निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल
आज हम देश और समाज से जुड़े कुछ बेहद ज़रूरी मुद्दों पर विस्तार से बात करेंगे. एक ओर जहां बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर विवाद छिड़ गया है, जिसमें चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ ADR के सुप्रीम कोर्ट पहुँचने के साथ ही करीब 3 करोड़ लोगों के मताधिकार से वंचित होने की आशंका जताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई है, जहाँ 40% संपत्ति पर सिर्फ 1% अमीरों का कब्जा है. इसी बीच, राजनीतिक पटल पर महाराष्ट्र में 20 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे मराठी अस्मिता के नाम पर एक साथ आए और अपने आक्रामक तेवर दिखाए. इन राजनीतिक सरगर्मियों से इतर, एल्गार परिषद मामले में जान गंवाने वाले फादर स्टैन स्वामी की मौत पर एक झकझोर देने वाला खुलासा हुआ, जब उनके साथी कैदी ने जेल के अंदर की दहला देने वाली कहानी बयां की. और अंत में, बिहार के पटना से ही एक और दर्दनाक खबर आई, जहाँ बीजेपी नेता और व्यवसायी गोपाल खेमका की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई, ठीक उसी तरह जैसे 6 साल पहले उनके बेटे की हत्या हुई थी.
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