निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
हरकारा के पाठकों / श्रोताओं को दीपावली की शुभकामनाएं. हमारे लिए तो शोर कम रोशनी ज़्यादा रोज के लिए ही है, इसलिए दीवाली के लिए भी. कल हमारा भी अवकाश रहेगा. अगला अंक मंगलवार शाम यानी 21 अक्टूबर की शाम को आएगा. आज के रविवारीय अंक में बजाए खबरों के हमने कुछ लंबे लेखों के जरूरी और चुनींदा हिस्से चुने हैं जो आप अपनी सुविधा से पढ़ या सुन सकते हैं. ये लेख बिहार, लद्दाख, भारत और जी20, मुगल वास्तुशिल्प और लोकतंत्र, जोहरान ममदानी की दावेदारी पर केंद्रित हैं. हमारी साझा समझ और विमर्श बढ़ाने के इरादे से.
टीम हरकारा
आज के इस ख़ास रविवारीय अंक में हम आपके लिए ख़बरों की जगह कुछ लंबे और अहम लेखों के चुनिंदा हिस्से लेकर आए हैं. ये लेख बिहार की राजनीति के गहरे मंथन, वैश्विक मंच पर भारत की खोखली होती दावेदारी, दुनिया में लोकतंत्र के घटते प्रभाव, भारतीय शहरों में इस्लाम के अनदेखे योगदान और न्यूयॉर्क में एक नई राजनीतिक आवाज़ के उभार पर केंद्रित हैं. हमारा इरादा इन लेखों के ज़रिए हमारी और आपकी साझा समझ को और बेहतर बनाना है. अगर आप इन गहरे विश्लेषणात्मक और विचारोत्तेजक लेखों को पढ़ने के लिए उत्सुक हैं, तो हमारे टैक्स्ट न्यूजलैटर पर आकर पढ़ सकते हैं.
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