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देहरादून से केरल तक फैली हिंसा. क्या यही वह ‘हिंदू राष्ट्र’ है जिसका सपना दिखाया गया था? श्रवण गर्ग

‘हरकारा’ यानी हिंदी भाषियों के लिए क्यूरेटेड न्यूजलेटर. ज़रूरी ख़बरें और विश्लेषण. शोर कम, रोशनी ज़्यादा.

देहरादून में एक छात्र को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वह 'भारतीय' नहीं लग रहा था. केरल से लेकर कश्मीर तक, और उत्तर पूर्व से लेकर महाराष्ट्र तक, नफरत की आग क्यों फैलाई जा रही है? क्या इसे 'हिंदू आतंकवाद' कहा जा सकता है?
हरकारा डीप डाइव के इस एपिसोड में निधिश त्यागी बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग से. क्या 2025 में हुई हिंसा 2026 के लिए एक चेतावनी है? क्या आरएसएस और बीजेपी की राजनीति देश को एक खतरनाक मोड़ पर ले जा रही है? और सबसे बड़ा सवाल—क्या भारत का बहुसंख्यक हिंदू समाज इस नफरत के साथ है?

अपील :

आज के लिए इतना ही. हमें बताइये अपनी प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी. मिलेंगे हरकारा के अगले अंक के साथ. हरकारा सब्सटैक पर तो है ही, आप यहाँ भी पा सकते हैं ‘हरकारा’...शोर कम, रोशनी ज्यादा. व्हाट्सएप पर, लिंक्डइन पर, इंस्टा पर, फेसबुक पर, यूट्यूब पर, स्पोटीफाई पर , ट्विटर / एक्स और ब्लू स्काई पर.

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