26 दिसंबर 2024: एडल्ट कंटेंट में भारत सबसे तेज़, गिरिजाघर में मत्था टेकना, दिल्ली में त्रिशूल बांटना, तालीबान लेगा पाकिस्तान से बदला, सम्भल क्यों है भाजपा के निशाने पर
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एडल्ट कंटेंट देखने में भारत सबसे आगे जाने की राह पर: हाल ही में एकता कपूर के प्लेटफॉर्म 'ऑल्ट बालाजी' के कंटेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगाई गई थी. इरोटिक वीडियोज का ये बाजार 100 अरब डॉलर का है और इस बाजार में अमेरिका के बाद भारत का सबसे बड़ा योगदान है. हर दिन मात्र एक रुपया खर्च कर के अगर कानूनी रूप से अश्लील वीडियो देखने को मिल रहा है, वो भी उस देश में जहाँ की आबादी खासी नौजवान है. सस्ते इंटरनेट के चक्कर में भारत दुनिया का सबसे अधिक एडल्ट कॉन्टेंट देखने वाला देश बनने की राह पर है. अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया स्वतंत्रता को अब इंटरनेट में अश्लील कॉन्टेंट पर भी लागू करने की मांग होने लगी है. लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है? देखिए डीडब्ल्यू हिंदी की यह रिपोर्ट..
मोदी का यीशू प्रेम और संघ का मिशनरियों के खिलाफ जंग का गणित
'इंडियन एक्सप्रेस' के लिए विकास पाठक ने प्रधानमंत्री मोदी की चर्च के प्रति पहल के बीच संघ परिवार और ईसाइयों के जटिल संबंधों पर पड़ताल की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ईसाई समुदाय तक पहुंचने की हालिया पहल ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा को तेज कर दिया है. यह कदम बीजेपी की रणनीति में बदलाव का संकेत देता है, खासकर उन राज्यों में जहां ईसाई आबादी महत्वपूर्ण है. पार्टी के अंदरूनी सूत्र मानते हैं कि जिन राज्यों में ईसाई जनसंख्या बड़ी है, वहां समर्थन जुटाने के लिए यह कदम उठाया गया है. पूर्वोत्तर भारत, गोवा, केरल और अन्य कुछ राज्यों में ईसाई समुदाय का राजनीतिक प्रभाव काफी महत्वपूर्ण है. जबकि ऐतिहासिक रूप से, संघ परिवार और ईसाई समुदाय के बीच संबंध जटिल और कई बार तनावपूर्ण रहे हैं. संघ परिवार ने अक्सर धर्मांतरण के मुद्दे को उठाते हुए ईसाई मिशनरियों पर आदिवासियों और वंचित वर्गों का धर्म बदलने का आरोप लगाया है.
(प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह के दौरान प्रार्थना की. फोटो: सैंटियूस कुजूर)
1999 में ओडिशा के कंधमाल में ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके दो बेटों की हत्या जैसी घटनाओं ने इस तनाव को और बढ़ा दिया. कई बार चर्चों पर हमले और ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा के मामले भी सामने आए हैं, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम बीजेपी और संघ परिवार के पुराने रुख से अलग दिखता है. हाल ही में, मोदी ने चर्च के नेताओं से मुलाकात की और ईसाई समुदाय के प्रति सौहार्दपूर्ण संदेश दिया. मकसद पार्टी की छवि को एक समावेशी और स्वीकार्य दल के रूप में पेश करना भी है. पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी की सफलता ने यह साबित किया है कि ईसाई समुदाय को शामिल किए बिना राजनीतिक बढ़त पाना मुश्किल है. मणिपुर, नागालैंड और मेघालय जैसे राज्यों में बीजेपी ने ईसाई नेताओं और समुदाय के साथ साझेदारी की है. इन राज्यों में ईसाई समुदाय के साथ बेहतर संबंध बनाकर बीजेपी ने चुनावी लाभ हासिल किया. हालांकि, संघ परिवार और ईसाई समुदाय के बीच विश्वास की कमी को दूर करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. धर्मांतरण और सामाजिक मुद्दों पर पुराने मतभेद अब भी मौजूद हैं.
दिल्ली में 50 हजार त्रिशूल बांटने का इरादा
चुनाव सामने आते ही हिंदुत्व ब्रिगेड दिल्ली में हरकत में आ गई है. विश्व हिंदू परिषद ने हिंदुओं की रक्षा के लिए दिल्ली में त्रिशूल बाँटने शुरू कर दिये हैं. 8000 बंट चुके हैं. चुनाव के पहले तक 50000 बांटने का इरादा है. त्रिशूल के डिजाइन इस चतुराई से बनाए गये हैं कि उसे शस्त्र कानून न टूटता हो. पहाड़गंज में हुए पहले त्रिशूल दीक्षा समारोह में परिषद के महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि उनका संगठन और बजरंग दल राज्य से गैरकानूनी बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर खदेड़ने में दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर और प्रशासन से सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
केन और बेतवा को जोड़ने का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खजुराहो में बुधवार को कर तो दिया, पर नदियों को जोड़कर पानी की समस्या दूर करने का नुस्खा खासा विवादित भी है. इस तरह के प्रोजेक्ट अलग तरह की समस्याओं और चुनौतियां लेकर आएंगे. जिससे लोगों, वन्य प्राणी और जंगलों सभी को मुश्किल हो सकती है. साथ ही भूजल स्तर और बारिशों के पैटर्न के बदलने का भी ख़तरा है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय से जारी डाटा के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर और बीते सितम्बर के बीच असंगठित क्षेत्र में 1.097 करोड़ रोजगार के ताज़ा अवसर पैदा हुए, जो उसके एक साल पहले की तुलना में 11% कम हैं.
उड़ीसा मतगणना में गड़बड़? बीजू जनता दल ने हाल में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान उड़ीसा के मतदान डाटा में पाई गई विसंगतियों को लेकर सवाल उठाए हैं. पार्टी के मुताबिक फॉर्म 17 (जो बूथ पर डाले गये वोटों की गिनती है) और फॉर्म 20 (जो गिने गये वोटों की संख्या है) के बीच में बहुत अंतर है. इसी तरह लोकसभा सीट के लिए दिये गये और विधानसभा सीट के लिए दिये गये वोटों में भी बहुत फर्क है. इसके अलावा वोटिंग के दिन शाम पांच बजे दिये गये मतदान के आंकड़ेे और दो दिन बाद बताये गये अंतिम मतदान के आंकड़े में भी अतंर है.
अमेरिका जाना है तो कनाडा कॉलेज का दाखिला: कनाडाई सीमा का इस्तेमाल कर तस्करी के जरिये भारतीयों को अमेरिका भेजा जा रहा है. इस आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ भारतीय व्यक्तियों, संस्थाओं और कनाडाई कॉलेजों के ख़िलाफ़ जांच शुरू की है. यह जांच गुजरात के डिंगुचा गांव के चार सदस्यीय भारतीय परिवार की मौत से जुड़ी है, जो 2022 में अवैध रूप से कनाडा-अमेरिका सीमा पार करने की कोशिश करते समय अत्यधिक ठंड से मर गए थे. ईडी के अनुसार, ऐसे सभी छात्रों को कनाडा में पढ़ाई के लिए वीजा दिया जाता था और फिर वहां से अवैध तरीके से सीमा पार कराकर अमेरिका भेजा जाता था. ऐसे इच्छुक छात्रों या व्यक्तियों से 55-60 लाख रुपये झटके जाते थे.
ठीक ठाक चलता पीएसयू बेचा जा रहा है : फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड पर शून्य कर्जा है और उसकी संपत्ति 400 करोड़ रूपये से ज्यादा है. फिर भी उसे सरकार जापानी कंपनी कोनोइके ट्रांसपोर्ट को 320 करोड़ रुपये में बेच रही है. एम राजशेखर की रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की यह इकाई अपनी सप्लाई गैर सार्वजनिक क्षेत्र में बढ़ाकर अपना कारोबार बढ़ाने की कगार पर है. वह अपने उत्पाद हाइवे बनाने के लिए भी बेच सकती है. वह वाहनों के कबाड़ को भी प्रोसेस कर सकती है. ऐसे में उसे अवमूल्यन करके बेचना किस तरह से सही है?
बुच से पूछताछ होगी: पीटीआई के मुताबिक लोकपाल के दफ्तर ने सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और तृणामूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को अडानी मामले में हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गये आरोपों के बारे मे पूछताछ के लिए बुलाया है. अडानी के खिलाफ जाँच करने में बुच पर कन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के आरोप हैं.
मणिपुर में इम्फाल ईस्ट जिले में दो सशस्त्र गुटों के बीच गोलीबारी : 'द टेलिग्राफ' की खबर है कि 25 दिसंबर बुधवार को सुबह मणिपुर के इम्फाल ईस्ट जिले में दो सशस्त्र गुटों के बीच गोलीबारी की घटना दर्ज की गई है. पुलिस का कहना है कि यह गोलीबारी कांगपोकपी जिले की पहाड़ियों से शुरू हुई, जहां सशस्त्र व्यक्तियों ने सिनम कोम गांव को निशाना बनाया. गांव की सुरक्षा में तैनात 'विलेज वॉलंटियर्स' ने इसका जवाब दिया, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई. घटना के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. पुलिस ने बताया कि अब तक किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब मणिपुर पहले से ही विभिन्न समुदायों के बीच तनावपूर्ण माहौल से गुजर रहा है.
सम्भल के जरिये भाजपा की राजनीति
उत्तर प्रदेश का सम्भल ऐसा शहर है, जो पिछले एक महीने से चर्चा में है. भारतीय जनता पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश और सम्भल में प्रभाव नहीं रहा है. यह वह जगह है, जहां भगवान विष्णु के अवतार कल्कि का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है और कहा जाता है कि यहीं भगवान विष्णु के 10वें और अंतिम अवतार जन्म लेंगे. इंडियन एक्सप्रेस के लिए मौलश्री सेठ लिखती हैं कि यही वजह है कि भाजपा ने यहां खुद को झोंक दिया है. वह लिखती हैं, एक प्राचीन मस्जिद का जल्दबाजी में किया गया सर्वे. विरोध प्रदर्शन के कारण पांच की मौत. उसके बाद से कई ‘बंद’ मंदिरों का पाया जाना. विवादित मस्जिद के आसपास तीव्र बिजली चोरी विरोधी अभियान. इसके नतीजे में स्थानीय समाजवादी पार्टी के सांसद को नोटिस जारी किया गया.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश लंबे समय से भाजपा की पहुंच से बाहर रहा है. पार्टी इसमें बदलाव के लिए उत्सुक है, जो आरएलडी के साथ उसके गठबंधन और हाल के उपचुनावों में सम्भल के बगल में स्थित सपा के गढ़ कुंदरकी को जीतने में उसकी मदद से परिलक्षित होता है.
भाजपा सूत्रों ने बताया कि इस प्रयास के तहत सम्भल को अयोध्या, मथुरा और काशी (वाराणसी) के साथ पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल किया जाएगा.
इस साल 19 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करने के एक महीने बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्भल में भगवान कल्कि के भव्य मंदिर की आधारशिला रखी.
समारोह में अपने भाषण में मोदी ने कहा, ‘जब भगवान राम ने शासन किया, तो उसका प्रभाव हज़ारों सालों तक महसूस किया गया. भगवान राम की तरह, कल्कि भी हज़ारों सालों तक प्रभाव डालेंगे’. उन्होंने यह भी कहा कि यह समारोह ‘18 साल के इंतज़ार’ के बाद हुआ है. यूपी विधानसभा के हाल ही में हुए शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर में सम्भल में एक प्राचीन मस्जिद के सर्वेक्षण का बचाव किया. उन्होंने कहा कि बाबरनामा में उस स्थान पर मंदिर होने की बात कही गई है. उन्होंने शहर के ‘कल्कि संबंध’ का भी हवाला देते हुए कहा कि पुराणों के अनुसार, विष्णु के 10वें अवतार का जन्म संभल में होगा.
अंबेडकर पर कांग्रेस को जवाब देने के लिए एनडीए में समन्वय की जरूरत : सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्य दलों ने संविधान और अंबेडकर के कथित अपमान के मुद्दे पर विपक्ष के नैरेटिव का जवाब देने के लिए आपसी एकता की जरूरत बताई है. बुधवार को जेपी नड्डा के घर पर हुई एक बैठक में भाजपा नेतृत्व ने सहयोगियों से कहा कि कांग्रेस को जवाब देने की जरूरत है. इस पर टीडीपी ने कहा कि विपक्ष की तरह हमारे यहां भी समन्वय की आवश्यकता है. एनडीए को एक होकर लड़ना पड़ेगा. भाजपा की तरफ से बताया गया कि कांग्रेस के सांसदों ने गृह मंत्री शाह की टिप्पणी के वक्त सदन में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. बाद में, राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई एक बैठक में शाह की टिप्पणी को मुद्दा बनाने का निर्णय लिया गया.
आईआईटी और आईआईएम बने अपर क्लास कास्ट के क्लब : देश के प्रमुख शिक्षण संस्थान आईआईटी और आईआईएम में आरक्षित वर्ग के लिए तय कोटा लागू करने में गंभीर चूक का खुलासा हुआ है. एक आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, इन संस्थानों में फैकल्टी भर्ती के दौरान आरक्षण नीति का पालन नहीं किया जा रहा है. आईआईटी और आईआईएम में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित पदों का अनुपात बहुत कम है. कई संस्थानों में आरक्षित वर्ग से आने वाले प्रोफेसरों की संख्या 10% से भी कम है. कुछ आईआईटी और आईआईएम में यह आंकड़ा 5% तक सीमित है, जो आरक्षण नीति के स्पष्ट उल्लंघन का संकेत देता है. इन संस्थानों में ऊंची जातियों के प्रोफेसरों का प्रभुत्व बना हुआ है, जिससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ये संस्थान "उच्च जाति के क्लब" बन गए हैं.
दिल्ली में सियासत तेज, ‘आप’ जिन योजनाओं के फॉर्म भरवा रही, विभागों ने कहा यह “धोखाधड़ी”
विधानसभा के चुनाव नजदीक आते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सियासत ने तेजी पकड़ ली है. बुधवार को सुबह होते ही आम आदमी पार्टी को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब सरकार के दो विभागों की तरफ से प्रकाशित एक सार्वजनिक सूचना सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो गई. दरअसल, दोनों विभागों द्वारा बुधवार को ही अखबारों में प्रकाशित सार्वजनिक नोटिस में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना को “धोखाधड़ी” करार दिया गया. दोनों योजनाओं को “अवास्तविक” बताते हुए कहा गया कि पंजीकरण के बहाने किसी को भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें. बता दें कि आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान योजना में गैरकरदाता महिलाओं को मासिक 2,100 रूपए और संजीवनी योजना में 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज देने का वादा किया है. पार्टी की तरफ से केजरीवाल खुद इन योजनाओं के पंजीयन का काम देख रहे हैं. बहरहाल, अफसरों की इस हरकत पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि उन दो अधिकारियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने उनके और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा शुरू की गई योजनाओं के पंजीकरण प्रक्रिया से मुंह मोड़ने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किए.
आतिशी ने जिन अधिकारियों का जिक्र किया है, उनमें एक महिला और बाल विकास विभाग के संयुक्त निदेशक और दूसरे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव हैं. इस बीच आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा इन दोनों योजनाओं से परेशान है और दावा किया कि मुख्यमंत्री आतिशी को आने वाले दिनों में एक फर्जी मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है. इधर, दिल्ली कांग्रेस ने आप और भाजपा को निशाना बनाते हुए 12 सूत्रीय श्वेत पत्र जारी किया है और अरविंद केजरीवाल को एक शब्द में “फर्जीवाल” की संज्ञा दी है.
फ्रांस 24 ने बॉलीवुड के उन पापारैजी पर रिपोर्ट करते हुए बताया है कि कैसे यूट्यूब और इंस्टाग्राम ने उनकी किस्मत बदल दी है जबकि कुछ समय पहले तक उन्हें बहिष्कृत और अवांछित समझा जाता था.
अफ़ग़ानिस्तान पर पाकिस्तानी हमले में 46 की मौत, तालिबान बोला- 'मिलेगा करारा जवाब'
‘बीबीसी हिंदी’ की रिपोर्ट है कि अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा है कि 24 दिसंबर की रात पकतीका के बरमल ज़िले में पाकिस्तानी हवाई हमले में 46 लोग मारे गए हैं. इनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे. बरमल ज़िला दक्षिणी वज़ीरिस्तान के वाना और रज़मक इलाक़ों के पास है. तालिबान अधिकारियों के अनुसार हमले में "वज़ीरिस्तान के शरणार्थियों को निशाना बनाया गया है. तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि पकतीका प्रांत के चार इलाक़ों को निशाना बनाया गया है. तालिबान सरकार के रक्षा मंत्रालय से जारी एक बयान में हमले की निंदा करते हुए इसे "बर्बर" बताया गया है और कहा है कि इस्लामी अमीरात इस क्रूर कार्रवाई का जवाब देगा. वह अपनी धरती और इलाके़ की रक्षा करना अपना अधिकार समझता है.
कजाखिस्तान में विमान हादसा: 32 लोग बचाए गए, 30 की मौत की आशंका
कजाखिस्तान के अक्ताउ शहर के पास अज़रबैजान एयरलाइंस का एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें आग लगने से बड़ा हादसा हुआ. इस विमान में 62 यात्री और 5 क्रू मेंबर सवार थे. बुधवार को एयरलाइन ने पुष्टि की कि हादसे में 30 लोगों की मौत की आशंका है, जबकि 32 लोग बचा लिए गए हैं. विमान अज़रबैजान की राजधानी बाकू से रूस के ग्रोज़नी शहर (चेचन्या) की ओर जा रहा था. शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान सैकड़ों मील अपने तय मार्ग से भटक गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दुर्घटना के दौरान विमान के दोनों पायलटों की मौत हो गई. कजाख अधिकारियों के अनुसार, बचाए गए लोगों में कम से कम 29 घायल हैं, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं. हादसे के एक अनवेरिफाइड वीडियो में देखा गया कि विमान जमीन पर गिरते ही आग की लपटों में घिर गया और काले धुएं का गुबार उठने लगा. वीडियो में खून से लथपथ और घायल यात्री विमान के एक हिस्से से बाहर निकलते हुए देखे गए, जो दुर्घटना के बावजूद सुरक्षित बचा रह गया था.
सीरिया में वर्षों तक चले गृहयुद्ध और असद शासन के पतन के बाद, देश के ईसाई समुदाय ने पहली बार शांति के माहौल में क्रिसमस मास में हिस्सा लिया. चर्चों की घंटियां बजीं, मोमबत्तियां जलाई गईं और प्रार्थनाओं के साथ पुनर्निर्माण और शांति के लिए आशीर्वाद मांगा गया.
जर्मनी में शिकारी क्यों बन रही हैं औरतें!
जर्मनी में शिकार का प्रचलन है और अब शिकार करने वाली महिलाओं की संख्या अचानक से बढ़ रही है. डीडब्ल्यू हिंदी ने जर्मनी की ऐसी ही शिकारी औरतों पर एक रिपोर्ट की है कि आखिर वो इस क्रूर काम में कैसे आगे आई. शिकारियों की छवि अच्छी नहीं होती. उन्हें जानवरों के हत्यारे के तौर पर देखा जाता है, वो भी सिर्फ अपने मजे के लिए. जर्मनी में हाल के वर्षों ये दिलचस्प बदलाव देखा जा रहा है, जब परंपरागत रूप से पुरुष-प्रधान शिकार के क्षेत्र में महिलाएं तेजी से अपनी जगह बना रही हैं. इसके पीछे कई कारण और प्रभाव हैं, जो शिकार, वन्यजीव संरक्षण और समाज के बदलते दृष्टिकोण से जुड़े हुए हैं. महिलाएं शिकार को केवल एक खेल या मनोरंजन के रूप में नहीं देखतीं, बल्कि इसे वन्यजीव प्रबंधन और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती हैं. जर्मनी में हिरण और सूअर जैसे प्रजातियों की अधिकता है, जो फसलों और जंगलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. देखिए ये रिपोर्ट...
जंग खनिज की: क्या चीन पर निर्भर ईयू अपने पांव पर खड़ा हो पाएगा?
दुनिया में अब अगली जंग तेल की लिए नहीं बल्कि लीथियम और कोबाल्ट जैसी धातुओं को पाने के लिए होने वाली है, जिसमें चीन अपना दबदबा बनाकर पहले ही तेज रफ्तार से भाग रहा है. एक स्मार्टफोन तक में करीब 50 धातु लगे होते हैं. इस बाजार में चीन जहां वर्चस्व हासिल कर चुका है, वहीं यूरोप अभी अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिशों में जुटा है.
पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका खारिज : कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्कूल भर्ती में अनियमितता घोटाले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और चार अन्य की जमानत याचिका खारिज कर दी. पार्थ चटर्जी के साथ चार पूर्व अधिकारी सुबीर भट्टाचार्य, कल्याणमय गांगुली, शांति प्रसाद सिन्हा और अशोक दास के साथ आरोपी हैं.
आतंकी फंडिंग के आरोपी सांसद इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका खारिज: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में सांसद इंजीनियर राशिद की नियमित जमानत याचिका पर फैसला लेने की मांग खारिज कर दी. जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला से निर्दलीय लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद ने हाल ही में अपनी अंतरिम जमानत समाप्त होने के बाद तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया है. अगस्त 2019 में राशिद को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था. जेल में रहने के दौरान वे 2024 का संसदीय चुनाव उमर अब्दुल्ला के खिलाफ लड़े और उन्हें 204,000 मतों के अंतर से हराया.
पंजाब पुलिस के दावों को ब्रिटेन ने नकारा : ब्रिटेन ने पंजाब पुलिस की उस रिपोर्ट को नकार दिया है, जिसमें ब्रिटिश सेना के एक जवान जगजीत सिंह के भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की बात कही गई है. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति ब्रिटिश सेना में सेवारत नहीं है. वहीं पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि इस मामले को ब्रिटिश अधिकारियों के सामने ‘उचित माध्यमों’ से उठाया जाएगा.
आज से विश्व रैपिड और ब्लिट्ज़ चैम्पियनशिप 2024, भारतीयों की नजर अर्जुन पर
फिडे विश्व रैपिड और ब्लिट्ज़ चैंपियनशिप का 2024 का आग़ाज 26 से होकर 31 दिसंबर तक चलेगा. यह त्वरित गति वाली विश्व कप न्यूयॉर्क के वॉल स्ट्रीट में होगा. आप यहां टूर्नामेंट का पूरा शेड्यूल देख सकते हैं. क्लासिकल विश्व शतरंज चैंपियनशिप में भारतीय डी गुकेश की जीतने के बाद भारतीय दर्शक फटाफट शतरंज वाले टूर्नामेंट में अर्जुन एरिगैसी से उम्मीद लगाए बैठे हैं.
साहित्य अकादमी पुरस्कार: 70 साल में सिर्फ 2 महिलाएं..
कवि और पत्रकार त्रिभुवन ने गगन गिल को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर यह रेखांकित किया है कि सत्तर साल में वह दूसरी महिला हैं, जिन्हें इस पुरस्कार के लायक समझा गया. साथ ही वह पुरुष सत्ता वाली मानसिकता को भी रेखांकित करते हैं.
गगन गिल का यह सम्मान हिंदी साहित्य के लिए गर्व का क्षण है. उनकी कविता केवल छंदों का संग्रह नहीं है, बल्कि रूह की भूलभुलैयाओं की यात्रा है. मनुष्य जब किसी सुंदर देह को देखता है तो वह उस सौंदर्य की ऊष्मा का ताप सहन नहीं कर पाता. मनुष्य में एक हिंसा जागती है. गगन के काव्य जीवन की यात्रा के प्रारंभिक दिनों में हिंदी साहित्य के पौरुषपूर्ण समाज की प्रतिक्रिया हिंसक न हो तो भी वह लिजलिजी अवश्य थी. अब उस दैहिक सौंदर्य की श्वेत कपास आत्मसंघर्ष और आत्मचैतन्य के तकले से उतरकर एक नए सौंदर्यशास्त्र के काव्य की डोर बन गई है, जिससे समय के चरखे पर नए राग मंढ़ गए हैं और पौरुषपूर्ण समय की सिहरती चांदनी ने साहित्य के सुरीलेपन के लिए द्वार खोल दिए हैं, जो जाने कब से उसे रोके हुए था.
गगन को मिला यह पुरस्कार हिंदी साहित्य के नेपथ्य में डमाडम बजते उस पुरुष वर्चस्ववाद को भी एक चेतावनी है, जो आज तक न ब्राह्मणवाद से आगे निकल पाया है और न ही मनुवाद से. सोशल मीडिया में झांकें तो आज भी बहुत से प्रगतिशील आलोचकों को गगन को यह पुरस्कार मिलना अच्छा नहीं लगा है. आज राजनीति में तो स्त्री अधिकारों का प्रश्न बहुत सशक्त ढंग से उठ रहा है, लेकिन साहित्य का संसार इससे अछूता है.
चलते-चलते : सौ की उम्र में आप क्या कर रहे होंगे? पूछिए अन्ना पोसी से.
सौ की उम्र में आप क्या कर रहे होंगे? अन्ना पोसी कैफे में फोन उठाती हैं, लेकिन तुरंत वापस कॉल करने के लिए कहती हैं. "अभी कस्टमर हैं यहां," कहती हैं. यह दोपहर का समय है और उत्तरी इटली में लेक मैगीगोर के नज़दीक एक छोटे से शहर नेबिउनो में बार सेंट्रेल की मालकिन पोसी सुबह 7 बजे से कॉफ़ी सर्व कर रही हैं. वह आमतौर पर शाम 7 बजे तक काम पूरा कर लेती हैं. इटली में एक बरिस्ता के लिए काम का दिन ऐसा ही होता है. पोसी की बात अलग है. वह सौ बरस की हैं. वह इटली की सबसे बुजुर्ग हैं. हाल ही में गणतंत्र के कमांडर की मानद उपाधि से नवाजा गया था, नियमित ग्राहकों के लिए एक जाना-माना चेहरा हैं, जिन्होंने कैफे के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ते देखा है, जब यह अत्याधुनिक से लेकर पुराने तक पहुंचा है. "मैं हमेशा काम करती हूं - रविवार, ईस्टर, क्रिसमस. मैं कभी छुट्टी पर नहीं जाती," वह कहती हैं. यह पोसी की दिनचर्या 1 मई 1958 से है, जब उन्होंने अपने पति के साथ बार खोला था, जिसमें ग्राहकों को एस्प्रेसो और कैपुचिनो परोसा जाता था. 1971 में जब दंपति ने लाइसेंस खरीदा, तो मेनू में मादक पेय भी जोड़े गए. तब ज्यूक बॉक्स था और लोग वहां गाने सुनने और नाचने के लिए आते थे. अब ज्यूकबॉक्स नहीं है, पर लोग अब कॉफी के साथ साथ पोसी से मिलने भी आते हैं. उन्हें यकीन नहीं होता कि सौ साल की बरिस्ता हो भी सकती है.
“लोग मुझसे मिलने आते हैं, क्योंकि उन्हें यह विश्वास करना असंभव लगता है कि मैं अभी भी काम कर रही हूं,” उन्होंने कहा. "जब वे जाते हैं, तो वे खुश और तरोताजा होकर जाते हैं - मुझे नहीं पता कि मैंने उन्हें क्या दिया." वास्तव में, पोसी का मानना है कि दूसरों की संगति में रहना ही उनकी लंबी उम्र की कुंजी है. उन्होंने कहा, "मैं उदास नहीं होना चाहती." "मैं जीना चाहती हूं, लोगों के बीच रहना चाहती हूं." उनकी निकट भविष्य में काम रोकने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा, "जब तक मेरा स्वास्थ्य अनुमति देगा, मैं चलती रहूंगी,.
पोसी के कैफे में कंप्यूटर भी है, जिसका उपयोग वह हर सुबह समाचार पढ़ने और शेयर बाजार से सलाह लेने के लिए करती है. “मैं सब कुछ पढ़ती हूं. मैं अभी भी चीजों को सीखना और बेहतर ढंग से समझना चाहती हूं.”
उनके नियमित ग्राहक ज्यादातर शहर के पेंशनभोगी हैं, जो कभी-कभी बिना कुछ खरीदे ही पोसी से बात करने के लिए आ जाते हैं. लेकिन 16 नवंबर को मनाए गए उनके 100वें जन्मदिन के आसपास हुए प्रचार ने दूर से नए ग्राहकों की बाढ़ ला दी है.
पोसी इटली में शतायु लोगों की बढ़ती संख्या में से एक हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी, इस्तत के आंकड़ों के अनुसार, 2023 के अंत तक 100 वर्ष से अधिक आयु के 22,552 लोग थे - जो दर्ज की गई सबसे अधिक संख्या है. अधिकांश महिलाएं हैं.
इटली की सबसे बुजुर्ग जीवित व्यक्ति क्लाउडिया बकारिनी हैं, जो 114 वर्ष की हैं, और उनसे सिर्फ एक महीने छोटी लूसिया लौरा सेंजेनिटो हैं. एम्मा मोरानो 2017 में 117 वर्ष की आयु में अपनी मृत्यु तक 11 महीने तक दुनिया की सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का खिताब रखती थीं.
पोसी की कहानी और जिंदगी पर गार्डियन की यह रिपोर्ट.
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