निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
नमस्कार हरकारा में आपका स्वागत है. आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश और राजस्थान में चुनावी काम के भारी दबाव के चलते बीएलओ की जा रही जान और उस पर प्रशासन की चुप्पी की. संसद सत्र के हंगामेदार आगाज़ और दिल्ली एयरपोर्ट पर जीपीएस से छेड़छाड़ की सरकारी स्वीकारोक्ति पर भी नज़र डालेंगे. हम चर्चा करेंगे कि कैसे मोदी काल में मीडिया की आज़ादी अब मालिकों के हाथ में भी सुरक्षित नहीं रही. उत्तर प्रदेश में एक टीटीई की क्रूरता का मामला भी सामने आया है जिसने नौसेना अधिकारी की पत्नी को ट्रेन से धक्का दे दिया. इसके अलावा जनगणना और परिसीमन के बहाने संघीय ढांचे में बदलाव की आशंकाओं और सरकारी फॉर्मों के ज़रिए नागरिकों को नियंत्रित करने की कोशिशों पर भी बात होगी. अपनी मर्जी से शादी करने वाली महिलाओं के आंकड़ों ब्रिटेन की सांसद ट्यूलिप सिद्दीक को मिली सजा दिल्ली के प्रदूषण डेटा की कमी और खुर्रम परवेज़ की कैद पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे. आखिर में बात करेंगे अयोध्या में धर्म ध्वज फहराने के राजनीतिक मायने नेतन्याहू की माफी की गुहार और बच्चों के लिए एआई खिलौनों के खतरों की.
अपील :
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