30 दिसंबर 2024: आज पंजाब बंद, यूपी में सरकारी कारिंदों का नफरती अभियान जारी, बिहार में छात्रों पर लाठियां और पानी, गिरते रुपये को बचाने आरबीआई ने डॉलर बेचने शुरू किये, ब्रोलीगार्की जानते हैं?
हिंदी भाषियों का क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज्यादा
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़्कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
किसानों द्वारा सोमवार को पंजाब बंद का आह्वान करने के साथ, राज्य भर में सभी दुकानें बंद रहने की उम्मीद है, और सड़क और रेल सेवाएं बाधित रहेंगी. आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी. किसानों ने 30 दिसंबर को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक राज्य में पूर्ण बंद का आह्वान किया है. दूध, फल और सब्जियां उपलब्ध नहीं होंगी, क्योंकि कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के कार्यालय और संस्थान बंद के समर्थन में बंद रहेंगे. एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने 30 दिसंबर को होने वाली एसजीपीसी की अंतरिम समिति की बैठक को भी 31 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था. कांग्रेस के किसान विंग ने बंद को अपना समर्थन दिया है. लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने शनिवार को खनौरी बॉर्डर विरोध स्थल पर जाकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की. डल्लेवाल फसलों के लिए एमएसपी लागू करने और अन्य मांगों के समर्थन में 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं.
(शुक्रवार को अमृतसर के मनावल टोल प्लाजा पर मार्च के दौरान किसान. फोटो: ट्रिब्यून)
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना के गांधी मैदान में छात्रों को बुलाया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने चल दिए. रास्ते में पुलिस मिल गई. मार्च के दौरान जैसे ही प्रदर्शनकारी गांधी मैदान से आगे बढ़े, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लिया. इस दौरान बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर हजारों छात्र सड़क पर उतरे थे. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि आयोग में हो रही धांधलियों और प्रशासनिक लापरवाहियों से उनकी तैयारी और भविष्य प्रभावित हो रहा है. लाठीचार्ज के चलते कई प्रदर्शनकारी घायल हुए और स्थिति तनावपूर्ण हो गई. इस घटना ने न केवल छात्रों के बीच रोष को बढ़ा दिया है, बल्कि बिहार में प्रशासन और सरकार के खिलाफ असंतोष की आग को भी भड़काया है. छात्रों के चीखने के वीडियो और नेताओं के बयान, दोनों ही अब सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं.
क्या उत्तर प्रदेश में सामुदायिक नफरत सरकारी नीति बन चुकी है?
सम्भल में अलग-अलग तरह से मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक विशेष समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है. ‘द मूकनायक’ के मुताबिक इस ऑडियो से लोगों में काफी आक्रोश है. यह मामला अंबेडकर नगर के टांडा क्षेत्र का है और ऑडियो में आवाज विद्युत विभाग के एक अधिकारी की बताई जा रही है. कथित ऑडियो को वायरल करने वाले पत्रकार ने आरोप लगाया है कि ऑडियो वायरल करने के कारण उसे पीटा गया और धमकी दी गई कि अगर उसने ऑडियो डिलीट नहीं की तो उसे जान से मार दिया जाएगा. इस घटना से पत्रकार भयभीत है और उसने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है. वायरल ऑडियो से बुनकर समाज और सामाजिक कार्यकर्ता काफी नाराज हैं. उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष और टांडा नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन हाजी इफ्तेखार अंसारी ने टांडा उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और संबंधित अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है. ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यह ऑडियो एक गंभीर चिंता का विषय है और मुख्यमंत्री द्वारा जनपद अंबेडकरनगर को 'एक जिला एक उत्पाद' में कपड़ा उद्योग के रूप में चयनित करने की मंशा पर भी पानी फेरने वाला है.
गिरता रुपया, आरबीआई ने डॉलर बेचने शुरू किये
27 दिसंबर को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. रुपया 85.80 प्रति डॉलर तक गिरा, जो मार्च 2023 के बाद की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट है. हालांकि, बाजार बंद होने तक रुपये में हल्की रिकवरी हुई और यह 85.53 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में दी गई है. और इधर रुपये की इस गिरावट को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सक्रिय रूप से हस्तक्षेप किया. रुपये की गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई ने सरकारी बैंकों के माध्यम से डॉलर बेचे, जिससे रुपये में और अधिक कमजोरी आने से रोकथाम हुई. आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है.
1984 के जहरीले कचरे की सफाई शुरू : 1984 की भीषणतम भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड के संयंत्र में रखे लगभग 340 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को हटाने की कार्रवाई रविवार से शुरू हो गई. इस कचरे का इंदौर के पास पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में निष्पादन किया जाएगा.
आदिवासी महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा
'द वायर' में आशुतोष मिश्रा की रिपोर्ट है कि 26 दिसंबर 2024 को ओडिशा के बालासोर जिले के रेमूणा थाना क्षेत्र में दो आदिवासी महिलाओं, सुभासिनी सिंह और सुकांती सिंह को भीड़ ने पेड़ से बांधकर पीटा. महिलाओं पर आरोप था कि वे एक हिंदू व्यक्ति गोबिंद सिंह को ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने की कोशिश कर रही थीं. महिलाओं के पास एक केक था, जिसे स्थानीय लोगों ने धर्मांतरण के जश्न के रूप में समझा. सुभासिनी, जो माखपड़ा गांव (निलगिरी क्षेत्र) की निवासी थीं, एक ईसाई थीं, जबकि सुकांती छंखखानपुर गांव की हिंदू महिला थीं. स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि दोनों महिलाओं ने गोबिंद सिंह, एक आदिवासी हिंदू, को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया था. इसके बाद भीड़ ने महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा और सुभासिनी के चेहरे पर केक लगा दिया. यह घटना एक वीडियो में कैद हो गई, जो वायरल हो गया. वीडियो में दिख रहा है कि महिलाओं को घेरकर एक व्यक्ति “भारत माता की जय” और “जय श्रीराम” के नारे लगवा रहा था. रेमूणा पुलिस ने अब इस मामले में चार लोगों, बापिन नायक, पितांबर बिस्वाल, प्रशांत नायक, और बदल पांडा को गिरफ्तार किया, लेकिन बाद में पुलिस ने आरोपियों को महिला और गोबिंद सिंह के साथ समझौता करने के बाद रिहा कर दिया. बालासोर प्रताप सारंगी का लोकसभा क्षेत्र है. वही सारंगी जो पिछले दिनों कथित रूप से राहुल गांधी का मुक्का लगने से अस्पताल पहुंच गए थे. ये इलाका मुख्यमंत्री मोहन माझी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के गृह जिलों, क्योंझर और मयूरभंज के साथ सीमा भी साझा करता है.
ब्रह्मपुत्र पर बांध से नुकसान नहीं, चीन का दावा
'डेक्कन हेराल्ड' की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर प्रस्तावित मेगा हाइड्रोपावर परियोजना को मंजूरी देने के बाद, इसके भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़ने का आश्वासन दिया है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार द्वारा इस परियोजना को मंजूरी दिए जाने के बाद भारत में इस बात को लेकर चिंता उत्पन्न हो गई थी कि इससे सियांग और ब्रह्मपुत्र नदियों में पानी की आपूर्ति में कमी आ सकती है. हालांकि, चीन ने यह वादा किया है कि इस हाइड्रोपावर परियोजना से निचले इलाकों में पानी की आपूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह मामला दोनों देशों के बीच जल-वितरण समझौतों को लेकर पुनः चर्चा का विषय बन गया है.
बिना 10.58 लाख वोट गिने ही हो गये चुनाव
भारत के चुनाव आयोग ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव 2024 की विस्तृत सांख्यिकीय रिपोर्ट जारी की है. उसके अनुसार, इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में 10.58 लाख से अधिक वोटों की गिनती नहीं की गई या उन्हें खारिज कर दिया गया. इनमें से 5,35,825 डाक वोट थे और 5,22,513 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में डाले गए वोट. इसके अलावा 2019 की तुलना में 2024 में विदेश में रहने वाले भारतीय मतदाताओं ने नाम मात्र की दिलचस्पी दिखाई. 2019 के मुकाबले उनका मतदान 25.64% से घटकर 2.47% रह गया. रिपोर्ट के विश्लेषण से पता चला कि 2024 में 1,19,374 पंजीकृत विदेशी मतदाता थे, हालांकि, उनमें से केवल 2,958 मतदाताओं ने भारत में संबंधित मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं 2019 में कुल 99,844 विदेशी मतदाता थे. इनमें से 25,606 ने वोट डाला था.
महाराष्ट्र में सरपंच की हत्या में मंत्री के सहयोगी का नाम : शुक्रवार को लातूर में हज़ारों लोग बीड के सरपंच संतोष देशमुख की नृशंस हत्या के विरोध में एकत्र हुए. यह विरोध प्रदर्शन सकल मराठा समाज ने आयोजित किया था. इसमें देशमुख की किशोर बेटी वैभवी भी शामिल थी. इस हत्या में महायुति सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड का नाम आ रहा है. इसलिए लोग मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. बीड के मासाजोग गांव के निर्वाचित प्रधान देशमुख की 9 दिसंबर को पवन ऊर्जा संयंत्र में जबरन वसूली कर रहे गिरोह को रोकने का प्रयास करने पर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है, मगर मुंडे के सहयोगी कराड समेत चार लोग तीन हफ्ते बाद भी फरार हैं.
दक्षिण कोरिया में विमान दुर्घटना, 179 की मौत
दक्षिण कोरिया के मुआन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 29 दिसंबर को एक भीषण विमान दुर्घटना में 179 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा जेजू एयर की फ्लाइट 2216 के साथ हुई, जो थाईलैंड के बैंकॉक स्थित सुवर्णभूमि हवाई अड्डे से मुआन के लिए उड़ान भर रही थी. दुर्घटनाग्रस्त विमान बोइंग 737-800 था और इसमें कुल 181 लोग सवार थे. 'द गार्डियन' की एक खबर के मुताबिक विमान दुर्घटना में पक्षियों के टकराव (बर्ड स्ट्राइक) को एक संभावित कारण माना जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना से कुछ मिनट पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों ने विमान को पक्षियों के टकराव के जोखिम के बारे में चेतावनी दी थी.
अज़रबैजान ने सीधे पुतिन पर जहाज गिराने का आरोप लगाया
अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा कि पिछले सप्ताह दुर्घटनाग्रस्त हुआ अज़रबैजानी विमान रूस द्वारा मार गिराया गया था, हालांकि अनजाने में, और मास्को की कई दिनों तक इस मुद्दे को "दबाने" की कोशिश करने के लिए आलोचना की. उन्होंने अज़रबैजानी राज्य टेलीविजन को बताया, "हम पूरी स्पष्टता के साथ कह सकते हैं कि विमान को रूस ने मार गिराया था... हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह जानबूझकर किया गया था, लेकिन यह किया गया था." अलीयेव ने कहा कि बुधवार को कजाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान रूस के ऊपर जमीन से की गई फायरिंग से टकराया था और "इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के कारण अनियंत्रित हो गया था". अलीयेव ने रूस पर कई दिनों तक इस मुद्दे को "दबाने" की कोशिश करने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि वह रूसी अधिकारियों द्वारा पेश किए गए घटनाक्रमों के संस्करणों से "परेशान और हैरान" थे.
खबर यह भी आई है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से इसके लिए माफी भी मांगी है. क्रेमलिन ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ बताया, जो रूसी हवाई क्षेत्र में हुई.
वियतनाम: 27 को मादक पदार्थ तस्करी के लिए मौत की सजा
वियतनाम के मीडिया समूह ‘वीईएन एक्सप्रेस’ के मुताबिक वियतनाम ने मादक पदार्थ तस्करी के मामले में 27 लोगों को मौत की सजा सुनाई है. इन लोगों पर 2018 से 2022 के बीच 600 किलो से अधिक ड्रग्स (हेरोइन, मेथ, और केटामाइन) की तस्करी का आरोप था. ओआन्ह हा, जो इस गिरोह की सरगना थी, उसे भी मौत की सजा दी गई है. इससे पहले भी 16 दिसंबर को वियतनाम से ऐसी ही खबर आ चुकी जब, वियतनाम में 100 किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में एक वियतनामी-कनाडाई नागरिक और उसके तीन साथियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. चु बा चुंग, ट्रुओंग न्गोक माई और ट्रान किम लोन नाम के तीन तस्करों को "मादक पदार्थों के अवैध व्यापार" का दोषी पाकर मौत की सजा सुनाई गई थी.
दो कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या में पूर्व माकपा विधायक दोषी : शनिवार को केरल के पेरिया में पांच साल पहले दो युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या के जुर्म में एक पूर्व माकपा विधायक समेत 14 को सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया है. दोषी पाए गए लोगों में पूर्व विधायक और माकपा जिला नेता के वी कुन्हीरामन, कन्हानगढ़ ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष के मणिकंदन, पूर्व माकपा पेरिया स्थानीय समिति के सदस्य ए पीतांबरन और पूर्व पक्कम स्थानीय सचिव राघवन वेलुथोली का नाम शामिल हैं. पार्टी केंद्रीय समिति के सदस्य एके बालन ने रविवार को कहा कि न तो पार्टी और न ही इसके शीर्ष नेताओं को इस घटना की कोई जानकारी थी. माकपा नेता ने आश्वासन दिया कि आरोपियों को कानून का सामना करना पड़ेगा. केरल पुलिस ने शुरुआत से ही मामले में कड़ा रुख अपनाया था. सीबीआई ने केवल राज्य पुलिस की ओर से शुरू की गई जांच पूरी की है.
कोनेरू हम्पी ने दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज का खिताब किया अपने नाम, अर्जुन चूके
37 साल की भारत की कोनेरू हम्पी (8.5 अंक) ने रैपिड शतरंज के महिला वर्ग में ऐतिहासिक दूसरी बार विश्व खिताब जीत लिया. उन्होंने इंडोनेशिया की इरेन सुकंदर को हराकर विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती, वहीं ओपन वर्ग में रूस के वोलोदर मुरजिन (10 अंक) ने खिताब अपने नाम किया. भारतीय उम्मीद अर्जुन एरिगेसी (9 अंक) आधे अंक से पोडियम फिनिश करने से चूक गए. हम्पी ने इससे पहले 2019 में जॉर्जिया में यह खिताब जीता था. इस साल भारत की झोली में शतरंज का यह दूसरा विश्व खिताब आया है. पहले क्लासिकल फॉर्मेट इस पर डी गुकेश ने कब्जा जमाया और अब हम्पी ने.
बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ औसत से पूरे किये 200 विकेट
जसप्रीत बुमराह ने ट्रेविस हेड के रूप में अपना 200वां विकेट लिया. यह उपलब्धि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी औसत से हासिल की है. 19.56 प्रति विकेट के साथ वह इस सूची में शीर्ष पर हैं. वह अपने पहले 200 विकेटों के लिए 4000 से कम रन देने वाले पहले और अब तक के इकलौते गेंदबाज हैं.
विचार : ‘ब्रोलीगार्की’ से निपटने के लिए कैरोल कैडवालाडर के 20 सबक
अमेरिकी चुनाव के बाद वैश्विक राजनीति का नया युग शुरू हो रहा है. इसे ब्रोलीगार्की (broligarchy) कहा जा रहा है. इसका मतलब उस तरह की सरकारी व्यवस्था है जहां टैक्नोलॉजी से जुड़े राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली पुरूष उद्योगपति चलाते हैं. अरबन डिक्शनरी में इसका मतलब बताया गया है, भाई लोगों का समूह जो किसी भी स्थिति पर कब्जा कर सकता हो. ब्रोलीगार्की के बारे में आप यहां पढ़ सकते हैं. और यहाँ भी. कैरोल कैडवालाडर वह खोजी पत्रकार हैं जिन्होंने ब्रिटेन में कैम्ब्रिज एनालिटिका का भंडाफोड़ किया था. गार्डियन अखबार से जुड़े ऑबजर्वर के लिए काम करती हैं. उनकी रिपोर्टिंग के कारण मार्क जकरबर्ग और फेसबुक अमेरिकी और ब्रिटिश अखबारों के पहले पन्ने पर फुल पेज विज्ञापन देकर माफ़ी मांगी थी. पढ़ने पर आपको अंदाजा हो पाएगा कि यह लेख कैडवालाडर ने सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं लिखा है, बल्कि हर उस देश के लिए लिखा है, जहाँ लोकतंत्र, आजादी, इंसाफ खतरे में है.
ट्रम्प के चुने जाने के बाद ब्रोलीगार्की से कैसे निपटे नाम से एक लेख गार्डियन और इसी सब्सटैक पर कै़डवालाडर ने कई लोगों से बात करके लिखा है, और 20 सबक तैयार किये हैं.
अगर कोई बताता है वे कौन हैं, तो यक़ीन करें. पिछले हफ्ते ट्रम्प ने उस शख्स को इंटेलिजेंस का निदेशक बनाया, जो रूसी प्रोपागंडा आगे बढ़ाता है. डिफेंस सेक्रेटरी उसे बनाया, जो ईसाई राष्ट्रवादी है. स्वास्थ्य सचिव वह जिसने खुलेआम वैक्सिन पर शक किया है. अगर ट्रम्प अमेरिकी लोकतंत्र, अमेरिकी राज्य और अमेरिकी मूल्यों को तबाह करना चाहते हैं, तो वह इसी तरह करेंगे.
निशाने पर पत्रकार पहले हैं, पर सबका नंबर आएगा. ट्रम्प ऐलान कर ही चुके हैं, कि उन अख़बारों और प्रकाशकों के ख़िलाफ (जिन्हें वह दुश्मनों का कैम्प मानते हैं) करोड़ों डॉलरों के मामले करेंगे. अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई का जो नया डायरेक्टर बनने वाले हैं, वह कुछ खास पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे चलाने की बात रिकॉर्ड पर कह चुका है. पत्रकार, प्रकाशक, लेखक, अकादमिक निशाने की पहली पँक्ति होते हैं. डॉक्टर, शिक्षक, एकाउंटेंट अगली कतार में. तानाशाही एक स्विस रेलगाड़ी की तरह तयशुदा होती है. जितना आप समझ रहे हैं, उससे पहले पंहुच जाती है.
नाम लेने से समझ बढ़ती है: यह मैकार्थिज्म स्टेरायड्स पर है जिसे हम ‘मैक्मस्कीज्म’ कह सकते हैं जिसमें राजनीतिक शत्रुता के साथ ट्रम्प और मस्क और सिलीकान वेली का सरवेलेंस मिला जुलाकर है. ये शुरूआत है राजनीतिक निशानेबाजी के नये युग की, जहां आग लगाने की कार्रवाई से जुड़ी है डेटा हार्वेस्टिंग और आनलाईन मॉब से.
अगर यह डरावना है, तो है प्लान के मुताबिक: ट्रम्प का प्रशासन भसड़ औऱ अक्षमता से भरा होगा, पर व्यक्तियों पर निशाना लगाया जाएगा, संस्थाओं को झुकना होगा, संगठन बिखरेंगे. तेजी से. और इसका ख़ौफ सच का होगा और तुरतफुरत.
जितना सोचते हो, उससे ज्यादा ताकत है तुम्हारे पास: इस स्कीम के तहत हमें निशक्त महसूस करना है. पर ऐसा नहीं है. अगर तुम कोई अमेरिकी संस्थान या संगठन हो, तो एक इमरजेंसी कमेटी बनाओ. विशेषज्ञों को शामिल करो. उन लोगों से सीखो, जो तानाशाही के नीचे रहे हैं. सलाह मांगो.
उनकी अंगूठी को चूमो मत: सत्ता के आगे झुको मत. सत्ता आएगी तुम्हारे पास, कैसे भी. पर उनका काम आसान मत करो. हर कोई नहीं खड़ा रह सकता या लड़ सकता है. पर जब तक सच में हुकुमनामा नहीं दिखलाया जाए, किसी को घुटने टेकने की जरूरत नहीं हैं. इस हुकुमनामे की राह देखो.
जानो तुम कौन हो. टिमोथी स्नाइडर की 2017 में प्रकाशित किताब ‘ऑन टाइरेनी’, तानाशाही पर प्रामाणिक किताब है. उसमे उनका पहला सुझाव है, ‘एडवांस में ही आज्ञा मत मानो’. ‘जानो कि किस उसूल के लिए खड़े हो और क्या तुम्हारे हिसाब से सही है.
अपनी निजी जिंदगी को बचा कर रखो: ब्रोलीगार्की नहीं चाहती कि तुम्हारी जिंदगी में कुछ भी निजी रहे. शोशाना ज़ुबोफ़ की किताब ‘द एज ऑफ सरवेलेंस कैपिटलिज्म’ पढ़ो. वे जानना चाहते है कि तुम हो कौन ताकि तुम्हें और फालतू सामान बेच सकें. अब बात उससे भी आगे निकल चुकी है. अगला पड़ाव सर्वेलेंस तानाशाही है. नहीं देखी तो अस्सी के दशक के बर्लिन में हो रहे सर्वेलेंस पर बनी खूबसूरत फिल्म ‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ देखो. मान के चलो कि तुम उस पूर्वी जर्मनी में हो. और मेटा/ फेसबुक/ इंस्टाग्राम/ व्हाट्सएप आज का स्टासी (पूर्वी जर्मनी की गुप्तचर संस्था) है. वह है.
मोबाइल के नशे को छोड़ो: फ़ोन पहले और अब भी नशे की तरह हैं संभावनाओं की मजेदार ड्रग की तरह. वह हर समय तुम पर निगाह गड़ाए हुए है, सोते वक्त भी जिस वक्त सिलीकॉन वैली का कोई टैक लॉर्ड संघीय सरकार को तोड़ देना चाह रहा है.
अश्वेत औरतों को सुनो: इंटरनेट पर जो भी बुरा हुआ, पहले उनके साथ हुआ. टेक्नोलॉजी का इतिहास ऐसा है कि समस्या तभी समझी जाती है, जब गोरे मर्द प्रभावित होते हैं. देखो टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे प्रवासियों को निशाना बनाने और प्रोफाइल करने के लिए किया जा रहा है. जानो कि तुम अगले हो.
निजी डेटा को न्यूड सैल्फी की तरह मानो: यह वाक्य मुझे एक पुराने टेक्नोलॉजी पत्रकार ने 2017 मे कहा और चिपका रहा. मेरे लिए वह पथरा देने वाला अनुभव था जब एक ब्रेक्सिट डोनोर की लीगल टीम को मुझे अपने 40000 मेल, संदेश और दस्तावेज देने पड़े. सोचो कि एक विरोधी कानूनी टीम क्या करेगी तुम्हारे मैसेज हिस्ट्री का. यह हो सकता है. होगा.
किसी भी बात को मान मत लो: फेसबुक ने दो पत्रकारों से झूठ बोला था, ऐसा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ने अपने फैसले में कहा. इन दो में से एक मैं थी. फेसबुक बतौर मुआवजा 1000 लाख डॉलर देने को राजी हुआ. अगर पत्रकार हो तो ऑफ द रिकार्ड ब्रीफिंग से इंकार करो. फोन पर चैट मत करो. ईमेल करो. जुगाड़े गये इंटरव्यू मत करो. इस नये दुष्प्रचार के झूठी खास खबरें तुम्हारे प्रकाशन को हमेशा के लिए कलंकित कर देंगी.
बेवकूफों को भी प्यार होता है अपने पालतू जानवरों से: तरीके ढूंढो उनसे जुड़ने की, जिनसे असहमतियां हैं. रूस के आखिरी स्वतंत्र टीवी स्टेशन की सह-संस्थापक वेरा क्रिचेव्स्काया का कहना है, ‘जिनसे हम असहमत होते हैं, उनसे बात करना बंद करना, या रिश्ते तोड़ लेना साफ तौर पर गलती है.’’अपने गुस्से के कारण अपना दायरा छोटा नहीं करना चाहिए’
नकद का इस्तेमाल करो: पूछो खुद से कि कोई अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर क्या करेगा और वही करो. वह किसी उबर का इस्तेमाल कर, या 20 किलो कोकीन क्रेडिट कार्ड पर बेचकर मौत को नहीं बुलाएगा. ब्रोलीगार्की में हर डेटा प्वाइंट एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा. एनक्रिप्टेड मैसेजिंग एप सिग्नल का इस्तेमाल करो. डिसअपेयरिंग मैसेज के साथ.
याद रखो: अमेरिकी लिबरल लेखक रेबेका सोलनिट का कहना है, ‘जब वे इसे नारमल बताएं, हमें इसे असामान्य करने की कोशिश करनी चाहिए. तथ्य, सत्य, मूल्य, रिवाज, मानक, व्यवस्था को हमें ऐसे संभालकर रखना चाहिए, जैसे उनपर शिकंजा कसा जा रहा हो. भूलना नहीं चाहिए कि क्या हुआ और क्यों?
अनजान कोनों से समर्थन पाना: मेरे कोर्ट केस के दौरान बहुत सारे चकित करने वाले स्रोतों से मुझे मदद मिली. इनमें से एक धुर दक्षिणपंथी ब्रेक्सिट सपोर्टर डेविड डेविस था. वहाँ से नये सिरे औऱ सूत्र और रास्ते मिलते हैं.
सच एक वास्तविक चीज है: तथ्य हैं जिन्हें हम जानते हैं. न्यू यॉर्क विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टैमसिन शॉ के मुताबिक, ‘क्या जो शक्की है तानाशाह से जीत सकता है? ये राजनीतिक फिलासफी का सबसे पुराने सवालों में से एक है. हम तानाशाही को ठीक से पहचान भी नहीं सकते अगर हम सत्तारूढ़ ताकत को लगातार झूठ बोलने दें.’
रणनीति बनाओ: सिलीकॉन वैली को हर चार साल में होने वाले चुनावों पर यकीन नहीं. इलॉन मस्क को मध्यावधि चुनावों की फिक्र नहीं है. वह सोचता है स्पेस एक्स रॉकेट को मंगल पर भेजकर किसी औऱ से भी पहले पंहुच कर वहाँ के धातु और अयस्क लूट लाने की. इससे निकलने के लिए हमारे पास तीस साल की योजना होनी चाहिए।
खिल्ली उड़ाना: मजाक एक हथियार है. जो भी मर्द रॉकेट बनाने की जरूरत महसूस करता है, अपनी मर्दानगी को लेकर बहुत भरोसे में नहीं है. काम करो उस पर.
खुदा नहीं है वे: टैक बिलियनेयर कुछ ज्यादा ही विशेषाधिकार प्राप्त पढ़क्कू हैं, जो किस्मत से ठीक और ऐतिहासिक समय पर पैदा हुए. उसी के हिसाब से बर्ताव करो.
2024 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हीरा मिला
कनाडा की खनन कंपनी लुकारा डायमंड कॉर्प ने अगस्त में घोषणा की कि उसने 2,492 कैरेट का, अब तक का दूसरा सबसे बड़ा हीरा खोजा है. यह पत्थर बोत्सवाना की कारोवे खदान में मिला था, जहाँ 2015 में वर्तमान दूसरे स्थान पर रहने वाला रिकॉर्ड धारक मिला था - लेसेडी ला रोना, एक 1,109 कैरेट का पत्थर जो दो साल बाद 53 मिलियन डॉलर में बिका था. दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञात हीरा 3,106 कैरेट का कुलीनन डायमंड है, जो 1905 में दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. 2024 की विचित्र ख़बरों को सीएनएन ने यहाँ पर इकट्ठा किया है. अगली ख़बर भी इसी संग्रह से.
चलते -चलते : चार हजार साल पहले लिपिस्टिक लगाती वह ईरानी औरत
दक्षिणपूर्वी ईरान में मिली एक छोटी सी शीशी से पता चला है कि आपकी पसंदीदा लिपस्टिक का रंग 4,000 साल पहले वाली से बहुत फर्क नहीं हो सकता. खनिजों के गहरे लाल मिश्रण - मुख्य रूप से हेमेटाइट, साथ में मैंगनाइट, ब्राउनाइट और वनस्पति-आधारित मोमी सामग्री - वाले पत्थर के बर्तन को "संभवतः सबसे पहला" लिपस्टिक का उदाहरण माना जा रहा है जिसका वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण किया गया है, शोधकर्ताओं ने फरवरी में बताया. अध्ययन के लेखकों ने साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में लिखा, "लाल रंग के खनिजों और मोमी पदार्थों की तीव्रता, आश्चर्यजनक रूप से, समकालीन लिपस्टिक बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री के साथ पूरी तरह से मिलती है." उन्होंने कहा कि शीशी का आकार और इसकी सामग्री इसके होठों पर उपयोग का सुझाव देती है, लेकिन यह भी संभव है कि इसका उपयोग अन्य तरीकों से किया गया हो.
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