निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
आज के अंक में हम सबसे पहले बात करेंगे बिहार की, जहाँ कल दूसरे और अंतिम चरण का मतदान होना है। जानेंगे कि सीमांचल के सियासी रण में क्या दाँव पर लगा है और कैसे ज़मीनी मुद्दे और संस्थागत सवाल चुनावी फिज़ा को बदल रहे हैं। इसके बाद रुख करेंगे दिल्ली का, जहाँ एक दहला देने वाले कार धमाके में 8 लोगों की जान चली गई। साथ ही, नोटबंदी के 9 साल बाद भी दोगुनी नकदी के रहस्य, और तिरुपति के लड्डू में हुए 250 करोड़ के नकली घी घोटाले पर भी नज़र डालेंगे। और आखिर में, इतिहासकार रामचंद्र गुहा के उस लेख पर विस्तार से चर्चा करेंगे जिसमें उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी को लेकर एक बड़ा सवाल उठाया है और समकालीन भारतीय राजनीति पर उनकी भूमिका का विश्लेषण किया है।
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