21 नवम्बर 2024: लड़कियां जीतीं हॉकी में, एक्जिट पोल की असलियत, बिटकॉइन की छाया चुनाव पर, कनाडा की घूमती सुई, इरोम शर्मिला की सीएम से इस्तीफे की माँग, योगी ने फिर कहा बुलडोज़र!
हिंदी भाषियों का क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज्यादा
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
सुर्खियाँ:
भारत ने महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर अपना तीसरा खिताब जीत लिया. चीन ने आखिरी क्वार्टर में जोरदार प्रयास किया, लेकिन भारत ने बढ़त बनाए रखते हुए अपनी जीत सुनिश्चित की.
मतदान का दिन.. कई जगह चकल्लस
बुधवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए वोट डाले गए, मगर सबसे ज्यादा खबरें उत्तर प्रदेश से आईं, जहां 9 विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव था. महाराष्ट्र में करीब 60 फीसदी तो झारखंड के दूसरे दौर में 70 फीसदी वोटिंग हुई. उत्तर प्रदेश में ज्यादा बवाल हुआ. कई जगह अल्पसंख्यकों को वोट देने से रोकने के आरोप लगे. वीडियो वायरल किए गए. पुलिस लोगों का पहचान पत्र देखकर वोटिंग के लिए जाने दे रही थी. अखिलेश यादव, चंद्रशेखर आजाद समेत कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर ऐसा कहा है.अल्पसंख्यकों को वोट डालने से रोकने की सबसे अधिक शिकायतें कुंदरकी, मीरापुर, करहल और सीसामऊ से आईं. मीरापुर में महिला मतदाता पर पिस्तौल ताने पुलिस अधिकारी की तस्वीर वायरल होने के बाद उसे चुनाव आयोग ने सस्पेंड कर दिया. वह वायरल वीडियो में बोल रहा था कि वापस जाओ, नहीं तो गोली मार दूंगा. वोट न डालने देने, पहचान पत्र चेक करने, धमकाने के आरोप में यूपी में कुल 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड व लाइन हाजिर किया गया. करहल में चुनाव के दिन एक दलित युवती की हत्या हो गई. पिता ने आरोप लगाया कि सपा को वोट नहीं देने की वजह से हुई हत्या. मीरापुर के ककरौली विधानसभा क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों ने पत्रकार को रिपोर्टिंग करने से रोका. धक्का दिया. पुलिस ने भी पत्रकार को धमकाया.
महाराष्ट्र में मतदान वाले दिन कथित बिटकॉइन घोटाले का भी हल्ला रहा. कल मंगलवार को भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में ऑडियो क्लिप्स के जरिए एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले पर एक पूर्व पुलिस आयुक्त व डीलर के साथ बिटकॉइन के अवैध लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया था. और आज बुधवार को सीबीआई ने 6 हजार 600 करोड़ रुपए के इस कथित बिटकॉइन घोटाले की जांच भी शुरू कर दी. इसके पहले ईडी ने इस मामले में गौरव मेहता के रायपुर (छत्तीसगढ़) के ठिकानों पर छापे डाले. सीबीआई ने भी मेहता को समन भेजा है. इस मामले में ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर ने “X” पर पोस्ट डालकर पूर्व पुलिस आयुक्त की आवाज़ को परखने के लिए वीडियो डाला और ऑडियो क्लिप्स भी. आप देख सकते हैं वे आवाज़ें मिलती हैं भी या नहीं.
जरा शक की निगाह से देखिये हर एक्जिट पोल को
आज 20 तारीख है. शाम का साढ़े 7 बज रहा है. शोर (शो) शुरू हो गया है. एग्जिट पोल्स का शोर. देख तो रहे हैं न ? कैसे एंकर्स झूम झूम के और लहरा लहरा के बता रहे हैं कि किसकी बनने जा रही है सरकार और लोगों ने किसको बैठा दिया है घर? सट्टा बाज़ार से लेकर टीवी स्क्रीनों का यह शोर सोशल मीडिया से स्टार्ट ले चुका है…और सुबह तक चाय पान के ठियों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर जगह जमा लेगा. बहसें होंगी. तर्क कुतर्क होंगे. बीपी ऊपर नीचे होगा. नसें फडफ़ड़ाएंगीं. शर्तें लगाई जाएंगीं. वादे होंगे. और, ख़ास बात दिल्ली की “हवा” का इस पर कोई असर नहीं होगा. यह “एक्यूआई” के दायरे में भी नहीं आता. उससे ऊपर है यह. इसकी अपनी “हवा” है. बल्कि “आबोहवा” है. यह “ऊपर” का है. ऊपर वालों का, ऊपर वालों के लिए. ऊपर ही ऊपर रहता है. लिहाजा, “ऊपर वालों” की इस पर नज़र नहीं जाती. न किसी कोर्ट की, न चुनाव आयोग की. भले ही ढाई दिन का यह शोर कितनी ही खराबी कर दे. क्या फर्क पड़ता है? बहरहाल, इसी जगह यही अनुमान लगाया था हमने भी. शोर का अनुमान. और बगैर किसी “पोल” का.
तो, सवाल यही कि महाराष्ट्र और झारखंड के आज आए एग्जिट पोल्स के नतीजों में क्या कोई “पोल” है?
महाराष्ट्र में आज भी 7 एजेंसियों ने एग्जिट पोल किया, जिनमें से 6 कह रही हैं कि महायुति यानी एनडीए की सरकार बनने जा रही है. सिर्फ एक ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी यानी इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी. अब जरा पिछले चुनाव 2019 के एग्जिट पोल्स की बात करते हैं. तब भी 7 एग्जिट पोल्स ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को औसतन 207 सीटें दी थीं. विधानसभा में बहुमत प्राप्त करने के लिए जरूरी 145 सीटों के मुकाबले एकतरफा जीत बताई थी. जबकि कांग्रेस एनसीपी गठबंधन को 65 और अन्य के हिस्से में 16 सीटों का अनुमान लगाया था. लेकिन, जब वास्तविक परिणाम आए तो भाजपा शिवसेना को 161 (एग्जिट पोल्स से 46 कम) और कांग्रेस एनसीपी को 98 (एग्जिट पोल्स से 33 अधिक) सीटें मिलीं. और तो और सरकार भी नहीं बना सका भाजपा शिवसेना गठबंधन. सबसे गलत साबित हुआ था न्यूज़ 18 और आईपीएसओएस का पोल, जिसने 288 की विधानसभा में एनडीए को 243 सीटें दी थीं और कांग्रेस-एनसीपी को सिर्फ 41.
अलबत्ता, झारखंड के मामले में पोल्स के नतीजे पिछली बार सही साबित हुए थे, जिनमें जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के सत्ता में आने की बात कही गई थी. आज के एग्जिट पोल्स इस बार वहां एनडीए की सरकार बनवा रहे हैं. 23 तारीख को दोनों ही राज्यों में वोटों की गिनती के बाद पता चलना ही है, कि किसकी बरात कहां ठहरेगी? तब तक इसमें बने रहिए. शोर में…! या खेल, धंधे में…!
कनाडा की सुई किस तरफ जा रही है?
कनाडा के अख़बार द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट है कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों को साफ लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निझ्झर की हत्या के बारे में पता था. निझ्झर कनाडा के ब्रिटिश कोलम्बिया में खालिस्तान का समर्थक था. कनाडा के एक वरिष्ठ नेशनल सिक्योरिटी अफसर के मुताबिक यह ऑपरेशन गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के निर्देशन में हुआ था - तीनों मोदी के करीबी और विश्वासपात्र हैं. अख़बार ने इस अफसर का नाम उजागर नहीं किया है, पर उसके हवाले से कहा है कि ये तो सोचा ही नहीं जा सकता कि बिना मोदी को जानकारी में रखे ये तीनों कोई कार्रवाई को आगे बढ़ा सकते हैं. इस ख़बर के बाद कनाडा और भारत के बीच विवाद और बढ़ेगा क्योंकि पहली बार विदेश मंत्री जयशंकर का नाम लिया गया है. जी20 बैठक में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फिर से यह मुद्दा उठाया. और कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ दोनों प्रधानमंत्रियों की अलग से बैठक भी हुई. भारत से कनाडा जाने वाले भारतीयों के लिये अब ज्यादा सुरक्षा निगरानी की जाएगी, क्योंकि वहां की फेडरल ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनीता आनंद के मुताबिक ‘ सावधानी की बेहद जरूरत’ है. प्रोटोकॉल नये लागू हो गये हैं. भारत जाने वाले यात्रियों से भी अब चार घंटे पहले एयरपोर्ट पंहुचने के लिए कहा जा रहा है.
यूक्रेन ने भारत से कहा है कि जिस तरह से रूसी कंपनियां भारत के जरिये अमेरिकी पाबंदियों से बचने की कोशिश कर रही हैं, उससे भारत के पश्चिमी देशों के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं. खास तौर पर जिस तरह टेक्नोलॉजी और हथियार मास्को तक पंहुचते हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम आठ रूसी कंपनियों ने भारत से अपने ऑपरेशन शुरू किये हैं और यह संख्या बढ़ ही रही है, नई दिल्ली में यूक्रेनी राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने सोमवार को कहा है. पिछले ही महीने अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों पर रूस की मदद करने के लिए पाबंदियां लगाई थीं.
ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर भारत की बातचीत अगले साल शुरू होगी. जी20 में इस पर बात हुई. पर ब्रिटेन ने कहा है कि वह भारतीय प्रोफेशनल लोगों के लिए और अधिक संख्या में वीजा देने की बात नहीं मानने वाला.
कारपोरेट जगत के वैश्विक अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अडानी के धारावी प्रोजेक्ट को लेकर लिखा है कि वह महाराष्ट्र चुनावों के लिए एक ‘फ्लैश प्वाइंट’ बन गया है. उधर बांग्लादेश के हाइकोर्ट ने मंगलवार को एक उच्च स्तरीय जाँच समिति बनाने का आदेश दिया है जो अडानी समूह के साथ बिजली निर्यात के समझौते को देखेगी. ऐसा एक वकील की याचिका पर हुआ है जिसने अडानी और बांग्लादेश सरकार के बीच हुए करार को रद्द करने की मांग की थी.
अब चीन और पाकिस्तान मिले आतंकवाद से निपटने के लिए. इसके लिए बाकायदा चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के वेस्टर्न थिएटर कमांड के सैनिक नवंबर के अंत से दिसंबर के मध्य तक पाकिस्तान में एक संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभ्यास में भाग लेने के लिए पहुंचेंगे. यह अभ्यास चीन और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच इस सीरीज का आठवां संयुक्त अभ्यास है.
मणिपुर हिंसा : शर्मिला इरोम पीएम मोदी की चुप्पी पर निराश
‘मणिपुर की आयरन लेडी’ शर्मिला इरोम ने राज्य के संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर निराशा जताई. उन्होंने कहा, ‘संकट के 18 महीने बाद भी उन्होंने राज्य का दौरा एक बार भी नहीं किया. मुद्दे को सुलझाने के लिए उनका सीधा हस्तक्षेप बहुत जरूरी है.’ उन्होंने 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में ‘कठोर’ सशस्त्र बल अधिनियम आफ्सपा लागू करने को लेकर भी चेतावनी दी. बोलीं- इससे राज्य में अशांति और बढ़ सकती है. वहीं शर्मिला ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से आग्रह किया कि वह राज्य में लंबे समय (मई 2023) से जारी हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दें. साथ में इरोम ने केंद्र से अनुरोध किया कि वह मणिपुर के समुदायों की आकांक्षाओं को समझने के लिए जनमत संग्रह कराएं.
मणिपुर में हिंसा की जाँच के लिए गुआहाटी के पूर्व मुख्य न्यायधीश अजय लाम्बा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जाँच समिति बनाई गई थी. जिस तारीख को उसे केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, वह मंगलवार 19 नववंबर थी. पर वह अभी भी सबूत इकट्ठे ही कर रही है. हिंदू में प्रकाशित विजेता सिंह की खबर के मुताबिक उसे 11000 हलफनामे सौंपे गये हैं. और जनसुनवाई कर के हिंसा की पड़ताल समिति को करनी थी, वे सुरक्षा कारणों से हो ही नहीं पाईं हैं.
मराठा और बाकी ओबीसी के बीच बढ़ती फाँक
25 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के मुखेड़ क्षेत्र से बीजेपी विधायक तुषार राठौड़ को एक आक्रोशित मराठा समुदाय का सामना करना पड़ा. राठौड़, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं, उन्हें भारी विरोध के कारण अपने ही क्षेत्र के गांव से बिना भाषण दिए लौटना पड़ा. 7 नवंबर को, मराठा प्रदर्शनकारियों ने ओबीसी नेता लक्ष्मण हाके की गाड़ी पर हमला किया. हाके ने इसके विरोध में 'थिया आंदोलन' (सड़क जाम) किया. उनकी कार की विंडशील्ड तोड़ दी गई और प्रदर्शनकारियों ने 'एक मराठा, लाख मराठा" के नारे लगाए. हाके ने सवाल उठाया, 'क्या वे ओबीसी को वोट देने भी देंगे?'महाराष्ट्र में जोर पकड़ते मराठा और ओबीसी के संघर्ष को खंगालती एक रिपोर्ट कविता अय्यर ने ‘आर्टिकल 14’ के लिए तैयार की है. इस रिपोर्ट में अध्ययन के लिए उन्होंने सूबे के मराठवाड़ा इलाके पर फोकस किया.
मराठवाड़ा के आठ जिलों में मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच बढ़ते तनाव का केंद्र आरक्षण की मांग है. मराठा, जो राज्य की 32% आबादी हैं और ऐतिहासिक रूप से संपन्न व शक्तिशाली माने जाते हैं, 2024 में सरकार द्वारा मिले 10% आरक्षण से संतुष्ट नहीं हैं. उनका नेतृत्व मनोज जरांगे पाटिल कर रहे हैं, जो चाहते हैं कि यह आरक्षण ओबीसी कोटे से निकाला जाए. वहीं, लगभग 38% आबादी वाले ओबीसी समुदाय, जो ज्यादातर आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं, इस आरक्षण के कटौती के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं.
कविता ने अपने अध्ययन में पाया कि मराठा समुदाय ऐतिहासिक रूप से राजनीतिक रूप से प्रभावशाली और भूमि स्वामी रहा है. इसके विपरीत, कई ओबीसी समुदाय खानाबदोश जड़ें रखते हैं, सामाजिक विभाजन और गरीबी से पीड़ित हैं. मराठवाड़ा के पांच जिले राज्य के सबसे गरीब क्षेत्रों में आते हैं. कृषि विकास दर 4.5% से घटकर 1.9% हो गई है और रोजगार संकट गहरा रहा है. इसके बावजूद, जाति की राजनीति ने इन मुद्दों को पीछे छोड़ दिया है. ऐसे में मराठवाड़ा के मतदाता अब केवल उम्मीदवार की जाति पर ध्यान दे रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद मराठा समुदाय का गुस्सा बढ़ा. इसके चलते मराठा और ओबीसी समुदायों के बीच आर्थिक बहिष्कार और स्कूलों से बच्चों को निकालने जैसे घटनाएं सामने आईं. युवाओं के बीच बेरोज़गारी की समस्या बढ़ी तो इन समस्याओं का असर चुनावों पर भी पड़ा. नतीजतन राजनीतिक दलों ने जातियों की गोलबंदी शुरू कर दी और इलाके से मराठा और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदायों के बीच आरक्षण को लेकर संघर्ष बढ़ने के मामले बढ़ने लगे. ये अब हिंसा में बदल रहा है.
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तीन साल जेल के बाद बिखर गई मसूद अहमद की जिंदगी
पाँच अक्टूबर 2020 को मसूद अहमद को भी केरल के पत्रकार सिद्धीक कप्पन और दो अन्य मुस्लिम पुरुषों के साथ गिरफ्तार किया गया था, जब वे उत्तर प्रदेश के हाथरस एक दलित लड़की के बलात्कार और हत्या के बारे में पता करने जा रहे थे. तीनों पर आरोप लगे कि वे हाथरस में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए वहां जा रहे थे और उन पर देशद्रोह, धार्मिक भावनाओं को आहत करने, धन जुटाने और आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने के मामले पुलिस ने बनाए. गिरफ्तारी के बाद तीन साल तक जेल में रहने के बाद अहमद को 12 मार्च 2024 को जमानत मिली, लेकिन अब उसकी जिंदगी और सपने दोनों बदल गए हैं. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे और पत्रकारिता के छात्र रहे मसूद अहमद का कहना है कि उसे मुस्लिम होने के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा और बिना किसी अपराध के जेल में रहना पड़ा, जिससे उसके घर की माली हालत भी खराब हो गई. आर्टीकल14 की रिपोर्ट.
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही बुलडोजर न्याय को 'पूरी तरह असंवैधानिक' करार दिया हो और इसे 'अराजकता की स्थिति' के बराबर बताया हो, लेकिन इससे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फर्क नहीं पड़ता है. ऐसा 'द वायर' की ही एक रिपोर्ट बता रही है. 18 नवंबर को झारखंड में अपने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन आदित्यनाथ ने संकेत दिया कि अगर राज्य में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आती है, तो राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा सकता है.आदित्यनाथ का बुलडोजर पर जोर वाला यह बयान उस वक्त आया है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार के खिलाफ दो कड़े फैसले दिए. कल ही हरकारा ने बुलडोज़र जस्टिस के शिकार जावेद मोहम्मद की आपबीती छापी थी.
पत्रकार और हिंदू पॉप पर किताब लिखने वाले कुणाल पुरोहित ने कई वीडियो के साथ बताया है कि पिछले साल भर और इस साल के छह महीनों में महाराष्ट्र में हेट स्पीच के मामले देश के बाकी राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा बढ़े हैं. इसमें सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी के नेता नितेश राणे हैं.
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की एक सिविल अदालत ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और छह अन्य लोगों के मंगलवार को प्रस्तुत आवेदन पर फैसला सुनाते हुए जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद का सर्वे कराने का निर्देश दिया है. अधिकारियों के अनुसार, सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ने वकील रमेश राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. शाम को ही संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया और जिला पुलिस प्रमुख कृष्ण कुमार की मौजूदगी में एक ‘प्रारंभिक सर्वे’ भी किया गया. मामले की अगली सुनवाई इसी महीने 29 नवंबर को होगी. इससे पहले अदालत को सर्वे रिपोर्ट सौंपनी है. पक्षकारों का कहना है कि मुगल काल में मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद को बनाया गया था. अधिवक्ता जैन वही हैं, जिनकी याचिका पर वाराणसी की एक अदालत ने 8 अप्रैल, 2022 को काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश दिया था.
मऊगंज में ‘अतिक्रमण’ हटाने खुद पहुंचे भाजपा विधायक प्रदीप पटेल, गिरफ्तार : उधर मध्यप्रदेश के मऊगंज के खटकरी चौकी में मंगलवार की ही शाम एक और बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया, जब विधायक प्रदीप पटेल भीड़ में शामिल होकर जेसीबी मशीन से खुद अतिक्रमण हटाने पहुंच गए. जब जेसीबी से वहां उन लोगों ने तोड़-फोड़ की कोशिश की तो उन जमीनों पर रहने वाले लोगों ने पथराव किया. विवादित बस्ती के पास देवरा महादेव का मंदिर है. विधायक समेत वहां पहुंची भीड़ का कहना था कि यह बस्ती मंदिर की जमीन पर बसी है. इस इलाके में अधिकतर अल्पसंख्यक और दलितों के मकान बने हुए हैं.
1.08 लाख करोड़ की लागत से तैयार हो रही मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में अब तो जापान का विकल्प तलाशने तक की बातें होने लगी हैं. केंद्र सरकार अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2026 में होने वाले गुजरात चुनावों से पहले शुरू करना चाहती है. पहले इसे 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.
बिटकॉइन ₹77.3 लाख से ऊपर के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि यह रिपोर्ट आई कि डोनाल्ड ट्रम्प की सोशल मीडिया कंपनी क्रिप्टो ट्रेडिंग फर्म बक्त को खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. इस खबर ने आगामी ट्रम्प प्रशासन के तहत एक क्रिप्टोकरेंसी-फ्रेंडली शासन की उम्मीदों को बढ़ाया. बिटकॉइन, जो दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है, इस वर्ष में अब तक दो गुना से अधिक बढ़ चुका है.
इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली के उन लोगों पर खबर की है, जिन्हें भारी प्रदूषित हवा के बीच अपनी ड्यूटी बजानी पड़ती है. चाहे वे ट्रैफिक पुलिस के लोग हों या फिर ऑटो रिक्शा वाले.
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में युवाओं को रोजगार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अगले पांच वर्षों में 2 लाख 50 हजार सरकारी नौकरियों के अवसर पैदा करने का का संकल्प लिया है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन को विश्वविद्यालय की ओर से लिखित चेतावनी प्राप्त हुई है जिसमें देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई है. प्रो. विक्रम द्वारा सोशल मीडिया पर हिन्दू देवी-देवताओं पर एक टिप्पणी की गई थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा हो गया था. बाद में प्रोफेसर द्वारा माफी भी मांगी गई थी.
टिस की स्टडी को राजनीति से प्रेरित बताया 500 अकादमिकों ने : 19 नवंबर 2024 को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के एक अध्ययन पर 500 से अधिक शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और सार्वजनिक बुद्धिजीवियों ने कड़ी आलोचना करते हुए इसे 'चुनावों को ध्रुवीकरण करने, हाशिए पर मौजूद समुदायों को बदनाम करने और प्रवासियों के खिलाफ हिंसा भड़काने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास' करार दिया है. आरोप है कि ये रिपोर्ट 'संघ परिवार' से जुड़े राजनीतिक हितों को बढ़ावा देता है. छात्रों और शिक्षाविदों का मानना है कि अध्ययन पक्षपातपूर्ण है और इसे राजनीतिक ध्रुवीकरण के लिए तैयार किया गया है. पीएसएफ ने इसे टिस की धर्मनिरपेक्ष और स्वतंत्र अकादमिक पहचान के लिए खतरा बताया है. यह बयान 'मुंबई में अवैध प्रवासी: सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिणाम' नामक अध्ययन को लक्षित करता है. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम (PSF) ने भी संस्थान में "शैक्षणिक सत्यनिष्ठा और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों" की रक्षा के लिए आवाज उठाई है.
ऑस्कर विजेता संगीतकार ए. आर. रहमान और उनकी पत्नी सायरा बानो ने अपने रिश्ते को समाप्त करने और अलग होने का निर्णय लिया है. हाल ही में सायरा बानो के वकील ने अपने एक बयान में यह बताया है.
चलते चलते: वक्रोक्तियों मे समझना है इस समय के सच को तो
इस हफ्ते न्यूज़लॉन्ड्री के अपने चर्चित साप्ताहिक कार्यक्रम 'टिप्पणी' में अतुल चौरसिया ने हस्तिनापुर का हाल बताते हुए 'बंटेंगे तो कटेंगे' नामक जैविक सिद्धान्त की खोज करने वाले योगी आदित्यनाथ की चुनावी हुंकार और झांसी में मची चीखपुकार के बीच कुछ-कुछ 'रामराज्य' तलाशने की कोशिश की है. चौरसिया दक्कनटोले के पसंदीदा बन चुके इस चहेते नारे की पड़ताल करते हुए ये भी पूछ लेते हैं कि मणिपुर में न जाने क्यों लोग बिना बंटे ही कट गए! इस हफ्ते 'टिप्पणी' में बंटेगे-कटेंगे की सियासत के अलावा अतुल ने दिल्ली की जहरीली हवा के बहाने चौराहों, तिराहों और चौक का नाम बदलने वाली सियासी हवा को भी टटोला है. मणिपुर से लेकर क्रोनी कैपटालिज्म और 'साबरमती रिपोर्ट' के बहाने अतुल ने फिल्म अभिनेता विक्रांत मैसी के भेडियाधसान दावों पर भी अपनी बात रखी है.
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ.