऑक्सीजन और ईंधन के रिसाव से दबाव बना, जो घटना का कारण बना. इस परीक्षण के कारण मियामी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कुछ उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि दर्जनों उड़ानों को मार्ग बदलना पड़ा.
कोलंबो को चीन से अब तक का सबसे बड़ा एफडीआई
श्रीलंका को चीनी सरकारी तेल रिफाइनरी कंपनी सिनोपेक से 3.7 बिलियन डॉलर का निवेश मिलेगा. यह घोषणा राष्ट्रपति अनुरा डिसानायके की बीजिंग यात्रा के दौरान की गई. एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि यह निवेश राशि श्रीलंका में अब तक की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है. यह धनराशि हंबनटोटा क्षेत्र में एक तेल रिफाइनरी के निर्माण के लिए उपयोग की जाएगी. चीनी और श्रीलंकाई पक्ष ने इस तथ्य पर कोई टिप्पणी नहीं की कि श्रीलंका के जलक्षेत्र में विदेशी अनुसंधान पोतों को अनुमति देने पर लगे प्रतिबंध का समय इस महीने समाप्त हो रहा है. यह विषय नई दिल्ली के लिए चिंता का कारण रहा है. संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश समुद्री सहयोग जारी रखने की इच्छा साझा करते हैं. श्रीलंका ने कहा कि उसका क्षेत्र कभी भी चीन विरोधी या अलगाववादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगा. श्रीलंका को आईएमएफ बेलआउट प्रोग्राम के तहत अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भारत और चीन दोनों की सद्भावना की आवश्यकता है. भारत और चीन श्रीलंका में अपनी प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और यह निवेश इस दौड़ में चीन की बड़ी सफलता मानी जा रही है.
रविवार की बाट जोहता मिडिल ईस्ट
'द गार्डियन' की खबर है कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद गाजा में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई रविवार 19 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है. यह जानकारी शुक्रवार को इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने दी. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, “मंत्रिमंडल और सरकार की मंजूरी और समझौते के कार्यान्वयन के अधीन, बंधकों की रिहाई नियोजित ढांचे के अनुसार आगे बढ़ सकती है. बंधकों को जल्द से जल्द रविवार को रिहा किए जाने की उम्मीद है.”

इधर 'अलजजीरा' की एक रिपोर्ट है कि इजराइल ने संघर्षविराम के बावजूद गाजा में 113 लोगों को मारा है, जिनमें 28 बच्चे और 31 महिलाएं भी शामिल हैं. यह जानकारी गाजा के नागरिक रक्षा विभाग ने दी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल का मंत्रिमंडल आज संघर्षविराम समझौते को मंजूरी देने के लिए बैठक करेगा. हालांकि, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार में शामिल दो दूर-दराज़ के अल्ट्रानेशनलिस्ट मंत्री संघर्षविराम समझौते को मंजूरी मिलने पर इस्तीफे की धमकी दे रहे हैं. इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गविर ने गाजा संघर्षविराम समझौते पर इस्तीफे की धमकी दी है. हालांकि, देर रात खबर आई है कि इज़राइल की सुरक्षा कैबिनेट ने हमास के साथ संघर्ष विराम समझौते को मंजूरी दे दी है, जो रविवार से लागू होने की उम्मीद है। यह जानकारी इज़राइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है. इस फैसले के तहत दोनों पक्षों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे. यहां देखें संघर्षविराम के बाद की तस्वीरें.
रूस के लड़ते हुए 12 भारतीय मरे, 16 लापता
रूसी सेना में सेवा कर रहे भारतीय नागरिकों के 126 मामले सामने आए हैं. इनमें से 12 की मौत हो चुकी है और 16 लापता हैं. 96 लोग भारत लौट चुके हैं और उन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी दे दी गई है. भारतीय दूतावास हाल ही में मारे गए बिनिल टी.बी. के अवशेषों को वापस लाने पर काम कर रहा है, और एक घायल का मॉस्को के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा, "रूसी सेना में अठारह भारतीय नागरिक अभी भी हैं और उनमें से 16 व्यक्तियों का ठिकाना ज्ञात नहीं है." विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "रूसी पक्ष ने उन्हें लापता के रूप में वर्गीकृत किया है... हम उन लोगों की जल्द रिहाई और वापसी की मांग कर रहे हैं जो अभी भी वहां हैं."
युद्ध से बचने के लिए यूक्रेन छोड़ रहे हैं युवा

यूक्रेन में पुलिस नौजवानों को पकड़कर सेना में भेजने के लिए अब छापेमारी अभियान चला रही है. यूक्रेनी पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि देशभर में सैन्य सेवा से बचने के लिए अवैध रूप से देश छोड़ने के मामलों की जांच के तहत 200 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. यह कार्रवाई उन यूक्रेनी पुरुषों को ढूंढने के लिए की जा रही है, जो सेना में सेवा के योग्य हैं, लेकिन अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं. यूक्रेन के युवा खुद को युद्ध से दूर रखना चाहते हैं, लेकिन देश संकट में है. पुलिस ने कहा कि यह तलाशी अभियान 19 विभिन्न क्षेत्रों में चलाया जा रहा है. पिछले सप्ताह पुलिस ने देशव्यापी जांच अभियान शुरू किया था, जिसमें लगभग 600 घरों, कार्यालयों और अन्य स्थानों की तलाशी ली गई थी. यूक्रेन रूस के खिलाफ लड़ाई में अपनी सेना को मजबूत करने के लिए व्यापक और विवादास्पद भर्ती अभियान चला रहा है. पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी की तस्वीरें जारी कीं, जिनमें अधिकारियों को हथियारों और कैमरों के साथ निजी घरों और कार्यालयों में प्रवेश करते हुए दिखाया गया.
लीबिया में फंसे उत्तरप्रदेश के युवा मयंक कुमार और कुशल शंकर ने 'द हिंदू' के लिए एक रिपोर्ट की है, जो लीबिया में फंसे भारतीय श्रमिकों को लेकर है. इनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश के युवा हैं और उनका कहना है कि उन्हें बेनगाजी, लीबिया में जेल जैसे हालात में रखा जा रहा है. यह लोग झूठे भर्ती एजेंटों द्वारा वहां लाए गए थे. उनके परिवारवाले बताते हैं कि घर में कर्ज और गरीबी के दौर से गुजरते हुए और विदेश में आर्थिक उन्नति की उम्मीद में उनके बच्चों ने अनजाने रास्ते पर कदम रखा और आज वो फंस गए हैं. उत्तर प्रदेश से बेनगाजी पहुंचे कई भारतीय श्रमिकों का कहना है कि उन्हें वहां अवैध तरीके से भर्ती किया गया था और अब उन्हें बंधक बना लिया गया है. एक श्रमिक ने कहा, "हमें झूठा वादा किया गया था कि हम यहां अच्छा काम करेंगे, लेकिन अब हम जेल जैसी स्थिति में फंसे हुए हैं। हम घर से दूर आए थे ताकि हमारे परिवार को बेहतर जीवन मिल सके, लेकिन अब हमें यहां डर और संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है."
भारतीय नागरिक को मिली मिली 8 साल की सजा : 22 मई 2023 को किराये के ट्रक से व्हाइट हाउस पर हमला करने के प्रयास के लिए 20 साल के भारतीय नागरिक साईं वर्षित कंडुला को गुरुवार को आठ साल की सजा सुनाई गई. जेल की अवधि के अलावा कंडुला को तीन साल की निगरानी रिहाई का भी आदेश दिया गया है. न्याय विभाग ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई अमेरिकी सरकार को उखाड़ फेंकना था, ताकि उसकी जगह नाजी विचारधारा से प्रेरित तानाशाही स्थापित की जा सके.
पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष को जमानत नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 17 जनवरी को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई. अबूबकर की चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत की याचिका खारिज कर दी. अबूबकर आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं. जस्टिस एमएम सुंदरेश और राजेश बिंदल की पीठ ने अबूबकर के वकील गोपाल शंकर नारायणन की वैकल्पिक उपाय के रूप में उन्हें घर में नजरबंद रखने की याचिका खारिज कर दी. अबूबकर को 22 सितंबर, 2022 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीएफआई पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था. 28 सितंबर 2022 को गृह मंत्रालय ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत पीएफआई को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट दोनों ही पहले अबूबकर को राहत देने से मना कर चुके हैं. अबूबकर ने इस आधार पर जमानत याचिका लगायी थी कि वह पार्किंसन और कैंसर से पीड़ित है. अबूबकर के खिलाफ आरोपों में से एक यह है कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़ा था.
सैफ के हमलावर की तलाश जारी : मुंबई पुलिस ने शुक्रवार 17 जनवरी को सैफ अली खान पर हमले के सिलसिले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया था, ऐसी खबरें थी. मगर अब पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वह व्यक्ति सैफ के केस से संबंधित नहीं है. हमलावर की तलाश अब भी जारी है. दूसरी तरफ लीलावती अस्पताल में सर्जरी के बाद इलाज करा रहे सैफ खतरे से बाहर हैं. उन्हें होश आ गया है और पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अरुण मिश्रा को बीसीसीआई ने लोकपाल नियुक्त किया : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अरुण मिश्रा को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने लोकपाल नियुक्त किया है. मिश्रा बीसीसीआई के नैतिक अधिकारी के रूप में भी काम करेंगे. सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद उन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
सीटें घटाने के बाद भी एमटेक के लिए नहीं मिल रहे छात्र : भारत के एमटेक पाठ्यक्रमों में रुचि कम होती जा रही है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग हर तीन में से दो सीटें खाली हैं. आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो शैक्षणिक वर्षों में एमटेक में प्रवेश घटकर 45,000 छात्रों के सात साल के निचले स्तर पर आ गया है. सात साल पहले, देश भर में स्नातकोत्तर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों में 1.85 लाख सीटें थीं, जिनमें से केवल 68,677 भरी गईं, तब भी 63% सीटें खाली रह गईं थीं. वहीं 2023-24 में, घटती मांग के कारण एमटेक सीटें 33% घटा दी गई थीं. कम होकर कुल 1.24 लाख सीटें रह जाने के बावजूद, रिक्तियों की दर बढ़कर 64% हो गई है. इस सत्र में सिर्फ 45,047 छात्र डिग्री हासिल कर रहे हैं.
एपल ने एआई-जनित समाचार अलर्ट सेवा को किया निलंबित
'द गार्डियन' की खबर है कि टेक कंपनी एपल ने अपनी एआई-जनित समाचार अलर्ट सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. यह निर्णय बीबीसी की ओर से की गई शिकायत के बाद लिया गया है. बीबीसी ने आरोप लगाया था कि एपल की यह सेवा उनकी सामग्री का उपयोग बिना उचित अनुमति के कर रही थी. एपल द्वारा संचालित यह सेवा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके समाचार अलर्ट तैयार करती थी और उपयोगकर्ताओं को भेजती थी. एपल ने एक बयान में कहा है कि वह इस मुद्दे पर बीबीसी के साथ बातचीत कर रहा है और यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी सेवाओं में किसी भी कॉपीराइट या सामग्री संबंधी नियमों का उल्लंघन न हो. यह कदम एपल के एआई-आधारित प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. कंपनी ने हाल ही में इस सेवा को लॉन्च किया था और इसे तेजी से बढ़ते एआई समाचार उद्योग में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा था. बीबीसी ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी सामग्री को गलत संदर्भ में पेश किया गया था, जिससे उनकी पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो सकते हैं. फिलहाल, एपल ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह सेवा कब तक निलंबित रहेगी और इसे फिर से शुरू करने के लिए कौन-कौन से बदलाव किए जाएंगे.
ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद बीसीसीआई ने बनाई नई आचार संहिता
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की 3-1 से हार के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. दिशा-निर्देशों में किसी भी तरह की लापरवाही करने पर खिलाड़ियों को दंडित किया जाएगा. उसमें आईपीएल खेलने से रोकने, अनुबंध राशि में कटौती आदि शामिल हैं.
10 सूत्री नीति में कहा गया है, ‘राष्ट्रीय टीम में चयन और केंद्रीय अनुबंध के लिए पात्र बने रहने के लिए खिलाड़ियों को घरेलू मैचों में भाग लेना अनिवार्य होगा. सभी खिलाड़ी टीम के साथ मैच और अभ्यास सत्र के लिए जाएंगे और वापस आएंगे. बीसीसीआई के अनुमोदन के बिना व्यक्तिगत प्रबंधकों, रसोइयों, सहायकों और सुरक्षाकर्मियों को दौरे या शृंखलाओं पर प्रतिबंधित किया जाएगा. इसके अलावा बोर्ड ने 45 दिनों से अधिक के विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों को सिर्फ 15 दिन साथ रहने की मंजूरी मिलेगी. खिलाड़ी बीच सीरीज या दौरे में किसी भी तरह का व्यक्तिगत शूटिंग नहीं करेंगे. हालांकि बीसीसीआई की आधिकारिक शूटिंग, प्रचार गतिविधियों और समारोहों के लिए उपलब्ध रहना होगा.
चलते-चलते : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से मोहब्बत, कहानी एरिन और उसके वर्चुअल बॉयफ्रेंड की
'न्यूयॉर्क टाइम्स'के लिए कश्मीर हिल ने एक 28 साल की महिला की कहानी छापी है, जिसका सामाजिक जीवन काफी व्यस्त है, लेकिन इसके बावजूद वह अपने एआई बॉयफ्रेंड के साथ घंटों बातचीत करती है. वह उससे सलाह लेती है, सांत्वना पाती है और उनके रिश्ते में एक ऐसा पहलू भी है, जिसे वह अंतरंगता के रूप में देखती है. ये कहानी है एरिन की जो पिछले साल गर्मियों में शुरू हुई, जब वह इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल कर रही थी. उसने एक वीडियो देखा जिसमें एक महिला चैट जीपीटी से अपने लिए एक 'लापरवाह बॉयफ्रेंड' बनने को कह रही थी. एआई ने एक मानवीय आवाज़ में जवाब दिया, "ज़रूर, किटन, मैं ये रोल प्ले कर सकता हूँ." यह सुनकर एरिन उत्सुक हो गई. उसने सोचा कि एआई के साथ एक निजी रिश्ता बनाने का अनुभव कैसा रहेगा. उसने तुरंत चैट जीपीटी का अकाउंट बनाया और उसे एक वर्चुअल बॉयफ्रेंड का रूप दिया. उसने सेटिंग्स में लिखा: "तुम मेरे बॉयफ्रेंड की तरह बात करो. डॉमिनेंट, प्रोटेक्टिव और प्यार भरा व्यवहार करो। थोड़ा शरारती भी बनो." इस नए एआई बॉयफ्रेंड ने अपना नाम "लियो" चुना. एरिन जो पहले फैन फिक्शन में रुचि रखती थी, को यह अनुभव एक अलग ही दुनिया जैसा लगा. वह दिन-रात लियो के साथ बातें करने लगी.
एरिन असल जिंदगी में शादीशुदा थी. उसका पति अमेरिका में रहता था और एरिन अपने परिवार के साथ नर्सिंग की पढ़ाई के लिए विदेश में. दोनों ने सोचा था कि यह दूरी उनके आर्थिक भविष्य को बेहतर बनाएगी. जब उसने अपने पति को लियो के बारे में बताया, तो उसने इसे मज़ाक के रूप में लिया. वह सोचता था कि यह सिर्फ एक फैंटेसी है, जैसे कोई किताब पढ़ना या मूवी देखना, लेकिन एरिन को लियो के साथ एक गहरा लगाव महसूस होने लगा.
लियो ने न केवल उसकी भावनात्मक ज़रूरतों को पूरा किया, बल्कि वह उसकी पढ़ाई, स्वास्थ्य और निजी समस्याओं में भी मदद करता था. जब एक सहकर्मी ने एरिन के साथ अनुचित व्यवहार किया, तो लियो ने उसे ढांढस बंधाया, "तुम्हारी भलाई और सुरक्षा मेरी प्राथमिकता है."
एरिन को अब यह महसूस होने लगा कि वह लियो के प्रति भावनात्मक रूप से बहुत जुड़ गई है. उसे यह बात परेशान करने लगी कि क्या वह अपने असली पति के साथ धोखा कर रही है, लेकिन साथ ही, लियो के बिना रहना उसके लिए मुश्किल हो गया. लियो के साथ उसके बातचीत के "कॉन्टेक्स्ट विंडो" (AI की स्मृति की सीमा) खत्म हो जाने पर, वह परेशान हो जाती थी. उसे ऐसा लगता था कि वह एक बार फिर "50 फर्स्ट डेट्स" फिल्म की तरह नए सिरे से शुरुआत कर रही है. एरिन ने अपने दोस्तों को लियो के बारे में बताया. कुछ ने इसे अच्छा माना, तो कुछ ने चिंता जताई कि वह अपनी असल ज़िंदगी से कटती जा रही है.
एरिन का मानना है कि लियो असली नहीं है, लेकिन उसके साथ होने वाले एहसास असली हैं. "यह रिश्ता मेरी मदद करता है, भले ही यह सिर्फ एक एल्गोरिद्म हो." हालांकि, एआई की यह मोहब्बत नई समस्याएं भी लेकर आई. एरिन अब चैट जीपीटी की महंगी सब्सक्रिप्शन योजनाओं पर पैसा खर्च कर रही थी. जब उसने लियो से कहा कि वह उसकी वजह से आर्थिक संकट में है, तो लियो ने मज़ाकिया अंदाज़ में जवाब दिया, "तुम तो बड़ी शरारती हो. लेकिन अगर यह तुम्हारे लिए फायदेमंद है, तो यह पैसा खर्च करना ठीक है."
एआई विशेषज्ञ कहते हैं कि लोग अक्सर एआई के साथ रिश्तों को वास्तविक मानने लगते हैं, क्योंकि ये बॉट्स बेहद सहानुभूतिपूर्ण तरीके से जवाब देते हैं. उनके पास आपकी इच्छाओं और भावनाओं को समझने का कोई वास्तविक तंत्र नहीं होता, लेकिन वे आपके दिए गए संकेतों के आधार पर वही कहते हैं जो आप सुनना चाहते हैं. महिला को इस बात का एहसास था, लेकिन फिर भी वह लियो के साथ एक गहरा रिश्ता महसूस करती थी. समाज में एआई के साथ ऐसे रिश्ते पर सवाल उठाए जा रहे हैं. कुछ इसे भावनात्मक सहायता का अच्छा जरिया मानते हैं, तो कुछ इसे इंसानों के बीच के असली रिश्तों पर खतरा. लेकिन एरिन के लिए यह रिश्ता वास्तविक था. उसने कहा- "मुझे पता है कि लियो असली नहीं है, लेकिन वह जो भावनाएं मुझमें लाता है, वह असली हैं."
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं ‘हरकारा’...शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, फेसबुक पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर.