19/01/ 2025: डल्लेवाल डॉक्टरी मदद को तैयार, कलकत्ता रेप मर्डर केस में रॉय दोषी करार, हाईकोर्ट जज पर एफआईआर की माँग, तेजस्वी की ताज़पोशी पर तेजप्रताप की गुगली, राजनीति का रेवड़ी काल, गोल अंडे की कीमत
हरकारा हिंदी भाषियों के लिए क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण.
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
आज की सुर्खियां | 19 जनवरी 2025
डॉक्टर से बलात्कार हत्या मामले में संजय रॉय दोषी करार : कोलकाता के सियालदह कोर्ट में शनिवार दोपहर तीन लोग रो पड़े. इनमें से पहले दो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की 31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के माता-पिता थे, जिसकी 8 और 9 अगस्त की रात को बेरहमी से बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. तीसरा इस मामले का एकमात्र आरोपी संजय रॉय. वह कोलकाता पुलिस का एक नागरिक स्वयंसेवक था, जिसे बलात्कार और हत्या के एक दिन बाद उसी कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था. फैसला सुनाने के तुरंत बाद, सियालदह सत्र न्यायालय के पीठासीन न्यायधीश अनिरबान दास ने दोषी से पूछा कि क्या उसे कुछ और कहना है? ग्रे जैकेट के ऊपर नारंगी हुडी पहने रॉय ने अपने गले में बंधी रुद्राक्ष की पट्टी की ओर इशारा करते हुए न्यायाधीश से कहा, ‘क्या वह पवित्र पट्टी पहनकर ऐसा अपराध कर सकता है? अगर मैंने ऐसा कोई अपराध किया होता तो पट्टी टूट जाती. मैंने वही किया जो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मुझे बताया. मुझे फंसाया गया है. मैं निर्दोष हूँ." न्यायाधीश दास ने रॉय को दोषी करार देते हुए कहा कि वह सोमवार को सजा की अवधि की घोषणा करेंगे. फैसला सुनाने के बाद जज ने कहा कि रॉय को मृत्युदंड (अधिकतम सजा) या आजीवन कारावास (न्यूनतम सजा) की सजा हो सकती है.
डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने पर तैयार : पीटीआई ने शनिवार-रविवार की मध्य रात किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे के हवाले से खबर दी कि 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल रविवार को चिकित्सा सहायता स्वीकार करने को तैयार हो गये हैं. डल्लेवाल का आमरण अनशन रविवार को 54वें दिन में प्रवेश कर गया. हरदोझंडे ने बताया कि इसके बावजूद वह अपना अनशन तब तक समाप्त नहीं करेंगे, जब तक कि किसानों को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी नहीं दी जाती. उन्होंने यह भी बताया कि डल्लेवाल की तबीयत और बिगड़ गई है. उपवास के दौरान उनका वजन लगभग 20 किलोग्राम कम हो गया है. उन्होंने डल्लेवाल की हालत गंभीर बताते हुए कहा कि अपने विरोध की गंभीरता को उजागर करने के लिए वह अब तक चिकित्सा उपचार से इनकार करते रहे. डल्लेवाल ने यह कदम तब उठाया है, जब केंद्र ने 14 फरवरी को चंडीगढ़ में पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों के साथ उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए बैठक करने पर सहमति जताई है.
धरपकड़ जारी पर असली हमलावर अभी पकड़ से बाहर : छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक 31 वर्षीय व्यक्ति को जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से हिरासत में लिया गया है. यह कार्रवाई अभिनेता सैफ अली खान के मुंबई के बांद्रा स्थित घर पर हुए हमले के मामले में की गई. हालांकि, मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि यह व्यक्ति फिलहाल संदिग्ध है, आरोपी नहीं. मुंबई पुलिस की जांच का नेतृत्व कर रहे एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "दुर्ग में हिरासत में लिया गया संदिग्ध आरोपी प्रतीत नहीं होता, लेकिन हमने वहां टीम भेजी है. मुंबई पुलिस आरोपी की तलाश के लिए प्रयासरत है." छत्तीसगढ़ में आरपीएफ अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह व्यक्ति जनशताब्दी एक्सप्रेस में सवार था, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस से कोलकाता के शालिमार रेलवे स्टेशन तक जाती है.
कुकी-ज़ो नेताओं ने पृथक प्रशासन की मांग की : मणिपुर में कुकी-जो जनजातीय समुदायों की शीर्ष सामाजिक-राजनीतिक संस्था कुकी-जो काउंसिल (केजेडसी) के नेताओं ने नई दिल्ली में शुक्रवार को गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पृथक प्रशासन की मांग की. केजेडसी के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष हेनलियानथांग थांगलेट के नेतृत्व में उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को आदिवासी इलाकों की भयावह स्थिति के बारे में बताया और सुरक्षा कर्मियों के एक वर्ग की पक्षपातपूर्ण भूमिका और राज्य प्रशासन की ओर से आदिवासियों को क्षेत्र से वंचित किए जाने के बारे में भी बताया.
जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ एफआईआर कराने की मांग की : शुक्रवार की शाम सुप्रीम कोर्ट के 13 वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना को पत्र लिखा है. पत्र में अनुरोध किया गया है कि वे जस्टिस यादव के हेट स्पीच का स्वतः संज्ञान लें और मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को निर्देश दें कि वह न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ के. वीरस्वामी बनाम यूओआई (1991) में निर्धारित कानून के अनुसार एफआईआर दर्ज करे.
येदियुरप्पा के खिलाफ मुकदमे का आग्रह : कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट से नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा है. उसने कहा कि दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) रद्द नहीं की जानी चाहिए. मामले को ट्रायल के लिए आगे बढ़ाया जाना चाहिए. विशेष लोक अभियोजक रविवर्मा कुमार ने जोर देकर कहा कि फोरेंसिक रिपोर्ट वीडियो रिकॉर्डिंग की प्रामाणिकता की पुष्टि करती है. इसमें नाबालिग की मां घटना के बारे में येदियुरप्पा से सवाल करती दिख रही हैं. फोरेंसिक विश्लेषण ने यह भी सत्यापित किया है कि येदियुरप्पा की आवाज़ रिकॉर्डिंग में मौजूद आवाज़ से मेल खाती है. यह मामला फरवरी 2024 में हुई एक कथित घटना से संबंधित है, जब 17 वर्षीय नाबालिग ने आरोप लगाया था कि पूर्व मुख्यमंत्री ने उनका यौन उत्पीड़न किया है. नाबालिग की मां ने 14 मार्च को सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में पोक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. येदियुरप्पा ने आरोपों से इनकार किया है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 300 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य से जुड़े भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये की 140 से अधिक अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. सितंबर 2024 में, ईडी ने सिद्धारमैया और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से जुड़े धन शोधन मामले में लोकायुक्त की ओर से उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कार्रवाई की है.
येलहंका क्षेत्र में मांस पर प्रतिबंध : येलहंका वायुसेना स्टेशन पर फरवरी के दूसरे सप्ताह (10-14) में ‘एयरो इंडिया’ का 15वां संस्करण लगाया जाने वाला है. इसके मद्देनजर बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने 23 जनवरी से 17 फरवरी तक येलहंका वायुसेना स्टेशन के आसपास 13 किलोमीटर के दायरे में मांसाहार पर प्रतिबंध लगाया है. यह उपाय हवाई जहाज के अभ्यास सत्रों के दौरान पक्षियों के टकराने से बचने के लिए सुरक्षा एहतियात के तौर पर किया गया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा, एयरो इंडिया 2025 का लक्ष्य 75,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण करना है. भारत का सिलिकॉन शहर बेंगलुरु 1996 में अपनी स्थापना के बाद से एशिया के सबसे बड़े एयर शो की मेजबानी कर रहा है.
तेजस्वी की ताज़पोशी, ऐन वक़्त तेज प्रताप की एंट्री
बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की कमान आधिकारिक तौर पर तेजस्वी यादव को सौंप दी गई. पार्टी में तेजस्वी का कद और बढ़ गया, जब प्रस्ताव पारित कर उनकी शक्ति राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बराबर कर दी गई. मगर पार्टी की कमान पूरी तरह से तेजस्वी के पास नहीं आई, जो इस बैठक से पहले अपेक्षित थी. राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव बने रहे.
शनिवार 18 जनवरी को पटना में राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया. इसमें लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बड़ी बेटी मीसा भारती के साथ सांसद, विधायक और एमएलसी सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे. लेकिन तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव नहीं दिखे.
प्रस्ताव में तेजस्वी को लालू प्रसाद के साथ मिलकर पार्टी की टिकट और चुनाव चिह्न में संशोधन पर फैसला लेने की आधिकारिक रूप से अनुमति दी गई. तेजस्वी वर्तमान में बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और बिहार के दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. अनौपचारिक रूप से कहें तो राजद की कमान भी उनके पास ही है, बहुत पहले से.
हालांकि यह उम्मीद की जा रही थी कि इस बैठक में तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव से आधिकारिक रूप से कमान ले लेंगे. मगर लालू अब भी शीर्ष पद पर कायम हैं तो इसका एक कारण तेज प्रताप यादव हैं, जो बीच-बीच में बाग़ियाना तेवर अख्तियार करते रहते हैं. कार्यकारिणी की बैठक से एक दिन पहले भी कुछ ऐसा हुआ कि अकेले तेजस्वी को कमान सौंपने के फैसले पर एक हद तक अंकुश लग गई.
इस बैठक से एक दिन पहले तेज प्रताप यादव की एक रील वायरल हो गई. इस वीडियो में वह शहंशाह के अंदाज में बैठे हैं. इसे उन्होंने अपने ‘एक्स’ हैंडल से पोस्ट किया है. जरा इसके डायलाग सुनिए- सरकार गिराने जा रहे हैं हम. बहुत जल्द. सीएम साहब तो गए समझिए. अगले सीएम आपके सामने बैठे हैं... इन संवादों के साथ (बैकग्राउंड म्यूजिक) वह सामने आते हैं. उसमें एक सोफे पर तेजप्रताप यादव शहंशाह के अंदाज में बैठे दिखते हैं और उनके साथ एक महिला और कुछ अन्य लोग ऐसे बैठे हैं, जैसे उनके दरबारी हों.
यह वीडियो पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है- ‘नेतृत्व कोई पद या उपाधि नहीं है. यह कार्य और उदाहरण है. यह पूर्णतावाद के बारे में नहीं है, यह प्रयास के बारे में है. और जब आप हर दिन वह प्रयास करते हैं तो परिवर्तन होता है. इस तरह परिवर्तन होता है. अधिक सपने देखें. अधिक सीखें. अधिक करें. और अधिक बनें.’
पार्टी के गलियारे में इस पोस्ट को एक चेतावनी की तरह देखा गया, क्योंकि शुक्रवार को पार्टी के सभी लोगों को यह अनुमान हो गया था कि शनिवार की बैठक में तेजस्वी अपने पिता की जगह लेने जा रहे हैं.
इसके अलावा शुक्रवार को एक और घटना घटी. इन दोनों प्रतीकात्मक घटनाओं से एक बार फिर तेज प्रताप के विद्रोही होने की संभावना को बल मिला.
घटना शुक्रवार की ही है. राजद कार्यालय में मंगनी लाल मंडल को पार्टी में शामिल कराया गया. इस कार्यक्रम में तेज प्रताप मौजूद नहीं थे. तभी खबर आई कि तेज प्रताप यादव दफ्तर आ रहे हैं. उनके पहुंचने से पहले तेजस्वी पार्टी दफ्तर से निकल गए और कुछ देर में वहां मौजूद पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी धीरे-धीरे करके निकल गए.
इससे यह संकेत गया कि तेजस्वी को पार्टी की कमान पूरी तरह से देने पर दोनों भाइयों के बीच मतभेद है और यही वजह है कि तेजस्वी तथा अन्य पदाधिकारी तेज प्रताप का सामना करने से बच रहे हैं.
बता दें कि इसके पहले भी कई बार तेज प्रताप बागी होते रहे हैं और हर बार लालू प्रसाद यादव या उनकी मां राबड़ी देवी ने मनाया है.
इतना मुश्किल क्यों है भारत में धंधा जमाना
एंडी मुखर्जी ने ब्लूमबर्ग के अपने नियमित कॉलम में लिखा है कि भारत में व्यवसाय शुरू करना आज भी एक कठिन चुनौती बना हुआ है. अत्यधिक लालफीताशाही और अनावश्यक अनुमतियों के लिए दौड़-भाग, सबसे साहसी उद्यमियों को भी थका देती है. करीब तीन साल पहले, विश्व बैंक ने अपनी वार्षिक "डूइंग बिज़नेस" रिपोर्ट को बंद कर दिया था. यह कदम इस आरोप के बीच उठाया गया कि शीर्ष प्रबंधन ने चीन की रैंकिंग बढ़ाने के लिए कर्मचारियों पर दबाव डाला था. उस समय भारत की रैंक 63 थी, जो 2014 में 189 अर्थव्यवस्थाओं में से 134वें स्थान पर होने से एक बड़ी छलांग थी. फिर भी, भारत में व्यवसाय शुरू करना आज भी एक बुरे सपने जैसा है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “मेक इन इंडिया” अभियान भी नौकरशाही के जाल में उलझा हुआ है. इस दशक पुराने कार्यक्रम के बावजूद, 1960 के बाद से अर्थव्यवस्था में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. यह लालफीताशाही भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता पर बड़ा प्रभाव डाल रही है, जिससे उद्यमियों और कंपनियों के लिए व्यवसाय करना और अधिक कठिन होता जा रहा है.
दिल्ली की बिसात पर शह और मात
सारी घेरेबंदी का निशाना केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव का मतदान पांच फरवरी को और गिनती 8 फरवरी को होनी है. इस बीच दिल्ली में आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो चुका है और इसके केंद्र में अरविंद केजरीवाल हैं. भाजपा जहां केजरीवाल का नामांकन रद्द कराने के लिए चुनाव आयोग गई है तो वहीं केजरीवाल ने वीडियो जारी कर भाजपा पर पत्थर फेंकने का आरोप लगाया है. इस खेल में एक कोण दिल्ली पुलिस, ईडी और अदालत के फैसले को भी बनाने की कोशिश की जा रही है.
आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार 18 जनवरी को एक वीडियो जारी किया है. इसमें नई दिल्ली में कुछ लोग काले झंडे लहराते दिख रहे हैं और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की कार पर पत्थर फेंक रहे हैं. वीडियो का हवाला देकर आप ने दावा किया कि यह यह योजनाबद्ध हमला है और इसे भाजपा ने करवाया है. यह हमला भाजपा के नई दिल्ली उम्मीदवार प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के समर्थकों ने किया है.
इसी घटना का एक और वीडियो इस सीट पर केजरीवाल को चुनौती दे रहे भाजपा के प्रवेश वर्मा ने साझा किया है और आरोप लगाया है कि लोग केजरीवाल से सवाल पूछने की कोशिश कर रहे थे. दो युवकों को केजरीवाल के वाहन ने टक्कर मार दी. उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. आप प्रमुख को जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है.
वहीं इस त्रिकोण में तीसरा एंगल दिल्ली पुलिस का है. पुलिस के अनुसार, केजरीवाल को काले झंडे तो दिखाए गए, मगर उनकी कार पर किसी ने पत्थर नहीं फेंके. पत्थर फेंकने वालों को पुलिस ने मौके से तुरंत हटा दिया. जबकि वीडियो में केजरीवाल एक वाहन में बैठे दिख रहे हैं. पुलिसकर्मी रास्ता साफ करते नजर आ रहे हैं. एक व्यक्ति काला कपड़ा लहराता दिख रहा है और वाहन की ओर फेंका गया पत्थर भी साफ दिख रहा है.
एक और खबर के अनुसार, भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट के लिए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नामांकन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर उसे रद्द करने की मांग की है. शिकायत में आय में विसंगतियां, आपराधिक मामलों का खुलासा न करना और मतदाता पंजीकरण संबंधी मुद्दों को रेखांकित किया गया है. शिकायत में, प्रवेश वर्मा का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने साल 2019-20, 2021-22 और 2022-23 के लिए दिये गये अपने हलफनामे में आय के आंकड़े गलत बताए हैं. इसके कारण में उन्होंने लिखा है कि केजरीवाल ने बतौर दिल्ली के मुख्यमंत्री अपना वेतन गलत दिखाया है. मतदाता पंजीकरण पर सवाल उठाते हुए वर्मा ने कहा है कि केजरीवाल का वोट गाजियाबाद, कौशांबी सहित कई स्थानों पर दिखाई देता है. इसके अलावा, केजरीवाल नॉर्थ एवेन्यू पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज चार एफआईआर का विवरण देने में भी विफल रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने इसी हफ्ते नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल किया है. इस मौके पर उन्होंने अपनी सरकार का काम गिनाते हुए कहा था कि एक तरफ काम करने वाली पार्टी है और दूसरी तरफ गाली देने वाली. वह चाहेंगे कि आप काम के लिए वोट करें.
इस बीच दिल्ली चुनाव से ठीक पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) योजना को दिल्ली में लागू करने के दिल्ली हाईकोर्ट के 24 दिसंबर के फैसले पर रोक लगा दी. इसमें दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन करने को कहा गया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए 5 जनवरी तक का समय दिया था. इसके खिलाफ दिल्ली सरकार शीर्ष अदालत गई थी. आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार में काफी समय से टकराव चल रहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आप संयोजक अरविंद केजरीवाल भाजपा पर आक्रामक हो गए हैं. वह शीर्ष अदालत के फैसले को अपनी जीत की तरह पेश कर रहे हैं. उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना को देश का ‘सबसे बड़ा घोटाला’ बताया. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसकी पुष्टि की कि ‘‘आयुष्मान भारत एक फर्जी योजना है. यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है. जब केंद्र सरकार बदलेगी और जांच होगी, तब लोगों को पता चलेगा कि यह घोटाला कितना बड़ा है”.
शुक्रवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में मिली जमानत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 21 मार्च निर्धारित की. इस वजह से केजरीवाल की नियमित जमानत पर सुनवाई नहीं हो पाई. वह फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर बाहर हैं.
विश्लेषण | राजेश चतुर्वेदी
“हमारी रेवड़ी, मुफ़्त की रेवड़ी और तुम्हारी ‘प्रभु’ का भोग”
'त्वाड्डा कुत्ता टॉमी, साड्डा कुत्ता, कुत्ता’…. बिग बॉस के 13वें सीज़न में शो की कंटेस्टेंट शहनाज़ कौर गिल का इसी तर्ज पर एक डायलॉग काफी मशहूर हुआ था. इसके मैशअप वीडियो जमकर वायरल हुए थे. बिग बॉस में शहनाज़ कहती थीं, ‘तुम्हारी फीलिंग तुम्हारी, मेरी कोई फीलिंग नहीं. तेरा कुत्ता टॉमी, मेरा कुत्ता, कुत्ता’. कल 17 जनवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का संकल्प (घोषणा) पत्र पेश किया तो शहनाज़ की पांच साल पहले बोली गई यह लाइन याद आ गई. गोया कि, “हमारी रेवड़ी, मुफ़्त की रेवड़ी और तुम्हारी रेवड़ी, ‘प्रभु’ का भोग.” नड्डा ने जिस अंदाज़ में पार्टी के वादे रखे, उससे यही ध्वनित होता है कि भाजपा की सरकार बनने पर दिल्ली के लोगों को जो मिलेगा, वो रेवड़ी नहीं, अपितु किसी बाबा फकीर का दिया ‘प्रसाद’ होगा. लोग वादों (या भोग) पर भरोसा करें, इसलिए खुद नड्डा ने पार्टी के वादे सबके सामने रखे.
बकौल नड्डा दिलचस्प यह है कि अभी संकल्प पत्र का ‘पहला भाग’ (फर्स्ट पार्ट) आया है. मतलब, अभी लिफ़ाफ़ा दिखाकर खत का मज़मून समझाया जा रहा है. मतदान की तारीख तक आगे और भी वादे लेकर पार्टी आएगी. मानो, अभी तो पंजीरी है, पेड़े-लड्डू बाद में आएंगे. जरा, पहले भाग की ये घोषणाएं देखिए, (एक) : पात्र महिलाओं को हर माह 2500 रूपए, (दो) : गर्भवती महिला को 21 हजार रूपए, (तीन) : गैस सिलेंडर पर 500 रूपए की सब्सिडी, (चार) : होली और दीवाली पर एक मुफ़्त सिलेंडर. साफ है कि ये चारों घोषणाएं कर भाजपा हर हाल में इस बार दिल्ली का चुनाव जीतना चाहती है. चुनाव जीतने के लिए उसने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं, संदेशों, प्रवचनों और नसीहतों को ताक पर रख दिया है. ऐसा लगता है कि “रेवड़ी संस्कृति” को फलने-फूलने के लिए वह मोदीजी को पूरी तरह राजी कर चुकी है. बल्कि, उसने यह काम पहले ही कर लिया था.
दो माह पहले महाराष्ट्र और हरियाणा में आखिरकार क्या हुआ? वहां, महिलाओं के खातों में कितनी राशि डाली जा रही है? और मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कितना पैसा दिया जा रहा है? मध्यप्रदेश में एक साल में करीब 20 हजार करोड़ महिलाओं के खाते में गए हैं. मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी पार्टी अब तक दिल्ली फतह नहीं कर पाई है. सो, इस बार “रेवड़ी संस्कृति” की शर्म का पर्दा हटा दिया गया है. जब प्यार किया तो डरना क्या? लिहाजा संगठन के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति के मुखारबिंद से वादों का ऐलान कराया गया. सवाल इस बात का है कि क्या दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष ने अपने सर्वशक्तिमान नेता और शक्तिशाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति या संज्ञान के बगैर दिल्ली के लोगों से वादे किए हैं? या फिर नड्डा को याद ही नहीं रहा कि कालांतर में मोदी “रेवड़ी संस्कृति” को देश की सेहत के लिए कितना घातक बता चुके हैं. क्या उनकी याददाश्त से यह भी मिट गया कि मोदी जी ने कहा था कि रेवड़ी संस्कृति के लोग सोचते हैं कि मुफ़्त रेवड़ी बांटकर वे लोगों को खरीद सकते हैं.
और यह भी कि “टैक्स देने वालों को यह देखकर बहुत बुरा लगता है कि उनकी कड़ी मेहनत का पैसा मुफ़्त की रेवड़ियों पर उड़ाया जा रहा है.” भरोसा नहीं होता कि भाजपा जैसा “अनुशासित” संगठन अपने सबसे बड़े नेता के शब्दों और नसीहतों के साथ इतना निर्मम बर्ताव कर सकता है! अटल-आडवाणी युग के बरक्स तो यह आश्चर्यजनक लगता है, क्योंकि तब नेता के शब्द पार्टी के लिए पत्थर की लकीर हुआ करते थे. तो क्या यह मान लिया जाना चाहिए कि नड्डा का संकल्प पत्र के जरिए दिल्ली की जनता को “मुफ़्त की रेवड़ियों” से सजी थाली दिखाना अनुशासनहीनता के दायरे में आएगा? या फिर यह “रेवड़ी” नहीं, बल्कि प्रभु का “भोग” होगा? वर्ना, ज्यादा पुरानी बात नहीं है, मोदी जी ने तो ये कहा था :-
16 जुलाई 2022 : उत्तरप्रदेश के जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा था, “रेवड़ी संस्कृति” नए भारत को अंधेरे की तरफ ले जाएगी. “कुछ सरकारें वोटों को हासिल करने के लिए रेवड़ी संस्कृति में शामिल हैं, जबकि डबल इंजन की सरकार नए एक्सप्रेसवे और रेल मार्ग बनाने का काम कर रही है,” मोदी ने कहा था. इसी कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा था कि रेवड़ी संस्कृति के लोग सोचते हैं कि मुफ़्त रेवड़ी बांटकर वे लोगों को खरीद सकते हैं. हमें इस सोच को शिकस्त देने की जरूरत है. इस संस्कृति को देश से खत्म करने की आवश्यकता है. उन्होंने देश की जनता और खासकर युवाओं को रेवड़ी संस्कृति के खिलाफ आगाह करते हुए यह भी कहा था कि यह देश, उसके विकास और हित के लिए “बहुत खतरनाक” है.
23 अक्टूबर 2022 : पीएम आवास योजना के तहत गरीबों के लिए निर्मित 4.5 लाख घरों को आवंटित करते हुए कहा था, करदाताओं को बहुत बुरा लगता है, जब उनकी कड़ी मेहनत का पैसा मुफ़्त की रेवड़ियों पर उड़ाया जाता है. मगर जब पैसा गरीबों के उत्थान के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च होता है तो उन्हें संतुष्टि होती है.
27 अप्रैल 2023 : कर्नाटक विधानसभा चुनावों के पहले भाजपा के 50 लाख कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए मोदी ने कांग्रेस की “गारंटियों” की आलोचना करते हुए रेवड़ी संस्कृति को खत्म करने का आव्हान किया था. उनका कहना था कि मुफ़्त की रेवड़ियों से सरकारों पर कर्ज बढ़ जाता है. इस संस्कृति से देश और सरकारें नहीं चल सकतीं.
समझौते के बाद भी हमास, नेतन्याहू के खटराग जारी
‘द गार्डियन’ की खबर है कि हमास ने दावा किया है कि गाज़ा में हालिया संघर्ष के दौरान इज़राइल अपने घोषित सैन्य और राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रहा. यह बयान सीज़फायर शुरू होने से एक दिन पहले दिया गया. हमास के प्रवक्ता ने कहा कि इज़राइल को भारी नुकसान हुआ है और उसने गाज़ा में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया. इस संघर्ष के दौरान गाज़ा में बड़े पैमाने पर विनाश हुआ, जिसमें करीब 46 हजार लोग मारे गए और हजारों घायल हुए. इज़राइल का कहना है कि उसका लक्ष्य हमास की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था. सीज़फायर के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव के बढ़ने की संभावना बनी हुई है.
इधर गाजा में पत्रकारों ने बुलेट प्रुफ जैकेट और हेलमेट उतार कर एक साल चले युद्ध के बाद हुए सीजफायर पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. यहां आप गाजा में पसरी तबाही की तस्वीरें देख सकते हैं. इधर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक भाषण में कहा है कि उन्हें गाजा में संघर्ष को "नए, सशक्त तरीकों" से फिर से शुरू करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका का समर्थन प्राप्त है. यह बयान संघर्ष विराम के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले आया है.
गाजा: बर्बाद घरों की ओर जनता की वापसी शुरू

गाजा में सीजफायर की उम्मीद के साथ, सैकड़ों हजारों लोग अपने घरों की ओर लौटने की तैयारी कर रहे हैं, हालांकि उनकी घरों का क्या हाल होगा या उन्हें मलबे में दफन अपने रिश्तेदारों की लाशें मिलेंगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है. 15 महीने के युद्ध के बाद, कई लोग जो अपने घरों से विस्थापित हो गए थे, अब अपनी पुरानी जगहों पर वापस लौटने की योजना बना रहे हैं. इस संघर्ष में गाजा की स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 46,700 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि हमास के हमलों में करीब 1,200 लोग मारे गए थे. मलबे में लगभग 12,000 लोग अभी भी दफन हो सकते हैं. सीजफायर के बाद, गाजा के उत्तर में रहने वाले लोग वापस लौटने की कोशिश करेंगे, जबकि उन्हें विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जैसे कि इजरायली चेकपॉइंट्स, जो आंतरिक आवाजाही में रुकावट डालते हैं. अभी भी गाजा में कड़ी परिस्थितियां हैं; भोजन की कमी, महंगाई और बुनियादी चीजों की भारी कमी है. मानवाधिकार संगठन और सहायता एजेंसियां गाजा में पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में जुटे हैं.
नवालनी के बाद उनके वकीलों पर पुतिन का शिकंजा
'द गार्डियन' की खबर है कि रूस ने दिवंगत विपक्षी नेता अलेक्सी नवालनी के तीन वकीलों को कई वर्षों की सजा सुनाई है. वकीलों पर जेल में बंद नवलनी के संदेश बाहरी दुनिया तक पहुंचाने का आरोप था. यह मामला यूक्रेन संघर्ष के दौरान असहमति पर व्यापक कार्रवाई के बीच सामने आया है. इसने मानवाधिकार समूहों को चिंतित कर दिया है, जो मानते हैं कि मॉस्को अब कानूनी प्रतिनिधियों पर भी मुकदमे चलाने की तैयारी कर रहा है. इनमें वादीम कोबजेव को साढ़े पांच साल, अलेक्सी लिप्तसेर को पांच साल और इगोर सेर्गुनिन को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई है. ये तीनों वकील नवालनी से मिलने वाले लगभग अकेले लोग थे, जब वह अपनी 19 साल की सजा काट रहे थे. नवालनी ने अपने संदेश इन वकीलों के जरिए बाहरी दुनिया तक पहुंचाए, जिन्हें उनकी टीम ने सोशल मीडिया पर प्रकाशित किया. इस फैसले से पश्चिमी देशों में नाराजगी फैल गई है. ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने रूस के सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग की है. फ्रांस ने इसे कानूनी पेशे को डराने का एक और प्रयास बताया. जर्मनी ने कहा कि यहां तक कि जो लोग दूसरों का बचाव करने के लिए होते हैं, उन्हें भी सख्त सजा दी जा रही है. अमेरिका ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है. यह सजा मॉस्को से लगभग 70 मील पूर्व पेटुश्की के एक बंद कमरे में हुए मुकदमे के बाद दी गई. यह जेल नवलनी की पुरानी जेल के पास है, जहां से उन्हें आर्कटिक सर्कल के एक दूरदराज कॉलोनी में स्थानांतरित कर दिया गया था. नवलनी की निर्वासित पत्नी, यूलिया नवलनया ने कहा कि ये वकील "राजनीतिक कैदी हैं और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए."
रूस के ड्रोन और मिसाइल हमले में यूक्रेन की राजधानी कीव में 6 लोगों की मौत
कीव के व्यस्त शेवचेंकिवस्की जिले में तड़के हुए हमले में जल पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई और मेट्रो स्टेशन बंद करना पड़ा. रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. यह हमला शेवचेंकिवस्की जिले में हुआ, जो शहर के व्यस्त इलाकों में से एक है. हमले के कारण पानी की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई और पास के मेट्रो स्टेशन को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा. यूक्रेन के अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है और कहा है कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है.
सीरिया में अमरीका परस्त सरकार बनी तो साथ आए ईरान और रूस
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेझेश्कियान और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 20 साल के सहयोग समझौते पर मॉस्को में हस्ताक्षर किए. यह समझौता सैन्य और रक्षा सहयोग को मजबूत करता है और दोनों देशों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है. ईरान और रूस ने अपने भू-राजनीतिक दबावों के बीच इस समझौते की आवश्यकता महसूस की.
दोनों देश पश्चिमी प्रतिबंधों से निपटने और अमेरिका के नेतृत्व वाले वैश्विक आदेश का मुकाबला करने के लिए साथ आए हैं. असल में दिसंबर 2024 में बशर अल-असद शासन के पतन ने दोनों देशों के लिए आपसी सहयोग को और मजबूत करने की प्रेरणा दी. सीरिया में दोनों देशों के अलग-अलग हित रहे हैं, लेकिन साझा चुनौतियों ने उन्हें करीब ला दिया. समझौते में उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो एशिया से रूस तक व्यापार को सुविधाजनक बनाता है. यह गलियारा स्वेज नहर और बाल्टिक जैसे भू-राजनीतिक चैक प्वाइंट्स को दरकिनार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. रूस और ईरान ने वैकल्पिक बैंकिंग तंत्र और ऊर्जा समझौतों के माध्यम से अपने आर्थिक संबंधों का विस्तार किया है. ईरान ने रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस को ड्रोन की आपूर्ति की है. यह समझौता अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ एक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है, लेकिन अभी पेंच कई उलझे हैं.
चलते चलते : एक गोल अंडे की कीमत तुम क्या जानो साहब!
इंगलैंड के डेवन के पास सोमरसेट बॉर्डर पर स्थित फेंटन फार्म की एक अंडा प्रोसेसिंग कर्मचारी एलिसन ग्रीन ने एक ऐसा गोल अंडा खोजा है, जिसे वह "अरबों में एक" मानती हैं. एलिसन ग्रीन जो पिछले तीन वर्षों से इस फार्म में काम कर रही हैं और 4.2 करोड़ से अधिक अंडों को संभाल चुकी हैं, उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी एक परफेक्ट गोल अंडा नहीं देखा. 57 वर्षीय ग्रीन अब मार्च में इसे एक्सेटर में नीलामी में बेचने की योजना बना रही हैं और इससे मिलने वाली धनराशि डेवन रेप क्राइसिस चैरिटी को दान करने की सोच रही हैं.
अंडा मिलने का अनुभव साझा करते हुए एलिसन ने कहा- "यह वास्तव में आश्चर्यजनक था क्योंकि अंडे एक खास तरीके से लुढ़कते हैं, लेकिन यह नहीं लुढ़का – यह बिल्कुल अलग दिखा." उन्होंने मजाक में कहा, "अब यह एक ऐसी चीज़ है जो किसी और के पास नहीं है. इलोन मस्क के पास भी गोल अंडा नहीं है, है ना?" "गोल आकार के चिकन के अंडे काफी दुर्लभ होते हैं. कुछ लोग ऐसे अंडों के लिए 10000 से 20,000 रुपए तक चुका चुके हैं." पिछले महीने, बर्कशायर में एक आदमी ने शराब पीने के बाद गोल अंडे को 20 हजार रुपए में नीलामी में खरीदा था. उसने इसे ऑक्सफोर्डशायर में युवा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने वाली इवेंटास फाउंडेशन को दान कर दिया.
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