#HarkaraDeepdive | आपातकाल के 50 वर्ष : बातें इमरजेंसी की और आरएसएस की भूमिका !
हरकारा’ यानी हिंदी भाषियों के लिए क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज़्यादा.
हरकारा 'डीप डाइव' के इस वीडियो में निधश त्यागी ने वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग से बातचीत की है. सुनिए इमरजेंसी के दौरान उनके अनुभव. कैसे उन्होंने आंदोलन में भाग लिया और क्या देखा. वे बताते हैं कि किस तरह आरएसएस ने जेपी आंदोलन पर नियंत्रण पाने की कोशिश की और आज के भारत की तुलना उस समय से कैसे की जा सकती है.
क्या आज का समय आपातकाल से भी ज़्यादा ख़ौफ़नाक है?
क्या लोकतंत्र केवल दिखावे भर रह गया है?
देखिए इस डीपडाइव में इंदिरा के आपातकाल का निष्पक्ष और निर्भीक विश्लेषण.
🗣️ इस बातचीत में:
इमरजेंसी का प्रत्यक्ष अनुभव
RSS की रणनीति और चुप्पी
आज की स्थिति पर चेतावनी
हमें सब्सक्राइब करें क्योंकि हम चुनते हैं, दुनियाभर के सबसे भरोसेमंद स्त्रोतों से मिली खबरें और खबरों के पार दुनिया को समझने वाले विश्लेषण.
हरकारा : शोर कम, रोशनी ज्यादा
यूट्यूब : https://www.youtube.com/@HarkaraRozana