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अमिताभ बच्चन, एल्गोरिद्म और ग़ुस्साए गिग वर्कर: डिजिटल सत्याग्रह की व्याख्या #harkara

‘हरकारा’ यानी हिंदी भाषियों के लिए क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज़्यादा.

भारत में करीब 1.25 करोड़ गिग वर्कर्स हैं जो हमारी जिंदगी आसान बनाते हैं, लेकिन उनकी अपनी जिंदगी मुश्किलों से भरी है। 25 दिसंबर को हुई हड़ताल सिर्फ एक ट्रेलर थी, 31 दिसंबर (New Year's Eve) को असली पिक्चर बाकी है।
हरकारा डीप डाइव के इस एपिसोड में निधिश त्यागी बात कर रहे हैं तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) के फाउंडर प्रेसिडेंट शेख सलाउद्दीन से। जानिए क्यों गिग वर्कर्स हड़ताल पर हैं? क्या हैं उनकी मांगें? और कैसे '10 मिनट डिलीवरी' का वादा उनकी जान ले रहा है।
Chapters:
00:00 - Intro: गिग वर्कर्स की दुनिया
02:15 - 25 दिसंबर की हड़ताल और 31 का प्लान
05:30 - पे-आउट का गिरता ग्राफ: ₹80 से ₹15 तक
08:45 - 10 मिनट डिलीवरी: सुविधा या मौत का सामान?
12:10 - ID Blocking: डिजिटल गुलामी का नया हथियार
16:40 - अमिताभ बच्चन का विज्ञापन और मजदूरों का दर्द
22:00 - क्या भारत में गिग वर्कर्स के लिए कानून बनेगा?
25:50 - Conclusion: हमें क्या करना चाहिए?

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अपील :

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