निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
नमस्कार. हरकारा के इस अंक में आपका स्वागत है. आज हम उन बड़ी ख़बरों की तह तक जाएंगे जो न सिर्फ़ हमारे देश बल्कि दुनिया भर में भारतीयों के भविष्य पर असर डाल रही हैं. सबसे पहले बात करेंगे कि कैसे राष्ट्रपति ट्रम्प के एक अप्रत्याशित फ़रमान ने दस लाख से ज़्यादा भारतीयों के अमेरिकी सपनों पर गाज गिरा दी है. हम यह भी विश्लेषण करेंगे कि कैसे वैश्विक शक्ति बनने की होड़ में चीन इस मौके का फ़ायदा उठाकर दुनिया भर की प्रतिभाओं को अपने नए 'के वीज़ा' कार्यक्रम से लुभाने की कोशिश कर रहा है. उधर भारत में, अडानी समूह पर लगे हिंडनबर्ग के आरोपों की सेबी जांच अब भी एक रहस्य बनी हुई है. इसके साथ ही, हम पड़ोस पर भी नज़र डालेंगे और समझेंगे कि कैसे नेपाल में आया सियासी भूचाल भारत के लिए एक नई चिंता का सबब बन गया है, जो इस क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता का नया प्रतीक है. भारत के भीतर, उत्तर प्रदेश में गाड़ियों पर जाति लिखने और जाति के नाम पर रैली करने पर क्यों रोक लगी, इसके राजनीतिक मायने क्या हैं? और पश्चिम बंगाल में 23 साल पुरानी वोटर लिस्ट से चुनाव कराने की ख़बर ने क्यों सियासी बेचैनी मचा दी है? इन सभी ख़बरों पर होगी विस्तार से बात.
पाठकों से अपील :
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