4 दिसंबर 2024: गांव में बैलेट पेपर चुनाव पर कर्फ्यू, बांग्ला बवाल जारी, जंगल में जानवर रहें या आदिवासी, संसद चली, जुबैर मामले पर जज का रेक्यूज, ट्रम्प दरबार के देसी चेहरे, फ्लॉप फिल्मों का दौर ख़त्म
हिंदी भाषियों का क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज्यादा
निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, मज़कूर आलम, गौरव नौड़ियाल
महाराष्ट्र के एक गांव ने जब हाल के विधानसभा चुनावों के बाद बैलेट पेपर से चुनाव करने की कोशिश की, कहर टूट पड़ा. शोलापुर जिले के मरकड़वाड़ी गांव के लोग चकित थे कि 1905 वोटों में से 843 वोट एनसीपी के उम्मीदवार को पड़े, जबकि हमेशा से गांव के ज्यादातर लोग उत्तमराव जनकर को वोट देते रहे हैं, चाहे वे जिस भी पार्टी से लड़ रहे हों. और जब वे नहीं लड़ रहे होते, तब उनके पसंदीदा उम्मीदवार को वोट दिये जाते. दरअसल गांव वासियों को ईवीएम से आए नतीजों पर विश्वास नहीं है. उनका कहना है कि भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते को इस गांव से बढ़त मिल ही नहीं सकती. सतपुते को 1003 और एनसीपी (एसपी) के उत्तमराव जनकर को 843 वोट मिले. हालांकि चुनाव जनकर ने जीता, जिनका कहना है कि इस गांव से पार्टी को हमेशा बढ़त मिलती रही है. गांव वालों ने जब कागज के वोटों से पुनर्मतदान करके परीक्षा करने का फैसला किया, तहसीलदार ने उनके फैसले को नजायज ठहराया, पीठासीन अधिकारी ने मतदान केंद्र इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी, और फिर बाद में पुलिस ने भी गांव के लोगों को रोकने की कोशिश की. जबकि खुद उत्तमराव जानकर इस कवायद के पक्ष में थे. हालांकि ग्रामीणों ने आत्म संतुष्टि के लिए पुनर्मतदान का पूरा इंतजाम कर लिया था, मगर मालशिरास तहसील के इस गांव में 5 दिसंबर तक कर्फ्यू लगा दिया गया है. मरकड़वाड़ी गांव के लोग हतप्रभ हैं कि इस तरह की आजमाइश पर क्या ऐतराज हो सकता है, पर सबसे बड़ा सवाल तो सरकार के लिए है… कि उन्हें किस बात का डर है?
मनरेगा जॉब कार्ड रद्द करने में केंद्र सरकार का कोई रोल नहीं है, ऐसा ग्रामीण विकास मंत्रालय ने संसद को बताया. और कहा कि यह पाँच कारणों से राज्य सरकारें किया करती हैं. सरकार ने यह भी कहा कि मनरेगा भुगतान के लिए आधार व्यवस्था लागू करना और जॉब कार्ड को बहुत ज्यादा संख्या में रद्द करना- इन दोनों बातों में आपस का कोई रिश्ता नहीं है.
रुपया 4 पैसे और गिरा : मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया 4 पैसे गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.76 के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. इस गिरावट का मुख्य कारण डोनाल्ड ट्रंप की ब्रिक्स मुद्रा पर की गई टिप्पणियों को माना जा रहा है. इसके साथ ही यूरोज़ोन में राजनीतिक अस्थिरता, घरेलू आर्थिक संकेतकों की कमजोरी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा लगातार धन निकासी ने भी दबाव बनाया.
स्टालिन ने केंद्र से मांगा 2000 करोड़ का राहत पैकेज : तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल ने भारी तबाही मचाई, जिससे अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. फेंगल से मची तबाही के बाद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार से 2,000 करोड़ रुपये की आपातकालीन सहायता मांगी है.
नोएडा पुलिस ने किसानों को हिरासत में लिया : नोएडा पुलिस ने मंगलवार को किसानों को हिरासत में लेकर राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर चल रहा उनका धरना समाप्त कराया और उन्हें बसों में भरकर पुलिस लाइन ले गई. किसान सोमवार को नोएडा एक्सप्रेसवे पर विरोध प्रदर्शन करने के बाद दलित प्रेरणा स्थल पर फिर लौट आए थे. घोड़ी बछेड़ा गांव की निवासी ओमवती ने बस के भीतर से ही टीओआई को बताया कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. इसके बावजूद पुलिस ने उन पर कार्रवाई की.
एक और मसजिद निशाने पर: तेरहवीं सदी की शम्सी मसजिद के मामले में बदायूं के स्थानीय कोर्ट ने ‘मुसलिम पक्ष’ को एक हफ्ते में अपनी बात रखने की मियाद दी है. शम्सी भारत की सबसे पुरानी मसजिदों में से एक गिनी जाती है. इस मामले को सम्भल और अजमेर के साथ ही रख कर देखा जा रहा है.
जुबैर मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट जजों ने खुद को रेक्यूज किया : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की पीठ ने मंगलवार को मोहम्मद जुबैर की उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग (रेक्यूज) कर लिया, जिसमें पिछले महीने गाजियाबाद पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती दी गई थी. इस एफआईआर में विवादास्पद यति नरसिंहानंद के एक सहयोगी की शिकायत के बाद उन पर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था. यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी ने जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. इसमें दावा किया गया है कि जुबैर ने 3 अक्टूबर को नरसिंहानंद के एक पुराने कार्यक्रम का वीडियो क्लिप पोस्ट किया था. इसका उद्देश्य मुसलमानों को उनके खिलाफ हिंसा भड़काना था.
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि जुबैर ने पुजारी नरसिंहानंद के कथित संपादित क्लिप को एक्स पर पोस्ट किया. इसमें पैगंबर मुहम्मद पर नरसिंहानंद की कथित भड़काऊ टिप्पणी शामिल थी, ताकि विवादास्पद पुजारी के खिलाफ कट्टरपंथी भावनाओं को भड़काया जा सके. अपने एक्स पोस्ट में, उन्होंने नरसिंहानंद के कथित भाषण को ‘अपमानजनक’ कहा. वहीं जुबैर ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका में कहा है कि उनके एक्स पोस्ट में यति के खिलाफ हिंसा का आह्वान नहीं किया गया है. उन्होंने केवल पुलिस अधिकारियों को नरसिंहानंद की हरकतों के बारे में सचेत किया था और कानून के अनुसार कार्रवाई की मांग की थी और यह दो वर्गों के लोगों के बीच वैमनस्य या दुर्भावना को बढ़ावा देने के बराबर नहीं हो सकता. उन्होंने मानहानि के दावे को भी चुनौती दी है कि नरसिंहानंद के खिलाफ उनके खुद के वीडियो, जो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में हैं, को साझा करके कार्रवाई की मांग करना मानहानि नहीं हो सकती. याचिका में यह भी कहा गया है कि पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के समय नरसिंहानंद एक अन्य अभद्र भाषा मामले में जमानत पर थे, जहां उनकी जमानत की शर्त यह थी कि वे सांप्रदायिक वैमनस्यता को बढ़ावा देने वाला कोई भी बयान नहीं देंगे.
मानवाधिकारकर्ता नदीम को मिली राहत : दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (ACPR) के राष्ट्रीय सचिव और मानवाधिकारकर्ता मोहम्मद वसीक नदीम खान कके मामले में राज्य से कहा गया है कि शुक्रवार तक मामले की दोबारा सुनवाई होने तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. वायरल वीडियो के आधार पर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ कथित शत्रुता को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया है. एफआईआर के अनुसार नदीम एक बैनर की ओर इशारा कर अखलाक, रोहित वेमुला, पहलू खान और शाहीन बाग में 2020 के सीएए/एनआरसी विरोध और दिल्ली दंगों’ के बारे में बात कर रहा था. एक विशेष समुदाय को पीड़ित के रूप में चित्रित कर रहा था, जबकि खान ने दावा किया कि वीडियो अल्पसंख्यक अधिकार, हेट स्पीच और भेदभाव से संबंधित है.
भीमा कोरेगांव : 4 माह में होनी थी जांच, 6 साल हो गए महाराष्ट्र सरकार ने 1 जनवरी, 2018 को पुणे के भीमा कोरेगांव इलाके में हुई हिंसा की जांच के लिए गठित जांच आयोग को एक और विस्तार दिया है. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. गृह विभाग के आदेश के अनुसार, आयोग को 28 फरवरी, 2025 तक विस्तार दिया गया है. आयोग का यह 16वां विस्तार है. सरकार ने 9 फरवरी, 2018 को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस जेएन पटेल की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग का गठन किया था. पूर्व मुख्य सचिव सुमित मलिक आयोग के दूसरे सदस्य हैं.
सुखबीर बादल ने बर्तन साफ किए : शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को स्वर्ण मंदिर की रसोई में बर्तन साफ किए और पहरेदार की ड्यूटी की. उन्हें और उनके कुछ सहयोगियों को धार्मिक कदाचरण के लिए अकाल तख्त ने सजा सुनाई है.
इंदौर में चूड़ी बेचने वाले तसलीम अली की 2021 में एक हिंदू लड़की के उत्पीड़न का आरोप लगाकर पिटाई की गई थी और और फिर गिरफ्तार. मंगलवार को उसे सारे आरोपों से दोषमुक्त घोषित कर रिहा कर दिया गया.
संसद में मंगलवार को कार्यवाही चली. हालांकि संसद के मकर द्वार के बाहर इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों की जेपीसी से जांच कराने की मांग को लेकर नारे लगाए. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत अन्य दलों के सांसद भी इनमें शामिल थे. उनके हाथों में बैनर था, जिस पर लिखा था, “मोदी अडानी एक हैं”. लोकसभा में शून्यकाल में सपा सांसद अखिलेश यादव ने सम्भल हिंसा का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि यह सरकार संविधान का आदर नहीं करती है. सम्भल की हिंसा सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए पूर्व नियोजित साजिश का परिणाम है. भाजपा और उसके सहयोगियों का बार बार खुदाई की बात करना देश की गंगा जमुनी तहज़ीब को नुकसान पहुंचाएगा. इसके अलावा राज्यसभा में भारतीय वायुयान विधेयक और लोकसभा में बैंकिंग नियम (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की गई. राज्यसभा ने ऑइलफील्ड्स (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी भी दी. लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत चीन रिश्तों पर कहा कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति आपसी संवेदनशीलता, सम्मान और हितों के सिद्धांतों पर निर्भर करेगी. उन्होंने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर हुई बातचीत के बारे में भी सदन को जानकारी दी और कहा कि सीमा पर हालात सामान्य हैं और हमारी सेना मुस्तैद है. “रिश्तों में कुछ सुधार हुआ है. तनाव को कम करना हमारी प्राथमिकता है,” जयशंकर ने कहा.
“डेक्कन हेराल्ड” के अनुसार उत्तरप्रदेश के मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. अमेठी में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में सिंह के कथित बयान का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान में रहना है तो राधे राधे कहना है”.
इस्कॉन के ‘प्रभु’ को एक माह और जेल में रहना पड़ेगा : बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार इस्कॉन के महंत चिन्मय कृष्ण प्रभु को मंगलवार को जमानत नहीं मिली, लिहाजा उन्हें अभी एक माह और जेल में रहना पड़ेगा. कृष्ण दास की जमानत याचिका पर मंगलवार को चटगांव कोर्ट में सुनवाई होना थी, लेकिन उनकी तरफ से चूंकि कोई वकील पेश नहीं हुआ, इसलिए कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 2 जनवरी 2025 तय की है. इधर इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा कि चिन्मय कृष्ण प्रभु का केस लड़ने वाले वकील रामेन रॉय पर सोमवार को जानलेवा हमला किया गया. रॉय का गंभीर हालत में एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. इधर त्रिपुरा में होटल और रेस्टोरेंट मालिकों की एसोसिएशन (ATHORA) ने फैसला किया है कि पड़ोसी देश में भारतीय तिरंगे का अपमान करने के कारण राज्य के किसी भी होटल और रेस्टोरेंट में बांग्लादेशी मेहमानों को सेवाएं नहीं दी जाएंगी. ढाका से खबर है कि बांग्लादेश हाईकोर्ट में एक रिट पिटिशन दायर कर सभी भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. इस बीच असम के श्रीभूमि जिले (पुराना नाम करीमगंज) के व्यापारियों ने 'अल्पसंख्यकों' पर बढ़ते हमलों के विरोध में बांग्लादेश के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म कर लिए हैं और सोमवार से सामान का आयात निर्यात अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है. आयात निर्यात पर रोक सिर्फ असम में ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले पूर्वोत्तर के चारों राज्यों तक बढ़ाने की तैयारी है.
बांग्लादेश ने भारतीय राजनयिक को तलब किया : उधर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के राजनयिक मिशन में हुई तोड़फोड़ के मामले में बांग्लादेश ने मंगलवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब कर घटना पर अपना विरोध जताया. उसने अगरतला में अपनी वीजा कांसुलर सेवाओं को भी फिलहाल बंद कर दिया है. भारत की तरफ से अगरतला की घटना के मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं परिसर में घुसपैठ के कारण 3 पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया है.
संख्यात्मक : मोबाइल मैलवेयर हमले में भारत शीर्ष पर
20 अरब से अधिक मोबाइल लेन-देन और साइबर खतरों का विश्लेषण करने पर पता चला है कि इस मामले में भारत शीर्ष पर है
भारत का 28% के साथ मोबाइल मैलवेयर और साइबर हमले में पहला नंबर
अमेरिका (27.3%) और कनाडा (15.9%) क्रमश: दूसरे, तीसरे पर
पिछले साल भारत तीसरे पर था, जबकि अमेरिका पहले और कनाडा दूसरे पर
50% मोबाइल पर ट्रोजन हमला होता है, खासकर असुरक्षित वित्तीय क्षेत्र पर
बैंकिंग मैलवेयर हमलों में 29% की वृद्धि और मोबाइल स्पाइवेयर हमलों में 111% की चौंकाने वाली वृद्धि
गूगल प्ले स्टोर पर 200 से अधिक संदेहजनक एप्लिकेशन पाए गए हैं
IoT मैलवेयर लेनदेन में साल-दर-साल 45% की वृद्धि हुई है, जिससे पता चलता है कि साइबर खतरा कितना ज्यादा बढ़ गया है
भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि मैलवेयर उत्पत्ति बिंदु की रैंकिंग में सुधार हुआ है
APAC (एशिया-प्रशांत) क्षेत्र में 5वें से 7वें स्थान पर आ गया है.
(Zscaler ThreatLabz 2024 मोबाइल, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी (OT) थ्रेट रिपोर्ट, जून 2023 से मई 2024 के अनुसार)
जेल में अपने साथ हुए उत्पीड़न की कहानी सुनाई कश्मीरी पत्रकार ने
जनवरी 2022 में एक स्टोरी की रिपोर्टिंग के लिए सज्जाद गुल को जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था. उन्हें 910 दिन जेल में बिताने पड़े थे. गुल के मुताबिक, ‘2021 में हाजिन में एक तहसीलदार के नेतृत्व में चलाए जा रहे विध्वंस अभियान पर उन्होंने एक स्टोरी की थी. वहां के निवासियों को बिना वैकल्पिक आवास की पेशकश किए घर खाली करने का दबाव बनाया जा रहा था. इससे तहसीलदार नाराज हो गया और उसने मेरे खिलाफ पत्थरबाजी की प्राथमिकी दर्ज करा दी और यह आरोप लगाया कि विध्वंस अभियान में बाधा डालने में मैं भी शामिल था और मैंने सरकारी कर्मचारियों पर हमला किया’. गुल ने बताया, ‘उन दिनों मैं ‘कश्मीर वाला’ में काम कर रहा था. घटना के दिन अपने संपादक के साथ श्रीनगर में था. मेरे संपादक ने एक आधिकारिक पत्र भी लिखा कि मैं उनके साथ था. इसके बावजूद पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया.’ गुल ने ‘द केरेवान’ के मल्टी मीडिया रिपोर्टर शाहिद तांत्रे को जेल में अपने साथ हुए उत्पीड़न और भयावह स्थितियों के बारे में बताया. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
वैकल्पिक मीडिया : नदी जोड़ो योजना से हजारों आदिवासियों पर संकट : मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) और उसके आस-पास के 22 गांवों के हजारों निवासियों को एक बांध और नदी-जोड़ने की परियोजना के लिए अपना घर और जमीन छोड़ने को कहा गया है. इससे पहले बाघों के संरक्षण के कारण बड़े पैमाने पर आदिवासियों को विस्थापित किया गया. 1973 में भारत में 9 बाघ अभयारण्य थे, जो बढ़कर अब 53 हो चुके हैं. रूरल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 1972 से औसतन प्रति बाघ बढ़ाने में 150 आदिवासियों को विस्थापित होना पड़ा है. इस बार संकट उससे भी ज्यादा गंभीर है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
दक्षिण कोरिया में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने विपक्ष पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की. साथ में साम्यवादी उत्तर कोरिया से भी खतरा बताया. देर रात टेलीविजन पर दिए गए संबोधन में कहा कि वे मार्शल लॉ के जरिये एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश का पुनर्निर्माण करेंगे. स्थानीय समाचार आउटलेट योनहाप के अनुसार, मंगलवार को नेशनल असेंबली के प्रवेश द्वार को सील कर दिया गया. सांसदों को इमारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया. मार्शल लॉ कमांडर जनरल पार्क अन-सू के घोषणा के अनुसार, आपातकाल के दौरान सभी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा. प्रदर्शन और सभाएं नहीं होंगी. सभी मीडिया को मार्शल लॉ कमांड के नियंत्रण में रखा जाएगा. कमांडर ने कहा, ‘इस घोषणा का उल्लंघन करने वालों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा, हिरासत में लिया जाएगा और तलाशी और जब्ती की जाएगी’.
पहले बुलडोजर चला, फिर सरकारी फरमान आया कि तुम तो यहां के हो ही नहीं!
'स्क्रॉल' के लिए के लिए रोकीबुज जमान ने असम के मुस्लिम सुमदाय के खिलाफ राजनीति प्रेरित हिंसा और बुलडोजर अभियान पर पड़ताल की है. रिपोर्ट बताती है कि कैसे असम में राजनीतिक तौर पर निशाने पर आए मुसलमानों के पास न घर है और अब पहचान का संकट भी खड़ा हो गया है. बुलडोजर अभियान के दौरान बेघर हुए परिवारों में अधिकांश बंगाली मूल के मुस्लिम हैं. करीब 1000 परिवारों को मतदाता सूची से बाहर किए जाने का खतरा भी सता रहा है, क्योंकि उनके पास स्थायी निवास या उचित दस्तावेज़ ही नहीं हैं. बुलडोजर अभियानों के दौरान हिंसा भी हो रही है. इन अभियानों का विरोध करने पर सजा भी मिल रही है. अब तक पुलिस की फायरिंग में कई लोगों की मौत हो चुकी और कई घायल हुए. यहां भी सरकार ने इन परिवारों पर ज़मीन के अवैध कब्जे का आरोप लगाया है, लेकिन सरकार के आलोचक कहते हैं कि यह अभियान अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर चलाया जा रहा है.
मेरी शपथ से पहले रिहा नहीं किया, तो चुकानी होकी 'नर्क की कीमत': ट्रम्प
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गाजा में अभी भी रखे गए इजरायली बंधकों की तत्काल रिहाई के लिए कहा है. ट्रम्प ने हमास को धमकी दी है कि अगर उनके दूसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ लेने से पहले बंधक नहीं छोड़े गए तो आरोपियों को 'नर्क की कीमत चुकानी पड़ेगी'.
जाते-जाते भारत से हेलिकॉप्टर उपकरण सौदा कर गए बाइडेन
बाइडेन प्रशासन ने भारत को लगभग 9,700 करोड़ रुपये मूल्य के हेलिकॉप्टर उपकरण बेचने की मंजूरी दे दी है. इस डील में MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टरों के लिए उन्नत उपकरण और समर्थन शामिल है. यह सौदा भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को मजबूत करेगा और क्षेत्रीय खतरों का सामना करने में मदद करेगा.
लॉन्च से पहले ही ऑनलाइन लीक हुए जगुआर के डिजाइन
जगुआर के नए इलेक्ट्रिक वाहन के डिजाइन लॉन्च से पहले ही इंटरनेट पर लीक हो गए और इसने खूब सुर्खियां बटोरी. जगुआर को हाल ही में अपने नए इलेक्ट्रिक वाहन ‘पिंक पैंथर’ के डिज़ाइन और मार्केटिंग के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जिसमें अजीब से बाल कटे हुए मॉडल नजर आ रहे थे. जगुआर इसे मियामी आर्ट वीक के दौरान लॉन्च करने वाला था, लेकन पहले ही सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और विवरण वायरल हो गए. इस नई कॉन्सेप्ट कार के डिज़ाइन में आधुनिकता पर जोर दिया गया है. दिलचस्प ये है कि कार में पारंपरिक रियर विंडो है ही नहीं. हालांकि, विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इसकी भरपाई कंपनी ने मल्टी कैमरा सिस्टम से कर ली होगी. कई लोग इस बदलाव को 'ब्रिटिश आइकॉन का अंत' कह रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि ब्रांड अपनी क्लासिक शैली और पहचान पर वापस लौटे. दूसरी ओर, जगुआर का कहना है कि यह ब्रांड को भविष्य की लक्ज़री इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में स्थापित करने का एक प्रयास है.
अभिनेत्री नरगिस फाखरी की बहन हत्या के आरोप में गिरफ्तार : नरगिस फाखरी की बहन आलिया फाखरी को न्यूयॉर्क के क्वींस में अपने पूर्व बॉयफ्रेंड और उसकी महिला मित्र की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने नवंबर 2024 में गेराज में आग लगाई, जिसमें एडवर्ड जैकब्स (35) और अनास्तासिया एटिएन (33) की मौत हो गई. आरोप है कि आलिया ने घटना से पहले धमकी दी थी और आग जानबूझकर लगाई.
विश्व विजेता शटलर पीवी सिंधु हैदराबाद के वेंकट दत्ता साई से शादी करने जा रही हैं. साई पोसीडेक्स टेक्नोलॉजिज में कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत हैं. सिंधु के पिता पीवी रमना ने पीटीआई को बताया कि शादी 22 दिसंबर को उदयपुर, राजस्थान में होगी. रिसेप्शन 24 दिसंबर को हैदराबाद में होगा.
द बिबी फाइल्स : पुलिस पूछताछ पर डॉक्यूमेंट्री
एक नई डॉक्यूमेंट्री आई है. नाम है ‘द बिबी फाइल्स’. ये इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के जीवन और करियर के विवादास्पद पहलुओं को उजागर करती है. इसे 2024 के टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रस्तुत किया गया था. इस फिल्म का निर्देशन एलेक्सिस ब्लूम ने किया है और यह नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रित है. डॉक्यूमेंट्री में 2016-2018 के बीच हुई नेतन्याहू की पुलिस पूछताछ की रिकॉर्डिंग शामिल है. ये रिकॉर्डिंग नेतन्याहू के खिलाफ रिश्वतखोरी और राजनीतिक लाभ लेने जैसे आरोपों पर प्रकाश डालती हैं. फिल्म में उनकी पत्नी सारा और बेटे यायर को भी शामिल किया गया है, जिन्हें उनके आलोचक विवादास्पद व्यक्ति मानते हैं. फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि नेतन्याहू ने कैसे अपने भ्रष्टाचार के मामलों से बचने के लिए न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश की और दक्षिणपंथी दलों के साथ गठबंधन किया. फिल्म का ट्रेलर…
ट्रम्प के नवरत्नों में भारतीय चेहरे..
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए तैयारियां शुरू कर दी है, इसमें विवेक रामास्वामी ही नहीं बल्कि कई अन्य भारतीय भी चर्चाओं में आ गए हैं. नई नियुक्तियों में सबसे बड़ा नाम अभी तक काश पटेल और विवेक रामास्वामी का चल रहा है, जो ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में महत्वपूर्ण शख्सियत बन गए हैं. डोनाल्ड ट्रम्प ने जांच एजेंसी ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन' (FBI) के अगले डायरेक्टर के लिए इंडियन मूल के कश्यप काश पटेल के नाम की घोषणा की है. ट्रम्प ने इसकी घोषणा शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए की. इस पोस्ट में ट्रम्प ने काश पटेल के पिछले कामों की तारीफ भी की. इससे पहले काश पटेल ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ स्टाफ, नेशनल इंटेलिजेंस में डिप्टी डायरेक्टर और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में आतंकवाद विरोधी कार्यक्रमों के सीनियर डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं. काश को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा अमेरिकी मीडिया कर रहा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि काश मीडिया पर भी हमलावर होगा.
शिकागो के लेखक नोआह बर्लाट्स्की ने भी काश पटेल पर एक लेख लिखा है. बर्लाट्स्की ने लिखा- 'ट्रम्प ने घोषणा की है कि वह कुख्यात साजिश सिद्धांतकार और चापलूस काश पटेल को अगला एफबीआई निदेशक बनाना चाहते हैं. पटेल ट्रम्प के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने और प्रतिरोध का अपराधीकरण करने के लिए एफबीआई के संसाधनों का उपयोग करने के लिए तैयार हैं. 2019 में ट्रम्प ने पटेल को "राजनीतिक जल्लाद" के रूप में स्थापित करने की कोशिश की, व्हाइट हाउस के सहयोगियों की जांच की और उन लोगों को निकाल दिया जो उनके प्रति वफादार नहीं थे. एफबीआई में सुधार करने के बजाय, पटेल और ट्रम्प ब्यूरो की सबसे खराब विरासत को अपनाएंगे और इसका उपयोग अपने राजनीतिक दुश्मनों को निपटाने के लिए करेंगे. काश पटेल ने 2020 चुनाव में धांधली के दावों और ट्रंप समर्थित विचारों को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाई है. इसके अलावा पटेल ने मार-ए-लागो मामले और जनवरी 6 की घटना में ट्रंप का समर्थन किया है, जिससे उनके निर्णय लेने की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं.
(काश पटेल की छवि वहां के मीडिया में कुछ ऐसी है. क्ले जोंस एक अमेरिकी पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट हैं और उन्होंने काश की नियुक्ति को कुछ ऐसे देखा है. साभार- क्लेटूंज)
इस सूची में दूसरा नाम हैं, विवेक रामास्वामी. विवेक एक युवा और उभरते नेता के रूप में अमेरिका में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं. ट्रम्प ने विवेक रामास्वामी को नए डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओजीई) के लिए चुना है, जहां वह इलोन मस्क के साथ काम करेंगे. रामास्वामी करोड़पति हैं और एक दवा कंपनी के फाउंडर भी हैं. विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल थे लेकिन बाद में उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली थी. विवेक को ट्रम्प ने उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के लिए खुलेआम दुलार दिया था.
(मोंटे वोल्वर्टन का कार्टून कहता है कि अंकल सैम (अमरीका) को एलोन मस्क और रामास्वामी पिंक पर्चियों (नौकरियां) से दफ्न कर रहे हैं.)
इसके अलावा डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्व सदस्य तुलसी गबार्ड ‘डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस’ (डीएनआई) के रूप में सेवाएं देंगी. गबार्ड चार बार सांसद रह चुकी हैं. वह 2020 में वह राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवार भी थीं. गबार्ड के पास पश्चिम एशिया और अफ्रीका के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में तीन बार तैनाती का अनुभव है. वह हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थीं.
ट्रम्प ने भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक जय भट्टाचार्य को देश के टॉप हेल्थ रिसर्च एवं वित्त पोषण संस्थानों में से एक, 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ' (एनआईएच) के निदेशक के रूप में चुना है. इसके साथ ही भट्टाचार्य, ट्रंप द्वारा शीर्ष प्रशासनिक पद के लिए नामित होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं. डॉ. भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर राष्ट्र के मेडिकल रिसर्च की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे.
इस लिस्ट में भारतीय-अमेरिकी वकील उषा चिलुकुरी वेंस का नाम भी शामिल हो गया है. उषा उस समय चर्चा में आईं, जब उनके पति जे डी वेंस को रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किया. ट्रम्प-वेंस की जीत के साथ, 38 साल की उषा अमेरिका की सेकंड लेडी बनने वाली हैं. इस भूमिका में उषा पहली भारतीय-अमेरिकी होंगी. उषा, ओहायो के सीनेटर जे डी वेंस (39) के साथ खड़ी थीं, जब ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद समर्थकों को संबोधित किया. उषा के माता-पिता का पैतृक गांव आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में वडलुरु है.
इसके अलावा भी और कई नाम हैं. मसलन लुइसियाना के पूर्व गवर्नर और स्वास्थ्य नीतियों के विशेषज्ञ बॉबी जिंदल को स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) में महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है. बॉबी की विशेषज्ञता हेल्थकेयर सुधारों में मदद कर सकती है. नीरा टंडन, जो कि अभी फिलहाल बाइडन प्रशासन का हिस्सा हैं, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि ट्रम्प प्रशासन उन्हें द्विदलीय नीतियों के तहत शामिल करने का प्रयास कर सकता है. हरमीत ढिल्लों जो कि एक प्रमुख वकील और रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (RNC) की सदस्य हैं, ट्रम्प के प्रशासन में कानूनी मामलों या नागरिक अधिकारों के लिए भूमिका निभाते देखा जा सकता है. हरमीत ने ट्रम्प के चुनावी मामलों में सक्रिय भागीदारी दिखाई है. रिचर्ड वर्मा ओबामा प्रशासन के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत रहे और अब वर्मा को विदेश नीति में अनुभव के लिए शामिल किया जा सकता है, यदि ट्रम्प प्रशासन उन्हें अपनी नीतियों में भूमिका देता है. 2017 में ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में तीन दर्जन से अधिक भारतीय-अमेरिकी (लगभग 40) लोगों को शामिल किया था, जिनमें से कुछ पहले कैबिनेट में उच्च पदों पर थे.
चलते चलते: गुजरे जमाने की बात हो जाएगी फ्लॉप फिल्मों की बातें
ब्रिटिश फ़िल्म समीक्षक टिम रॉबी की नई किताब आई है, जिसका नाम है- ‘हॉलीवुड्स स्टोरी इन ए सेंचुरी ऑफ़ फ़्लॉप्स. 'बॉक्स ऑफिस पॉयज़न' आर्थिक रूप से बर्बाद फिल्मों का एक सर्वेक्षण है, जिसमें 1916 की भव्य गाथा 'इनटॉलरेंस' से लेकर कैट्स के 2019 के संगीत रूपांतरण तक का जिक्र है. रॉबी का तर्क है कि फ्लॉप, 'स्थायी रूप से दिलचस्प कलाकृतियाँ' हैं, जो हमें उस युग के बारे में कुछ बता सकती हैं, जिसमें वे बनी थी. ब्लूमबर्ग के हवाले से टिम रॉबी कहते हैं- 'फ्लॉप' का ठप्पा अपने आप में अपने समय का अवशेष बन सकता है. रॉबी भविष्यवाणी करते हैं कि कैट्स सिनेमा इतिहास में आखिरी वास्तविक सार्वजनिक आपदा हो सकती है. आज अगर स्टूडियो को संदेह है कि कोई फिल्म कमाई नहीं करेगी, तो वे इसे चुपचाप स्ट्रीमिंग सेवाओं पर रिलीज़ कर सकते हैं. रॉबी इसे स्टूडियो के सबसे शर्मनाक उत्पाद के लिए एक सुविधाजनक दफ्न करने वाली जगह बताते हैं.
टिम रॉबी की बात आंकडों के आइने में भी सटीक बैठती है कि फ्लॉप अब गुजरे जमाने की बात हो जाएगी, क्योंकि लागत निकालने के लिए प्लेटफॉर्म की कोई कमी नहीं. बड़े स्टूडियो 'मार्वल', 'स्टार वॉर्स' और 'फास्ट एंड फ्यूरियस' जैसी फ्रेंचाइज़ पर निर्भर हैं. साल 2023 में ही 'बार्बी' और 'ओपेनहाइमर' जैसी फिल्मों ने ₹8,300 करोड़ से अधिक का वैश्विक कलेक्शन किया. बाजार बड़ा होने से फिल्मों का जोखिम कम हो गया है. भारत के संदर्भ में आमिर खान की 'सीक्रेट सुपरस्टार' ऐसी ही फिल्म थी, जो भारत में तो औसत रही लेकिन चीन में इसने तब 760 करोड़ रुपये के आसपास कलेक्शन किया था. 'दंगल' को भी चीन में 1200 करोड़ का बाजार मिला.
फ्रेंचाइज़-आधारित फिल्मों का योगदान वैश्विक बॉक्स ऑफिस का लगभग 70% है.
भारतीय और चीनी बाजारों जैसे उभरते क्षेत्रों में बड़े बजट की फिल्मों की सफलता ने हॉलीवुड फिल्मों की वैश्विक आय को बढ़ावा दिया है. मसलन 'एवेंजर्स: एंडगेम' ने अमेरिका के बाहर कुल आय का 70% कमाया.
अमेज़न प्राइम, नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर फिल्मों की डिजिटल रिलीज़ असफल फिल्मों के लिए एक अतिरिक्त राजस्व स्रोत बन चुकी है.
2022 में केवल नेटफ्लिक्स ने 17 बिलियन डॉलर कंटेंट पर खर्च किए, जिससे फ़िल्म निर्माताओं को नई संभावनाएँ मिलीं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया एनालिटिक्स के माध्यम से दर्शकों की पसंद का अनुमान लगाकर फिल्मों को अधिक प्रभावी तरीके से मार्केट किया जाता है.
कम बजट की फिल्में, जिन्हें पहले जोखिम भरा माना जाता था, अब स्ट्रीमिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नए दर्शक पा रही हैं. मसलन 'पैरासाइट' जैसी फिल्मों ने कम बजट में जबरदस्त वैश्विक सफलता हासिल की.
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