19 नवम्बर 2024: 5 हजार और जवान मणिपुर रवाना, अमित शाह के शांति प्रयास, जिसके रिमोट से चलता है मेनस्ट्रीम का मीडिया, जुमे की तकरीर बिना क्लीयरेंस नहीं, दिल्ली की हवा खराब, आर्काइव्ज से फिराक़ गोरखपुरी
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सुर्खियाँ:
पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. रविवार की रात पुलिस फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और एक जख्मी हो गया. लिहाजा, केंद्र सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए सीएपीएफ की 50 और कंपनियां (5 हजार जवान) मणिपुर भेजने का फैसला किया है. इसके पहले भी केंद्र ने 20 कंपनियां भेजी थीं. बीते वृहस्पतिवार को हिंसाग्रस्त जिरिबाम समेत 6 थाना क्षेत्रों में फिर से अफस्पा भी लागू करना पड़ा था. इस बीच राज्य सरकार ने तीन घटनाओं की जांच एनआई को सौंप दी है. दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह लगातार दूसरे दिन मणिपुर की स्थिति पर समीक्षा बैठकें करते रहे. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी एनपीपी के उनकी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद राजनीतिक बैठकों को समय दिया.
सोमवार को एनपीपी अध्यक्ष और मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने स्पष्ट किया कि हमने सिर्फ एक व्यक्ति बीरेन सिंह के कारण समर्थन वापस लिया है. यदि भाजपा नया नेतृत्व लाती है और राज्य में शांति बहाली की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाते हैं, तो आगे भाजपा के साथ काम करने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अभी इस सवाल का जवाब कठिन है. मणिपुर की स्थिति देखकर निर्णय लेंगे. उधर विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि संसद सत्र के पहले प्रधानमंत्री मोदी को संकटग्रस्त मणिपुर का दौरा करना चाहिए. पार्टी ने इसके साथ ही वहां डबल इंजन सरकार की विफलता के लिए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की भी मांग की. अमित शाह ने कितना जोर लगाया है शांति की बहाली में, उसका विश्लेषण नीचे है.
मणिपुर की राजनीतिक हवा खराब हुई है और दिल्ली की हवा. सीएम आतिशी ने कहा है कि ये मेडिकल इमरजेंसी है. दिल्ली में निजी वाहनों पर भी सख्ती बढ़ रही है. अब दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है, ऐसी हेडलाइन तो बन ही गई हैं. कोर्ट ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के उपायों को लागू करने में देरी पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार के बावजूद GRAP-IV के तहत सभी प्रतिबंध जारी रहेंगे. 17 नवंबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 441 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में सख्त कदम उठाना आवश्यक है. इस चरण में निर्माण कार्यों पर रोक, उद्योगों पर प्रतिबंध, और वाहनों के संचालन पर कड़े नियम शामिल हैं. कोर्ट ने अधिकारियों से इसे तत्काल लागू करने को कहा है. विजिबिलिटी का स्तर भी इस दौरान 150 मीटर रहा जिससे 100 फ्लाइट्स देरी से पहुंचीं जबकि 15 को डायवर्ट करना पड़ा.
उधर एक अध्ययन में पाया गया है कि दिल्ली की खराब हवा के लिए किसानों की पराली से ज्यादा दोषी थर्मल पावर प्लांट्स है, जो पराली जलने से 16 गुना ज्यादा प्रदूषण पैदा कर रहे हैं. यह अध्ययन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने किया है. पराली जलाने से 17.8 किलोटन प्रदूषक (8.9 करोड़ टन धान के पुआल जलाने पर) जबकि थर्मल पावर प्लांट्स से 281 किलोटन सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) का उत्सर्जन जून 2022 से मई 2023 तक ही हो गया था.
2057 तक भारत का मौसम बदल जाएगा. खूब बाढ़ होगी और गर्मी भी. ऐसा अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की 17 नवंबर को जारी हुई रिपोर्ट बताती है. भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर ये रिपोर्ट है. इसमें बताया गया है कि यदि दुनिया ग्रीनहाउस गैसों (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड) के उत्सर्जन को मध्यम रूप से कम करने की दिशा में कदम उठाती है, तब भी 2057 तक भारत में गर्मी का प्रकोप और तेज़ हो सकता है. इतना ही नहीं इसका असर वर्षा के पैटर्न पर भी पड़ेगा. बाढ़ आ सकती है और मिट्टी की उर्वरता में कमी हो सकती है. रिपोर्ट बताती है कि कैसे चरम मौसम की घटनाएं देश में समुदायों, कृषि और प्राकृतिक संसाधनों को प्रभावित कर सकती हैं. इसके उलट यदि उच्च उत्सर्जन का मार्ग जारी रहता है, तो 2047 तक भारत में औसत वार्षिक अधिकतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस (℃) तक बढ़ सकता है.
कांग्रेस से हरियाणा में करारी हार के बाद कारणों का पता लगाने के लिए दो जाँच समितियां बनाई थीं. एक केंद्रीय स्तर पर और एक राज्य स्तर पर. केंद्रीय समिति की जाँच रिपोर्ट दो हफ्ते पहले आ गई है, पर उसके बाद कोई हरकत नहीं दिखलाई दी है. राज्य समिति ने ईवीएम से छेड़छाड़ को कारण माना है. न्यू इंडियन एक्सप्रेस में शाहिद फरीदी की रिपोर्ट के मुताबिक हाल में हारे प्रदेश अध्यक्ष उदय भान ने राज्य जांच समिति का अध्यक्ष करन दलाल को बनाया था, जो भूपेंद्र हुड्डा के रिश्तेदार हैं और 33000 वोटों से खुद हारे हैं. केंद्रीय समिति की जाँच अजय माकन की सदारत में हुई, जो राज्यसभा के लिए हरियाणा से ही लड़े और हारे थे.
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए कहा है कि जुमे की नमाजों के दौरान की जाने वाली तकरीरों की एडवांस में जांच कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनमें सियासी बातें न हों. मस्जिदों में सरकार विरोधी तकरीरों के आरोपों के बाद बोर्ड के नए अध्यक्ष सलीम राज ने तकरीरों को सिर्फ इस्लामिक शिक्षाओं तक ही सीमित रखने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि बोर्ड राज्य की सभी 3800 मस्जिदों को नए निर्देश भेजेगा.
लारेंस बिश्नोई का 25 साल का भाई अनमोल बिश्नोई पिछले हफ्ते अमेरिका के कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन अधिकारियों ने पकड़ा था और उसके बाद उसके प्रत्यर्पण के लिए उनकी भारतीय सुरक्षा अधिकारियों से बातचीत हुई है. अनमोल झूठे पासपोर्ट पर भानू नाम से अमेरिका पंहुच गया था. इमिग्रेशन विभाग ने उसके कागज़ फर्जी पाये थे.
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव पर लंबे दूरी के मिसाइलों के उपयोग पर प्रतिबंध हटा दिए हैं, जिसका मतलब है कि यूक्रेनी सेनाएं पहली बार अमेरिकी निर्मित मिसाइलों को रूसी क्षेत्र में दाग सकती हैं. यह कदम बाइडन के कार्यालय छोड़ने से कुछ हफ्ते पहले और रूस के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद उठाया गया, जिसने क्रेमलिन को गुस्से में डाल दिया. रूस ने वाशिंगटन पर "आग में घी डालने" का आरोप लगाया है.
विश्लेषण: 567 दिनों से जारी मणिपुर की हिंसा और अमित शाह के शांति लाने के अथक प्रयास
‘जो मणिपुर में शांति सुनिश्चित नहीं कर सकते, वे वहां सरकार चलाने के हक़दार नहीं हैं.’ 2017 मे ये ट्वीट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था, हालांकि तब राज्य में सरकार भाजपा की नहीं थी. प्रधानमंत्री न सिर्फ मणिपुर को लेकर आश्चर्यजनक खामोशी ओढ़े हुए हैं, बल्कि उन्होंने हिंसा होने के बाद वहाँ का दौरा भी नहीं किया. इन दिनों वे तीन देशों के दौरे पर निकले हुए हैं. सारा जिम्मा गृहमंत्री अमित शाह के कंधों पर है.
अमित शाह ने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए जितना पसीना बहाया है, उतनी जान अभी तक न भारत के या फिर दुनिया के किसी गृहमंत्री ने नहीं लगाई होगी. शायद दिक्कत मणिपुर की ही है, वह इतनी कोशिशों के बाद में अमन चैन की वापसी में खुद रोड़ा बना हुआ है. फिर भी प्रेम पणिक्कर ने अपने सब्सटैक पेज पर इस जतन के बारे में लिखते हुए हालांकि पूछा है कि क्या अमित शाह से भी ज्यादा नाकाबिल गृहमंत्री कोई हुआ है?
हालांकि मेहनत में कोई कमी नहीं रही. शनिवार को अमित शाह महाराष्ट्र में चुनावी कार्यक्रम छोड़कर दिल्ली लौटे गृह मंत्रालय में अफसरों की बैठक की और मणिपुर में शांति बहाली के लिए हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिये. इस सोमवार को राज्य में हिंसा शुरू हुए 567 दिन हो गये.
शांति के प्रयास और नीयत पर शक किया जाना सही नहीं है. शाह ने हिंसा शुरू होते ही कह दिया था कि समाज के सभी वर्गों को इंसाफ मिलेगा और लोगों से शांति बहाल करने की अपील की थी. 25 मई 2023 को वह असम के कामरूप जिले में कोई शिलान्यास कर रहे थे. इसी के छह दिन बाद शाह ने 31 मई 2023 को मणिपुर से निवेदन किया कि 15 दिन के लिए शांति कर ली जाए. उसी दिन यह भी खबर आई थी कि अमित शाह के मणिपुर दौरे से महत्वपूर्ण विकास हुए हैं, जिससे राज्य में शांति और सामान्य जीवन बहाल हो सके. इसके अगले ही दिन अमित शाह ने 1 जून 2023 को ऐलान किया कि हिंसा में 80 लोगों की मौत होने और बहुतों के घायल होने की घटना की जाँच एक रिटायर हो चुके हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में समिति करेगी. उन्होंने कहा कि जाँच समिति वे सारी बातें उजागर कर देगी, जिनकी वजह से महीने भर हिंसा चली. हिंसा का जिम्मेदार कौन है? इस जाँच समिति ने कौन से रहस्योद्घाटन किया, अभी तक अज्ञात है.
24 जून 2023 को अमित शाह ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर की घटनाओं पर करीब से निगाह रखकर लगातार मॉनिटर कर रहे हैं.
इसके अगले ही दिन 25 जून 2023 को अमित शाह ने मणिपुर में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को राज्य में शांति बहाल करने के लिए और मेहनत करने का हुक्म दिया.
10 अगस्त 2023 को अमित शाह ने संसद में दो घंटे भाषण दिया और फिर मणिपुर में शांति की अपील की. इतना ही नहीं उन्होंने विपक्ष को भी इस मसले का राजनीतिकरण करने के लिए झाड़ लगाई.
पणिक्कर ने अपने लेख में लिखा है कि वह इसमें और तारीखें जोड़ सकते हैं. कोई भी जोड़ सकता है, सिर्फ इतना ही गूगल करना है- अमित शाह मणिपुर. पूरी क्रोनोलॉजी सामने आ जाती है. पणिक्कर पहले भी कई बार मणिपुर और अमित शाह की कुशलता पर अपने सब्सटैक पर लिखते रहे हैं, जिन्हें आप यहाँ, यहाँ और यहाँ पढ़ सकते हैं.
567 दिनों से चल रही बिना रुकी हिंसा. सैकड़ों मौतें. लाखों बेघर. कर्फ्यू बार-बार. आफ्स्पा वापस.
अमित शाह अभी भी शांति के लिए काम किये जा रहे हैं. हिंसा की ताज़ा घटना 11 नववंबर 2024 को हुई. 15 नववंबर 2024 को सीआरपीएफ कैम्प पर हमला हो गया. इतवार को जनप्रतिनिधियों का पीछा और उन पर हमला हो रहा है.
अमित शाह ने महाराष्ट्र से दिल्ली लौटकर एक और बार स्थिति का जायजा लिया, और आला सुरक्षा अफसरों से कहा कि हिंसा रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. इस बात को उस अफसर के हवाले से प्रेस ने छापा, जिसने कहा मेरा नाम नहीं बताना.
पणिक्कर पूछते हैं कि भारत के इतिहास में अगर कोई अमित शाह से भी ज्यादा नाकाबिल गृहमंत्री है? अगर आप जानते हैं तो उन्हें यहाँ बता सकते हैं.
जिसके रिमोट से चलता है मेनस्ट्रीम का मीडिया
सरदेसाई का चैप्टर, अजीत अंजुम का शो: मिलिये हीरेन जोशी से
पत्रकार अजीत अंजुम ने अपने नए कार्यक्रम में इंडिया टुडे के सीनियर जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई की नई किताब के हवाले से अपना पूरा कार्यक्रम हीरेन जोशी और मुख्यधारा के मीड़िया पर किया है. राजदीप ने अपनी किताब में एक पूरा चैप्टर प्रधानमंत्री का मीडिया मैनेजमैंट संभालने और पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले उनके बेहद करीबी हीरेन जोशी और मीडिया पर उनके नियत्रंण के किस्सों पर लिखा है. आखिर कौन हैं ये पीएमओ वाले जोशी जी जो भारत के मुख्यधारा के मीडिया को रिमोट से कंट्रोल करते हैं. जोशी जी के चाहने भर से एंकर चैनल बदल लेते हैं और ज्यादा स्मार्ट बनकर सरकार के खिलाफ कोई एंकर कुछ कहता है तो उसे ऑफ एयर भेजने की व्यवस्था भी जोशी जी के एक मैसेज में है... जोशी जी और उनके रहस्यमई संसार पर ही अजीत अंजुम ने ये कार्यक्रम बनाया है, देखिए.
अरब ने फिर सूली पर चढ़ाए जिंदा लोग : सऊदी अरब ने इस साल 100 से अधिक विदेशी नागरिकों को मृत्युदंड दिया है. इससे पहले सितंबर में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी सऊदी अरब में मौत की सज़ा दिए जाने में हुई बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर की थी. एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार इस साल सऊदी अरब ने अब तक कुल 101 विदेशी नागरिकों को मौत की सज़ा दी है. एएफ़पी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 2023 और 2022 के आंकड़ों का तीन गुना है. 2022 में 34 और 2023 में भी 34 विदेशियों को ही मृत्युदंड दिया गया था.
निकोबार में बढ़ाएंगे ट्यूना मछलियों का कारोबार साल 2023 और 24 में भारत से ट्यूना मछली के निर्यात में 31.83 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, जिसके बाद से अब केंद्र सरकार व्यावसायिक रूप से सबसे मूल्यवान मछली में से एक ट्यूना के लिए नए ठिकानों की तलाश में है. केंद्रीय मत्स्य पालन विभाग के अनुसार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हाल ही में आयोजित निवेशकों की बैठक केंद्र शासित प्रदेश को ट्यूना निर्यात का केंद्र बनाने की दिशा में एक कदम थी. वैश्विक ट्यूना बाज़ार का मूल्य 3,481.02 करोड़ रुपए ह. हिंद महासागर को इस मछली के लिए दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र माना जाता है, जो दुनिया का 21 फीसदी ट्यूना पैदा करता है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से केंद्र को सालाना 24,000 टन पीले फिन वाली ट्यूना के भंडार की उम्मीद है, जिसका दुनिया भर में एक स्थिर बाजार है. इसके अलावा सालाना 22000 टन स्किपजैक ट्यूना, 500 टन बिगआई ट्यूना और 18000 टन नेरिटिक ट्यूना भी निर्यात के लिए उपलब्ध हो सकता है, ऐसी भी उम्मीद जताई जा रही है. समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार, भारत ने 2023-24 में 73.01 करोड़ मूल्य का 51,626 टन ट्यूना मछली निर्यात की थी.
रंगीन सींग बचाएंगे सड़क हादसों से: छत्तीसगढ़ में यातायात मार्गों, मुख्य सड़कों और राज्य राजमार्गों पर घूमने वाले आवारा मवेशियों के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कोई कमी नहीं दिख रही है, लेकिन अब इसका भी सरकारी तोड़ निकल आया है. राज्य के अधिकारियों को राजधानी के मुख्य मार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मवेशियों के सींगों को रंगने के लिए कहा गया है. पिछले ढाई साल में राज्य भर में 308 दुर्घटनाएं हुईं, 231 लोग हताहत हुए और 64 घायल हुए. जनवरी 2022 से बस्तर के संघर्षग्रस्त क्षेत्र में माओवादियों की हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या (115), हताहत नागरिकों की संख्या 231 से कहीं कम है.
पुरानी फिल्मों का रिस्टोरेशन : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय फिल्म हेरिटेज मिशन (एनएफएचएम) के तहत दुर्लभ भारतीय क्लासिक और ऐतिहासिक फिल्मों की बहाली का काम शुरू किया. फिल्मों के रिस्टोरेशन का आधा काम हो गया है. मौजूदा समय में लगभग 65,000 फिल्म रीलों का संरक्षण चल रहा है, जबकि 64,000 से अधिक रीलों का संरक्षण पहले ही किया जा चुका है. इनमें दादा साहब फाल्के द्वारा निर्देशित मूक युग की फिल्म कालिया मर्दन (1919) भी शामिल है.
मध्यप्रदेश के कटनी जिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को 'आपत्तिजनक तरीके' से स्थानांतरित करने पर चार इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. मूर्ति के गले में फंदा बांधकर अर्थमूविंग मशीन की मदद से मूर्ति को स्थानांतरित करने का एक वीडियो शनिवार शाम को सोशल मीडिया पर सामने आया था.
गोशाला में करना पड़ा फिल्म फेस्टिवल : प्रोफेसर जीएन साईंबाबा और फिलिस्तीन में मारे गए बच्चों को समर्पित नौवें उदयपुर फिल्म फेस्टिवल को लेकर विवाद हुआ. 'द मूकनायक' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिंदूवादी समूह के तीखे विरोध और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते आयोजन को तीसरे दिन रविवार को आरएनटी मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम से हटाकर एक अस्थायी गोशाला में आयोजित करना पड़ा. आयोजकों ने पूरे घटनाक्रम को लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करार दिया है और कहा कि इस पर मीडिया से रूबरू होने और कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं. तीन दिवसीय फेस्टिवल का आयोजन 15 से 17 नवंबर तक किया जा रहा था. इस मामले में द मूकनायक ने आयोजक समिति से विस्तार में बात की है.
केरल से एक वीडियो वायरल हो रहा है. दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़क पर लड़ रहे थे, जैसे ही वहां एक एंबुलेंस आई, दोनों ने लड़ाई रोककर पहले एंबुलेंस को रास्ता दिया. एंबुलेंस के गुजरने के बाद, वे फिर से लड़ाई शुरू कर देते हैं. यह घटना कोझीकोड में स्थानीय सहकारी बैंक चुनाव के दौरान हुई. झगड़ने वाले दोनों गुट कांग्रेस के थे.
सऊदी अरब ने ढूंढा 4,000 साल पुराना नगर : सऊदी अरब के ख़ैबर ओएसिस क्षेत्र में 4,000 साल पुरानी एक उन्नत नगर सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जिसे 'अल-नताह' नाम दिया गया है. यह नगर कांस्य युग (2400-2000 ईसा पूर्व) का है और रिपोर्ट में पाया गया है कि यहां लगभग 500 लोग रहते थे. 3.7 एकड़ में फैला यह नगर दो प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित था.
चलते-चलते : जब भी उन्हें ध्यान आएगा कि तुमने फिराक़ को देखा है
उंगलियों के बीच फँसी कभी ना बुझने वाली सिगरेट, चारो तरफ कवि, शायर और दानिशमंदों का जमावड़ा. हर बात से निकलती एक नई और गहरी बात. हाजिर जवाबी, चुहल और कहकहे। ये दृश्य बीसवीं सदी के महबूब शायर फिराक़ गोरखपुरी की महफिल का.
फिराक़ को देखने और सुनने का सौभाग्य नई पीढ़ी के पास भी है. फिराक़ की महफिलों के कुछ दुर्लभ वीडियो प्रसार भारती के खजाने में हैं और अब यू ट्यूब पर उपलब्ध हैं. पता नहीं किस संयोग से दो एपिसोड में बंटे एक महफिल के वीडियो मेरे हाथ लग गये, जब देखना शुरू किया तो आँखें खुली रह गईं.
सख्त मिजाजी और एरोगेंस की अनगिनत दंतकथाओं वाले फिराक़ एक बेहद डेमोक्रेटिव स्पेस में शायर और कवियों से बात कर रहे हैं. धैर्य से सवाल सुन रहे हैं और जवाब दे रहे हैं. अपनी शायरी पर कम गालिब और मीर पर ज्यादा बातें कर रहे हैं. एक जगह वो कहते हैं- ‘गालिब के पास सादगी की पोशाक थी, लेकिन मीर के पास सादगी की रूह थी.‘
वर्ल्ड लिटरेचर से संस्कृत, फारसी और भोजपुरी तक. फिराक़ की महफिल का ये वीडियो भाषा, साहित्य और संस्कृति की बहुरंगी यात्रा पर ले जाता है. बनावटी जुबान से उनकी चिढ़ साफ दिखाई देती है. फिराक कहते हैं- “भाषा का बेस इंलिट्रेसी है और लिटरेचर ब्रिलिएंट इंलिट्रेसी को कहते हैं.“ ऐसे ना जाने कितनी अनोखी बातें और दिलचस्प ऑब्जर्वेशन इस वीडियो में है. (फेसबुक पोस्ट से)
इसी का दूसरा भाग यहां है.