निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
आज हम देश और दुनिया की उन खबरों पर नज़र डालेंगे जिन्होंने पिछले चौबीस घंटों में सुर्खियां बटोरी हैं। आज की सबसे बड़ी चर्चा क्रिसमस के दो अलग अलग चेहरों पर है। एक तरफ दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्च में मोमबत्तियां जलाकर शांति का संदेश दिया तो वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़, असम और ओडिशा जैसे राज्यों में कट्टरपंथी संगठनों ने तोड़फोड़ और हिंसा का नंगा नाच किया। इसके अलावा हम बात करेंगे अरावली पहाड़ों की नई परिभाषा पर छिड़े सियासी संग्राम की जिसने खनन माफियाओं के लिए रास्ते खोल दिए हैं। साथ ही ओडिशा और उत्तराखंड से आई नफरती हिंसा की खबरें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या भीड़तंत्र अब कानून से ऊपर हो गया है। अंत में हम जानेंगे कि कैसे भारतीय मीडिया का पतन रातों रात नहीं हुआ बल्कि यह दशकों पुरानी एक सड़न का नतीजा है। आइए शुरू करते हैं खबरों का सिलसिला।
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