19/06/2025 : मोदी की दो टूक के बाद ट्रम्प ने फिर भारत पाक जंग रुकवाने का दावा किया | खामेनेई ने दी अमेरिका को घुड़की | बेरोजगारी बढ़ी | आमिर मुनीर का व्हाइट हाउस में लंच | ब्रिटिश इंटेल की महिला बॉस
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आज की सुर्खियां :
ट्रम्प की धौंस पर खामेनेई की जवाबी घुड़की, मिसाइलें और मौतों का सिलसिला जारी
ईरान से निकाले गए 110 छात्रों को लेकर उड़ान बुधवार रात नई दिल्ली में उतरेगी
आखिर भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाया किसने? मोदी के खंडन के बाद ट्रम्प ने फिर दावा किया
अमेरिका में पाकिस्तानी फील्ड मार्शल मुनीर
एयर इंडिया विमान हादसे के बाद बचाव कर्मी ने जुटाए 70 तोला सोना, नकदी, कीमती सामान
बेरोजगारी बढ़ी
हिमंत सरमा का मनमाना निष्कासन
फास्ट टैग वार्षिक पास का ऐलान, निजी वाहनों के लिए ₹3000 में सालभर हाईवे यात्रा
श्रीखंड लेने जा रहे दलित से मारपीट, बाल काटे !
इज़रायली सेना ने खाद्य ट्रकों का इंतज़ार कर रहे फिलीस्तीनियों पर गोलियां चलाईं 11 की मौत
एमआई6 की पहली महिला बॉस
ट्रम्प की धौंस पर खामेनेई की जवाबी घुड़की, मिसाइलें और मौतों का सिलसिला जारी
ईरान और इजरायल के बीच तनाव एक पूर्ण युद्ध में बदल गया है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर लगातार हमले कर रहे हैं. इजरायल ने ईरान के 40 ठिकानों को निशाना बनाया है, जिसमें सेंट्रीफ्यूज निर्माण केंद्र भी शामिल हैं, जिसके जवाब में ईरान ने ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी कार्रवाई की है. इस संघर्ष के केंद्र में अमेरिका की भूमिका है, जिसे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने युद्ध में शामिल होने पर "अविस्मरणीय नुकसान" की चेतावनी दी है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी भूमिका को लेकर अनिश्चितता बनाए रखी है.
इजरायल का घोषित लक्ष्य ईरान के भूमिगत फोर्दो परमाणु संयंत्र को तबाह करना है, वहीं हमलों से नाराज ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से हटने की धमकी दी है. इस युद्ध का असर आम नागरिकों पर भी पड़ रहा है, जिसमें दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग मारे गए हैं. वैश्विक स्तर पर, रूस ने अमेरिका को सीधे हस्तक्षेप से बचने की चेतावनी दी है, जबकि चीन ने इजरायल की आलोचना की है और उसके द्वारा ईरान को गुप्त रूप से हथियार सप्लाई करने की अटकलें हैं. तुर्की ने ईरान का समर्थन किया है. बिगड़ते हालात के बीच, चीन ने अपने नागरिकों को इजरायल छोड़ने की सलाह दी है और भारत ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान से अपने छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया है.
'द गार्डियन' की रिपोर्ट है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि यदि वह युद्ध में कूदता है, तो उसे “अविस्मरणीय नुकसान” उठाना पड़ेगा. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे यह तय नहीं कर पाए हैं कि अमेरिका सीधे युद्ध में शामिल होगा या नहीं.
ईरान के राज्य टीवी पर पढ़कर सुनाए गए एक बयान में खामेनेई ने कहा, “जो लोग ईरान और इसकी जनता को जानते हैं, वे कभी धमकी की भाषा में बात नहीं करेंगे, क्योंकि ईरानी जनता कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगी. अमेरिका को पता होना चाहिए कि यदि उसने सैन्य हस्तक्षेप किया, तो उसे ऐसा नुकसान होगा जो कभी भरा नहीं जा सकेगा.”
'न्यूयॉर्क टाइम्स' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने अमेरिका के क्षेत्रीय सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए मिसाइलें और अन्य उपकरण तैयार करने शुरू कर दिए हैं. वहीं ट्रम्प ने बुधवार को कहा, “मैं युद्ध में कूद सकता हूं, और शायद नहीं भी. किसी को नहीं पता मैं क्या करने वाला हूं.” एक दिन पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर केवल दो शब्द लिखे थे – “बिना शर्त आत्मसमर्पण!” – जिससे तनाव और बढ़ गया.
'अलजजीरा' की रिपोर्ट है कि इजरायल का कहना है कि उसने आज ईरान में 40 ठिकानों पर हमले किए हैं, जिनमें सेंट्रीफ्यूज निर्माण केंद्र और हथियार निर्माण सुविधाएं शामिल हैं. जवाब में, ईरान ने ड्रोन का एक बड़ा हमला इजरायल पर किया है. ईरान ने डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि तेहरान व्हाइट हाउस में मुलाकात करना चाहता था.
इजरायल की मंशा और अमेरिका की भूमिका इजरायल ने शुरुआत में दावा किया था कि वह अकेले यह युद्ध लड़ रहा है, लेकिन अब अमेरिका की सैन्य मौजूदगी और बयानबाज़ी दोनों ही तेज़ हो गई हैं. इजरायल की मंशा ईरान के फोर्दो परमाणु संयंत्र को तबाह करने की है, जो भूमिगत पहाड़ियों में स्थित है. इस ठिकाने को केवल अमेरिकी B-2 बमवर्षक विमानों से गिराए जाने वाले विशेष बंकर-भेदी बमों से ही क्षतिग्रस्त किया जा सकता है. इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार त्साची हानेगबी ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह इजरायली है, लेकिन इसका अंत फोर्दो को नुकसान पहुंचाए बिना नहीं होगा.
नुकसान, जवाबी हमले और नागरिक हताहत तेहरान में बुधवार को धुएं के गुबार उठते देखे गए. वहीं एक ड्रोन तस्वीर में इजरायल के ऋशोन लेज़ियन शहर में मिसाइल हमले से घरों को क्षतिग्रस्त दिखाया गया है. ईरानी सेना को नुकसान हुआ है, लेकिन वह पूरी तरह से नष्ट नहीं हुई है. ईरान ने बुधवार को एक उन्नत इजरायली ड्रोन मार गिराया, जबकि उसने रात में 15 मिसाइलें इजरायल पर दागीं. IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) ने पुष्टि की है कि इजरायल ने ईरान में दो सेंट्रीफ्यूज निर्माण स्थलों को निशाना बनाया – एक तेहरान में और दूसरा कराज के पास. ईरान के अनुसार अब तक उसके 224 नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि अमेरिकी मानवाधिकार निगरानी संस्था ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट इन ईरान का कहना है कि अब तक 585 लोग मारे गए हैं और 1,300 से अधिक घायल हुए हैं. वहीं ईरान के हमलों में इजरायल में अब तक 24 लोगों की मौत हुई है. इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ईरान की 400 में से लगभग 90% मिसाइलों को रोक लिया है, लेकिन अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो उसकी सबसे प्रभावी एयर डिफेंस मिसाइलें खत्म हो सकती हैं.
ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने की धमकी दी है. सरकार के प्रवक्ता ने कहा- "हम सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं."
रूस, चीन और तुर्की की चिंता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईरान और इजरायल के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है. रूस के उप-विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने अमेरिका को चेताया कि किसी भी “काल्पनिक हस्तक्षेप” की योजना से स्थिति अस्थिर हो सकती है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि वह “गहराई से चिंतित” हैं और तुर्की के राष्ट्रपति एरदोआन ने कहा कि ईरान को इजरायल की “गुंडागर्दी और राज्य आतंकवाद” के खिलाफ खुद को बचाने का अधिकार है.
रूस ने अमेरिका को चेताया: ईरान पर हमला मध्य पूर्व को पूरी तरह अस्थिर कर देगा 'रॉयटर्स' की रिपोर्ट है कि रूस ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी कि यदि वह ईरान पर हमला करता है, तो इससे पूरे मध्य पूर्व में भारी अस्थिरता फैल सकती है. यह चेतावनी रूसी उप विदेश मंत्री सेर्गेई रयाबकोव ने दी, जिन्होंने कहा कि अमेरिका को इस संघर्ष में सीधे शामिल होने से बचना चाहिए. रूस और ईरान के बीच इस साल जनवरी में 20 वर्षीय रणनीतिक साझेदारी समझौता हुआ था. हालांकि, रूस का इस समझौते के तहत ईरान को सैन्य सहायता देने का कोई दायित्व नहीं है. रूस की इज़रायल से भी रणनीतिक बातचीत रही है, परंतु यूक्रेन युद्ध के बाद यह संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं. रयाबकोव ने सेंट पीटर्सबर्ग आर्थिक मंच के दौरान इंटरफैक्स से कहा, "हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह सीधे हस्तक्षेप से बचे. इस तरह का कोई भी कदम पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है." रूस की विदेशी खुफिया एजेंसी SVR के प्रमुख सेर्गेई नारिश्किन ने कहा कि ईरान और इज़रायल के बीच स्थिति "गंभीर" हो गई है. वहीं, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि इज़रायल के हमले "परमाणु तबाही" को जन्म दे सकते हैं.
चीनी कार्गो विमानों की गुप्त एंट्री? 'फायनेंशियल एक्सप्रेस' की रिपोर्ट है कि इजरायल-ईरान युद्ध के बीच, कुछ चीनी कार्गो विमान ईरानी हवाई क्षेत्र में ट्रांसपोंडर (ट्रैकिंग डिवाइस) बंद करके उतरे हैं, जिससे हथियारों की गुप्त आपूर्ति को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये विमान सैन्य उपकरण या प्रतिबंधित सामग्री लेकर आए, जो ईरान की रक्षा क्षमताओं को मज़बूत कर सकती हैं. हालांकि ईरान ने इजरायल के साथ जारी युद्ध के चलते अपने हवाई क्षेत्र को आधिकारिक रूप से बंद कर रखा है, फिर भी इन विमानों ने रेडार और कमर्शियल ट्रैकिंग सिस्टम से गायब रहकर गुप्त रूप से तेहरान में लैंडिंग की. ये गतिविधियां दर्शाती हैं कि ईरान और चीन के शीर्ष नेतृत्व स्तर पर समन्वय हो रहा है.
इजरायल के "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के तहत ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमलों के बाद, चीन ने इजरायल की आलोचना करते हुए इसे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया था. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा - "चीन स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है और इस ऑपरेशन के संभावित गंभीर परिणामों को लेकर चिंतित है." दोनों देशों ने 2021 में 25 साल की व्यापक सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और सैन्य प्रौद्योगिकी शामिल है. चीन ईरान का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और उसका लगभग 90% कच्चा तेल चीन को ही जाता है-अक्सर अमेरिकी प्रतिबंधों को चकमा देकर. हालांकि 2005 के बाद से आधिकारिक तौर पर हथियारों की बिक्री कम हुई है, पर चीन ईरान को मिसाइल तकनीक, ड्रोन टेक्नोलॉजी और तकनीकी सहायता देता रहा है. रूस के साथ आयोजित संयुक्त नौसैनिक अभ्यास चीन-ईरान गठजोड़ को और मजबूत करता है, जो पश्चिमी प्रभुत्व को चुनौती देने वाले बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की ओर संकेत करता है.
चीन और कई देशों ने अपने नागरिकों को इजरायल से बाहर निकलने की सलाह दी तेहरान और तेल अवीव के बीच बढ़ते तनाव के बीच, तेल अवीव स्थित चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए इजरायल से तत्काल निकासी की एडवाइजरी जारी की, खासकर ज़मीनी रास्तों से जॉर्डन के ज़रिए निकलने की सलाह दी गई है. इजरायल और ईरान के बीच हालिया युद्ध के बाद, कई देशों ने अपने नागरिकों को इजरायल से तुरंत निकलने की सलाह दी है. अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और भारत ने इजरायल में रह रहे अपने नागरिकों के लिए यात्रा सलाह जारी की है. अमेरिका ने "स्तर 4: यात्रा न करें" की चेतावनी दी, जबकि भारत ने हेल्पलाइन नंबर के साथ निकासी की अपील की. रूस और चीन ने भी अपने नागरिकों से जल्द से जल्द निकलने को कहा.
ईरान से निकाले गए 110 छात्रों को लेकर उड़ान बुधवार रात नई दिल्ली में उतरेगी
'द हिंदू' की रिपोर्ट है कि ईरान से निकाले गए कम से कम 110 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विशेष उड़ान बुधवार रात नई दिल्ली में उतरेगी. इस उड़ान में अधिकतर छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं, जो ईरान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे. इन्हें भारतीय दूतावास द्वारा ईरान से आर्मेनिया होते हुए निकाला गया. तेहरान यूनिवर्सिटी के मेडिकल छात्र तमहीद मुग़ल ने ‘द हिंदू’ को बताया कि वे मंगलवार को ज़मीनी रास्ते से येरवान (आर्मेनिया) पहुंचे और वहां से बुधवार (18 जून 2025) की दोपहर को दोहा के लिए उड़ान भरी. “हमने दोपहर करीब 3 बजे (भारतीय समयानुसार) येरवान से दोहा के लिए उड़ान भरी और नई दिल्ली के लिए अगली उड़ान रात करीब 10 बजे (आईएसटी) निर्धारित है,” मुग़ल ने बताया. इस उड़ान में सवार 110 छात्रों में से कम से कम 90 छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं, जबकि अन्य उत्तर प्रदेश और तेलंगाना से हैं. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि भारतीय दूतावास समुदाय के संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रयासरत है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने बुधवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया— “भारत ने ईरान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया. भारत ने उत्तरी ईरान से 110 छात्रों को निकाला, जो 17 जून को हमारी ईरान और आर्मेनिया स्थित मिशनों की निगरानी में आर्मेनिया में दाखिल हुए. वे येरवान से एक विशेष उड़ान के जरिए रवाना हुए और 19 जून 2025 की तड़के नई दिल्ली पहुंचेंगे.”
आखिर भारत-पाकिस्तान युद्ध रुकवाया किसने? मोदी के खंडन के बाद ट्रम्प ने फिर दावा किया
भारत-पाकिस्तान के बीच जंग किसने रुकवाई, ये अब भी यक्ष प्रश्न बना हुआ है. भारत सरकार समेत भाजपा और सरकार समर्थक पत्रकार जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई हालिया बातचीत के बाद ये दावा पेश कर रहे हैं कि पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प के मुंह पर ‘दो टूक’ कह दिया कि युद्ध रुकवाने में किसी ने मध्यस्थता नहीं की, वहीं 'द हिंदू' की रिपोर्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत के कुछ ही घंटों बाद, डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका था. हालांकि, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को बताया कि ट्रम्प और मोदी के बीच करीब 35 मिनट लंबी फोन कॉल हुई, जिसमें प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि भारत कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं स्वीकार करेगा.
इधर, असीम मुनीर के साथ व्हाइट हाउस में दोपहर भोज से पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रम्प ने मोदी को "शानदार इंसान" बताया और कहा कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता जल्द होगा. "मैंने युद्ध रुकवाया... मुझे पाकिस्तान से प्यार है. मुझे मोदी बहुत पसंद हैं. मैं कल रात उनसे बात कर रहा था. हम भारत के साथ व्यापार समझौता करने जा रहे हैं, लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध को रुकवाया," ट्रम्प ने कहा.
ट्रम्प ने बुधवार को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को व्हाइट हाउस में लंच पर भी बुलाया. उन्होंने कहा- "यह व्यक्ति (मुनीर) पाकिस्तान की तरफ से युद्ध रोकने में बहुत प्रभावशाली रहा. मोदी और अन्य लोग भारत की तरफ से शामिल थे. वे युद्ध की ओर बढ़ रहे थे, और दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं. मैंने इसे रुकवाया. मुझे नहीं लगता कि इस पर एक भी खबर छपी..."
भारत ने स्पष्ट किया कि सैन्य संघर्ष रोकने की चर्चा पाकिस्तान के अनुरोध पर दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच हुई थी, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से.
अमेरिका में पाकिस्तानी फील्ड मार्शल मुनीर : रिपोर्टों के अनुसार, फील्ड मार्शल असीम मुनीर रविवार को पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे हैं, जिसका उद्देश्य अमेरिका-पाकिस्तान के सैन्य और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना है. ‘डॉन’ अखबार के अनुसार, मुनीर ने अमेरिकी-पाकिस्तानी प्रवासी समुदाय से मुलाकात में कहा कि हालिया भारत-पाक टकराव के बाद ट्रम्प द्वारा कश्मीर मुद्दे पर दिए गए 13 सार्वजनिक बयानों को पाकिस्तान की बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि माना जाना चाहिए. जियो टीवी ने मुनीर के हवाले से बताया - "कश्मीर मुद्दे को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति ने 13 बार बोला है, और दुनिया जल्दी ही देखेगी कि कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम होंगे. अगर भारत से आतंकवाद पर कोई चर्चा होती है, तो उसमें 1971 का ज़िक्र भी ज़रूर आएगा, जब भारत ने 'मुक्ति बाहिनी' बनाकर आतंकवाद किया था."
एयर इंडिया विमान हादसे के बाद बचाव कर्मी ने जुटाए 70 तोला सोना, नकदी, कीमती सामान
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की बोइंग 787 फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद राजेश पटेल शुरुआती बचाव कर्मियों में शामिल थे. हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी. अब 'द हिन्दू' की रिपोर्ट है कि पटेल ने राहत-बचाव कार्य में भाग लेने के बाद करीब 70 तोला सोने के आभूषण, ₹50,000 नकद, कुछ अमेरिकी डॉलर और अन्य कीमती वस्तुएं एकत्र कीं और उन्हें पुलिस को सौंप दिया. 57 वर्षीय पटेल, जो घटनास्थल से केवल 300 मीटर दूर रहते हैं, ने आवाज सुनते ही अपने रिश्तेदार द्वारा संचालित एक निजी अस्पताल की एम्बुलेंस ली और मौके पर पहुंचे. शुरुआती 15–20 मिनट तक भयंकर आग के कारण वे स्थल तक नहीं पहुंच सके. जब आग कुछ नियंत्रित हुई, तब उन्होंने और अन्य स्वयंसेवकों ने पुराने साड़ियों, चादरों और बोरे का उपयोग कर घायल और मृत लोगों को एम्बुलेंस तक पहुंचाया. पटेल ने बताया कि उन्होंने और अन्य ने 10-15 जल चुके हैंडबैग्स से 70 तोला सोना, 8-10 चांदी की वस्तुएं, कुछ पासपोर्ट, एक प्रति भगवद गीता, ₹50,000 नकद और 20 अमेरिकी डॉलर बरामद किए. सब कुछ पुलिस अधिकारी को सौंप दिया गया जो राहत कार्यों की निगरानी कर रहे थे.
अहमदाबाद विमान दुर्घटना | जीवित बचे इकलौते यात्री ने भाई को दी अंतिम विदाई : एयर इंडिया विमान दुर्घटना में बचे एकमात्र जीवित यात्री विष्वास कुमार रमेश को अहमदाबाद सिविल अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. उन्होंने बुधवार को दीव में अपने भाई अजय कुमार रमेश के अंतिम संस्कार में भाग लिया. दोनों भाई उसी विमान में सवार थे, जो 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी के अनुसार, अजय कुमार के शव की पहचान डीएनए जांच से की गई, जिसके बाद बुधवार तड़के परिवार को शव सौंपा गया. एक वायरल वीडियो में विष्वास कुमार को दीव में अपने भाई के पार्थिव शरीर को कंधे पर उठाकर श्मशान घाट ले जाते देखा जा सकता है. स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की कि अंतिम संस्कार बुधवार सुबह किया गया.
बेरोजगारी बढ़ी
नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के अनुसार, भारत की बेरोजगारी दर अप्रैल में 5.1% से बढ़कर मई 2025 में 5.6% हो गई. यह वृद्धि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नौकरी चाहने वालों के लिए, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के बीच, एक बढ़ती चुनौती को दर्शाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में 15-29 आयु वर्ग के लोगों के बीच बेरोजगारी में काफी वृद्धि देखी गई, यह दर अप्रैल के 12.3% से बढ़कर मई में 13.7% पर पहुंच गई. शहरी युवाओं के लिए भी स्थिति समान रूप से कठिन थी, जहां बेरोजगारी पिछले महीने के 17.2% से मामूली बढ़कर 17.9% हो गई. कुल मिलाकर, ग्रामीण बेरोजगारी 5.4% रही, जबकि शहरी बेरोजगारी थोड़ी अधिक 5.9% थी.
मई में महिला बेरोजगारी थोड़ी बढ़कर 5.8% हो गई, जबकि पुरुषों में यह 5.6% थी. ग्रामीण महिलाओं में श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) 36.9% थी, जो शहरी महिलाओं के लिए दर्ज 22.6% से काफी अधिक है. कुल मिलाकर, महिला LFPR 33.1% थी, और पूरे भारत में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात (WPR) 31.3% था.
CPCB ने आठ वर्षों में जमा हुए पर्यावरण उपकर का 1% से भी कम उपयोग किया : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने पर्यावरणीय फंड के उपयोग के बारे में एक खुलासे में कहा है कि उसने आठ वर्षों में जमा हुए पर्यावरण उपकर (EC) का केवल 1% ही उपयोग किया. CPCB ने स्वीकार किया कि पिछले आठ वर्षों में उसने EC के रूप में लगभग 45.8 करोड़ रुपये एकत्र किए थे, लेकिन उसने केवल 9 लाख रुपये खर्च किए, जो इस राशि का 1% से भी कम है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, CPCB ने यह भी खुलासा किया कि उसने पिछले दशक के दौरान एकत्र किए गए पर्यावरण प्रदूषण शुल्क (EPC) का केवल 31% ही खर्च किया.
हिमंत सरमा का मनमाना निष्कासन : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी सरकार द्वारा घोषित विदेशियों को असम से बांग्लादेश 'वापस भेजने' को सही ठहराने के लिए 1950 के अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के धारा 6A के फैसले का हवाला दिया है, लेकिन क्या इस तर्क में कोई दम है. कुछ वकीलों का कहना है कि 1950 का अधिनियम केवल उन लोगों पर लागू होता है जो राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में शामिल नहीं हैं और जिन्होंने इसके माध्यम से नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया था. यह सरमा के इस दावे के विपरीत है कि एनआरसी में शामिल लोगों को भी वापस भेजा जा सकता है. दूसरों ने तर्क दिया - 1950 के अधिनियम के विवादास्पद कार्यान्वयन के संदर्भ में, जिसके बाद उचित प्रक्रिया के लिए 60 के दशक में विदेशियों के लिए न्यायाधिकरणों का निर्माण हुआ - कि सरमा "राज्य को मनमाने निष्कासन के दिनों में वापस खींच रहे हैं". रोकिबुज जमान और विनीत भल्ला लिखते हैं.
नागा अवशेषों की वापसी की मांग : पिछले हफ़्ते एक नागा प्रतिनिधिमंडल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के पिट रिवर्स म्यूज़ियम में था, ताकि वहां के अधिकारियों से बातचीत की जा सके. यह बातचीत उनके समुदाय के उन पुश्तैनी अवशेषों की वापसी को लेकर थी, जिन्हें औपनिवेशिक काल में ले जाया गया था और दशकों से वहां प्रदर्शित किया जा रहा है. कई लोगों का कहना है कि समुदायों को अपनी संस्कृति पुनः प्राप्त करने और विवादास्पद विरासतों का समाधान करने में मदद के लिए ऐसी वापसी आवश्यक है. वहीं, इसके विरोधियों का कहना है कि मौजूदा सरकारों को अतीत के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाना चाहिए.
फास्ट टैग वार्षिक पास का ऐलान, निजी वाहनों के लिए ₹3000 में सालभर हाईवे यात्रा
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को FASTag आधारित वार्षिक पास की घोषणा की, जिसकी कीमत ₹3000 रखी गई है. यह पास 15 अगस्त 2025 से लागू होगा और इसे एक वर्ष या 200 यात्राओं (जो पहले हो) तक मान्य किया जाएगा. यह सुविधा सिर्फ गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (जैसे कार, जीप, वैन) के लिए होगी और इसका उद्देश्य टोल प्लाज़ा पर भीड़, प्रतीक्षा और विवादों को कम करना है. इसके मुताबिक प्रति यात्रा एक टोल प्लाज़ा को पार करना = एक ट्रिप गिना जाएगा. पास को Rajmarg Yatra App और NHAI तथा MoRTH की वेबसाइटों के माध्यम से सक्रिय और नवीनीकृत किया जा सकेगा. 60 किमी के दायरे में स्थित टोल प्लाज़ा पर लगने वाले शुल्क को लेकर लंबे समय से उठ रही चिंताओं का समाधान होगा.
वैकल्पिक मीडिया
श्रीखंड लेने जा रहे दलित से मारपीट, बाल काटे !
'द मूकनायक' की रिपोर्ट है कि गुजरात के राजकोट के गोंडल तालुका में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक दलित युवक को जातिसूचक गालियाँ देकर पीटा गया और ज़बरदस्ती उसके बाल काट दिए गए. सड़कपिपलिया गाँव में रहने वाले पीड़ित कुणालभाई मेघजीभाई ने गोंडल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. 'द मूकनायक' से बातचीत करते हुए 24 वर्षीय कुणालभाई ने बताया "11 जून की रात करीब 8:30 बजे मैं अपनी मोटरसाइकिल लेकर घर से श्रीखंड लेने निकला था. तभी आरोपी सतीशभाई वेकरिया और मार्कंड व्यास अपनी मोटरसाइकिल लेकर मेरे सामने आए और बोले, "जडियारा (जातिसूचक गाली), कहाँ जा रहा है?" और मुझे गालियाँ दीं. मैंने अपनी मोटरसाइकिल रोककर उनसे कहा कि मुझे गाली न दें. इस पर उन्होंने कहा, "यह तुम्हारे बाप का गाँव नहीं है," और डंडे से मुझे पीटना शुरू कर दिया. मैं वहाँ से भागकर बजरंग डेयरी की गली में पहुँचा, लेकिन वे दोनों अपनी मोटरसाइकिल से वहाँ आए और फिर लकड़ी से मेरी पिटाई की. उन्होंने मुझे दीवार से धक्का देकर मारा और फिर अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर मुझे बापा सीताराम मंदिर ले गए." कुणाल ने आगे बताया, "मंदिर में उन्होंने फिर मुझे डंडे से पीटा. वहाँ प्रयागभाई प्रफुलभाई चौहान भी मौजूद थे. सतीश और मार्कंड ने प्रयाग से कैंची लाने को कहा. प्रयाग कैंची ले आया, जिससे सतीश और मार्कंड ने मेरे बाल काट दिए. बाल काटते समय वे कह रहे थे, "इस जडियारा के बाल बड़े हैं, इसे लंबे बाल रखने का शौक है!" यह मेरी पहली मुलाकात इन दोनों से थी. उन्होंने मेरी मोटरसाइकिल का माथिया और इंडिकेटर भी तोड़ दिया. मामला यही ख़त्म नही हुआ, इसके बाद कुणाल घर लौटा और अपने पड़ोसियों को घटना के बारे में बताया. करीब एक घंटे बाद सतीश फिर से मोटरसाइकिल लेकर उसके घर आया और कुणाल और उसकी मां मनीषा बेन को गालियाँ देने लगा. मकान मालिक नरेशभाई ने उसे समझाकर भगाया. कुणाल ने बताया कि उसे शारीरिक चोटें आई थीं, इसलिए 108 एम्बुलेंस को फोन किया. दोनों माँ बेटे को राजकोट सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने गंभीर चोटों की पुष्टि की. कुणाल की तहरीर पर तीनों आरोपियों के खिलाफ गोंडल पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
इज़रायली सेना ने खाद्य ट्रकों का इंतज़ार कर रहे फिलीस्तीनियों पर गोलियां चलाईं 11 की मौत
'द गार्डियन' की रिपोर्ट है कि मंगलवार सुबह, इज़रायली सेना द्वारा भोजन के ट्रकों का इंतज़ार कर रही भीड़ पर गोलीबारी किए जाने के बाद कम से कम 11 फिलीस्तीनी मारे गए या घायल हुए, ऐसा दावा ग़ाज़ा के नागरिक सुरक्षा अधिकारियों ने किया है. पिछले कुछ दिनों में 100 से अधिक फिलीस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जब वे ग़ाज़ा में खाद्य वितरण केंद्रों के पास या उनके रास्ते में इकट्ठा हुए थे और उन्हें इज़रायली सैन्य हमलों का निशाना बनाया गया. इज़रायली सेना (IDF) ने कहा है कि वह इस नए घटनाक्रम की "जांच कर रही है". बुधवार को तीन अलग-अलग इजरायली हमलों में 19 और लोगों की मौत हो गई, जिनमें कुछ घरों और एक अस्थायी शिविर को निशाना बनाया गया जहां विस्थापित लोग रह रहे थे. मार्च और अप्रैल में इज़रायल द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के चलते ग़ाज़ा में भोजन की स्थिति गंभीर हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी OCHA ने चेतावनी दी है कि 23 लाख की आबादी पर अकाल का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि मई में आंशिक रूप से नाकाबंदी हटाई गई, लेकिन सहायता वितरण मलबे से भरी सड़कों, इजरायली प्रतिबंधों, लगातार हवाई हमलों, और अराजकता के कारण बाधित रहा. इससे पहले खान यूनिस में आटा लदे एक ट्रक का इंतज़ार कर रही भीड़ पर हमला किया गया, जिसमें कम से कम 59 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हो गए. इसके अलावा, रफ़ा शहर में वितरण केंद्र के पास गोलीबारी में और भी मौतें हुईं. कुल मिलाकर मंगलवार को सिर्फ़ भोजन पाने की कोशिश में 73 फिलीस्तीनी मारे गए.
चलते-चलते
एमआई6 की पहली महिला बॉस
ब्लेज़ मेत्रिवेली को यूके की गुप्त खुफिया सेवा एमआई6 का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है. वह एक सदी से भी अधिक समय पहले स्थापित इस एजेंसी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई हैं, जो विदेशों में जासूसों की भर्ती करती है. मेत्रिवेली वर्तमान में SIS की प्रौद्योगिकी प्रमुख हैं - यह भूमिका जेम्स बॉन्ड के मास्टरमाइंड गैजेटियर के नाम पर "Q" के रूप में जानी जाती है - और उन्होंने पहले मध्य पूर्व और यूरोप में ऑपरेशनल पदों पर काम किया है. वह अक्टूबर में पदभार संभालेंगी जब सर रिचर्ड मूर पांच साल के कार्यकाल के बाद पद छोड़ेंगे. यह नियुक्ति अपने देश में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाती है: भारत को इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) या रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) की पहली महिला प्रमुख कब मिलेगी. खुफिया समुदाय में कई सक्षम महिलाएं होने के बावजूद, शीर्ष पदों पर पुरुष अधिकारी बने हुए हैं - और उनके कार्यकाल को विस्तार भी दिया जा रहा है. क्या भारत इस ग्लास सीलिंग को तोड़ने पर गंभीरता से विचार करेगा.
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