निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल
आज की हमारी सबसे बड़ी पड़ताल बिहार से है, जहाँ वोटर लिस्ट की एक समीक्षा ने एक बड़ा सियासी भूचाल ला दिया है. विपक्ष इसे 'पिछले दरवाज़े से NRC' लाने की साज़िश बता रहा है, जिसके तहत क़रीब तीन करोड़ लोगों को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज़ों के ढेर में उलझना पड़ सकता है. इसके बाद हम चलेंगे महाराष्ट्र, जहाँ की सियासत में एक नया और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है. हिंदी भाषा को लेकर छिड़े विवाद ने दो दशक से अलग-अलग राह पर चल रहे दो चचेरे भाइयों, उद्धव और राज ठाकरे को एक साथ एक मंच पर ला खड़ा किया है. क्या यह सिर्फ़ एक रैली है या महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए समीकरण का आगाज़? अंतर्राष्ट्रीय ख़बरों में हमारी नज़र ग़ाज़ा के उस मानवीय संकट पर होगी जो हर गुज़रते दिन के साथ और गहराता जा रहा है. हम बात करेंगे ईरान-इज़राइल युद्ध के बाद के हालात की, जहाँ एक तरफ ईरान अपने मारे गए कमांडरों और वैज्ञानिकों को नम आँखों से विदाई दे रहा है, तो वहीं दूसरी ओर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ईरान से शुक्रिया अदा न करने की शिकायत कर रहे हैं.
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