निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल
आज हम बिहार में मचे सियासी बवंडर की गहरी पड़ताल करेंगे, जहां चुनाव आयोग के एक अचानक और व्यापक मतदाता सूची पुनरीक्षण ने एक राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है और राज्य को उथल पुथल में डाल दिया है। लाखों लोगों को अपनी नागरिकता और निवास को फिर से साबित करने के मुश्किल काम का सामना करना पड़ रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर, खासकर सबसे कमजोर लोगों के मताधिकार से वंचित होने की गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। हम इस क़दम से पैदा हुए विरोधाभासों, ज़मीनी हकीकत और राजनीतिक बेचैनी की पड़ताल करेंगे। साथ ही, हम भारत में गरीबी पर चल रही बहस का विश्लेषण करेंगे और यह सवाल करेंगे कि क्या भारी गिरावट के आधिकारिक दावे लाखों लोगों की वास्तविक स्थिति से मेल खाते हैं। इसके अलावा, असम में एक बड़ी बेदखली की कार्रवाई में एक हज़ार से ज़्यादा मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाया गया है। एक 'खोए हुए' भारतीय राफ़ेल विमान के पीछे की सच्चाई सामने आई है, और हम तालिबान पर भारत के अलग थलग रुख़ को देखेंगे, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उसके नेताओं पर मुक़दमा चलाना चाहता है। हमारे पास पुणे से सांप्रदायिक तनाव, केरल से एक बड़े शिक्षा घोटाले और अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर लगे बाज़ार में हेरफेर के आरोपों पर भी रिपोर्टें हैं। और अंत में, हम बात करेंगे गुरुदत्त के सिनेमा पर जिसपर की गई चर्चा आप यहां देख सकते हैं।
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