निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल, फ़लक अफ़शां
सबसे पहले बात बिहार की, जहाँ सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले से 65 लाख मतदाताओं को बड़ी राहत मिली है. अब वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आधार कार्ड भी पहचान का सबूत माना जाएगा. उधर आरएसएस ने मतदाता सूची में संशोधन और घुसपैठ पर चिंता जताई, तो भाजपा ने "अब मथुरा-वृंदावन की बारी है" का नारा सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. एक ज़रूरी विश्लेषण में हम देखेंगे कि क्या भारत ने चीन के सामने घुटने टेक दिए हैं? सीमा पर बफर ज़ोन से लेकर व्यापार घाटे तक, क्या संकेत मिल रहे हैं? पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी खबर है, जहाँ सोशल मीडिया पर बैन लगने के बाद जेन-ज़ी पीढ़ी हिंसक प्रदर्शन पर उतर आई है, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई और सेना को तैनात करना पड़ा है. एक अच्छी खबर केरल से है, जहाँ शिशु मृत्यु दर में ऐतिहासिक गिरावट आई है और यह अब अमेरिका से भी कम हो गई है. वहीं, सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों का 40 साल पुराना संघर्ष आज भी जारी है, जिनकी ज़मीन तो डूब गई, पर वो सरकारी रिकॉर्ड में आज भी 'अप्रभावित' हैं. इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी अपनी माँ का पिंडदान गया में क्यों कर रहे हैं, जबकि यह एक बार बनारस में हो चुका है? और उमर खालिद मामले में अदालत की प्रक्रिया पर क्यों सवाल उठ रहे हैं? इन सभी खबरों पर आज विस्तार से बात करेंगे.