निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल
आज हम बात करेंगे कि कैसे मोदी-ट्रंप के रिश्तों में नोबेल पुरस्कार की वजह से दरार आ गई. हम ये भी जानेंगे कि अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के टैरिफ़ को क्यों अवैध ठहराया है. साथ ही, नज़र डालेंगे डॉलर के मुकाबले 88 के पार पहुँचे रुपये पर और समझेंगे कि भारत की विदेश नीति किस चौराहे पर खड़ी है.
तो चलिए, शुरू करते हैं आज का हरकारा. सबसे पहले, एक नज़र आज की सुर्खियों पर.
मोदी-ट्रंप रिश्ते: नोबेल पर 'ना' के बाद बढ़ी दूरी, भारत पर 50% का भारी-भरकम टैरिफ़.
अमेरिकी अदालत: अदालत का बड़ा फ़ैसला: ट्रंप के लगाए ज़्यादातर टैरिफ़ अवैध और उनकी शक्तियों का उल्लंघन.
भारतीय रुपया: डॉलर 88 के पार, क्या रुपया सच में 'वेंटिलेटर' पर है? सोशल मीडिया पर पुराने बयान वायरल.
भारत की विदेश नीति: एक तरफ़ ट्रंप की फटकार, दूसरी तरफ़ शी का बुलावा. भारत की विदेश नीति की बड़ी परीक्षा.
यूक्रेन संकट: ज़ेलेंस्की का बड़ा दावा, कहा- पुतिन से युद्धविराम की बात करेंगे मोदी.
स्वास्थ्य: हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक 'गेमचेंजर' दवा को मिली हरी झंडी, करोड़ों मरीज़ों को मिल सकती है राहत.
और भ्रष्टाचार: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया का अधिकारी गिरफ़्तार, 232 करोड़ की हेराफेरी का सनसनीखेज़ आरोप.
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