निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल
आज हम बात करेंगे उमर खालिद की ज़मानत पर सालों की देरी की, जिस पर कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया है कि क्या प्रक्रिया ही सज़ा बन गई है? जानेंगे कर्नाटक में 6000 वोटरों के नाम गायब करने की साज़िश के बारे में, और ये भी कि इस जांच में चुनाव आयोग पर ही सवाल क्यों उठ रहे हैं? साथ ही, एक गहरा विश्लेषण इस पर कि ट्रंप की वापसी के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में क्यों दरार आई है। क्या 'डेड इकोनॉमी' और 'मोदी का युद्ध' जैसे बयानों के बाद भारत, अमेरिका के लिए दोस्त नहीं, सिर्फ़ एक ग्राहक बनकर रह गया है? और बात करेंगे कि विश्वगुरु बनने का सपना देख रहे भारत के सबसे बड़े संस्थानों IIT और IIM में हज़ारों शिक्षकों के पद खाली क्यों हैं? और उर्दू ज़बान आख़िर है किसकी? जावेद अख़्तर के विरोध पर नसीरुद्दीन शाह ने उठाए हैं कुछ ज़रूरी सवाल।