विचार : ‘ब्रोलीगार्की’ से निपटने के लिए कैरोल कैडवालाडर के 20 सबक
अमेरिकी चुनाव के बाद वैश्विक राजनीति का नया युग शुरू हो रहा है. इसे ब्रोलीगार्की (broligarchy) कहा जा रहा है.
इसका मतलब उस तरह की सरकारी व्यवस्था है जहां टैक्नोलॉजी से जुड़े राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली पुरूष उद्योगपति चलाते हैं. अरबन डिक्शनरी में इसका मतलब बताया गया है, भाई लोगों का समूह जो किसी भी स्थिति पर कब्जा कर सकता हो. ब्रोलीगार्की के बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं. और यहाँ भी. कैरोल कैडवालाडर वह खोजी पत्रकार हैं जिन्होंने ब्रिटेन में कैम्ब्रिज एनालिटिका का भंडाफोड़ किया था. गार्डियन अखबार से जुड़े ऑबजर्वर के लिए काम करती हैं. उनकी रिपोर्टिंग के कारण मार्क जकरबर्ग और फेसबुक अमेरिकी और ब्रिटिश अखबारों के पहले पन्ने पर फुल पेज विज्ञापन देकर माफ़ी मांगी थी. पढ़ने पर आपको अंदाजा हो पाएगा कि यह लेख कैडवालाडर ने सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं लिखा है, बल्कि हर उस देश के लिए लिखा है, जहाँ लोकतंत्र, आजादी, इंसाफ खतरे में है.
ट्रम्प के चुने जाने के बाद ब्रोलीगार्की से कैसे निपटे नाम से एक लेख गार्डियन और इसी सब्सटैक पर कै़डवालाडर ने कई लोगों से बात करके लिखा है, और 20 सबक तैयार किये हैं.
अगर कोई बताता है वे कौन हैं, तो यक़ीन करें. पिछले हफ्ते ट्रम्प ने उस शख्स को इंटेलिजेंस का निदेशक बनाया, जो रूसी प्रोपागंडा आगे बढ़ाता है. डिफेंस सेक्रेटरी उसे बनाया, जो ईसाई राष्ट्रवादी है. स्वास्थ्य सचिव वह जिसने खुलेआम वैक्सिन पर शक किया है. अगर ट्रम्प अमेरिकी लोकतंत्र, अमेरिकी राज्य और अमेरिकी मूल्यों को तबाह करना चाहते हैं, तो वह इसी तरह करेंगे.
निशाने पर पत्रकार पहले हैं, पर सबका नंबर आएगा. ट्रम्प ऐलान कर ही चुके हैं, कि उन अख़बारों और प्रकाशकों के ख़िलाफ (जिन्हें वह दुश्मनों का कैम्प मानते हैं) करोड़ों डॉलरों के मामले करेंगे. अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई का जो नया डायरेक्टर बनने वाले हैं, वह कुछ खास पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे चलाने की बात रिकॉर्ड पर है. पत्रकार, प्रकाशक, लेखक, अकादमिक निशाने की पहली पँक्ति होते हैं. डॉक्टर, शिक्षक, एकाउंटेंट अगली कतार में. तानाशाही एक स्विस रेलगाड़ी की तरह तयशुदा होती है. जितना आप समझ रहे हैं, उससे पहले पंहुच जाती है.
नाम लेने से समझ बढ़ती है: यह मैकार्थिज्म स्टेरायड्स पर है जिसे हम ‘मैक्मस्कीज्म’ कह सकते हैं जिसमें राजनीतिक शत्रुता के साथ ट्रम्प और मस्क और सिलीकान वेली का सरवेलेंस मिला जुलाकर है. ये शुरूआत है राजनीतिक निशानेबाजी के नये युग की, जहां आग लगाने की कार्रवाई से जुड़ी है डेटा हार्वेस्टिंग और आनलाईन मॉब से.
अगर यह डरावना है, तो है प्लान के मुताबिक: ट्रम्प का प्रशासन भसड़ औऱ अक्षमता से भरा होगा, पर व्यक्तियों पर निशाना लगाया जाएगा, संस्थाओं को झुकना होगा, संगठन बिखरेंगे. तेजी से. और इसका ख़ौफ सच का होगा और तुरतफुरत.
जितना सोचते हो, उससे ज्यादा ताकत है तुम्हारे पास: इस स्कीम के तहत हमें निशक्त महसूस करना है. पर ऐसा नहीं है. अगर तुम कोई अमेरिकी संस्थान या संगठन हो, तो एक इमरजेंसी कमेटी बनाओ. विशेषज्ञों को शामिल करो. उन लोगों से सीखो, जो तानाशाही के नीचे रहे हैं. सलाह मांगो.
उनकी अंगूठी को चूमो मत: सत्ता के आगे झुको मत. सत्ता आएगी तुम्हारे पास, कैसे भी. पर उनका काम आसान मत करो. हर कोई नहीं खड़ा रह सकता या लड़ सकता है. पर जब तक सच में हुकुमनामा नहीं दिखलाया जाए, किसी को घुटने टेकने की जरूरत नहीं हैं. इस हुकुमनामे की राह देखो.
जानो तुम कौन हो. टिमोथी स्नाइडर की 2017 में प्रकाशित किताब ऑन टाइरेनी, तानाशाही पर प्रामाणिक किताब है. उसमे उनका पहला सुझाव है, ‘एडवांस में ही आज्ञा मत मानो’. ‘जानो कि किस उसूल के लिए खड़े हो और क्या तुम्हारे हिसाब से सही है.
अपनी निजी जिंदगी को बचा कर रखों: ब्रोलीगार्की नहीं चाहती कि तुम्हारी जिंदगी में कुछ भी निजी रहे. शोशाना ज़ुबोफ़ की किताब द एज ऑफ सरवेलेंस कैपिटलिज्म पढ़ो. वे जानना चाहते है कि तुम हो कौन ताकि तुम्हें और फालतू सामान बेच सकें. अब बात उससे भी आगे निकल चुकी है. अगला पड़ाव सर्वेलेंस तानाशाही है. नहीं देखी तो अस्सी के दशक के बर्लिन में हो रहे सर्वेलेंस पर बनी खूबसूरत फिल्म द लाइव्स ऑफ अदर्स देखो. मान के चलो कि तुम उस पूर्वी जर्मनी में हो. और मेटा/ फेसबुक/ इंस्टाग्राम/ व्हाट्सएप आज का स्टासी (पूर्वी जर्मनी की गुप्तचर संस्था) है. वह है.
मोबाइल के नशे को छोड़ो: फ़ोन पहले और अब भी नशे की तरह हैं संभावनाओं की मजेदार ड्रग की तरह. वह हर समय तुम पर निगाह गड़ाए हुए है, सोते वक्त भी जिस वक्त सिलीकॉन वैली का कोई टैक लॉर्ड संघीय सरकार को तोड़ देना चाह रहा है.
अश्वेत औरतों को सुनो: इंटरनेट पर जो भी बुरा हुआ, पहले उनके साथ हुआ. टेक्नोलॉजी का इतिहास ऐसा है कि समस्या तभी समझी जाती है, जब गोरे मर्द प्रभावित होते हैं. देखो टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे प्रवासियों को निशाना बनाने और प्रोफाइल करने के लिए किया जा रहा है. जानो कि तुम अगले हो.
निजी डेटा को न्यूड सैल्फी की तरह मानो: यह वाक्य मुझे एक पुराने टेक्नोलॉजी पत्रकार ने 2017 मे कहा और चिपका रहा. मेरे लिए वह पथरा देने वाला अनुभव था जब एक ब्रेक्सिट डोनोर की लीगल टीम को मुझे अपने 40000 मेल, संदेश और दस्तावेज देने पड़े. सोचो कि एक विरोधी कानूनी टीम क्या करेगी तुम्हारे मैसेज हिस्ट्री का. यह हो सकता है. होगा.
किसी भी बात को मान मत लो: फेसबुक ने दो पत्रकारों से झूठ बोला था, ऐसा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ने अपने फैसले में कहा. इन दो में से एक मैं थी. फेसबुक बतौर मुआवजा 1000 लाख डॉलर देने को राजी हुआ. अगर पत्रकार हो तो ऑफ द रिकार्ड ब्रीफिंग से इंकार करो. फोन पर चैट मत करो. ईमेल करो. जुगाड़े गये इंटरव्यू मत करो. इस नये दुष्प्रचार के झूठी खास खबरें तुम्हारे प्रकाशन को हमेशा के लिए कलंकित कर देंगी.
बेवकूफों को भी प्यार होता है अपने पालतू जानवरों से: तरीके ढूंढो उनसे जुड़ने की, जिनसे असहमतियां हैं. रूस के आखिरी स्वतंत्र टीवी स्टेशन की सह-संस्थापक वेरा क्रिचेव्स्काया का कहना है, ‘जिनसे हम असहमत होते हैं, उनसे बात करना बंद करना, या रिश्ते तोड़ लेना साफ तौर पर गलती है.’’अपने गुस्से के कारण अपना दायरा छोटा नहीं करना चाहिए’
नकद का इस्तेमाल करो: पूछो खुद से कि कोई अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर क्या करेगा और वही करो. वह किसी उबर का इस्तेमाल कर, या 20 किलो कोकीन क्रेडिट कार्ड पर बेचकर मौत को नहीं बुलाएगा. ब्रोलीगार्की में हर डेटा प्वाइंट एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. एनक्रिप्टेड मैसेजिंग एप सिगनल का इस्तेमाल करो. डिसअपेयरिंग मैसेज के साथ.
याद रखो: अमेरिकी लिबरल लेखक रेबेका सोलनिट का कहना है, ‘ जब वे इसे नारमल बताएं, हमें इसे असामान्य करने की कोशिश करनी चाहिए. तथ्य, सत्य, मूल्य, रिवाज, मानक, व्यवस्था को हमें ऐसे संभालकर रखना चाहिए, जैसे उनपर शिकंजा कसा जा रहा हो. भूलना नहीं चाहिए कि क्या हुआ और क्यों?
अनजान कोनों से समर्थन पाना: मेरे कोर्ट केस के दौरान बहुत सारे चकित करने वाले स्रोतों से मुझे मदद मिली. इनमें से एक धुर दक्षिणपंथी ब्रेक्सिट सपोर्टर डेविड डेविस था. वहाँ से नये सिरे औऱ सूत्र और रास्ते मिलते हैं.
सच एक वास्तविक चीज है: तथ्य हैं जिन्हें हम जानते हैं. न्यू यॉर्क विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टैमसिन शॉ के मुताबिक, ‘क्या जो शक्की है तानाशाह से जीत सकता है? ये राजनीतिक फिलासफी का सबसे पुराने सवालों में से एक है. हम तानाशाही को ठीक से पहचान भी नहीं सकते अगर हम सत्तारूढ़ ताकत को लगातार झूठ बोलने दें.’
रणनीति बनाओ: सिलीकॉन वैली को हर चार साल में होने वाले चुनावों पर यकीन नहीं. इलॉन मस्क को मध्यावधि चुनावों की फिक्र नहीं है. वह सोचता है स्पेस एक्स रॉकेट को मंगल पर भेजकर किसी औऱ से भी पहले पंहुच कर वहाँ के धातु और अयस्क लूट लाने की. इससे निकलने के लिए हमारे पास तीस साल की योजना होनी चाहिए।
खिल्ली उड़ाना: मजाक एक हथियार है. जो भी मर्द रॉकेट बनाने की जरूरत महसूस करता है, अपनी मर्दानगी को लेकर बहुत भरोसे में नहीं है. काम करो उस पर.
खुदा नहीं है वे: टैक बिलियनेयर कुछ ज्यादा ही विशेषाधिकार प्राप्त पढ़क्कू हैं, जो किस्मत से ठीक और ऐतिहासिक समय पर पैदा हुए. उसी के हिसाब से बर्ताव करो.