निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
आज हम बात करेंगे वॉशिंगटन पोस्ट के उस सनसनीखेज़ ख़ुलासे की, जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिकी आरोपों के बाद मुश्किल में फँसे अडानी समूह को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सरकारी बीमा कंपनी LIC के ज़रिए लगभग 3.9 अरब डॉलर का निवेश करवाया. हम आपको LIC की सफ़ाई भी बताएँगे, जिसने इन दावों को ग़लत बताया है. इसके बाद चलेंगे बिहार, जहाँ चुनाव का पारा चढ़ा हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी के एक नारे ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भविष्य लगभग तय कर दिया है. हम बिहार की राजनीति के नए समीकरणों, MY BAAP की भी पड़ताल करेंगे और छठ पर घर लौटते प्रवासियों के दर्द और उनकी राजनीतिक उम्मीदों को समझने की कोशिश करेंगे. साथ ही जानेंगे कि भारत रूसी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंधों से कैसे निपट रहा है.
आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं ‘हरकारा’...शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, फेसबुक पर, यूट्यूब पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर.












