22/03/2025 : कर्नाटक में 18 विधायक निलंबित, हाईकोर्ट जज के घर नकदी मिलने पर सवाल, पाकिस्तान हमसे हैप्पी कैसे, ग्रोक पर सरकार जागी, औरंगजेब पर अमेरिकी इतिहासकार का एक्सप्लेनर, संघ को मणिपुर की चिंता
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निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
आज की सुर्खियां :
जेल में बंद कश्मीरी पत्रकार की रिहाई की मांग
दुनिया के बाज़ार में हमारी प्याज पिछड़ी
प्रोफेसर के मकान और लाइब्रेरी पर बुलडोजर
धर्म परिवर्तन कानून के दुरुपयोग पर योगी सरकार को फटकार
केरल का देश की अंतरराष्ट्रीय रेमिटेंस में हिस्सा बढ़कर 197% हुआ
नाबालिग के सिर पर चप्पलें रखवाकर बुलवाया
“थुलसीथरा” का अपमान करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करें
मई 2022 से 2024 तक में पीएम की विदेश यात्रा पर हुए ₹259 करोड़ खर्च
औरंगजेब पर ऑड्रे ट्रश्के का एक्सप्लेनर
नेतन्याहू के फैसले को इज़राइली अदालत ने रोका
ट्रम्प ने शिक्षा विभाग ही बंद किया
थम गया लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर जहाजों का शोर!
मैतेई जज कुकी बहुल इलाके में नहीं जाएंगे!
जज वर्मा के घर 15 करोड़ कैश मिला या नहीं? तबादले से लेकर कूड़ेदान तक सबके अपने पक्ष
मीडिया में शुक्रवार को दिन भर यह खबर मौजूद रही कि दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर आग लगने के बाद जब पुलिस और फायर सर्विस के लोग मौके पर पहुंचे तो उन्हें वहां एक कमरे में भारी मात्रा में नकद मिली थी. कहीं-कहीं तो इसे 15 करोड़ रुपये बताया गया. कहा गया कि इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वर्मा का तबादला दिल्ली से इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया. लेकिन शाम होते-होते सुप्रीम कोर्ट और फायर सर्विस विभाग ने अलग ही बात रखी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि नकद राशि मिलने की गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई जा रही हैं. यह भी स्पष्ट किया कि वर्मा के बंगले से नकद मिलने की खबर और उनके तबादले के बीच कोई संबंध नहीं है. वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट में वरिष्ठता क्रम में दूसरे नंबर पर हैं और कॉलेजियम के सदस्य हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने 20 मार्च को कॉलेजियम की बैठक से पहले जांच शुरू की थी और वह आज जांच रिपोर्ट सौंपेंगे. उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस बीच दिल्ली फायर सर्विस विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने भी कहा कि उनकी टीम को वर्मा के घर से कोई कैश नहीं मिला था. उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने वर्मा के तबादले पर कड़ा एतराज जताया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि अगर किसी आम कर्मचारी के घर से 15 लाख रुपये मिलते हैं तो उसे जेल भेज दिया जाता है. एक न्यायाधीश के घर से 15 करोड़ नकद मिलती है तो उसे घर वापसी दी जा रही है. तिवारी ने सवाल किया, “क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट एक कूड़ेदान है?”
संघ को मणिपुर की चिंता, डिलिमिटेशन और भाषा विवाद को राजनीति से प्रेरित बताया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सर्वोच्च ईकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा शुक्रवार को बेंगलुरु में शुरू हुई. इसमें मणिपुर की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई. कहा गया कि मणिपुर बीते 20 महीनों से बुरे दौर से गुजर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार के कुछ फैसलों के बाद उम्मीद की किरण नजर आ रही है. तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच चल रहे भाषा और परिसीमन (डिलिमिटेशन) विवाद पर कहा गया कि कुछ ताकतें हैं, जो देश की एकता को चुनौती दे रही हैं. उत्तर और दक्षिण के बीच बहस को बढ़ावा दिया जा रहा है. परिसीमन और भाषा की डिबेट राजनीति से प्रेरित है. संघ के सह सरकार्यवाह सीआर मुकुंद ने कहा कि हमारे स्वयंसेवक और अलग-अलग विचार परिवार के लोग सद्भावना की पूरी कोशिश कर रहे हैं, खासकर दक्षिण भारत के राज्यों में.
कर्नाटक में 18 भाजपा विधायक निलंबित
कर्नाटक संयुक्त विधानमंडल का पंद्रह दिवसीय बजट सत्र शुक्रवार को एक कटु प्रसंग पर समाप्त हुआ. विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने विपक्षी भाजपा के 18 सदस्यों को छह महीने के लिए सदन से निलंबित कर दिया, क्योंकि उन्होंने सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना पर कथित हनी ट्रैप प्रयास के मुद्दे पर हंगामे के दौरान उनकी कुर्सी का अपमान किया था. विधान परिषद में भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ, जिसमें विपक्षी पार्टी के विधायकों ने सरकार पर हमला किया.
विधानसभा में विपक्षी पार्टी के नेता आर अशोक की अगुवाई में विधायकों ने अपनी पार्टी के विधायकों के निलंबन का विरोध करते हुए वेल में प्रवेश किया. निलंबित विधायकों ने प्रतिरोध किया, जिसके कारण मार्शल उन्हें सशरीर उठाकर सदन से बाहर ले गए. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बजट पर जवाब देते हुए विपक्ष की मांगों को नजरअंदाज कर दिया. विपक्षी सदस्य इस मामले को गंभीर बताते हुए पहले इस पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे. इस पर सिद्धारमैया ने कहा, “कोई भी हो, चाहे हमारी पार्टी का या कोई दूसरा, हम किसी को बचाना नहीं चाहते. जिसने भी किया, गलत किया है. हम 100% जांच कराएंगे.” इस बीच, गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने दोहराया कि उन्होंने पहले ही घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की घोषणा की है.
प्रेस फ्रीडम
जेल में बंद कश्मीरी पत्रकार की रिहाई की मांग
पुरस्कार विजेता कश्मीरी पत्रकार और शोधकर्ता इरफ़ान मेहराज की गिरफ्तारी और कैद को दो साल पूरे हो गए हैं. इरफ़ान को 20 मार्च 2023 को भारतीय दंड संहिता और कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया था. इस बीच उनको लंबे समय से कैद में रखे जाने की आलोचना की जा रही है. जर्नलिस्ट फेडरेशन कश्मीर (जेएफके) ने मेहराज की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए गुरुवार को एक बयान जारी कर उनकी लंबी हिरासत की निंदा की. जेएफके ने कहा कि एक उत्कृष्ट पत्रकार की हिरासत कश्मीर में मीडिया स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले सबसे गंभीर मुद्दों में से एक बना हुआ है.
भारतीय स्कॉलर बदर खान को डिपोर्ट करने पर रोक : अमेरिकी अदालत ने ट्रम्प प्रशासन को भारतीय स्कॉलर बदर खान सूरी को निर्वासित (डिपोर्ट) करने से रोक दिया है. बदर खान वाशिंगटन के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं और उनके वकील का कहना है कि अमेरिका उनके इमिग्रेशन की कोशिश कर रहा था, क्योंकि उन पर अमेरिकी विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया कोर्ट की जज पेट्रीशिया गाइल्स ने कहा कि यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक अदालत इसे रद्द नहीं करती.
‘ग्रोक’ पर तो सरकार कार्रवाई करेगी ही, खुराफाती सवाल पूछने वालों को भी नहीं छोड़ेगी
एलोन मस्क के स्वामित्व वाले एआई चैटबॉट “ग्रोक” पर उपयोगकर्ताओं के राजनीतिक प्रश्नों और अश्लील भाषा में उनके जवाबों का सिलसिला बढ़ता देख केंद्र सरकार ने प्लेटफॉर्म को चेताया है कि वह इसके खिलाफ और साथ ही ऐसे प्रश्न पूछने वाले उपयोगकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामले में कार्रवाई कर सकती है. उल्लेखनीय है कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कर्नाटक हाईकोर्ट में भारत सरकार की तथाकथित अवैध सामग्री विनियमन और मनमानी सेंसरशिप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने “एक्स” को बताया है कि उसे सामग्री हटाने के अनुरोधों पर देश के कानून का पालन करना होगा. इस बीच, प्लेटफॉर्म को अभी तक कोई औपचारिक संदेश या नोटिस नहीं भेजा गया है. हालांकि, द हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस मुद्दे पर “एक्स” के संपर्क में था.
दुनिया के बाज़ार में हमारी प्याज पिछड़ी
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए भारी निर्यात शुल्क के कारण भारतीय प्याज वैश्विक प्याज बाजार में पिछड़ रही है. सरकार ने घरेलू कमी की आशंका के चलते दिसंबर 2023 में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. लोकसभा चुनावों से पहले उसने प्रतिबंध हटा लिया, लेकिन मई 2024 में प्याज पर 40% निर्यात शुल्क लगा दिया. बाद में सितंबर में, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले, सरकार ने इसे घटाकर 20% कर दिया, जो आज भी बरकरार है. सरकार द्वारा लगाए गए निर्यात शुल्क ने खरीदारों को चीन और पाकिस्तान जैसे अन्य देशों से प्याज आयात करने के लिए मजबूर कर दिया है. केरल एक्सपोर्टर्स फोरम के सचिव सीटी मुनशिद ने बिजनेसलाइन को बताया कि केरल के कई निर्यातक महाराष्ट्र के नासिक से प्याज खरीदकर खाड़ी बाजारों में भेजते हैं. हालांकि, लंबे समय से चले आ रहे निर्यात शुल्क ने भारतीय प्याज को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया है.
बुलडोजर राज
प्रोफेसर के मकान और लाइब्रेरी पर बुलडोजर
प्रयागराज के सेवानिवृत्त उर्दू प्रोफेसर अली अहमद फातमी का घर चार साल पहले योगी आदित्यनाथ सरकार के बुलडोज़रों ने ढहा दिया था. इस कार्रवाई ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से तबाह किया, बल्कि उनकी ज़िंदगी का सबसे कीमती सामान—किताबों का विशाल पुस्तकालय—भी मिट्टी में मिल गया. आज भी वह जगह देखकर फातमी की आँखें नम हो जाती हैं. वे कहते हैं, "मैं उधर देख भी नहीं सकता."
मार्च 2021 में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने फातमी, उनकी बेटी नैला, वकील जुल्फिकार हैदर और दो अन्य के घरों को ‘अवैध निर्माण’ बताते हुए गिरा दिया. प्रशासन ने 6 मार्च की शाम नोटिस दिया, जो 1 मार्च की तारीख़ वाला था, और अगले ही दिन (रविवार) बुलडोज़र चलवा दिए. फातमी का कहना है, ‘यह चालाकी भरा कदम था, ताकि हम कोर्ट न जा सकें.’ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की इस कार्रवाई को "झकझोरने वाला और गलत" बताया. जस्टिस अभय एस. ओका और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि सरकार के "हाइपर टेक्निकल" तर्कों को खारिज कर अगली सुनवाई (21 मार्च) में संपत्ति फिर बनवाने का आदेश भी दिया जा सकता है.
यह मामला लुकरगंज के नज़ूल प्लॉट नंबर 19 से जुड़ा है, जिसे 1996 में सरकार ने शाकिर हुसैन को लीज पर दिया था. फातमी ने 1989 में इस प्लॉट का एक हिस्सा महमूदा बेगम से खरीदा था. प्राधिकरण का दावा है कि लीज 1996 में खत्म हो गई और बिना अनुमति के बिक्री अवैध है. हाईकोर्ट ने 2021 में फातमी की याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि उनके पास लीज ट्रांसफर का कोई लिखित प्रमाण नहीं था.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर फातमी कहते हैं, "हमने कोई अपराध नहीं किया. हमने हाउस टैक्स और पानी का टैक्स भरा था. सरकार सिर्फ़ पूरा प्लॉट खाली करना चाहती थी, क्योंकि यहाँ पूर्व सांसद अतीक़ अहमद की संपत्ति थी." अतीक़ को योगी सरकार ने गैंगस्टर एक्ट के तहत निशाना बनाया था, 2023 में कैमरे के सामने जिनकी हत्या कर दी गई थी. आज फातमी करेली इलाके के एक फ्लैट में रहते हैं, जो उन्होंने अपनी पेंशन से खरीदा है. पर उनका दर्द कम नहीं हुआ : "फ्लैट में किताबें रखने की जगह नहीं. अधिकतर किताबें मैंने दान दे दीं." अगली मामले की सुनवाई 21 मार्च, 2024 को सुप्रीम कोर्ट में होगी.
धर्म परिवर्तन कानून के दुरुपयोग पर योगी सरकार को फटकार : लाइव लॉ के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार को एक बलात्कार मामले में धर्म परिवर्तन निषेध कानून (2021) लागू करने पर कड़ी फटकार लगाई. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने यूपी पुलिस पर "पक्षपातपूर्ण" होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस कानून को "बिना वजह" इस्तेमाल किया गया. आरोपी (याचिकाकर्ता) पर बलात्कार और अवैध धर्म परिवर्तन का मामला दर्ज है. वह जेल में है और जमानत की गुहार लगा रहा है. याचिकाकर्ता का दावा है कि यह केस एक सहमति वाले रिश्ते का है, जिसमें उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए. सीजेआई खन्ना ने कहा, "मामले में धर्म परिवर्तन कानून लागू करना बिल्कुल अनावश्यक है. राज्य पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहा है. तथ्य खुद बोलते हैं." पीठ ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर हैरानी जताई: "मैं शब्द नहीं इस्तेमाल करना चाहता, लेकिन प्रदेश की पुलिस पक्षपात कर रही है... यह कैसे हो सकता है?" उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध कानून, 2021 के तहत धोखे या जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त सजा का प्रावधान है. कोर्ट का मानना है कि इस मामले में कानून का दुरुपयोग हुआ है.
केरल का देश की अंतरराष्ट्रीय रेमिटेंस में हिस्सा बढ़कर 197% हुआ : आरबीआई के मार्च बुलेटिन के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश में आने वाली अंतरराष्ट्रीय रकम (रेमिटेंस) में केरल का हिस्सा बढ़कर 197% हो गया. रेमिटेंस से तात्पर्य विदेशों में काम करने वाले भारतीयों द्वारा भेजी गई रकम से है, जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करती है. महाराष्ट्र (205%), केरल (197%) और तमिलनाडु (104%) मिलकर भारत की कुल रेमिटेंस का आधे से अधिक योगदान देते हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया से आने वाली रकम कुल रेमिटेंस का 50% से अधिक है. यह खाड़ी देशों (GCC) पर निर्भरता कम होने का संकेत है. यूएई का हिस्सा 2016-17 में 269% से गिरकर 2023-24 में 192% रह गया, हालाँकि यह अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासी भारतीयों के लक्ष्य देशों में बदलाव साफ दिख रहा है.
डिजिटल फ्रॉड में बढ़ोतरी : वित्त मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के बीच डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी के 24 लाख मामले सामने आए, जिनमें 4,245 करोड़ रुपये की रकम शामिल है. यह 2022-23 के 2,537 करोड़ (20 लाख मामले) से 67% अधिक है. 2023-24 में 28 लाख मामलों में 4,403 करोड़ रुपये के फ्रॉड दर्ज हुए. सरकार ने राज्यसभा में बताया कि आरबीआई ने केंद्रीय भुगतान धोखाधड़ी सूचना रजिस्ट्री लॉन्च की है, जहाँ बैंक और गैर-बैंक संस्थाएँ फ्रॉड रिपोर्ट करती हैं. इसके अलावा, सिटिज़न फाइनेंशियल साइबरफ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम से 13 लाख शिकायतों के आधार पर 4,386 करोड़ रुपये बचाए गए.
नाबालिग के सिर पर चप्पलें रखवाकर बुलवाया : मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में शुक्रवार को एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोगों ने 9वीं कक्षा के एक छात्र (उम्र 16 साल) के सिर पर चप्पलें रखवाईं और उससे जबरदस्ती बुलवाया कि “लव जिहाद पाप है, हिंदू संगठन हमारा बाप है.” दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार यह वीडियो एक कैफे का है, जहां नाबालिग लड़का 10वीं में पढ़ने वाली एक लड़की के साथ बैठा था. उसी वक्त कुछ लोग आए और उन्होंने लड़के के साथ मारपीट की. लड़की ने कहा कि वह किसी काम से आई थी. हालांकि, पुलिस ने लड़की के भाई की शिकायत पर नाबालिग लड़के के खिलाफ पाक्सो के तहत केस दर्ज कर लिया है, लेकिन सिर पर चप्पल रखवाने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है.
“थुलसीथरा” का अपमान करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करें : केरल हाईकोर्ट ने पुलिस को "थुलसीथरा" (तुलसी के पौधे का चबूतरा) का अपमान करने वाले आरोपी के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हिकृष्णन की पीठ ने यह निर्देश अलप्पुझा निवासी 32 वर्षीय श्रीराज आरए की जमानत याचिका पर विचार करते हुए दिया. श्रीराज को उस वीडियो को अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें अब्दुल हकीम नामक व्यक्ति को "थुलसीथरा" का अपमान करते हुए दिखाया गया है. कोर्ट ने कहा कि “तुलसी का चबूतरा” हिंदू धर्म में पवित्र स्थान होता है, लिहाजा आरोपी का कृत्य हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है. लेकिन उसके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
मई 2022 से 2024 तक में पीएम की विदेश यात्रा पर हुए ₹259 करोड़ खर्च : केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में जो आंकड़ा उपलब्ध कराया है, उसके अनुसार, मई 2022 से दिसंबर 2024 (32 महीनों में) के बीच द्विपक्षीय बैठकों और बहुपक्षीय कार्यक्रमों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 38 विदेश यात्राओं पर करीब ₹259 करोड़ खर्च हुए हैं. मुख्यत: ये खर्च पांच मदों में हुआ है- आवास, आयोजन स्थल शुल्क, सुरक्षा, परिवहन और विविध व्यय. आवास पर कुल ₹104 करोड़, विविध व्यय पर ₹75.7 करोड़ और परिवहन पर ₹71.1 करोड़ खर्च हुए. ये आंकड़े विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गरिटा ने राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिए. उन्होंने बताया कि इन में ‘साथ जाने वाले अधिकारी, सुरक्षा और मीडिया प्रतिनिधिमंडलों पर होने वाला खर्च’ भी शामिल है.
इतिहास
औरंगजेब पर ऑड्रे ट्रश्के का एक्सप्लेनर
महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र पर लगे शिलालेख में लिखा है: "अमीर सोने-चांदी के गुंबद बनवाएं, मेरे जैसे गरीब के लिए आसमान ही काफी है." लेकिन इस सादगी भरे संदेश के बावजूद, औरंगजेब का मकबरा एक बार फिर हिंदुत्ववादी समूहों के निशाने पर है. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने इस मकबरे को "बाबरी मस्जिद जैसा हश्र" देने की धमकी दी है, जिसके चलते नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई. हालांकि, सच्चाई यह है कि खुल्दाबाद में कोई मकबरा नहीं है—औरंगजेब की कब्र एक सूफी संत की दरगाह के प्रांगण में साधारण ढंग से बनी है. रटगर्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और इतिहासकार ऑड्रे ट्रश्के ने अपनी किताब औरंगजेब : द लाइफ एंड लेगसी ऑफ इंडियाज़ मोस्ट कंट्रोवर्सियल किंग में औरंगजेब के जीवन को नए सिरे से परखा है. ट्रश्के से द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने इस मुद्दे पर बातचीत की.
इस विवाद को हवा देने में बॉलीवुड फिल्म छावा ने अहम भूमिका निभाई. यह फिल्म मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है, जिसमें औरंगजेब को एक क्रूर मुस्लिम शासक के रूप में दिखाया गया है. लेकिन इतिहासकार जॉन एफ रिचर्ड्स के अनुसार, संभाजी ने अपने पिता के खिलाफ लड़ाई में औरंगजेब का साथ दिया था और मुगलों से 'राजा' की उपाधि प्राप्त की थी. ऐसे जटिल ऐतिहासिक तथ्यों को फिल्म में नजरअंदाज करके 'हिंदू बनाम मुस्लिम' का नैरेटिव गढ़ा गया है.
ट्रश्के के मुताबिक, औरंगजेब मुगलों में सबसे शक्तिशाली शासक थे, लेकिन हिंदुत्व का गढ़ा हुआ ‘कार्टून औरंगजेब’ उनसे बिल्कुल अलग है. यह नफरत फैलाने के लिए गढ़ा गया एक काल्पनिक पात्र है, जिसे भारतीय मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को जायज ठहराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
इस सवाल पर कि क्या औरंगजेब मंदिर तोड़ने वाला कट्टर मुस्लिम था ट्रश्के का कहना है कि भारत के कई हिंदू राजाओं (जैसे चोल, राष्ट्रकूट) ने भी मंदिर तोड़े. औरंगजेब ने राजनीतिक कारणों से कुछ मंदिरों को निशाना बनाया, लेकिन सैकड़ों मंदिरों को संरक्षण भी दिया. हिंदुत्व उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बना रहा है, क्योंकि वे मुस्लिम थे. ट्रश्के के मुताबिक, हिंदुत्व नेताओं को डर है कि अगर लोगों को इतिहास की सच्चाई पता चल गई, तो उनकी नफरत की राजनीति फेल हो जाएगी. मोदी सरकार में इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना, प्रेस की आजादी और मानवाधिकारों पर हमले का ही एक हिस्सा है. औरंगजेब को निशाना बनाना भारतीय मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देता है. ट्रश्के कहती हैं, "मुसलमानों की जान और रोजी-रोटी दोनों खतरे में हैं." हिंदुत्व विचारधारा ब्रिटिश राज के झूठे इतिहास पर पल रही है. ट्रश्के कहती हैं, "मुझे 'औपनिवेशिक' कहकर गाली दें, लेकिन सच यह है कि हिंदुत्व नेता ही अंग्रेजों की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं." ट्रश्के का इंटरव्यू विस्तार से यहाँ पढ़ें.
नेतन्याहू के फैसले को इज़राइली अदालत ने रोका : 'द गार्डियन' की खबर है कि बेंजामिन नेतन्याहू इज़राइल की न्यायिक प्रणाली के साथ तीखे संघर्ष में उलझ गए हैं. देश के सुप्रीम कोर्ट ने शिन बेट (घरेलू खुफिया एजेंसी) के प्रमुख रोनन बार को बर्खास्त करने के उनके प्रयास पर रोक लगा दी है. मंत्रियों के बार को बर्खास्त करने के फैसले के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बीच, शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को इस फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी, जो तब तक जारी रहेगी जब तक अदालत विपक्ष और एक एनजीओ द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर लेती. नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा- "इज़राइल की सरकार यह तय करेगी कि शिन बेट का प्रमुख कौन होगा. इज़राइल एक कानून का देश है और कानून के मुताबिक सरकार यह निर्णय लेगी." शिन बेट नेतन्याहू के करीबी सहयोगियों की जांच कर रहा है, जिन पर राष्ट्रीय सुरक्षा भंग करने, गोपनीय दस्तावेजों को विदेशी मीडिया में लीक करने और कथित रूप से कतर से धन लेने के आरोप हैं. कतर ने हमास को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता दी है.
गुरुवार देर रात सार्वजनिक किए गए एक पत्र में, रोनन बार ने कहा कि उनकी बर्खास्तगी नेतन्याहू के "निजी हितों" से प्रेरित है. उन्होंने 7 अक्टूबर, 2023 के हमास हमले की उनकी एजेंसी की जांच के निष्कर्षों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था- "शांति बनाए रखने की नीति ने हमास को बड़े पैमाने पर सैन्य निर्माण की अनुमति दी. प्रधानमंत्री की पहल पर इस समय सेवा प्रमुख को बर्खास्त करना उन सभी लोगों के लिए एक संदेश है जो इसमें शामिल हैं, एक ऐसा संदेश जो जांच के सर्वोत्तम परिणाम को जोखिम में डाल सकता है. यह इज़राइल की राज्य सुरक्षा के लिए प्रत्यक्ष खतरा है."
ट्रम्प ने शिक्षा विभाग ही बंद किया : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शिक्षा विभाग को समाप्त करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए. इसके बाद ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका लंबे अरसे से छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं दे रहा है. उन्होंने विभाग पर "चौंकाने वाली विफलताओं" का आरोप लगाते हुए वादा किया कि इसके नियंत्रण में आने वाले पैसे को राज्यों को वापस कर दिया जाएगा. हालांकि व्हाइट हाउस ने स्वीकार किया कि इस विभाग को पूरी तरह से बंद करने के लिए एक अधिनियम की आवश्यकता होगी.
थम गया लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर जहाजों का शोर! : 'रायटर्स' की खबर है कि लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे के पास स्थित एक इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन में भीषण आग लगने के कारण हवाई अड्डे को 21 मार्च को पूरे दिन के लिए बंद करना पड़ा. हीथ्रो दुनिया के सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट में से एक है, जिसके चलते दुनियाभर में उड़ान संचालन में भारी व्यवधान उत्पन्न हुआ है. दरअसल 20 मार्च की देर रात, हेस क्षेत्र में एक इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन में ट्रांसफॉर्मर में आग लग गई, जिससे हीथ्रो हवाई अड्डे की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. लंदन फायर ब्रिगेड ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 10 फायर इंजन और लगभग 70 अग्निशामकों को घटनास्थल पर भेजा. इस बंद के कारण 1,300 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुई हैं, जिनमें एयर इंडिया की कई उड़ानें शामिल हैं. मुंबई से लंदन जाने वाली फ्लाइट AI129 को वापस मुंबई लौटना पड़ा, जबकि दिल्ली से लंदन जाने वाली फ्लाइट AI161 को फ्रैंकफर्ट की ओर मोड़ा गया. एयर इंडिया ने 21 मार्च तक लंदन हीथ्रो के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं.
केरल : ड्रग्स की छाया में है 'गॉड्स ओन कंट्री' में जीवन : 'द हिंदू' के लिए विग्नेश राधाकृष्णन और सांभवी पार्थसारथी की रिपोर्ट है कि पिछले तीन वर्षों में केरल में मादक पदार्थों के सेवन के मामलों में अचानक से तेजी देखी गई है. केरल में एनडीपीएस अधिनियम (1985) के तहत दर्ज मामलों की संख्या 2021 में 5,695 से बढ़कर 2022 में 26,619 हो गई और 2023 में 30,000 को पार कर गई. 2024 में 27,701 से अधिक मामले दर्ज किए गए. महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी मादक पदार्थों का सेवन चिंता का विषय रहा है, लेकिन केरल में हालिया उछाल चौंकाने वाला है. मसलन 2023 में महाराष्ट्र जो एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामलों में दूसरे स्थान पर था, उसने केवल आधे मामले दर्ज किए, जबकि 2024 में पंजाब ने दूसरे स्थान पर रहते हुए केरल की तुलना में केवल एक-तिहाई मामले दर्ज किए. केरल में यह समस्या केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है. साल 2022 में केरल के हर जिले में एनडीपीएस अधिनियम के तहत कम से कम 500 मामले दर्ज हुए. ऐसा किसी अन्य राज्य में नहीं देखा गया.
मैतेई जज कुकी बहुल इलाके में नहीं जाएंगे!
आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों की स्थिति का आकलन करने तथा कानूनी और मानवीय सहायता प्रयासों को मजबूत करने के लिए 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के जजों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा करेगा, मगर इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल सुप्रीम कोर्ट में एकमात्र मैतेई जज जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह कुकी-बसे क्षेत्रों की यात्रा नहीं कर पाएंगे. मणिपुर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एमएएसएलएसए) को बुधवार शाम को प्राप्त संशोधित कार्यक्रम में न्यायमूर्ति सिंह का नाम कुकी बहुल जिले चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा करने वाले जजों की सूची में शामिल नहीं था, जो मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा का संघर्ष क्षेत्र बना हुआ है. यह निर्णय चुराचांदपुर जिला बार एसोसिएशन (सीडीबीए) के उस बयान के बाद आया है, जिसमें कहा गया है, “शांति और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में मैतेई समुदाय के लोग हमारे जिले में कदम नहीं रखेंगे, भले ही उनके नाम कार्यक्रम में शामिल हों.”
सुप्रीम कोर्ट के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस बीआर गवई करेंगे. उनके साथ जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल होंगे। जस्टिस सूर्यकांत, जो शुरू में टीम का हिस्सा थे, पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण मणिपुर नहीं जाएंगे. मणिपुर हाईकोर्ट के दो मैतेई जज जस्टिस ए बिमोल और गुणेश्वर के भी इस यात्रा में शामिल रहने की उम्मीद है, लेकिन मामले से परिचित लोगों की मानें तो उनका भी कुकी बहुल पहाड़ी जिलों की यात्रा करने की संभावना नहीं है.
चलते चलते
पाकिस्तान हमसे ज्यादा हैप्पी कैसे?
बनते तो विश्वगुरु हैं पर भारत खुशी के इंडेक्स में खासा नीचे है और 2012 से उसका क्रम नीचे ही हुआ है. इतना महरूम कि पाकिस्तान भी हमसे खुशी के मामले में कई पायदान ऊपर है और हम गरीब कहे जाने वाले अफ्रीकी देशों के बीच कराह रहे हैं. इधर जो नई सूची जारी हुई है, उसमें दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड लगातार आठ वर्षों से अपनी नंबर 1 रैंकिंग बनाए रखने में कामयाब रहा है. फ़िनलैंड ने जहां एक बार फिर वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में शीर्ष स्थान हासिल किया है, वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका 24वें स्थान पर पाकिस्तान 109 वें स्थान पर और हमारा देश भारत 147 देशों की सूची में 118वें पायदान पर है. केन्या, युगांडा, गांबिया जैसे मुल्क भी हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत से आगे हैं. हालांकि, वैश्विक अनुसंधान से पता चलता है कि लोग हमारी अपेक्षा से कहीं अधिक दयालु हैं. वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के संस्थापक संपादकों में से एक, जॉन हेलिवेल ने कहा, “जितना वे सोचते हैं लोगों के साथी नागरिक उनसे बेहतर हैं और इस बात को समझना न केवल आपको खुश करेगा, बल्कि यह आपके पड़ोसियों के प्रति सोचने के तरीके को भी बदल देगा.”
खुशी के मामले में नॉर्डिक देश निश्चित रूप से बहुत कुछ सही कर रहे हैं. लगातार आठवें साल, फ़िनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है और इसके पड़ोसी देश भी उसके करीब ही हैं. गैलप की प्रबंध निदेशक इलाना रॉन-लेवी ने कहा, "फ़िनलैंड जैसे नॉर्डिक देश सार्वभौमिक रूप से उपलब्ध और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सहायता प्रणालियों से लाभान्वित होते हैं. कल्याण की असमानता भी कम है." फ़िनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन जैसे शीर्ष चार देश साल 2024 की रैंकिंग में भी इसी क्रम में थे और नॉर्वे फिर से सातवें स्थान पर है. इस साल पहली बार, दो लैटिन अमेरिकी देश कोस्टा रिका छठे स्थान पर और मेक्सिको 10वें स्थान पर हैं.
2025 के 20 सबसे खुशहाल देशों में क्रमश: फ़िनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन, नीदरलैंड, कोस्टा रिका, नॉर्वे, इज़राइल, लक्ज़मबर्ग, मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, स्विट्ज़रलैंड, बेल्जियम, आयरलैंड, लिथुआनिया, ऑस्ट्रिया, कनाडा, स्लोवेनिया और चेक गणराज्य शामिल हैं. वहीं सूची के सबसे निचले देशों में अफ़ग़ानिस्तान (147वें स्थान पर), सिएरा लियोन (146), लेबनान (145), मलावी (144) और ज़िम्बाब्वे (143) खुशी के मामले में सबसे निचले पांच देशों में शामिल हैं.
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