राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के दिन अपने 100 साल पूरे कर लिए. यह महज़ एक इत्तफ़ाक़ है या इसमें कोई गहरा संदेश छिपा है? हरकारा डीप ड्राइव के इस एपिसोड में, वरिष्ठ पत्रकार और लेखक धीरेंद्र के. झा से हम संघ के एक सदी के सफ़र पर बात कर रहे हैं. धीरेन्द्र के झा ने आरएसएस, गोलवलकर और गोडसे पर कई महत्वपूर्ण किताबें लिखी हैं. इस बातचीत में जानिए: क्या इन 100 सालों में RSS की विचारधारा में कोई बदलाव आया है? संघ की मूल सोच क्या है और यह कहां से प्रेरित है? गांधी जी की हत्या और ‘हिन्दू राष्ट्र’ की अवधारणा में संघ की क्या भूमिका थी? ‘अखंड भारत’ का असली मतलब क्या है और इसका नक्शा क्या कहता है? पिछले एक दशक में भारत के संस्थान, संविधान और समाज पर RSS की सोच का क्या असर हुआ है? यह बातचीत आज के भारत की राजनीति और भविष्य को समझने के लिए बेहद ज़रूरी है. हमने लेखक धीरेन्द्र के झा से उनकी लेखन-यात्रा, विचारों और उनकी किताबों के पीछे की कहानियों पर बात की. अगर आपको यह बातचीत पसंद आई हो, तो उनकी किताबें Amazon पर ज़रूर पढ़ें: गांधी का हत्यारा गोड़से: नाथूराम की ज़िंदगी और उसके सपनों का भारत: https://amzn.in/d/aMXDo4b
:आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं ‘हरकारा’...शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, फेसबुक पर, यूट्यूब पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर











