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खेती, फ़िलॉसफ़ी और सवाल: बाग़ी हरियाणवी की कहानी | #harkara

‘हरकारा’ यानी हिंदी भाषियों के लिए क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज़्यादा.

आज के हरकारा डीप डाइव में हमने कंटेंट क्रिएटर बाग़ी हरियाणवी से बात-चीत की. बाग़ी हरियाणवी एक ऐसे युवा क्रिएटर हैं जो अपनी हरियाणवी ज़बान में दर्शन, राजनीति, और देश से जुड़ी अहम बातें सरल करके हरियाणा के आम लोगों तक पहुंचाते हैं. सोशल मीडिया को मंच बनाकर व्यवस्था पर तेज़ सवाल भी उठाते हैं. इस बातचीत में बाग़ी ने अपनी जर्नी, कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से इंस्टाग्राम तक कैसे पहुंचे, बतायी. क्लासरूम के बाहर सीखने का अनुभव क्या रहा. प्लेटो. सोक्रेटीस. अरस्तू और फूको जैसे विचारकों को गांव की भाषा में समझाने की उनकी कोशिश क्या है. इस बातचीत में हमने मीडिया की चमक और जनता के असली सवालों के बीच का फ़र्क़ भी समझा. युवाओं की बेरोज़गारी. नशे की समस्या. विदेश पलायन और हरियाणा की ग्राउंड रियलिटी पर खुलकर बात हुई. किसान की आर्थिक पीड़ा और एमएसपी के अनुभव साझा हुए. संस्थाओं. लोकतंत्र और असहमति की जगह पर बाग़ी की बेबाक राय भी सामने आई. यह इंटरव्यू देखिए, अगर वीडियो पसंद आए तो लाइक करें. कमेंट में अपनी राय लिखें. चैनल को सब्सक्राइब करें. बाग़ी हरियाणवी को इंस्टाग्राम पर फॉलो करें: @baaghi_haryanvi https://www.instagram.com/baaghi_haryanvi/ यूट्यूब- @Baaghi-haryanvi.

पाठकों से अपील :

आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं ‘हरकारा’...शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, फेसबुक पर, यूट्यूब पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर.

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