निधीश त्यागी, साथ में राजेश चतुर्वेदी, गौरव नौड़ियाल
आज हरकारा में हम चलेंगे संसद के गलियारों में, जहाँ 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हुई 16 घंटे की गरमागरम बहस में सरकार और विपक्ष आमने-सामने थे। क्या कहा विदेश मंत्री ने और क्यों मचा है पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर बवाल? उधर अमेरिका से डोनाल्ड ट्रंप हैं कि मानने को तैयार नहीं। साथ ही हम बिहार का रुख़ करेंगे, जहाँ मतदाता सूची को लेकर मचे घमासान के बीच आम लोग परेशान हैं। एक तरफ़ सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि आधार और वोटर आईडी कार्ड मान्य हैं, तो दूसरी तरफ़ ज़मीन पर कुछ और ही हो रहा है। और इसी बिहार में कैग की एक रिपोर्ट ने 70 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा के सरकारी हिसाब-किताब पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इसके अलावा, हम आपको ले चलेंगे 19 साल पीछे और फिर आज के दिन में। मुंबई ट्रेन धमाकों के वो 12 लोग, जिन्हें आतंकवाद के आरोप में सज़ा हुई थी, अब बेगुनाह क़रार दिए गए हैं। उनकी ज़िंदगी के उन 19 सालों की कहानी क्या है, जिसमें क़ैद, पढ़ाई और उम्मीद का एक अविश्वसनीय सफ़र है? और बात होगी एडिनबरा विश्वविद्यालय के उस 'खोपड़ी कक्ष' की, जो नस्लीय विज्ञान के एक काले और जटिल अध्याय की गवाही देता है। तो चलिए, शुरू करते हैं आज का हरकारा, विस्तार से।
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