21 दिसंबर 2024: संसद का सत्र खत्म, हंगामा जारी, सीसीटीवी फुटेज अभी भी जारी नहीं, पर राहुल पर एफआईआर, अंबेडकर सावरकर पर, भागवत की भेदभाव भुलाने की अपील, कोर्ट ने कहा जुबैर खूंखार नहीं, हेमलता पर किताब
हिंदी भाषियों का क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज्यादा
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
आज की सुर्खियां : वृहस्पतिवार को कथित धक्कामुक्की की घटना के बाद शुक्रवार को लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन के सभी प्रवेश द्वारों पर किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन और धरना आदि करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बिरला के सख्त निर्देश हैं कि कोई राजनीतिक दल, सांसद या सांसदों का समूह भवन के प्रवेश द्वारों पर धरना प्रदर्शन नहीं कर सकेगा. दिलचस्प है कि कल लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी यही कहा था कि “हम सभी सांसद शांतिपूर्वक संसद भवन में जा रहे थे, लेकिन भाजपा के सांसद भवन की सीढ़ियों पर खड़े हुए थे...वे हमारा रास्ता रोके हुए थे. इधर, गृह मंत्री अमित शाह की अंबेडकर के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच ही शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र का अवसान हो गया. लोकसभा में जब तक कार्यवाही चली, कांग्रेस के सदस्य ‘जय भीम’ ‘जय भीम’ का नारा लगाते रहे. नारेबाजी के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में दाखिल हुए और बिरला की अनुमति से कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ से संबंधित विधेयकों के परीक्षण के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश किया. समिति में 31 की बजाय 39 सदस्य होंगे. सरकार ने 8 सदस्य बढ़ा दिए हैं. 27 लोकसभा से होंगे और 12 राज्यसभा से. कांग्रेस के सदस्यों ने राष्ट्रगीत वंदेमातरम के वक्त भी नारे लगाए. तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर डीएमके व एनसीपी (एसपी) के सदस्यों ने भी उनका साथ दिया.
कुल घंटों में से 30% तो धनखड़ बोले : विपक्ष के आरोप के बीच तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा है कि उच्च सदन में जितनी देर कामकाज होता है, उसका लगभग 30 प्रतिशत समय तो सभापति जगदीप धनखड़ के बोलने पर खर्च होता है. उन्होंने कहा कि “18 दिसंबर तक राज्यसभा कुल 43 घंटे चली. इसमें से विधेयकों पर चर्चा में 10 घंटे खर्च हुए और संविधान पर बहस में 17 घंटे 30 मिनट का समय लगा. शेष साढ़े 15 घंटे में से साढ़े चार घंटे कौन बोला? यह थे राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति.” क्या जगदीप धनखड़ ने संसद में नया रिकॉर्ड बना लिया है? डेरेक ने सवाल किया.
राज्यसभा में 40% और लोकसभा में 57% उत्पादकता : 25 नवंबर से प्रारंभ हुए शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में कुल 43 घंटे कामकाज हुआ और उत्पादकता 40% रही. वहीं लोकसभा में कुल 62 घंटे काम हुआ और 57.87% उत्पादकता रही. लोकसभा की 20 बैठकें और राज्यसभा की 19 बैठकें हुईं.
अब बात धक्कामुक्की और राहुल के खिलाफ एफआईआर की : राहुल गांधी पहले से 26 एफआईआर का सामना कर रहे हैं. बीएनएस की छह धाराओं में कल वृहस्पतिवार को 27 वीं एफआईआर हुई है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल कहते हैं, “राहुल के खिलाफ नई एफआईआर तो बाबासाहेब की विरासत की रक्षा करने के लिए सम्मान की एक मोहर है. यह कांग्रेस या राहुल को जातिवादी आरएसएस-भाजपा की हुकूमत के खिलाफ खड़े होने से नहीं रोक पाएगी.” प्रियंका गांधी के अनुसार एफआईआर सरकार की घबराहट का प्रतीक है. वह डर गई है. भाजपा को मालूम है कि अंबेडकर को लेकर उसकी असली सोच सबके सामने आ गई है.
अमित मालवीय के वीडियो का फैक्ट चेक : इस बीच भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने “एक्स” पर राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि राहुल ने भाजपा सांसद प्रताप सारंगी को धक्का देने की बात स्वीकार कर ली है. लेकिन फैक्ट चेकर और आल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर ने “एक्स” पर ही इसका सच बताया. कहा कि इस वीडियो में राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ हुई धक्कामुक्की के बारे में पूछे गए सवाल का उत्तर दे रहे थे.
अंबेडकर का अपमान किया, इसलिए अमित शाह के कार्यक्रम का बहिष्कार : इस बीच इंडियन एक्सप्रेस में खबर है कि अंबेडकर का कथित अपमान करने के लिए गुजरात बार काउंसिल के सदस्य परेश वाघेला ने गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. कहा है कि यदि शाह ने माफी नहीं मांगी तो वह बार काउंसिल के इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे. शाह को इसमें मुख्य अतिथि के बतौर आमंत्रित किया गया है. उधर दलित संगठनों ने गृह मंत्री अमित शाह की संसद में संविधान पर बहस के दौरान अपने भाषण में बीआर अंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर आक्रोश जताया है. उन्होंने इसके खिलाफ 28 दिसंबर तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. शाह की टिप्पणी को ‘संविधान निर्माता का अपमान’ कहते हुए दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDOR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक भारती ने जानकारी दी कि देशभर के अन्य सभी दलित संगठनों के साथ मिलकर वे विरोध प्रदर्शन करेंगे. इसके लिए लामबंदी शुरू हो चुकी है.
विश्लेषण: बिना सीसीटीवी फुटेज के धक्का-मुक्की के आरोपों का क्या होगा?
दो बड़े दल कांग्रेस और भाजपा संसद परिसर के भीतर एक-दूसरे पर धक्का देने का आरोप लगा रहे हैं. इस धक्का-मुक्की में भाजपा के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए हैं. खबर लिखे जाने तक वह अस्पताल के आईसीयू में भर्ती होने के बाद भी अपने पार्टी नेताओं और प्रेस से बात कर रहे हैं. धक्का-मुक्की को लेकर राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज हो गई है. खबर लिखे जाने तक भाजपा के किसी भी सदस्य पर एफआईआर नहीं हुई है. हालांकि पूरी संसद ही देश का सबसे सुरक्षित इलाका है, पर अभी तक इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज सामने न आना बता रहा है कि दाल में कुछ काला है.
अब तक का मामला
भाजपा भी उसी समय कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी.
गुरुवार सुबह 10.40 पर कांग्रेस प्रोटेस्ट करते हुए संसद के मकर द्वार तक आ पहुंची.
भाजपा के सदस्य पहले से ही मकर द्वार पर खड़े थे.
अब मकर द्वार पर दोनों दलों के सांसद आमने-सामने थे.
दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी. यह घटनाक्रम लगभग 20 मिनट तक चला. इसके बाद दोनों दलों ने एक-दूसरे पर धक्का देने का आरोप लगाया.
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उनसे सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की की.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी को घेर लिया. जानबूझकर उनका रास्ता रोका. हमने इस संबंध में स्पीकर के पास शिकायत दर्ज कराई है.
कांग्रेस के एक अन्य सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि अमित शाह से इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के अन्य नेताओं ने अम्बेडकर की प्रतिमा के पास प्रोटेस्ट किया. यह सबने देखा है.
इसके बाद संसद में जाने की कोशिश की.
भाजपा ने हमारा रास्ता रोक लिया और संसद में नहीं जाने दिया.
इस धक्का-मुक्की में हमारे नेता मल्लिकार्जुन खड़गे गिर गए. उनके घुटने में चोट आई है. साथ में और कई लोग गिरे.
भाजपा का आरोप
भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी ने एक सांसद के साथ धक्का-मुक्की की, जिससे वो भाजपा सांसद प्रताप सारंगी पर गिर गए.
इस धक्का-मुक्की में सारंगी और भाजपा के एक और सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए.
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रताप सारंगी ने कहा कि वह सीढ़ी पर खड़े थे. राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया और वो मेरे ऊपर गिरे और मैं नीचे गिरा. और मुझे चोट लग गई.
महिला सांसद ने भी लगाया आरोप
नगालैंड की भाजपा सांसद फांगनोन कोन्याक ने कहा, मैं राज्यसभा के चेयरमैन से मिल चुकी हूं. मैं अपनी सुरक्षा की मांग करती हूं. आज में बाहर शांतिपूर्ण ढंग से प्रोटेस्ट कर रही थी. राहुल गांधी बहुत करीब आकर खड़े हो गए और मेरे ऊपर चिल्लाने लगे. मैं असहज हो गई थी. एक महिला पर चिल्लाना उन्हें शोभा नहीं देता. मैं सुरक्षा चाहती हूँ.
राहुल का पक्ष
प्रताप सारंगी के आरोप पर राहुल गांधी ने कहा कि सब कैमरे में कैद है. मैं सदन में जाने का प्रयास कर रहा था. भाजपा सांसदों ने मुझे धकेला और धमकाने की कोशिश की. खड़गे जी को भी धक्का दिया. धक्का-मुक्की से हमें कुछ नहीं होता. संसद में जाने से हमें भाजपा नहीं रोक सकती है. मैं संसद के भीतर जाना चाहता था. वहां जाना मेरा अधिकार है. हमें संसद के भीतर जाने से रोका गया. भाजपा सांसद धक्का-मुक्की कर रहे थे.
अब क्या होगा
सबसे पहले दिल्ली पुलिस दोनों पीड़ितों का बयान दर्ज करेगी. इसके बाद पुलिस घटना का सीसीटीवी फुटेज देखेगी. वहां उपस्थित लोगों के मोबाइल का फुटेज और मीडियाकर्मियों के कैमरे में दर्ज फुटेज भी देखेगी.
सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किया जाएगा या नहीं, यह अभी कोई नहीं बता रहा.
इसके बाद अगर जरूरत महसूस हुई तो दिल्ली पुलिस स्पीकर से अनुमति लेकर घटनास्थल पर सीन रिक्रिएट कर सकती है (पर उसका लाइव प्रसारण होगा या नहीं, अभी दूर की कौड़ी है). जिनके खिलाफ सबूत मिलेंगे पुलिस उन्हें नोटिस भेज सकती है.
अपूर्वानंद: हिंसक अराजकता की ओर ले जाती भाजपा
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने 'द वायर' में एक लेख लिखा है. शीर्षक है- 'शाहीन बाग से लेकर राहुल गांधी पर हमला: अराजक हिंसा को भड़काती भाजपा'. इसमें अपूर्वानंद लिखते हैं- '19 दिसंबर को भाजपा ने जो कुछ भी किया उसकी गंभीरता को समझने की ज़रूरत है. हिंसा के बाद हमेशा संदेह पैदा होता है. दो पक्ष बन जाते हैं. दूसरे पक्ष को सफ़ाई देनी पड़ती है. भाजपा हर जन आंदोलन या विपक्ष के विरोध के दौरान हिंसा पैदा करके यही करती है.' भारतीय जनता पार्टी देश को एक हिंसक अराजकता में धकेल रही है. 19 दिसंबर को संसद में उसके सांसदों ने योजनाबद्ध तरीक़े से हिंसक दृश्य पैदा किए और राहुल गांधी को घेरने की साज़िश की. राहुल गांधी पर उसने सबसे घृणित आरोप लगाया कि वे उसकी एक महिला सांसद की मर्यादा भंग करना चाहते थे. उन पर एफआई आर दर्ज की गई है. उसमें अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीड़न विरोधी क़ानून की धारा भी लगाई गई है. और तो और उन पर हत्या के प्रयास का आरोप भी है. एक रोज़ पहले तक गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के दूसरे पदाधिकारी बाबा साहब आंबेडकर पर संसद में की गई उनकी अहंकारपूर्ण टिप्पणी की सफ़ाई दे रहे थे. यह अस्वाभाविक नहीं था कि विपक्ष उसे मुद्दा बनाए. इसके बाद भाजपा रक्षात्मक होने को मजबूर थी. लेकिन अपने स्वभाव के मुताबिक़ उसने विपक्ष के विरोध का जवाब आक्रामकता के साथ देने का फ़ैसला किया.
अडानी अलर्ट: धारावी करार के खिलाफ़ याचिका खारिज
बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मुंबई में धारावी झुग्गी बस्ती पुनर्विकास परियोजना के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अडानी समूह को दिये गये करार को कायम रखते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया, जो इस टेंडर पर सवाल कर रही थी. कोर्ट ने कहा कि इस फैसले में "मनमानी, अनुचित कारण या विकृति" नहीं थी. मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने यूएई स्थित सेक्लिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार के अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को परियोजना देने के फैसले को चुनौती दी गई थी. सेक्लिंक टेक्नोलॉजीज 2018 में 7,200 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी, लेकिन उस वर्ष जारी किए गए निविदा को बाद में सरकार ने रद्द कर दिया था. पीठ ने कहा कि कंपनी की याचिका में दम नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है. अडानी समूह मुंबई के मध्य में 259 हेक्टेयर धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले के रूप में उभरा और 2022 की निविदा प्रक्रिया में 5,069 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ इसे हासिल कर लिया.
रिश्वत कांड में गौतम अडानी को पकड़ने वाले अमेरिकी अटॉर्नी का इस्तीफा
ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रेऑन पीस ने घोषणा की है कि वह 10 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा देंगे. उनका कार्यकाल कई हाई-प्रोफाइल मामलों के लिए जाना जाएगा, जिनमें गायक आर. केली के सेक्स ट्रैफिकिंग मामले का मुकदमा, भारतीय अरबपति गौतम अडानी पर धोखाधड़ी का अभियोग और एक अमेरिकी सांसद की आपराधिक सजा शामिल हैं. साल 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उन्हें नियुक्ति किया था और अब वह 20 जनवरी को राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प के पद संभालने से पहले इस्तीफा दे रहे हैं.
राम मंदिर बनाने से कोई हिंदू नेता नहीं बन जाता, भागवत ने की भेदभाव भुलाने की अपील
राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा, ‘राम मंदिर बनाने से कोई हिंदू नेता नहीं बन जाता.’ वे पुणे में आयोजित विश्वगुरु भारत व्याख्यान शृंखला में बोल रहे थे. भागवत ने कहा, ‘राम मंदिर भारतीयों की आस्था का मामला है. अतीत के बोझ तले हमें अत्यधिक घृणा, द्वेष, दुश्मनी का सहारा नहीं लेना चाहिए. हमें अविश्वास पैदा करने वाले नए मुद्दे नहीं उठाने चाहिए’.
संघ प्रमुख ने कहा, ‘सदियों से देश में विभिन्न धर्मों, जातियों, पंथों और विचारधाराओं के लोग सद्भाव के साथ रह रहे हैं. हमें विभाजन की भाषा, अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक भेदभाव को भूल जाना चाहिए और हमें अपनी समावेशी संस्कृति के तहत एकजुट होना चाहिए’.
भागवत ने कहा, ‘विश्वगुरु वह है, जो जाति और धार्मिक मतभेदों को भूलकर संतों द्वारा दिखाए गए समानता के मार्ग पर चलता है’.
पाँच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओम प्रकाश चौटाला का 89 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार को निधन हो गया. चौधरी देवीलाल के बेटे ने लम्बी सियासी पारी खेलने के अलावा भ्रष्टाचार के आरोप में खासा समय जेल में बिताया था.
जुबैर खूंखार अपराधी नहीं.. गिरफ्तारी पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल्ट-न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर 6 जनवरी तक रोक लगा दी है. जुबैर पर 'एक्स' पर यति नरसिंहानंद के कथित भड़काऊ भाषण से संबंधित पोस्ट के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस नलिन कुमार श्रीवास्तव ने मौखिक टिप्पणी की कि 'जुबैर कोई खूंखार अपराधी नहीं हैं.' अगली सुनवाई (6 जनवरी) तक जुबैर देश छोड़कर नहीं जा सकते. उन्हें पुलिस जांच में पूरा सहयोग करना होगा. यह एफआईआर धारा 152 बीएनएस के तहत दर्ज की गई है. शिकायतकर्ता उदिता त्यागी, जो यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव हैं, ने आरोप लगाया है कि जुबैर ने हिंसा भड़काने की नीयत से पुरानी वीडियो क्लिप साझा की. जुबैर ने 3 अक्टूबर को एक वीडियो साझा किया जिसमें यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर भड़काऊ बयान दिए. जुबैर ने यूपी पुलिस को टैग करते हुए पूछा था कि यति के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है. यूपी सरकार ने कहा कि जुबैर की पोस्ट में "आधा-अधूरा" और भ्रामक तथ्य थे. इससे देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हुआ. कोर्ट ने यूपी सरकार को 6 जनवरी तक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है.
उमर खालिद के बहाने : आजादी की कीमत क्या?
'द टेलीग्राफ' के लिए फ़िरोज़ एल विंसेंट ने उमर खालिद केस और न्याय को समझने का प्रयास किया है. विसेंट ने लिखा- उमर खालिद को एक सप्ताह की अंतरिम जमानत मिलने पर उनकी दोस्त बनोज्योत्सना लाहिरी कहती हैं, 'जब आप बहुत प्यासे होते हैं और आपको सिर्फ दो बूंद पानी मिलता है- यह जमानत उनके लिए वैसी ही है.' उमर को दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में सितंबर 2020 से जेल में रखा गया है. उमर को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए सशर्त जमानत दी गई है. इसमें सोशल मीडिया का उपयोग न करने, केवल परिवार और दोस्तों से ही मुलाकात करने और शादी और घर के अलावा कहीं और जाने की अनुमति नहीं है. उमर के पिता इलियास कहते हैं- 'यह परेशान करता है कि अब तक आरोप भी तय नहीं हुए हैं… अगर वह 15 साल जेल में बिताते हैं और फिर बरी हो जाते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?'
एमपी में 428 करोड़ के राशन का घोटाला : ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ के अनुराग सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने मध्य प्रदेश में 2018-2021 के बीच टेक होम राशन (टीएचआर) योजना में लगभग 428 करोड़ रुपये की अनियमितताएं पकड़ी हैं. टीएचआर पूरक पोषण कार्यक्रम का एक घटक है, जो केंद्र प्रायोजित एकीकृत बाल विकास सेवाओं का हिस्सा है. योजना का मुख्य उद्देश्य छह महीने से तीन साल के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और 11 से 14 वर्ष की आयु की स्कूल न जाने वाली किशोरियों (ओओएसएजी) की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना है. जिस अवधि में योजना में अनियमितताएं पकड़ी गई हैं, उस दौरान राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार थी. विधानसभा में 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार, “लेखा परीक्षा के निष्कर्ष टीएचआर के लाभार्थियों की पहचान, उत्पादन, परिवहन, वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण में गंभीर अनियमितताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं... इसलिए, लेखा परीक्षा सरकार को लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की सिफारिश करती है...” अनियमितताओं में लाभार्थियों की पहचान से लेकर टीएचआर के उत्पादन, परिवहन, वितरण और गुणवत्ता नियंत्रण तक शामिल हैं. लेखा परीक्षा में लगभग 428 करोड़ रुपये की अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. स्कूल न जाने वाली किशोरियों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया, जिससे 110.78 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय होने की संभावना है.
राजस्थान की पुलिस को कहा जा रहा है कि मुक़दमा, इलज़ाम, मुलज़िम जैसे उर्दू शब्दों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. नयी प्रशिक्षण सामग्री को बनाने वाले अफसरों को पुलिस प्रमुख ने हुक्म (आदेश) दिया है कि उर्दू शब्दों को हटाकर उनकी जगह हिंदी का इस्तेमाल (प्रयोग) किया जाए. पीटीआई के मुताबिक ये कार्रवाई प्रदेश के उप गृह मंत्री द्वारा उर्दू के इस्तेमाल होते शब्दों और उनकी जगह संभावित हिंदी शब्दों की जानकारी मांगी गई है.
अजीत जोगी तो अब रहे नहीं पर उनकी पार्टी जनता ‘कांग्रेस छत्तीसगढ़ - जे’ अभी भी अस्तित्व में हैं. पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु जोगी ने कांग्रेस में वापसी और विलय के लिए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा है.
कर्नाटक सरकार ने आईआईएम बैंगलोर के निदेशक ऋषिकेश टी कृष्णन, डीन दिनेश कुमार और चार अध्यापकों को एक दलित अध्यापक के साथ जाति आधारित भेदभाव का दोषी पाया है. इस साल के शुरू में मार्केटिंग के असोशियेट प्रोफेसर गोपाल दास ने राष्ट्रपति द्रौपदी से वरिष्ठ अध्यापकों द्वारा जाति पहचान के कारण परेशान करने, प्रमोशन रोकने की शिकायत की थी.
मर्दों के 'पुरातन धंधों' को चुनौती देती औरतें : ‘द मूकनायक’ की खबर है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 'जल जीवन मिशन' में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए खास पहल शुरू की है. महिलाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, फिटर, पंप ऑपरेटर और मोटर मैकेनिक की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अलावा प्रदेश की 4 लाख से अधिक महिलाओं को वॉटर टेस्टिंग की ट्रेनिंग और राजगीर मिस्त्री की ट्रेनिंग दी जा रही. अकेले लखीमपुर खीरी में 168 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की ट्रेनिंग देने के साथ टूल किट वितरित की गई है. लखीमपुर खीरी पूरे प्रदेश में पहला ऐसा जिला होगा, जहां सबसे अधिक 168 महिलाएं प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की कमान संभालेंगी.
जनरल रावत की चॉपर क्रैश में मौत ‘मानवीय भूल’ : रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति (SCOD) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2017-22 के बीच भारतीय वायुसेना (IAF) से जुड़ी 34 हवाई दुर्घटनाओं में से 19 दुर्घटनाओं का कारण मानवीय चूक (एयरक्रू) थीं. इनमें Mi-17 हेलिकॉप्टर दुर्घटना भी शामिल है, जिसमें देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत की मौत हो गई थी. रिपोर्ट में किसी भी तरह की तोड़–फोड़ की आशंका को खारिज किया गया है.
खोज बीन: सावरकर पर अंबेडकर के विचार
भीमराव रामजी अंबेडकर और विनायक दामोदर सावरकर इतिहास के दो ऐसे नाम हैं जो आजकल सुर्खियों में हैं. टेलीग्राफ ने इस बीच अंबेडकर के सावरकर को लेकर क्या विचार थे, थोड़ी छानबीन की है.
भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया संसद में इस बात पर शाब्दिक रूप से धक्का-मुक्की कर रहे हैं कि किसने संविधान के जनक अंबेडकर का अपमान किया, जबकि मुंबई में उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग की, जबकि उद्धव के गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के राहुल गांधी ने सावरकर के शब्दों के खिलाफ संविधान को खड़ा कर दिया. सावरकर, जो भाजपा के आदर्श हैं, पर अंबेडकर के क्या विचार थे - जिनके बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, भाजपा कभी भी अपमान नहीं कर सकती?
'सावरकर का रवैया अतार्किक है, अगर विचित्र नहीं'
दिसंबर 1939 में हिंदू महासभा के कलकत्ता सत्र में, सावरकर ने समझाया कि हिंदू कौन है.
". . . .जो इस भारत भूमि को, सिंधु से लेकर समुद्र तक की इस भूमि को, अपनी पितृभूमि और साथ ही अपनी पवित्र भूमि मानता है; - यानी, उसके धर्म की उत्पत्ति की भूमि, उसके विश्वास का पालना. इसलिए वैदिक धर्म, सनातन धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, लिंगायतवाद, सिख धर्म, आर्य समाज, ब्रह्म समाज, देव समाज, प्रार्थना समाज और भारतीय मूल के ऐसे अन्य धर्मों के अनुयायी हिंदू हैं और हिंदुओं का गठन करते हैं, यानी, हिंदू लोग समग्र रूप से. नतीजतन, तथाकथित आदिवासी या पहाड़ी जनजातियाँ भी हिंदू हैं: क्योंकि भारत उनकी पितृभूमि के साथ-साथ उनकी पवित्र भूमि भी है, चाहे वे किसी भी रूप में धर्म या पूजा का पालन करें."
अंबेडकर ने 945 में प्रकाशित हुई अपनी पुस्तक ‘पाकिस्तान ऑर द पार्टीशन ऑफ़ इंडिया’ में सावरकर की हिंदू शब्द की समझ के बारे में लिखा है- "इस योजना में कुछ परेशान करने वाली विशेषताएं हैं. एक यह है कि हिंदू स्वयं में एक राष्ट्र हैं. इसका, निश्चित रूप से, मतलब है कि मुसलमान स्वयं में एक अलग राष्ट्र हैं. यह अजीब लग सकता है, श्री सावरकर और श्री जिन्ना, एक राष्ट्र बनाम दो राष्ट्र के मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ होने के बजाय, इस बारे में पूरी तरह से सहमत हैं. दोनों सहमत हैं, न केवल सहमत हैं बल्कि जोर देते हैं कि भारत में दो राष्ट्र हैं - एक मुस्लिम राष्ट्र और दूसरा हिंदू राष्ट्र .....".
"यह कहा जाना चाहिए कि श्री सावरकर का रवैया अतार्किक है, अगर विचित्र नहीं है. श्री सावरकर मानते हैं कि मुसलमान एक अलग राष्ट्र हैं. वे स्वीकार करते हैं कि उन्हें सांस्कृतिक स्वायत्तता का अधिकार है. वे उन्हें एक राष्ट्रीय ध्वज रखने की अनुमति देते हैं. फिर भी वे एक अलग राष्ट्रीय घर के लिए मुस्लिम राष्ट्र की मांग का विरोध करते हैं. यदि वह हिंदू राष्ट्र के लिए एक राष्ट्रीय घर का दावा करता है, तो वह एक राष्ट्रीय घर के लिए मुस्लिम राष्ट्र के दावे को कैसे अस्वीकार कर सकता है? " अंबेडकर ने लिखा.
'सावरकर... वास्तव में सबसे खतरनाक स्थिति पैदा कर रहे हैं' अंबेडकर ने हिंदुत्व की सावरकर की परिभाषा के बारे में और विस्तार से बताया.
"यह अधिक चिंता का विषय नहीं होता अगर असंगतता ही श्री सावरकर का एकमात्र दोष होता. लेकिन श्री सावरकर अपनी योजना की वकालत करते हुए वास्तव में भारत की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए सबसे खतरनाक स्थिति पैदा कर रहे हैं. इतिहास में एक प्रमुख राष्ट्र के लिए एक छोटे राष्ट्र के साथ व्यवहार करने के दो तरीके दर्ज हैं, जब वे एक ही देश के नागरिक होते हैं और एक ही संविधान के अधीन होते हैं. एक तरीका है छोटे राष्ट्र की राष्ट्रीयता को नष्ट करना और उसे प्रमुख राष्ट्र में आत्मसात और अवशोषित करना, ताकि दो में से एक राष्ट्र बनाया जा सके. यह छोटे राष्ट्र को भाषा, धर्म या संस्कृति का कोई अधिकार न देकर और उस पर प्रमुख राष्ट्र की भाषा, धर्म और संस्कृति को लागू करने की कोशिश करके किया जाता है. दूसरा तरीका है देश को विभाजित करना और छोटे राष्ट्र को प्रमुख राष्ट्र से स्वतंत्र, एक अलग, स्वायत्त और संप्रभु अस्तित्व की अनुमति देना. ये दोनों तरीके ऑस्ट्रिया और तुर्की में आजमाए गए थे, पहला विफल होने के बाद दूसरा."
'इतना भयानक विकल्प'
मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा कि भारत को दो भागों में विभाजित किया जाना चाहिए, पाकिस्तान और हिंदुस्तान. अंबेडकर के अनुसार, सावरकर का मानना था कि भारत में दो राष्ट्र हैं, एक मुसलमानों के लिए और दूसरा हिंदुओं के लिए, लेकिन दोनों राष्ट्र एक देश में होंगे और एक संविधान का पालन करेंगे.
"लेकिन संविधान हिंदू राष्ट्र को एक प्रमुख स्थान पर कब्जा करने में सक्षम बनाएगा और मुस्लिम राष्ट्र हिंदू राष्ट्र के साथ अधीनस्थ सहयोग में होगा." अंबेडकर ने अपनी पुस्तक में सावरकर के सिद्धांत को समझाया.
सावरकर ने अपने 1939 के भाषण में पुराने ऑस्ट्रिया और पुराने तुर्की को एक राष्ट्र के भीतर दो राष्ट्रों की अपनी अवधारणा पर निर्माण करने के लिए अपने मॉडल के रूप में बताया.
"ऐसा लगता है कि सावरकर इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि पुराना ऑस्ट्रिया और पुराना तुर्की अब नहीं हैं," अंबेडकर ने लिखा. "इससे कहीं अधिक उन्हें उन ताकतों के बारे में नहीं पता है जिन्होंने पुराने ऑस्ट्रिया और पुराने तुर्की को टुकड़ों में उड़ा दिया है. यदि श्री सावरकर अतीत का अध्ययन करने के बजाय - जिसके वे बहुत शौकीन हैं - वर्तमान पर अधिक ध्यान देते, तो उन्हें पता चलता कि पुराने ऑस्ट्रिया और पुराने तुर्की उन चीजों की योजना बनाए रखने पर जोर देने के कारण बर्बाद हो गए थे, जिसे श्री सावरकर ने अपने "हिंदुत्व" को अपनाने की सलाह दी है, अर्थात्, एक स्वराज स्थापित करना.... श्री सावरकर द्वारा तैयार की गई स्वराज की योजना हिंदुओं को मुसलमानों पर एक साम्राज्य देगी और इस प्रकार एक शाही जाति होने के नाते उनकी व्यर्थता और उनके गौरव को संतुष्ट करेगी. लेकिन यह हिंदुओं के लिए एक स्थिर और शांतिपूर्ण भविष्य कभी सुनिश्चित नहीं कर सकता है, इस साधारण कारण से कि मुसलमान इतने भयानक विकल्प को कभी भी स्वेच्छा से नहीं मानेंगे."
हमार 'आतंकवादियों' के पोस्टमार्टम में मारपीट और यातना के मिले संकेत
असम के कछार जिले में तीन हमार लोगों की मौत को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. पुलिस ने दावा किया था कि ये तीनों व्यक्ति सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में मारे गए, जब वे संदिग्ध उग्रवादियों की ओर से हमला कर रहे थे. हालांकि, मृतकों के परिवारों ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए आरोप लगाया है कि ये लोग किसान थे और उन्हें पुलिस ने न केवल झूठे आरोप में फंसाया, बल्कि मार भी डाला. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि उन्हें करीब से गोली मारी गई थी. शरीर पर गहरी चोटों के निशान मिले, जो मारपीट और यातना की ओर संकेत करते हैं. रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न की संभावना से भी इनकार नहीं किया गया है. मृतकों के परिवार न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं और पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि यह पुलिस द्वारा की गई एक सुनियोजित हत्या है, जिसे मुठभेड़ का नाम दिया गया.
ऑनलाइन डिलिवरी : मंगवाया था बिजली का सामान, मिली लाश
आंध्र प्रदेश से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. महिला नागा तुलसी ने वित्तीय सहायता के लिए क्षत्रिय सेवा समिति से संपर्क कर बिजली के उपकरण मांगे थे. समिति ने तुलसी को बताया कि उसके जरूरत की सामान भेज दी गई है. मगर जब तुलसी ने पार्सल खोला तो उसमें से अज्ञात व्यक्ति का सड़ता हुआ शव मिला. इसके साथ ही ₹1.3 करोड़ की फिरौती वाला एक पत्र मिला. यह भयावह घटना पश्चिमी गोदावरी जिले की है.
मीडियानामा: जब एंकर का मन प्रवक्ता को ‘कंटाप’ मारने का करता है!
रजत शर्मा के चैनल 'इंडिया टीवी' की एंकर मीनाक्षी जोशी ने एक राइटविंगर ट्रोल के लाइव डिबेट में आरजेडी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका भारती के मनुस्मृति फाड़ने के दर्द पर झांपड़ मारने की दरख्वास्त का जवाब देते हुए लिखा है- 'मन तो कर सकता है, क्या पता किया भी हो! लेकिन धर्म, कुधर्म नहीं सिखाता. ईश्वर ने आत्मसंयम दिया है और स्वाभिमान किसी के सम्मान और अपमान पर आश्रित नहीं.' असल में प्रियंका भारती ने मनुस्मृति की प्रति लाइव डिबेट में फाड़ते हुए कहा था- 'मैं इस मनुस्मृति को फाड़ती हूं...जिसे आप पूजते नहीं थकते. ...क्योंकि ये मनुस्मृति हमें अछूत बनाकर रखा.' अब एंकर ने प्रियंका भारती के मनुस्मृति फाड़ने पर कंटाप मारने की इच्छा जाहिर कर दी, जिस पर फिर से प्रियंका ने जवाब दिया- 'मीनाक्षी जोशी पर उपनाम हावी हुआ तो इनका मन मुझे कंटाप मारने का होने लगा. वहीं मेरे ऊपर अगर मौर्य वंश हावी हो जाता तो क्या होता! एक कंटाप को मैं चक्रवृद्धि ब्याज में बदलकर 100 वापस करती!'
बांग्लादेश से विवाद की मार कोलकाता के बाज़ारों पर
बांग्लादेश और भारत के बीच रहे विवाद ने कोलकाता के फ्री स्कूल स्ट्रीट, सडर स्ट्रीट और मार्क्विस स्ट्रीट जैसे इलाकों का आर्थिक गणित गड़बड़ा दिया है. 'द वायर' ने इस मसले की पड़ताल करते अपर्णा भट्टाचार्य के मूल बांग्ला लेख का अनुवाद पेश किया है. अपर्णा लिखती हैं कि इन इलाकों को 'मिनी बांग्लादेश' भी कहा जाता है और अब ये इलाके आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. ये इलाके दशकों से बांग्लादेशी पर्यटकों, मरीजों और व्यापारियों के लिए एक प्रमुख केंद्र रहे हैं, लेकिन अब यहां का चहल-पहल भरा माहौल सन्नाटे में बदल गया है. ग्लादेशी मरीजों को मेडिकल वीजा नहीं मिल पा रहा है, जिससे वो दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं. आखिरी बार अगस्त में वीजा जारी किए गए थे. एक बांग्लादेशी परिवार ने कहा, ‘जनवरी तक शायद कोई मरीज या पर्यटक भारत न आ सके.’
रूबी जनरल अस्पताल की पीआर अधिकारी, अमेलिया ने कहा, ‘हमने बांग्लादेशी मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी है.’ फार्मेसियों और अस्पतालों के कारोबार पर इसका सीधा असर पड़ा है. बांग्लादेश और कोलकाता के बीच चलने वाली 22 बस सेवाओं का हाल भी बुरा है. श्यामोली परिवहन ने अपनी बस सेवाएं चार से घटाकर केवल एक कर दी है. होटल व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हैं. स्थानीय होटल मालिक मोहम्मद यूसुफ ने कहा, ‘हर सर्दी में हमारे होटल फुल बुक रहते थे. अब हमें कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजना पड़ा है.’ भारत बांग्लादेश तनाव के चलते स्थानीय व्यापारियों और ट्रैवल एजेंट्स को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कोलकाता के सेंट्रल बिजनेस एसोसिएशन के सचिव हैदर खान भुट्टो ने कहा, “15,000 परिवार होटल, परिवहन और मुद्रा विनिमय से अपनी रोजी-रोटी कमाते थे। अब कई बेरोजगार हो गए हैं.” सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग और सिक्किम जैसे पर्यटन स्थलों पर भी इसका असर पड़ा है. मोहम्मद यूसुफ कहते हैं- ‘धर्म आधारित राजनीति ने हमारी आजीविका पर गंभीर असर डाला है.’ जबकि हैदर खान भुट्टो ने कहा- ‘हम भारत और बांग्लादेश दोनों की सरकारों से अपील करते हैं कि इस संकट को सुलझाने के लिए तुरंत कदम उठाएं.’
बेटा पैदा करने की चाह में जादू-टोने की शरण में जाकर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक आदमी ने जिंदा चूजा निगलने की कोशिश की. उसकी मौत हो गई.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले लगभग 3,000 टन कचरे का निपटान नहीं किया जाता है. अदालत ने ने इस मामले में ढिलाई बरतने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की आलोचना की.
बीआरएस के बेटे पर 45 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला दर्ज : तेलंगाना की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने गुरुवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव उर्फ केटीआर के खिलाफ फॉर्मूला ई-कार रेसिंग में हुई अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया है. तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटीआर पिछले साल फरवरी में इस इवेंट को हैदराबाद में लेकर आए थे. वह पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे हैं. मुख्य आरोपी केटीआर के साथ सह आरोपी दो और लोगों को बनाया गया है. मामला 45 करोड़ रुपये के भुगतान में अनियमितता का है.
चलते-चलते: कौन दिसा में लेकर चला रे बटोहिया
निधीश त्यागी
‘नदिया के पार’ फिल्म को मैंने छत्तीसगढ़ के कस्बे डौंडी लोहारा के एक वीडियो पार्लर में देखा था. 1982 में वह आई थी और वह सुपरहिट रही थी. लोग फिल्म और उसके गानों के पागल हो गये थे. इसका गाना कौन दिसा में ले कर चला रे बटोहिया हर तरफ बज रहा होता था. ये आवाज़ हेमलता की थी और मंगेशकर बहनों के सामने गाने वालों में जिन कम ही लोगों को नोटिस किया गया, उनमें हेमलता थीं. हम आपके हैं कौन उसके कई साल बाद (1994) उसी फिल्म का शहरी प्रारूप बन आई और उसने और भी ज्यादा धमक मचाई. दोनों राजश्री प्रोडक्शन की फिल्में थी. ‘अँखियों के झरोखों से’ (1978) फिल्म के भी गाने हेमलता ने गाये थे औऱ वे भी जबरदस्त थे. हेमलता राजश्री प्रोडक्शन, रविन्द्र जैन, जसपाल औऱ येसुदास के साथ सुनाई पड़ती थीं. तब राजश्री प्रोडक्शन छोटे बजट की फिल्म बना कर बड़ा कारोबार करने में माहिर समझा जाता था. फिर हेमलता फिल्मी दुनिया से लगभग गायब रहीं और अब पत्रकार अरविंद यादव उनकी जिंदगी पर एक किताब लेकर आये हैं. और इसमें इस बात का खुलासा किया गया है कि ‘कौन दिसा में चला रे बटोहिया’ कि रिकॉर्डिंग किन हालातों में हुई. इस पुस्तक का अंश.
पुस्तक अंश: गर्भ में नौ महीने पूरे कर चुके शिशु के साथ जब हेमलता ने दिलकश अंदाज़ में गाकर गीत को बनाया ऐतिहासिक
डॉ. नर्गेश मोटाशॉ ने हेमलता को जचकी के लिए 9 सितंबर, 1981 की तारीख़ दी थी. लेकिन 9 सितंबर को हेमलता ने प्रसूति-पीड़ा अनुभव नहीं की. उनकी संगीत-साधना जारी रही. गर्भ में शिशु पूरी तरह से विकसित हो चुका था. नौ महीने पूरे हो गए थे. पेट में शिशु को लिए ही हेमलता संगीत-साधना करती रहीं. ‘नदिया के पार’ का एक गीत रिकॉर्ड होना बाक़ी था. यह गीत युगल गीत था, प्रेम-गीत था. इसे भी नायक और नायिका, प्रेमी और प्रेमिका पर रिकॉर्ड किया जाना था. यह गीत अवधी में लिखा गया था. जब हेमलता को प्रसूति-पीड़ा नहीं हुई, तब फ़ैसला लिया गया कि यह गीत तारदेव के फ़ेमस स्टूडियो में रिकॉर्ड किया जाएगा. तारीख़ मुकर्रर हुई. 15 सितंबर, 1981 को गाने की रिकॉर्डिंग की तैयारी हुई. 9 महीने के शिशु को गर्भ में लिए हेमलता अपने पति योगेश के साथ स्टूडियो पहुँचीं. सभी हैरान थे. किसी भी कलाकार ने किसी गायिका को इस स्थिति में गाते हुए नहीं देखा था. आमतौर पर गर्भ धारण करते ही गायिकाएँ गीत रिकॉर्ड करवाना बंद कर देती थीं. जब गर्भ में शिशु पल रहा होता है, तब गायिका की आवाज़ में मधुरता कम होने लगती है. शरीर का वजन बढ़ गया होता है और साँसों की गति भी सामान्य नहीं रहती. इसका असर गायिकी में साफ़ नज़र आता है. जानकार बताते हैं कि जब कोई युवती या महिला गर्भवती होती है, तब दो हार्मोनों - एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का सामान्य चक्र बंद हो जाता है. प्रोजेस्टेरोन, जिसे प्रोजेस्टिन भी कहते हैं, वह हावी हो जाता है. प्रोजेस्टिन गर्भधारण को बढ़ावा देता है. इन्हीं हार्मोनों की वजह से कई महिलाओं में आवाज़ की मधुरता कम हो जाते है. लेकिन यह शायद संगीत-साधना का ही असर था. हेमलता जचकी को तैयार थीं, लेकिन उनकी आवाज़ पर कोई असर नहीं हुआ था. वह जस की तस मधुर थी. प्रभावशाली थी. असरदार थी. नौवें महीने के गर्भ के साथ भी हेमलता हर रूप, हर रंग के गाने गाने में समर्थ थीं. जब हेमलता फ़ेमस स्टूडियो पहुँची, तब उसके मालिक ने यूँ ही मज़ाकिया लहज़े में कहा, “मेरे रिकॉर्डिंग स्टूडियो को क्या मैटेर्निटी होम बनाना है.“
रवींद्र जैन ने हेमलता ने सिर पर अपने दोनों हाथ रखकर आशीर्वाद दिया. ताराचंद बड़जात्या ने भी तह-ए-दिल से शुभकामनाएँ दीं.
फ़ेमस स्टूडियो में मौजूद हर कलाकार, हर तकनीशियन, हर व्यक्ति एक अजूबा देखने जा रहा था. पूर्ण गर्भवती एक महिला फ़िल्मी गीत रिकॉर्ड करने जा रही थी. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. शायद ऐसा कभी दुबारा हो भी न. न भूतो न भविष्यति.

गीत की रिकॉर्डिंग शुरू हुई. गीत के बोल थे,
कौन दिसा में लेके चला रे बटोहिया
ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे
मन भरमाये नयना बाँधे ये डगरिया
कहीं गए जो ठहर, दिन जाएगा गुज़र
गाड़ी हाँकन दे, हाँकन दे, कौन दिसा...
पहली बार हम निकले हैं घर से, किसी अंजाने के संग हो
अंजाना से पहचान बढ़ेगी तो महक उठेगा तोरा अंग हो
महक से तू कहीं बहक न जाना
न करना मोहे तंग हो, तंग करने का तोसे नाता है गुज़रिया
हे, ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे, कौन दिसा...
कितनी दूर अभी कितनी दूर है, ऐ चंदन तोरा गाँव हो
कितना अपना लगने लगे जब कोई बुलाये नाम हो
नाम न लेतो क्या कहके बुलायें
कैसे करायें काम हो, साथी मितवा या अनाड़ी कहो गोरिया
कहीं गये जो ठहर, दिन जाएगा गुज़र
गाड़ी हाँकन दे, हाँकन दे, कौन दिसा...
ऐ गूँजा, उस दिन तेरी सखियाँ, करती थीं क्या बात हो?
कहतीं थीं तोरे साथ चलन को तो, आ गये हम तोरे साथ हो
साथ अधूरा तब तक जब तक -
पूरे ना हो फ़ेरे साथ हो, अब ही तो हमरी है बाली रे उमरिया -
ठहर ठहर, ये सुहानी सी डगर
ज़रा देखन दे, देखन दे, कौन दिसा…
हेमलता ने नया इतिहास रच दिया था. पूरे नौ महीने के गर्भ के साथ गीत रिकॉर्ड करने वाली वे पहली गायिका बनीं. हेमलता ने शानदार अंदाज़ में गीत रिकॉर्ड किया. जसपाल सिंह ने उनका बख़ूबी साथ दिया. सिंगल टेक में गाना ओके हो गया.
फ़िल्म के निर्माता ताराचंद बड़जात्या, निर्देशक गोविंद मूनिस, संगीतकार रवींद्र जैन जैसा चाहते थे, गाना ठीक वैसे ही रिकॉर्ड हुआ. हेमलता ने गीत वैसे गाया, जैसे वे पूरी तरह से सामान्य हों. गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान कहीं पर भी किसी को भी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि आवाज़ इस ऐसी महिला की है, जिसके गर्भ में नौ महीने का शिशु है और दुनिया में आने को पूरी तरह से तैयार है. हेमलता ने गाना उम्दा तरीक़े से, दिलकश अंदाज़ में गाया. यह किसी जादू से कम नहीं था.
वैसे हेमलता का एक ग़ैर फिल्मी गाना भी है, वह दूरदर्शन की रिकॉर्डिंग है येसुदास के साथ. जो शायद किसी नये साल की शाम विशेष कार्यक्रम में प्रसारित हुई थी. इस वीडियो में आप हेमलता को अपनी रौ में गाते हुए देख सकते हैं.. और येसुदास के सामने विस्मय में भी.
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं - ‘हरकारा’...शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर.