अब्दुल वाहिद शेख की कहानी - मुंबई ट्रेन धमाकों में बेगुनाहों की सजा
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निधीश त्यागी
2006 के मुंबई ट्रेन बम धमाकों में 9 साल तक जेल में रहे स्कूल शिक्षक अब्दुल वाहिद शेख और 11 अन्य आरोपियों को 2025 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरी कर दिया. इस फैसले ने कई सवाल खड़े किए हैं. शेख ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस और एटीएस ने झूठे सबूतों के आधार पर उन्हें और 12 अन्य लोगों को फंसाया, जबकि असली गुनहगारों को कभी पकड़ा नहीं गया.
शेख ने अपनी किताब, YouTube चैनल, और वेबसाइट के जरिए बेगुनाहों की आवाज उठाई. उन्होंने पुलिस उत्पीड़न, थर्ड डिग्री टॉर्चर, और मुसलमानों के खिलाफ बनाए गए नफरत के माहौल की बात की. शेख का कहना है कि यह एक पैटर्न है, जिसमें बेगुनाहों को निशाना बनाया जाता है. उन्होंने सरकार से मुआवजे और पुनर्वास की मांग की, साथ ही कानून में बदलाव की जरूरत बताई ताकि ऐसी नाइंसाफी दोबारा न हो.